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  • लोकसभा चुनावों की तैयारी के लिए अमित शाह का आगमन - करेंगे रायपुर कलस्टर के कार्यकर्ताओं को संबोधित

    लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को देश और पार्टी के बारे में कैसे समझाना और जानकारी देना है इसका मंत्र देने भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष अमित शाह राजधानी में रायपुर कलस्टर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।  इंडोर स्टेडियम में आयोजित रायपुर कलस्टर के रायपुर, महासमुंद, दुर्ग, राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। सम्मेलन में रायपुर कलस्टर के बूथ प्रमुख, बूथ सचिव, बूथ प्रभारी, शक्ति केन्द्र प्रमुख शक्ति केन्द्र संयोजक, शक्तिकेन्द्र सह संयोजक मंडल कार्यसमिति, जिला भाजपा व मोर्चे के समस्त पदाधिकारी, जिला भाजपा, मोर्चे के समस्त पदाधिकारी, सहित कलस्टर में निवासरत सभी मोर्चा के प्रदेश संयोजक, सह संयोजक, केन्द्रीय पदाधिकारी, आमंत्रित किये गये हैं। इस आयोजन के लिए उनके आगमन के रास्तों को भाजपा के झंडों से सजाया गया है ।

  • सांसदों को 5 साल में छत्तीसगढ़ के लिये लगभग ढाई सौ करोड़ की सांसद विकास निधि मिली थी - धनंजय सिंह ठाकुर

    भाजपा सांसदों की निष्क्रियता के कारण छत्तीसगढ़ में सांसद विकास निधि के ढाई सौ करोड़ की राशि से विकास कार्य नहीं हो पाया - कांग्रेस सांसद विकास निधि से होने थे संसदीय क्षेत्रो के गांवों में है निस्तारी एवं पेयजल, बिजली, सामुदायिक भवन के कार्य जनता ने भाजपा सांसदों को लोकसभा में सिर्फ मेज थपथपाने नही चुना रायपुर/13 फरवरी 2019। भाजपा सांसदो ने पांच साल में विकास निधि के ढाई सौ करोड़ की राशि को विकास कार्यों में खर्च नही कर पाये। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसदों पर जनहित के कार्यो को अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सांसदों की निष्क्रियता के चलते सांसद विकास निधि से मिलने वाले ढाई सौ करोड़ की राशि का लाभ छत्तीसगढ़ की ढाई करोड़ जनता को नही मिल पाया। सांसद विकास निधि के तहत भाजपा के 10 सांसदो को प्रतिवर्ष पांच करोड़ की राशि खर्च करने थे। सभी दस सांसदों को 5 साल में छत्तीसगढ़ के लिये लगभग ढाई सौ करोड़ की सांसद विकास निधि मिला था। उक्त राशि से संसदीय क्षेत्रों में निस्तारित एवं पेयजल स्वच्छता तालाब गहरीकरण, स्कूल भवन पंचायत भवन, आँगनबाड़ी केंद्र, स्वच्छता अभियान, सड़क, बिजली, सामुदायिक भवन, नहर, नाली निर्माण, कांक्रीटीकरण के कार्य होने थे।  प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता ने भाजपा के 10 सांसद को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान सदन में सिर्फ मेज थपथपाने नही भेजा है। नोटबन्दी की त्रासदी के समय पैसों की किल्लत के कारण लोगो की आसमयिक मौत हो रही थी, वैवाहिक रिश्ते टूट रहे थे, युवा नौकरी के लिये इंटरव्यू देने से चूक गए, पैसों की कमी के चलते मरीजों का ठीक से इलाज नहीं हो पाया, दवाइयां नही मिल पाई, बच्चों को पोषक आहार नहीं मिल पाया और जनता त्राहिमाम-त्राहिमाम कर रही थी और भाजपा के सांसद नोटबंदी और जीएसटी को सफल बता कर मेज थपथपा रहे थे। भाजपा सांसदों जनता के साथ कुठाराघात किया है।  प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता 2019 लोकसभा चुनाव में भाजपा के 10 निष्क्रिय सांसदों को पांच साल तक मेज थपथपाने की सजा देगी, कांग्रेस को 11 लोकसभा सीट में जनादेश देकर भाजपा सांसदों को घर बैठायेगी।

