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  • मुख्यमंत्री सरेआम मां के दूध को चुनौती दे रहे हैं। मां का दूध अकेले राहुल गांधी या भूपेश बघेल ने नहीं पिया है।- विष्णुदेव

    छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा ईडी द्वारा सोनिया गांधी से पूछताछ के विरोध में आयोजित प्रदर्शन में दिए गए भाषण पर पलटवार करते हुए कहा है कि वे मुख्यमंत्री पद की गरिमा गिराने की प्रवृत्ति छोड़ें और प्रदेश के हित में वहां वहां कैमरे लगवाने की हिम्मत दिखाएं, जहां इनकी वाकई जरूरत है। मुख्यमंत्री जिस भाषा का उपयोग करते हुए जांच एजेंसी को धमका रहे हैं, वह कांग्रेस की संस्कृति हो सकती है लेकिन छत्तीसगढ़ की संस्कृति इसकी इजाजत नहीं देती। मुख्यमंत्री सरेआम मां के दूध को चुनौती दे रहे हैं। मां का दूध अकेले राहुल गांधी या भूपेश बघेल ने नहीं पिया है। देश की सभी संतानों ने भी पिया है। ईडी के उन अफसरों ने भी पिया है जो कांग्रेस की राजमाता से 2 हजार करोड़ के नेशनल हेराल्ड घोटाले की पूछताछ कर रहे हैं। इससे राहुल गांधी के साथ साथ भूपेश बघेल को नानी क्यों याद आ रही है? इस महाघोटाले में भूपेश बघेल को कुछ नहीं मिलने वाला है। हां, वे अपनी कुर्सी बचाने के लिए खानदान की नजर में खुद को चापलूस शिरोमणि साबित करने की कोशिश अवश्य कर रहे हैं।

    प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि कोयले, रेत, गिट्टी की दलाली करने वाले उन ठिकानों पर कैमरे लगवा लें, जहां इनकी जरूरत है। सभी थानों में कैमरे लगवा लें, जहां राजनीतिक प्रताड़ना परवान चढ़ा रहे हैं और मदिरा दुकानों में अंदर कैमरा लगवा लें जहां एक नंबर से तीन गुनी दो नंबर की शराब बेच रहे हैं और दो दो कैशबॉक्स रखते हैं। छत्तीसगढ़ की जनता देख रही है कि कांग्रेस की सरकार किस प्रकार गोरखधंधा कर रही है।

    प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी से किस मामले में, किसके आदेश पर ईडी जांच कर रही है, यह भी अपने भाषण में उन कार्यकर्ताओं को भूपेश बघेल बता दें, जो उनकी अभद्रतापूर्ण बातों पर ताली पीटते हैं। भूपेश बघेल ऐसा नहीं करेंगे क्योंकि वे जानते हैं कि यदि कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मरा हुआ स्वाभिमान पुनर्जीवित हो गया तो वे ताली पीटने की जगह कुछ और ही करेंगे। यदि कांग्रेस नेता पाक साफ हैं तो उनसे पूछताछ पर भूपेश बघेल को आखिर क्या दिक्कत है, वे क्यों डर रहे हैं कि उनके मालिक बेनकाब हो जाएंगे।

  • रविंद्र चौबे संभालेंगे बाबा का पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग
    *रायपुर बिग ब्रेकिंग* गरीबों का आवाज बनाने की जिम्मेदारी मंत्री रविंद्र चौबे पर *मंत्री रविंद्र चौबे को मिला पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग* मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में दी जानकारी *राज्यपाल की अनुमति के पश्चात सौंपा जिम्मा* मंत्री रविंद्र चौबे अपने विभागों के अलावा अब ग्रामीण एवं पंचायत विभाग की भी संभालेंगे जिम्मेदारी बीते दिनों मंत्री टी एस सिंहदेव ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से दिया था इस्तीफा
  • पंजाब पुलिस ने गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल दो शूटर को मुठभेड़ में ढेर कर दिया

    पंजाब पुलिस ने गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल दो शूटर को मुठभेड़ में ढेर कर दिया. इस दौरान पंजाब पुलिस के तीन जवान जख्मी हो गए. मुठभेड़ के दौरान एबीपी नेटवर्क के कैमरामैन सिकंदर के पैर में भी छर्रा लग गया. कैमरामैन सिकंदर जख्मी हो गए हैं. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 

    शूटर जगरूप सिंह रूपा और मनप्रीत सिंह उर्फ मन्नू कुसा गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में शामिल थे और घटना को अंजाम देने के बाद ये दोनों फरार हो गए थे. आज दोनों के भकना गांव में छिपे होने की सूचना मिलने के बाद पंजाब पुलिस ने इलाके की घेराबंदी की. इसके बाद मुठभेड़ शुरू हो गई. करीब चार घंटे तक चले ऑपरेशन के बाद दोनों को ढेर कर दिया गया. 

