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अगले 24 घंटों के दौरान भारी वर्षा के साथ व्यापक तौर पर वर्षा होने की संभावना - भारतीय मौसम विभाग 07-Aug-2020भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केन्द्र/ क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केन्द्र, नई दिल्ली के अनुसारगुजरात राज्य, कोंकण और गोवा तथा मध्य महाराष्ट्र (घाट क्षेत्रों) में अगले 24 घंटों के दौरान भारी वर्षा के साथ व्यापक तौर पर वर्षा होने की संभावना है और उसके बाद इसमें कमी आ सकती है
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केन्द्र/ क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केन्द्र, नई दिल्ली के अनुसार :
- मानसून गर्त सक्रिय है और दक्षिण में अपनी सामान्य स्थिति में है। इसके पश्चिमी छोर के जल्द ही 8 अगस्त, 2020 से धीरे-धीरे उत्तर से हिमालय की तलहटी की ओर खिसकने की संभावना है।
- निम्न दबाव का क्षेत्र अब दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश के साथ-साथ निम्न चक्रवाती स्तरों तक फैले चक्रवाती परिसंचरण से जुड़ रहा है। कल, 7 अगस्त, 2020 तक इसके कमजोर होने की संभावना है।
- मध्य और क्षोभमंडलीय स्तरों पर उत्तरी कोंकण और उनसे सटे इलाकों में एक चक्रवाती वायु का दबाव बना हुआ है और इसका झुकाव दक्षिण-पश्चिम वार्डों को तरफ है।
- 50-60 किमी प्रति घंटे तक हवाओं की गति के साथ और क्षोभमंडल स्तरों पर पश्चिमी तट के साथ अरब सागर के ऊपर तेज दक्षिण-पश्चिम / पश्चिमी मानसूनी हवाएं चलने की संभावना है, जिनके 8 अगस्त 2020 तक जारी रहने की संभावना है।
- अगले 24 घंटों के दौरान उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में तेज हवाओं के चलने की संभावना है।
उपरोक्त मौसम संबंधी परिस्थितियों के प्रभाव में,
- गुजरात राज्य, कोंकण और गोवा तथा मध्य महाराष्ट्र (घाट क्षेत्रों) में अगले 24 घंटों के दौरान भारी वर्षा के साथ व्यापक तौर पर वर्षा होने की संभावना है और उसके बाद इसमें कमी आ सकती है; आज, 06 अगस्त को गुजरात राज्य में भारी बारिश होने की संभावना है।
- अगले 4-5 दिनों के दौरान तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के दक्षिण आतंरिक तथा तटीय इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। आज यानि 6 अगस्त को कर्नाटक के तटीय इलाकों में, 6 से 8 अगस्त के बीच तमिलनाडु के घाट वाले इलाकों में और 6 अगस्त से 09 अगस्त को केरल एवं महे. में भारी बारिश होने की संभावना है।
♦ 9 अगस्त, 2020 के आसपास पश्चिम बंगाल और इससे सटे उत्तरी खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है। इसके प्रभाव से 9 अगस्त से पूर्व और मध्य भारत में बारिश के बढ़ने की संभावना है। ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और विदर्भ में 9 से 12 अगस्त, 2020 तक बड़े पैमाने पर भारी व्यापक रूप से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है।
पूर्वानुमान और चेतावनी
- भारीवर्षा: 64.5-115.5 एमएम/दिन; छिटपुट वर्षा, भारी वर्षा: 115.6-204.4 एमएम/दिन, अत्यधिक भारी बारिश: उससे अधिक या 204.5 मिमी / दिन के बराबर
• ज्यादा जानकारी और अनुमान के लिए आईएमडी, नई दिल्ली की वेबसाइट पर जाएं www.rsmcnewdelhi.imd.gov.in औरwww.mausam.imd.gov.in
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रिया चक्रवर्ती के वकील ने ईडी से गुहार की थी कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है, तब तक इस मामले में ईडी उनसे पूछताछ नहीं करें. मगर ईडी ने उनके एप्लिकेशन को रिजेक्ट कर दिया हैएफआईआर की कॉपी सवाल संख्या 5 में सुशांत सिंह राजपूत के पिता बिहार पुलिस जरिए सुशांत सिंह राजपूत के बैंक अकाउंट के ट्रांजेक्शन के बारे में जानना चाहते हैं. इस बारे में उन्होंने पूछा है: मुझे अपने बेटे के बैंक स्टेमेंट से पता चला कि पिछले एक साल में मेरे बेटे के अकाउंट में 17 करोड़ रुपये थे. इस दौरान उस अकाउंट से 15 करोड़ रुपये निकले गए. इस अकाउंट से रुपये ऐसे अकाउंट में ट्रांसफर हुए हैं जिनसे मेरे बेटे का कोई लेने देना नहीं था. मेरे बेटे के इस खाते के बारे में पता लगाया जाए कि कितने रुपये रिया चक्रवर्ती और उनके परिवारवालों के लिए ट्रांसफर किया गया है.रिया के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर में सुशांत सिंह राजपूत के पिता के.के. सिंह ने बताया: मेरा बेटा फिल्म लाइन को छोड़ कर केरल में ऑर्गेनिक खेती करने के प्लान में था, मगर रिया चक्रवर्ती को इस बारे में पता चला कि सुशांत ऐसा करने वाला है, तब रिया ने सुशांत को धमकी दी कि वह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सबको उनके मानसिक बीमारी के बारे में बता देंगी. बाद में जब रिया को यह पता चला कि सुशांत के पैसे खत्म होने वाले हैं, तब फौरी तौर पर रिया ने सुशांत के सारे डीटेल्स, कीमती सामान, बैंक के कागजात और पासवर्ड लेकर चली गईं और सुशांत का नंबर फोन से ब्लॉक कर दिया.