    डीजीपी गौरव यादव ने कहा, ''सिद्धू मूसेवाला हत्या मामले में जो 2 शूटर मनु और रूपा फरार थे, दोनों की आज मुठभेड़ में मौत हुई है. 3 पुलिसकर्मी घायल हैं, जो खतरे से बाहर हैं. मौके से एक एके-47 और पिस्तौल बरामद हुआ है. मौके से एक बैग भी बरामद हुआ. जांच चल रही है.''  

    इससे पहले पुलिस ने बताया कि मुठभेड़ को देखते हुए लोगों से घरों में रहने को कहा गया है. उस स्थान से गोलियां चलने की आवाजें सुनाईं दीं जहां आरोपियों के छिपे होने की बात कही जा रही थी. गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.

  • संसद में फूलोदेवी नेताम ने बाहुबली स्टाइल में उठाया सिलेंडर
    *CG 24 News-Singhotra* महिला सांसद फूलोदेवी नेताम ने बाहुबली स्टाइल में उठाया सिलेंडर, महंगाई के खिलाफ कांग्रेस नेताओं ने किया विरोध प्रदर्शन कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी और TRS सांसदों ने मानसून सत्र के तीसरे दिन महंगाई और रोजमर्रा की चीजों पर लगने वाले GST के मुद्दे पर संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने संयुक्त रुप से विरोध प्रदर्शन किया। महंगाई और जीएसटी के मुद्दों पर मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का हल्लाबोल लगातार जारी है। बुधवार को कांग्रेस ने संसद भवन में महंगाई और ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान छत्तीसगढ़ से महिला सांसद बाहुबली स्टाइल में गैस सिलेंडर लेकर विरोध प्रदर्शन करती नजर आईं। महिला सांसद ने केंद्र सरकार के हालिया जीएसटी पर लिए गए फैसले पर नाराजगी व्यक्त की | राहुल गांधी की अगुआई में कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद परिसर में धरना दिया। विपक्षी दल के कई नेताओं ने महंगाई और रोजमर्रा की चीजों पर लगने वाले GST के मुद्दे पर संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने संयुक्त रुप से विरोध प्रदर्शन किया। इन लोगों ने एक बैनर भी ले रखा था जिस पर गैस सिलेंडर की तस्वीर थी और लिखा था, दाम बढ़ने से आम नागरिकों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है, वे कैसे जीवन यापन करेंगे?
  • डॉलर के मुकाबले रुपया 80 के पार पहुंच गया है, जून में बेरोजगारी का आंकड़ा 1.3 करोड़ आया है-राहुल गांधी का ट्वीट

    महंगाई, बेजरोजगारी, जीएसटी और अग्निपथ स्कीम को लेकर कांग्रेस ने संसद में विरोध प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन में राहुल गांधी ने भी हिस्सा लिया और बैनर पकड़े नजर आए. उधर विपक्ष के हंगामे के बाद संसद में लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था. दरअसल मल्लिकार्जुन खड़गे ने इन्ही मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था जिसे स्वीकार नहीं किया गया.

  • मुख्यमंत्री का फोन ना उठाने वाले मंत्री टीएस सिंहदेव पहुंचे रायपुर
    *अंबिकापुर प्रवास से रायपुर लौटे कैबिनेट मंत्री टी एस सिंहदेव* *रायपुर रेलवे स्टेशन पर समर्थकों की भीड़ ने किया जोरदार स्वागत* *टी एस बाबा संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं के नारों से गूंजा रेलवे स्टेशन* आज होगा मुख्यमंत्री से आमना सामना
  • जीएसटी मतलब गई सारी तनख्वाह : अखिलेश यादव
    आज से आटा, दही, पनीर से लेकर ब्लेड, शार्पनर, एलईडी, इलाज, सफ़र सब पर GST की जो मार आम जनता पर पड़ी है उससे दुखी होकर GST का एक नया भाव-अर्थ सामने आया है… ‘गयी सारी तनख़्वाह’ #GST_Gayi_Saari_Tankhvaah
  • राष्ट्रपति चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोट डाला.

    देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज वोट डाले जाएंगे. वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी और देश के अगले राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ लेंगे.देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज वोट डाले जाएंगे. वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी और देश के अगले राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ लेंगे.देश के 15वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज वोट डाले जाएंगे. वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी और देश के अगले राष्ट्रपति 25 जुलाई को शपथ लेंगे. /h2>

  • मंत्री टीएस सिंह देव ने दिया इस्तीफा, राजनीतिक भूचाल की संभावना!
    *छत्तीसगढ़ की बड़ी खबर* प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने पंचायत विभाग के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। इनके इस्तीफे के बाद से छत्तीसगढ़ की राजनीति गलियारे में हलचल तेज हो गई है। वहीं मंत्री टीएस सिंहदेव बाकी विभागों में कैबिनेट मंत्री के रूप में बने रहेंगे। मंत्री टीएस सिंहदेव के पास पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, बीससूत्रीय, वाणिज्यिक कर (जीएसटी) का प्रभार था। जिसमें से उन्होंने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा दे दिया है| सवाल यह उठता है कि मंत्री टीएस सिंह देव ने अपने पंचायत विभाग से इस्तीफा क्यों दिया ? *CG 24 News-Singhotra*
  • अविवाहित महिला  को 23 सप्ताह के गर्भ को (Abortion) की अनुमति नहीं दी जा सकती.

    दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को एक मामले की सुनवाई करते हुए बड़ी टिप्पणी की है. हाईकोर्ट ने कहा कि अविवाहित महिला को 23 सप्ताह के गर्भ (Pregnancy) को गिराने (Abortion) की अनुमति नहीं दी जा सकती. कोर्ट ने कहा कि ये असल में भ्रूण हत्या के समान है. कोर्ट ने सुझाव दिया कि याचिकाकर्ता को बच्चे को जन्म देने तक 'कहीं सुरक्षित' रखा जाए और उसके बाद बच्चे को गोद दिया जा सकता है. 

    मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ ने कहा कि, "हम तुम्हें बच्चे को मारने की अनुमति नहीं देंगे. 23 सप्ताह पूरे हो गए हैं. नॉर्मल डिलीवरी के लिए बच्चा कितने हफ्ते तक गर्भ में रहेगा? मुश्किल से कितने हफ्ते बचे हैं? आप बच्चे को क्यों मार रहे हैं. गोद लेने के लिए बड़ी कतार है. हम उसे (याचिकाकर्ता) बच्चे को पालने के लिए मजबूर नहीं कर रहे हैं. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वह एक अच्छे अस्पताल में जाए. उसके बारे में किसी को पता नहीं चलेगा. बच्चे को जन्म दीजिए, कृपया जवाब के साथ वापस लौटे." 

    मुख्य न्यायाधीश ने की मदद की पेशकश

    मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आप अपने मुवक्किल से पूछिए. भारत सरकार या दिल्ली सरकार या कोई अच्छा अस्पताल पूरी जिम्मेदारी उठाएगा. अगर सरकार भुगतान नहीं करती है. मैं भुगतान करने के लिए तैयार हूं.’’ इस मामले में अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि वह गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति देने के पक्ष में नहीं है. बता दें कि, महिला ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी रूल्स, 2003 के नियम 3 बी को चुनौती दी है, जिसके अनुसार केवल कुछ श्रेणियों की महिलाओं को 20-24 सप्ताह के बीच गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति है. सूची में अविवाहित महिलाओं को शामिल नहीं किया गया है. 

    महिला ने वकील ने दिया ये तर्क

    महिला का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने अदालत को बताया कि उसका मामला मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट की धारा 3 (2) (बी) (आई) के तहत आता है, जिसके अनुसार 20-24 सप्ताह के बीच की गर्भावस्था को समाप्त किया जा सकता है. यदि दो डॉक्टरों की इस पर ये राय  है कि, "गर्भावस्था को जारी रखने से गर्भवती महिला के जीवन को खतरा होगा या उसके शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य को गंभीर हानि हो सकती है." 