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पीएम मोदी ने कहा कि ये भी खुशी की बात है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद देश के किसी भी क्षेत्र से, किसी भी वर्ग से ये बात नहीं उठी कि इसमें किसी तरह का बायस है, या किसी एक ओर झुकी हुई है. कुछ लोगों के मन में ये सवाल आना स्वभाविक है कि इतना बड़ा रिफॉर्म कागजों पर तो कर दिया गया, लेकिन इसे जमीन पर कैसे उतारा जाएगा. यानि अब सबकी निगाहें इसके इंप्लीमेंटेशन की तरफ हैं.
पीएम मोदी बोले कि आज देशभर में इसकी व्यापक चर्चा हो रही है. अलग-अलग क्षेत्र के लोग, अलग-अलग विचारधाराओं के लोग, अपने व्यूज दे रहे हैं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रिव्यू कर रहे हैं. ये एक हेल्दी डिबेट है, ये जितनी ज्यादा होगी, उतना ही लाभ देश की शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा. जितनी ज्यादा जानकारी स्पष्ट होगी फिर उतना ही आसान इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का इंमप्लीमेंटेशन भी होगा.
3-4 साल के व्यापक विचार-विमर्श के बाद शिक्षा नीति को स्वीकृत किया गया
प्रधानमंत्री ने कहा कि 3-4 साल के व्यापक विचार-विमर्श के बाद, लाखों सुझावों पर लंबे मंथन के बाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति को स्वीकृत किया गया है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति के संदर्भ में आज का ये कार्यक्रम बहुत महत्वपूर्ण है. इस कॉन्क्लेव से भारत के एजुकेशन वर्ल्ड को राष्ट्रीय शिक्षा नीति- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तृत जानकारी मिलेगी.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 21वीं सदी के भारत की
पीएम ने कहा कि भारत की राष्ट्रीय शिक्षा नीति का आधार भी यही सोच है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 21वीं सदी के भारत की, नए भारत की आधारशिला तैयार करने वाली है. बीते अनेक वर्षों से हमारे एजुकेशन सिस्टम में बड़े बदलाव नहीं हुए थे. परिणाम ये हुआ कि हमारे समाज में क्यूरियोसिटी और इमैजिनेशन की वैल्यूज को प्रमोट करने के बजाय भेड़ चाल को प्रोत्साहन मिलने लगा था.
पीएम मोदी बोले- मैं पूरी तरह से आपके साथ हूं
पीए मोदी बोले कि हर देश, अपनी शिक्षा व्यवस्था को अपनी नेशनल वैल्यूज के साथ जोड़ते हुए, अपने नेशनल गोल्स के अनुसार रिफॉर्म करते हुए चलता है. मकसद ये होता है कि देश का एजुकेशन सिस्टम, अपनी वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों को फ्यूचर रेडी रखे, फ्यूचर रेडी करें. उन्होंने कहा कि आप सभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के इंप्लीमेंटेशन से सीधे तौर पर जुड़े हैं और इसलिए आपकी भूमिका बहुत ज्यादा अहम है. जहां तक पॉलिटिकल विल की बात है, मैं पूरी तरह कमिटेड हूं, मैं पूरी तरह से आपके साथ हूं.
पीएम ने कहा कि इस बात में कोई विवाद नहीं है कि बच्चों के घर की बोली और स्कूल में पढ़ाई की भाषा एक ही होने से बच्चों के सीखने की गति बेहतर होती है. ये एक बहुत बड़ी वजह है जिसकी वजह से जहां तक संभव हो, 5वीं क्लास तक, बच्चों को उनकी मातृभाषा में ही पढ़ाने पर सहमति दी गई है.
सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्वरूप तय किया गया है
शिक्षा नीति के बारे में विस्तार से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जड़ से जग तक, मनुज से मानवता तक, अतीत से आधुनिकता तक, सभी बिंदुओं का समावेश करते हुए, इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति का स्वरूप तय किया गया है.इसके हिसाब से भारत का एजुकेशन सिस्टम खुद में बदलाव करे, ये भी किया जाना बहुत जरूरी था. स्कूल करिकुलम के 10+2 स्ट्रक्चर से आगे बढ़कर अब 5+3+3+4 करिकुलम का स्ट्रक्चर देना, इसी दिशा में एक कदम है.पीए मोदी ने कहा कि आज गुरुवर रबींद्रनाथ ठाकुर की पुण्यतिथि भी है. वो कहते थे- 'उच्चतम शिक्षा वो है जो हमें सिर्फ जानकारी ही नहीं देती बल्कि हमारे जीवन को समस्त अस्तित्व के साथ सद्भाव में लाती है.' निश्चित तौर पर राष्ट्रीय शिक्षा नीति का वृहद लक्ष्य इसी से जुड़ा है. हमारे स्टूडेंट्स में, हमारे युवाओं में क्रिटिकल और इनोवेटिव एबिलिटी विकसित कैसे हो सकती है, जबतक हमारी शिक्षा में पैशन ना हो, फिलॉसफी ऑफ एजुकेशन ना हो, पर्पस ऑफ एजुकेशन ना हो.
पीएम ने कहा- हर स्टूडेंट को पैशन को फॉलो करने का अवसर मिलना ही चाहिए
प्रधानमंत्री ने कहा कि हर स्टूडेंट को ये अवसर मिलना ही चाहिए कि वो अपने पैशन को फॉलो करे. वो अपनी सुविधा और जरूरत के हिसाब से किसी डिग्री या कोर्स को फॉलो कर सके और अगर उसका मन करे तो वो छोड़ भी सके.
अब कोशिश ये है कि बच्चों को सीखने के लिए इन्क्वायरी बेस्ड, डिस्कवरी बेस्ड, डिस्कशन बेस्ड, और एनालिसिस बेस्ड तरीकों पर जोर दिया जाए. इससे बच्चों में सीखने की ललक बढ़ेगी और उनके क्लास में उनका पार्टिसिपेशन भी बढ़ेगा.हाउ टू थिंक पर बेस्ड है ये नीति
पीएम ने कहा कि अभी तक जो हमारी शिक्षा व्यवस्था है, उसमें व्हाट टू थिंक पर फोकस रहा है. जबकि इस शिक्षा नीति में हाउ टू थिंक पर बल दिया जा रहा है. ये मैं इसलिए कह रहा हूं कि आज जिस दौर में हम हैं, वहां इनफॉर्मेशन और कंटेंट की कोई कमी नहीं है.शिक्षा नीति में स्टूडेंट एजुकेशन और डिग्निटी ऑफ लेबर पर किया गया काम
नरेंद्र मोदी ने कहा कि जब गांवों में जाएंगे, किसान को, श्रमिकों को, मजदूरों को काम करते देखेंगे, तभी तो उनके बारे में जान पाएंगे, उन्हें समझ पाएंगे, उनके श्रम का सम्मान करना सीख पाएंगे. इसलिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति में स्टूडेंट एजुकेशन और डिग्निटी ऑफ लेबर पर बहुत काम किया गया है.
हायर एजुकेशन को स्ट्रीम्स से मुक्त करने, मल्टीपल एंट्री और एग्जिट, क्रेडिट बैंक के पीछे यही सोच है. हम उस एरा की तरफ बढ़ रहे हैं जहां कोई व्यक्ति जीवन भर किसी एक प्रोफेशन में ही नहीं टिका रहेगा. इसके लिए उसे निरंतर खुद को री-स्किल और अप-स्किल करते रहना होगा.वर्चुअल लैब जैसे कॉन्सेप्ट होंगे इसका हिस्सा
पीएम मोदी ने कहा कि जब इंस्टीट्यूशंस और इन्फ्रास्ट्रक्चर में भी ये रिफॉर्म्स, रिफ्लेक्ट होंगे, तभी राष्ट्रीय शिक्षा नीति को अधिक प्रभावी और त्वरित गति से इंप्लीमेंट किया जा सकेगा.
वर्चुअल लैब जैसे कॉन्सेप्ट ऐसे लाखों साथियों तक बेहतर शिक्षा के सपने को ले जाने वाला है, जो पहले ऐसे सबजेक्ट्स पढ़ ही नहीं पाते थे जिसमें लैब एक्सपेरिमेंट जरूरी हो.हमें टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना है- पीएम
प्रधानमंत्री ने कहा कि अब टेक्नोलॉजी ने हमें बहुत तेजी से, बहुत अच्छी तरह से, बहुत कम खर्च में, समाज के आखिरी छोर पर खड़े स्टूडेंट तक पहुंचने का माध्यम दिया है. हमें इसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग करना है.21वीं सदी के भारत से पूरी दुनिया को बहुत अपेक्षाएं हैं. भारत का सामर्थ्य है की कि वो टैलेंट और टेक्नॉलॉजी का समाधान पूरी दुनिया को दे सकता है हमारी इस जिम्मेदारी को भी हमारी एजुकेशन पॉलिसी एड्रेस करती है.शिक्षा नीति में डिग्निटी ऑफ टीचर्स का भी विशेष ध्यान रखा गया
शिक्षा व्यवस्था में बदलाव, देश को अच्छे स्टूडेंट्स, अच्छे प्रोफेशनल्स और उत्तम नागरिक देने का बहुत बड़ा माध्यम आप सभी टीचर्स ही हैं, प्रोफेसर्स ही हैं. इसलिए नेशनल एजुकेशन पॉलिसी-राष्ट्रीय शिक्षा नीति में डिग्निटी ऑफ टीचर्स का भी विशेष ध्यान रखा गया है.
गुड-क्वालिटी एजुकेशन का रास्ता इन दोनों मतों के बीच में है. जो संस्थान क्वालिटी एजुकेशन के लिए ज्यादा काम करे, उसको ज्यादा फ्रीडम से रिवार्ड किया जाना चाहिए. इससे क्वालिटी को प्रोत्साहन मिलेगा और सबको ग्रो करने के लिए इंसेंटिव भी मिलेगा. -
राजधानी रायपुर में अब लॉकडाउन आगे नहीं बढ़ेगा -
दुकानों के खोलने और बंद करने का समय निर्धारित -
रविवार को सभी व्यवसाय बंद रहेंगे -
दुकानदारों को 50 मास्क रखने की अनिवार्यता -16 दिन के लॉक डाउन के बाद सरकार ने व्यापारियों की मांग पर लॉक डाउन समाप्त करके जनजीवन को सामान्य रूप से पटरी पर लाने की पहल की है - 7 अगस्त से सभी व्यवसाय खुलेंगे - राजधानी के कलेक्टर एस भारतीदासन ने इसकी जानकारी मीडिया को दी --
अब देखना यह है कि शासन प्रशासन कि इस ढील के बाद व्यापारी और नागरिक खेड़ी बिक्री के समय करोना वायरस से बचाव के लिए सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का कितना पालन करते हैं -
यदि लॉक डाउन समाप्त समाप्त करने के बाद करोना वायरस महामारी का प्रकोप काम नहीं हुआ तो सरकार फिर से सख्ती कर सकती है ! उपरोक्त फैसला व्यापारिक संगठन और जिला प्रशासन की बैठक में लिया गया है-
दुकानों के खुलने का निर्धारित समय निम्नानुसार है
सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक – सब्जी, डेयरी, मटन, मछली की दुकानें खुलेंगी
सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक – किराना, जनरल, प्रोविजन की दुकानें
दोपहर 12 बजे से रात 8 बजे तक – अन्य समस्त व्यवसाय खुलेंगे -
सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक- रेस्टोरेन्ट होटल में बैठकर खाना खा सकेंगे
रात 8 बजे से रात 10 बजे तक – खाने की होम डिलीवरी होगी
सुबह 6 से 9 बजे तक और शाम 5 से रात 8 बजे तक – ठेले पर खाद्य सामग्री (गुपगुच, मोमोस, चाट आदि)
रविवार को सिर्फ सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक- डेयरी की दुकान खुलेगी - cg24news -
परियोजना मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड की 7 अगस्त को आयोजित लोक सुनवाई आगामी आदेश तक स्थगित
रायपुर 05 अगस्त 2020/ कलेक्टर डॉ एस भारतीदासन ने नायब तहसीलदार, खरोरा तथा प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खरोरा के प्रतिवेदन के आधार पर आगामी 07 अगस्त को आयोजित होने वाली लोक सुनवाई को स्थगित कर दिया है।ज्ञात हो कि परियोजना मेसर्स अल्ट्राटेक सीमेंट लिमिटेड (यूनिट वैकुंठ सीमेंट वस), पास्ट बैकुंठ, जिला रायपुर (छ.ग.) के द्वारा ग्राम खरोरा एवं केसला, तहसील तिल्दा, जिला रायपुर में प्रस्तावित केसला लाईम स्टोन माईन ब्लॉक की स्थापना के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति हेतु लोक सुनवाई 07 अगस्त को स्पोर्ट्स स्टेडियम,उप तहसील कार्यालय खरोरा के पास में रखा गया था। इस लोक सुनवाई में लगभग एक हज़ार लोगों के सम्मिलित होने की संभावना व्यक्त की गई थी। कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए आगामी आदेश तक लोक सुनवाई को स्थगित किया गया है।
यहां यह उल्लेख करना भी अति आवश्यक है कि विगत दिनों बलौदा बाजार के विधायक प्रमोद कुमार शर्मा द्वारा इस जनसुनवाई का विरोध किया गया था -
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Ram Mandir Bhumi Pujan: पीएम मोदी बोले- मंदिर का अस्तित्व मिटाने की कोशिश हुई, राम हमारे मन में बसे हैं 05-Aug-2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भूमि पूजन कर दिया है. भूमि पूजन के बाद पीएम मोदी अब देश को संबोधित कर रहे हैं. पीएम मोदी ने सबसे पहले अपने भाषण में 'जय श्रीराम' के नारे लगाए.
अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या में राम मंदिर की नींव रख दी है. भूमि पूजन के बाद पीएम मोदी अब देश को संबोधित कर रहे हैं. पीएम मोदी ने सबसे पहले अपने भाषण में 'सियावर रामचंद्र की जय' के नारे लगाए और उसके बाद अपना भाषण शुरू किया. पीएम मोदी ने राम भक्तों को इस पवित्र अवसर पर बधाई भी दीं. पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर का भूमि पूजन करना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. सदियों का इंतजार खत्म हो रहा है. पूरा देश रोमांचित है.
श्रीराम की गूंज पूरे विश्व में है- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, ''आज श्रीराम का यह जयघोष सिर्फ सिया-राम की धरती में ही नहीं सुनाई दे रहा, इसकी गूंज पूरे विश्व में है. सभी देशवासियों को, विश्व में फैले करोड़ों राम भक्तों को आज के इस सुअवसर पर कोटि-कोटि बधाई.'' उन्होंने कहा, ''ये मेरा सौभाग्य है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया, इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का अवसर दिया. मैं इसके लिए हृदय पूर्वक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का आभार व्यक्त करता हूं.''
टेंट के नीचे रहे हमारे रामलला अब भव्य मंदिर में रहेंगे- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा, ''बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा. टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है. पूरा देश रोमांचित है, हर मन दीपमय है. सदियों का इंतजार आज समाप्त हो रहा है.''
मोदी ने कहा, ''हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई-कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था. गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो. राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था, तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था. जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सबको आज 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं.''
पीएम मोदी ने कहा, ''राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं. कोई काम करना हो, तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं. भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए. इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं. श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं.''
मोदी ने भूमि पूजन के लिए किया चांदी की कन्नी का इस्तेमालबता दें कि पीएम मोदी ने मंदिर की नींव खोदने के लिए चांदी के फावड़े का इस्तेमाल किया. इस दौरान पीएम मोदी ने नींव की ईंट पर सीमेंट लगाने के लिए चांदी की कन्नी का इस्तेमाल किया. रामलला को हरे और भगवा रंग के वस्त्र पहनाए गए हैं. रामलला के वस्त्र मखमल के कपड़े से बने हैं. इन वस्त्रों पर 9 तरह के रत्नों को लगाया गया है.
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कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान लागू किए गए लॉकडाउन में दूरदर्शन पर रामायण का पुन: प्रसारण किया गया था, इस शो को दर्शकों ने काफी प्यार दिया. शो की लोकप्रियता को देखते हुए रामायण के कलाकार इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं.
80 के दशक के अंत में 'रामायण' में 'सीता' की भूमिका निभाने वाली दीपिका चिखलिया को राम मंदिर भूमि पूजन का बेसब्री से इंतजार है. कोरोनो वायरस संकट के कारण रक्षा बंधन के उत्सव को अभिनेत्री मिस कर रही हैं साथ ही उन्हें राम मंदिर के भूमि पूजन का भी बेसब्री से इंतजार कर रही हैं. उन्होंने इंस्टाग्राम पर जाहिर किया कि वह 'रामलला के घर वापस आने' का इंतजार कर रही हैं.
अभिनेत्री अपने सोशल मीडिया पेजों पर बहुत अधिक सक्रिय है और प्रशंसकों के बीच लगातार जुड़ी हुई हैं. उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान लागू किए गए लॉकडाउन में दूरदर्शन पर रामायण का पुन: प्रसारण किया गया था, इस शो को दर्शकों ने काफी प्यार दिया. शो की लोकप्रियता को देखते हुए रामायण के कलाकार इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं.
दीपिका ने अपनी पोस्ट का कैप्शन देते हुए लिखा, "कल रक्षाबंधन था, हर साल की तरह, इसबार जश्न नहीं मना सके .... आमतौर पर मैं अपने भाई के घर जाती हूं और अपने भाई को राखी बांधती और अपनी भाभी को लुंबा बांधती हूं और एक शानजार दिन बिताती हूं. मम्मी, भाई और भाभी के साथ लंच करती हूं. कल ही अपने मैंने भाइयों को फोन कर उन्हें शुभकामनाएं दी.