    महिला अविवाहित होने के कारण बच्चे को नहीं पाल सकती

    वकील ने तर्क दिया कि वह एक अविवाहित होने के कारण इस बच्चे को पालने के लिए शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से तैयार नहीं है. विवाह के बाहर बच्चे को जन्म देने से उसे अत्यधिक मानसिक पीड़ा और शारीरिक कष्ट होगा. ये उसके लिए एक सामाजिक कलंक होगा और बच्चा भी एक नाजायज बच्चा होगा. उन्होंने बॉम्बे हाईकोर्ट के एक फैसले का भी हवाला दिया जिसमें 26 सप्ताह की गर्भावस्था को समाप्त करने की अनुमति दी गई थी. 

    कोर्ट ने कहा- मेडिकल राय के लिए एम्स भेजा जा सकता है

    सुनवाई के दौरान कोर्ट (Delhi High Court) ने कहा कि महिला को मेडिकल राय के लिए एम्स भेजा जा सकता है. जब वकील ने कहा कि उसके पास ज्यादा समय नहीं है, तो अदालत ने पूछा कि वह इतनी देर से क्यों आई. इस पर वकील ने बताया कि उसके साथी ने उसे आखिरी समय में छोड़ दिया और अगर उसके प्रजनन अधिकार से इनकार कर दिया गया, तो इससे उसे भारी और गंभीर मानसिक चोट लगेगी. अदालत को बताया गया कि उसका परिवार पांच लोगों का है और उसके माता-पिता किसान हैं. अदालत ने पाया कि महिला ने शादी की उम्मीद में 18 सप्ताह तक इंतजार करने का फैसला किया था. 

  • सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक की कनाडा में गोली मारकर हत्या

    कनाडा में मशहूर सिख नेता रिपुदमन सिंह मलि की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई है. उन्होंने हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर उनकी खुलेआम तारीफ़ की थी. इसके अलावा रिपुदमन सिंह मलिक का विवादों से पुराना नाता रहा है. उन पर एयर इंडिया (Air India) के प्लेन (Plane) को बम धमाके ( से उड़ाने के मामले में 20 सालों तक मुकदमा भी चला था. जिसमें उन्हें साल 2005 में बरी कर दिया गया था.

    सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक कनाडा में रह रहे भारतीय मूल के सिखों और पंजाबियों को अलगावादी नेताओं से दूर रहने की नसीहत देने में जुटे हुए थे. हालांकि इससे पहले रिपुदमन सिंह खालिस्तान के हिमायती हुआ करते थे, वहीं वक्त के साथ उनकी विचारधारा खालिस्तान से अलग हो गई और अब यहीं उनकी मौत की वजह बनती दिख रही है.

    शुक्रवार सुबह साढ़े 9 बजे अज्ञात हमलावरों ने ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे शहर में रिपुदमन सिंह मलिक पर सरेआम गोली चलाई थी. जिस दौरान पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, वहीं पास से मारी गई गोली के कारण रिपुदमन सिंह मलिक गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी मौत हो गई.

    1985 में एयर इंडिया बम धमाकों में उनका नाम आया था. जिसके बाद भारतीय सरकार ने उन्हें ब्लैक लिस्ट में डाल दिया था, वहीं सबूतों के अभाव में वह साल 2005 में बरी हो गए थे. इस विमान हादसे में चालक दल समेत प्लेन में सवार सभी 331 यात्रियों की मौत हो गई थी. इस प्लेन ने कनाडा से दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी.

    हाल ही में की पीएम मोदी की तारीफ

    उन्हें साल 2020 में सिंगल एंट्री वीजा और 2022 में मल्टीपल एंट्री वीजा दिया गया. इस दौरान उन्होंने भारत में आंध्र प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र में कई तीर्थ यात्रा की थी. इस साल की शुरुआत में उन्होंने पीएम मोदी को एक खत लिख कर उनकी तारीफ भी की थी. उन्होंने भेजी गई अपनी चिट्ठी में लिखा था कि "आपकी सरकार ने सिख समुदाय के लिए ऐसे कई कदम उठाए हैं, जिनकी कोई मिसाल ही नहीं है. आपके ऐसे अभूतपूर्व और सकारात्मक कदमों के लिए मैं तहेदिल से आपका शुक्रगुजार हूं. आभार व्यक्त करने के लिए मेरे पास अल्फ़ाज़ ही नहीं हैं."