उन्होंने आगे राम मंदिर के बारे में लिखा, "कल राम जन्मभूमि शिलान्यास है. लंबा इंतजार आखिरकार खत्म हो रहा है. रामलला घर वापस आ रहे हैं. यह एक शानदार अनुभव होने जा रहा है. ऐसा लगता है दिवाली इस साल की शुरुआत में आई है. बेसब्री से इंतजार है. "
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हनुमानगढ़ी में दर्शन करने के बाद पीएम मोदी भूमि पूजन के लिए पहुंचे. उन्होंने राम लला के सामने साष्टांग प्रणाम भी किया
अयोध्या के बीचों बीच हनुमानगढ़ी में रामभक्त हनुमानजी का विशाल मंदिर है. ऐसी मान्यता है कि अयोध्या में सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर में बजरंगबली के दर्शन करके उनका आशीर्वाद लेना चाहिए, फिर किसी दूसरे मंदिर जाना चाहिए.सबसे पहले हनुमानगढ़ी मंदिर के दर्शन करने के पीछे 'राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे...' वाली मान्यता दिखती है. यानी हनुमानजी की कृपा के बिना किसी को रामजी का आशीर्वाद नहीं मिलता है. -
प्रधानमंत्री अभी-अभी हनुमानगढ़ी पहुंचे हैं और यहां वो भगवान हनुमान के दर्शन करेंगे और उनकी आरती करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर के प्रांगण में पहुंच चुके हैं और वहां उन्होंने बजरंग बली के सामने शीश नवाया. कोरोना संकट के कारण उन्हें टीका भी नहीं लगाया जा रहा है. प्रधानमंत्री ने हनुमानगढ़ी मंदिर में कुछ दान भी चढ़ाया है.
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राजभवन हुआ लॉकडाउन -- प्रवेश प्रतिबंधित 05-Aug-2020
खबर का असर -- राजभवन हुआ लॉकडाउन -- प्रवेश प्रतिबंधित
राजभवन में एक रसोईया एवं दो जवानों के करोना पीड़ित पाए जाने के बाद सीजी 24 न्यूज़ चैनल ने इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया था कि मास्क के बिना सोशल - डिस्टेंसिंग और सैनिटाइज की गाइड लाइन का पालन न करने की लापरवाही भी राजभवन में कारोना प्रवेश का कारण बनी |विगत दिनों राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके के कार्यकाल का 1 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर अनेक लोग उन्हें बधाई देने पहुंचे थे, राजभवन के अधिकारियों ने इस दौरान सोशल डिस्पेंसिंग मास्क एवं सैनिटाइजेशन की अनिवार्यता को नजरअंदाज कर दिया |
राजभवन में मंत्रियों जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों सहित अनेक सामाजिक संगठनों ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके को प्रत्यक्ष बधाइयां दी|
कारोना काल में लॉकडाउन के बावजूद राजभवन में सभी को प्रवेश की अनुमति देकर राजभवन के अधिकारियों ने स्वयं होकर कोरोना वायरस को राजभवन में आमंत्रित किया |अनेक लोगों द्वारा राज भवन में प्रवेश कर राज्यपाल को बधाई देने के के दौरान मास्क नही पहनने की गलती का खामियाजा राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके के लिए खतरा बन सकती है जिसके लिए अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए -
सीजी 24 न्यूज़ की खबर को संज्ञान में लेते हुए राजभवन प्रशासन ने राजभवन में राज्यपाल से मिलने वालों पर 9 अगस्त तक के लिए प्रतिबन्ध लगा दिया है
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CG 24 News 3 Aug की खबर जिस पर संज्ञान लिया गया
राजभवन में करोना वायरस के प्रवेश के लिए अधिकारी है जिम्मेदार
राजभवन के 2 जवानों एवं एक रसोईया के कारोना पॉजिटिव पाए जाने से राजभवन भी कंटेनमेंट जोन की श्रेणी में आ गया है |
राजभवन में कारोना प्रवेश के लिए वहां के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए -उल्लेखनीय है कि राज्यपाल से मिलने आने वालों से गाइडलाइन का पालन करवाने और करने में जिम्मेदार अधिकारियों ने लापरवाही करके बड़ा खतरा मोल ले लिया है |
विगत दिनों राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके के कार्यकाल का 1 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर अनेक लोग उन्हें बधाई देने पहुंचे थे, राजभवन के अधिकारियों ने इस दौरान सोशल डिस्पेंसिंग मास्क एवं सैनिटाइजेशन की अनिवार्यता को नजरअंदाज कर दिया |
राजभवन में मंत्रियों जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों सहित अनेक सामाजिक संगठनों ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके को प्रत्यक्ष बधाइयां दी|
कारोना काल में लॉकडाउन के बावजूद राजभवन में सभी को प्रवेश की अनुमति देकर राजभवन के अधिकारियों ने स्वयं होकर कोरोना वायरस को राजभवन में आमंत्रित किया |इस तस्वीर में आप स्पष्ट देख सकते हैं कि राज्यपाल को बधाई देने वाले सभी लोग बिना मास्क पहने डिस्टेंस के बगैर गुलदस्ता भेंट कर उन्हें बताई दे रहे हैं | राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके भी बिना मास्क लगाए इतने लोगों के बीच गाइडलाइन का उल्लंघन कर अभिवादन स्वीकार कर रही हैं, ऐसे में कारोना वायरस ने अगर राजभवन में प्रवेश किया है तो यह कोई अप्रत्याशित बात नहीं कहलाएगी |
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नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी) के वैज्ञानिकों ने मोतियाबिंद की सरल, सस्ती और बिना ऑपरेशन के इलाज की तकनीक विकसित की है
मोतियाबिंद अंधेपन का एक प्रमुख रूप है जो तब होता है जब हमारी आंखों में लेंस बनाने वाले क्रिस्टलीय प्रोटीन की संरचना बिगड़ जाती है, जिससे क्षतिग्रस्त या अव्यवस्थित प्रोटीन एकत्र होकर एक और नीली या भूरी परत बनाते हैं, जो अंततः लेंस की पारदर्शिता को प्रभावित करता है। इस प्रकार, इन समुच्चयों के गठन के साथ-साथ रोग की प्रगति के प्रारंभिक चरण में रोकना मोतियाबिंद की एक प्रमुख उपचार रणनीति है, और इस कार्य के लिए सामग्री मोतियाबिंद की रोकथाम को सस्ती और सुलभ बना सकती है।
भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आने वाले एक स्वायत्त संस्थान नैनो विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान (आईएनएसटी) के वैज्ञानिकों की एक टीम ने गैर-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग (गैर-दाहक या उत्तजेक दवा)-एनएसएआईडी एस्पिरिन से नैनोरोड विकसित किया है, जो एक लोकप्रिय दवा है जिसका उपयोग दर्द, बुखार, या सूजन को कम करने के लिए किया जाता है और यह मोतियाबिंद के खिलाफ एक प्रभावी गैर-आक्रामक छोटे अणु-आधारित नैनोथेरेप्यूटिक्स के रूप में भी पाया गया।
जर्नल ऑफ मैटेरियल्स केमिस्ट्री बी में प्रकाशित उनका शोध एक सस्ते और कम जटिल तरीके से मोतियाबिंद को रोकने में मदद कर सकता है। उन्होंने स्व-निर्माण की एंटी-एग्रीगेशन क्षमता का उपयोग मोतियाबिंद के खिलाफ एक प्रभावी गैर-प्रमुख छोटे अणु-आधारित नैनोटेराप्यूटिक्स के रूप में किया है। एस्पिरिन नैनोरोड क्रिस्टलीय प्रोटीन और इसके विखंडन से प्राप्त विभिन्न पेप्टाइड्स के एकत्रीकरण को रोकता है, जो मोतियाबिंद बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे जैव-आणविक संबंधों के माध्यम से प्रोटीन/पेप्टाइड के एकत्रीकरण को रोकते हैं, जो बीटा-टर्न जैसे क्रिस्टलीय पेप्टाइड्स की संरचना में बदल देते हैं, जो कॉइल्स (लच्छे) और कुंडल में अमाइलॉइड बनने के लिए जिम्मेदार होते हैं। ये क्रिस्टलीन, और क्रिस्टलीन व्युत्पन्न पेप्टाइड समुच्चय के एकत्रीकरण को रोककर मोतियाबिंद बनने में रोकने के लिए पाए गए थे। उम्र बढ़ने के साथ और विभिन्न परिस्थितियों में, लेंस प्रोटीन क्रिस्टलीन समुच्चय नेत्र लेंस में अपारदर्शी संरचनाओं का निर्माण करता है, जो दृष्टि को बाधित करता है और बाद में मोतियाबिंद का कारण भी बनता है।
संचित अल्फा-क्रिस्टलीन प्रोटीन और क्रिस्टलीन व्युत्पन्न पेप्टाइड समुच्चय वृद्ध और मोतियाबिंद मानव लेंस में लक्षित असहमति को मोतियाबिंद बनने की रोकथाम के लिए एक व्यवहार्य चिकित्सीय रणनीति माना जाता है। एस्पिरिन नैनोरोड्स आणविक स्व-जमा होने की प्रक्रिया का उपयोग करके उत्पादित किए जाते हैं, जो आम तौर पर नैनोकणों के संश्लेषण के लिए उपयोग किए जाने वाले उच्च लागत और श्रमसाध्य भौतिक तरीकों की तुलना में एस्पिरिन नैनोरोड उत्पन्न करने के लिए कम लागत और उच्च-स्तरीय तकनीक से होता है।