  • राष्ट्रपति चुनाव के लिए रायपुर पहुंची मतदान सामग्री, मतपेटी सीलबंद स्ट्रांग-रूम में सशस्त्र बल के पहरे में

    भारत के 16वें राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए 18 जुलाई को होने वाले मतदान के लिए नई दिल्ली से निर्वाचन सामग्री रायपुर पहुंच गई है। सहायक रिटर्निंग अधिकारी  दिनेश त्रिवेदी और उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी  विनय कुमार अग्रवाल मतपेटी, मतपत्र एवं अन्य सामग्री लेकर 13 जुलाई को देर शाम नियमित विमान से रायपुर पहुंचे। माना स्थित स्वामी विवेकानंद विमानतल पर कड़ी सुरक्षा के बीच इन्हें विमान से उतारकर छत्तीसगढ़ विधानसभा स्थित स्ट्रांग-रूम पहुंचाया गया। राष्ट्रपति चुनाव के लिए उपयोग होने वाली मतपेटी को भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली से विमान में विशेष टिकट खरीदकर सीट पर रखकर रायपुर तक लाया गया। आयोग के निर्देशानुसार मतपेटी की सुरक्षा के लिए उसे चेक-इन बैगेज (Check-in Baggage) में रखने की मनाही थी।रायपुर विमानतल पहुंचने पर मतदान सामग्री को राज्य पुलिस के द्वारा एस्कॉर्ट (Escort) करते हुए विधानसभा भवन स्थित स्ट्रांग-रूम तक सुरक्षित पहुंचाया गया। विधानसभा के सचिव  दिनेश शर्मा और वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में स्ट्रांग-रूम को सीलबंद किया गया। मतपेटी को मतदान के लिए निर्धारित तिथि 18 जुलाई तक मतदान प्रारंभ होने के पहले तक सशस्त्र बल के पहरे में स्ट्रांग-रूम में सुरक्षित रखा जाएगा। अधिकारियों द्वारा नई दिल्ली में मतदान सामग्री प्राप्त करने से लेकर इसके रायपुर पहुंचने, स्ट्रांग-रूम में रखने और उसे सीलबंद करने तक की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई है।   

    राष्ट्रपति निर्वाचन के लिए ये नौ सामग्री लेकर आए हैं अधिकारी

    भारत निर्वाचन आयोग से राष्ट्रपति चुनाव के लिए सामग्री लेने नई दिल्ली गए सहायक रिटर्निंग अधिकारी  दिनेश त्रिवेदी और उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी  विनय कुमार अग्रवाल नौ तरह की सामग्री लेकर आए हैं। इनमें लकड़ी के बक्से के अंदर रखा स्टील की मतपेटी, दोनों बक्सों की चाबी, मतपत्र, इलेक्टोरल कॉलेज के सदस्यों की अधिकृत सूची, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, सहायक रिटर्निंग अधिकारियों, मतदान के लिए ड्यूटी में तैनात कार्मिकों तथा उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंटों के लिए बैज, वोट मार्क करने के लिए वायलेट इंक्ड पेन, पीठासीन अधिकारी के लिए रबर स्टैम्प्स तथा निर्वाचन निर्देशों एवं पेन के उपयोग के बारे में जानकारी देने वाले पोस्टर शामिल हैं।राष्ट्रपति निर्वाचन के लिए छत्तीसगढ़ में विधानसभा भवन परिसर में मतदान केन्द्र स्थापित किया गया है जहां राज्य के 90 विधानसभा सदस्यों के लिए मतदान की व्यवस्था की गई है। भारत निर्वाचन आयोग के विशेष अनुमोदन से अन्य राज्यों के निर्वाचक भी इस मतदान केन्द्र में अपना मत डाल सकते हैं। राष्ट्रपति चुनाव के मतदान के लिए राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली एवं प्रत्येक राज्य की राजधानी में मतदान केन्द्र स्थापित किए जाते हैं। मतों की गिनती 21 जुलाई को नई दिल्ली में की जाएगी।