आणविक गतिकी (एमडी) अनुकरण पर आधारित कम्प्यूटेशनल अध्ययन एस्पिरिन के एंटी-एग्रीगेशन व्यवहार और आणविक पेप्टाइड्स और एस्पिरिन के बीच प्रोटीन (पेप्टाइड) की प्रकृति के आणविक तंत्र की जांच करने के लिए किए गए थे। यह देखा गया कि पेप्टाइड-एस्पिरिन (अवरोधक) अंतःक्रियाओं ने पेप्टाइड्स को द्वितीयक संरचनाओं को बीटा-टर्न से बदल दिया, जो एमाइलॉयड्स बनने के लिए जिम्मेदार हैं, विभिन्न कॉइल्स (लच्छे) और कुंडल (हेलिक्स) में, इसके एकत्रीकरण को भी रोकते हैं। इस अनुकरण ने एस्पिरिन के मॉडल मोतियाबिंद पेप्टाइड्स द्वारा अमाइलॉइड जैसे फाइब्रिल गठन के लिए एक संभावित अवरोधक के रूप में कार्य करने की क्षमता को उजागर किया है।
कई प्राकृतिक यौगिकों को पहले ही क्रिस्टलीन एकत्रीकरण के लिए संभावित एकत्रीकरण अवरोधक के रूप में चिह्नित किया गया है, लेकिन इस दिशा में गैर-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग (गैर-दाहक या उत्तजेक दवा)-एनएसएआईडी जैसे एस्पिरिन उपयोगिता एक नया प्रतिमान भी स्थापित करेगी। इसके अलावा, अपने नैनो-आकार के कारण एस्पिरिन नैनोरोड्स जैव उपलब्धता, दवा की गुणवत्ता, कम विषाक्तता आदि में सुधार करेंगे। इसलिए, आई-ड्रॉप के रूप में एस्पिरिन नैनोरोड्स मोतियाबिंद के इलाज के लिए एक प्रभावी और व्यवहार्य विकल्प के रूप में कार्य करने वाला है।
प्रयोग करने में आसान और कम लागत वाले इस वैकल्पिक उपचार पद्धति से विकासशील देशों में उन रोगियों को लाभ होगा जो मोतियाबिंद के महंगे उपचार और शल्यचिकित्सा का खर्च वहन नहीं कर सकते।
(प्रकाशन विवरण:
बिष्ट, ए.शर्मा, एम., शर्मा, एस., अली, एम. ई., और पांडा, जे.जे. (2019)। अल्फा-क्रिस्टलीन-व्युत्पन्न पेप्टाइड समुच्चय के प्रति एंटी-एग्रीगेशन एजेंटों के रूप में करियर-मुक्त स्व-निर्मित एस्पिरिन नैनोरोड्स: गैर-आक्रामक मोतियाबिंद चिकित्सा में संभावित निहितार्थ। जर्नल ऑफ मैटेरियल्स केमिस्ट्री बी, 7 (44), 6945-6954।
अधिक जानकारी के लिए, डॉ. जीवन ज्योति पांडा (jyoti@inst.ac.in) से संपर्क किया जा सकता है।)
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राजभवन में करोना - अधिकारी जिम्मेदार 03-Aug-2020
राजभवन में करोना वायरस के प्रवेश के लिए अधिकारी है जिम्मेदार
राजभवन भी कंटेनमेंट जोन की श्रेणी में
सोशल डिस्टेंसिंग मास्क एवं सैनिटाइजेशन की अनिवार्यता को नजरअंदाज कर दिया |
राजभवन के 2 जवानों एवं एक रसोईया के कारोना पॉजिटिव पाए जाने से राजभवन भी कंटेनमेंट जोन की श्रेणी में आ गया |
राजभवन में कारोना प्रवेश के लिए वहां के अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए -उल्लेखनीय है कि राज्यपाल से मिलने आने वालों से गाइडलाइन का पालन करवाने और करने में जिम्मेदार अधिकारियों ने लापरवाही करके बड़ा खतरा मोल ले लिया है |
विगत दिनों राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके के कार्यकाल का 1 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर अनेक लोग उन्हें बधाई देने पहुंचे थे, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके को उनके कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर बधाई देते समय मास्क नहीं पहना था और ना ही राज्यपाल ने - राजभवन के अधिकारियों ने इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग - मास्क एवं सैनिटाइजेशन की अनिवार्यता को नजरअंदाज कर दिया | राजभवन में मंत्रियों जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों सहित अनेक सामाजिक संगठनों ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके को प्रत्यक्ष बधाइयां दी |कारोना काल में लॉकडाउन के बावजूद राजभवन में सभी को प्रवेश की अनुमति देकर राजभवन के अधिकारियों ने स्वयं होकर कोरोना वायरस को राजभवन में आमंत्रित किया |
इस तस्वीर में आप स्पष्ट देख सकते हैं कि राज्यपाल को बधाई देने वाले सभी लोग बिना मास्क पहने डिस्टेंस के बगैर गुलदस्ता भेंट कर उन्हें बताई दे रहे हैं | राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उइके भी बिना मास्क लगाए इतने लोगों के बीच गाइडलाइन का उल्लंघन कर अभिवादन स्वीकार कर रही हैं |
दूसरी तरफ मंत्री रविंद्र चौबे ने पूरी सुरक्षा के साथ गाइडलाइन का पालन करते हुए राज्यपाल को बधाई दी - साथ ही राजभवन के वरिष्ठ अधिकारी सोनमणि बोरा सहित अन्य अधिकारीयों कर्मचारियों ने भी कोविड से बचाव के साथ उन्हें बधाई दी -
ऐसे में जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से अगर कारोना वायरस ने राजभवन में प्रवेश किया है तो यह कोई अप्रत्याशित बात नहीं कहलाएगी |