  • जीरम भाजपा के लिये राजनीति का विषय हो सकता है लेकिन कांग्रेस के लिए राजनीति नहीं वेदना का विषय है - शैलेश नितिन त्रिवेदी
    माओवाद के छत्तीसगढ़ में हुये विस्तार के लिये रमन सिंह सरकार और नरेन्द्र मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस के तो विद्याचरण शुक्ल, नंदकुमार पटेल, महेन्द्र कर्मा, उदय मुदलियार, दिनेश पटेल, योगेन्द्र शर्मा, अभिषेक गोलछा, अल्लानूर भिडसरा, गोपी माधवानी जैसे नेताओं के शहादत माओवादी हमले में हुयी।  जब-जब कांग्रेस पार्टी द्वारा जीरम कांड की आवाज उठाई जाती है तब-तब तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह जी घबरा जाते थे और घबराहट में जीरम कांड के बाद अपने उस पहले बयान को भी भूल जाते थे, जिसमें उन्होने घटना में हुई चूक को स्वीकार किया था। वह चूक क्या थी और किसके इशारों पर की गयी थी?  एनआईए की जांच में रमन सिंह सरकार द्वारा बनाये गये नोडल आफिसरों ने क्यों बाधा डाली? झीरम में माओवादी हमला ठीक उसी जगह पर क्यों हुआ था जहां पर पुलिस सुरक्षा नहीं थी ? एनआईए द्वारा झीरम की रिपोर्ट साझा नहीं करना बेहद चिंताजनक एवं गंभीर मामलासाझा नहीं करने को गंभीर मामला निरूपित करते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने झीरम नरसंहार में अपने नेतृत्व की एक पूरी पीढ़ी को खोया है। जीरम भाजपा के लिये राजनीति का विषय हो सकता है लेकिन कांग्रेस के लिए राजनीति नहीं वेदना का विषय है। झीरम पर जनता के सवाल अगर जीरम की घटना सामान्य नक्सली हमला था तो नंदकुमार पटेल को नाम लेकर नक्सली क्यों खोज रहे थे?  दरभा और तोंगपाल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के पहुंच जाने पर भी पुलिस को घटना स्थल पहुंचने में चार घण्टे का समय क्यों लगा?  जीरम की घटना के ही दिन 25 मई 2013 को ही पुलिस व्यवस्था पूर्व से कम किसके ईशारे पर की गयी थी?  बीजापुर और दंतेवाड़ा में पुलिस व्यवस्था संतोषप्रद थी जबकि सुकमा प्रवास के समय जानबूझकर अपर्याप्त और ऋुटिपूर्ण सुरक्षा व्यवस्था क्यों की गयी? परिवर्तन यात्रा में सुरक्षा प्राप्त महेन्द्र कर्मा जैसे नेताओं के होने के बावजूद आरओपी करना तक जरूरी क्यों नहीं समझा गया? जीरम की घटना के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बयान घटना में हुई चूक को स्वीकार किया था। वह चूक क्या थी और किसके इशारों पर की गयी थी? इस रहस्य का खुलासा रमन सिंह जी ने अब तक क्यों नहीं किया? कांग्रेस नेताओं और परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्यवाही क्यों नहीं की गई?  जीरम की जांच के लिये बने न्यायिक जांच आयोग के कार्यक्षेत्र में साजिश की जांच को सम्मिलित ही क्यों नहीं किया गया? कांग्रेस के नेताओं की एक पूरी पीढ़ी की हत्या के लिए कौन जिम्मेदार है? जीरम के जघन्य हत्या कांड के पीछे किसका हाथ था और कौन-कौन इसके लिये जिम्मेदार है? रमन सिंह की सरकार ने झीरम घाटी के हत्यारों और षडयंत्रकारियों को पकड़ने की बात तो दूर पहचानने के प्रयत्न भी क्यों नहीं किये? जीरम मामले में एनआईए की जांच में बार-बार रमन सिंह सरकार के नोडल ऑफिसरो ने क्यों बाधा डाली?  मोदी सरकार बनने के बाद एनआईए की जांच की दिशा क्यों बदल गयी? एनआईए की अंतिम रिपोर्ट में कोई खुलासा क्यों नहीं हुआ? दरभा थाने में जो रिपोर्ट दर्ज करायी गयी थी उस पर आज तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई?  एनआईए के द्वारा आधी-अधूरी जांच कर अंतिम रिपोर्ट आरोप पत्र दाखिल कर देने के बाद जीरम के शहीदों के परिजन कांग्रेस विधायक दल के नेता टी.एस. सिंहदेव के साथ रमन सिंह जी से नये रायपुर में मंत्रालय भवन में मिले थे। रमन सिंह जी ने जीरम की साजिश की जांच के लिये केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मिलवाने की बात कही थी। शहीदों के परिजनों को केन्द्रीय गृहमंत्री से मिलाने का वादा किये रमन सिंह जी को तीन साल से अधिक हो जाने के बावजूद केन्द्रीय गृहमंत्री अनेक बार छत्तीसगढ़ आये लेकिन शहीदों के परिजनों को राजनाथ सिंह से न छत्तीसगढ़ में और न ही दिल्ली में क्यों नहीं मिलवाया गया? सी.डी. कांड में एक दिन में झूठी रिपोर्ट पर आरोपी की गिरफ्तारी, वह भी दिल्ली जाकर, केबिनेट की बैठक, सी.बी.आई. जांच का संकल्प, मंत्रिमंडल का थाने पहुंच जाना जैसी तत्परता दिखाने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने झीरम जैसे मामले में सी.बी.आई. जांच क्यों नहीं करवाई?  2014 के लोकसभा चुनावों के प्रचार के समय स्वयं मोदी जी ने कहा था कि हमारी सरकार बनने के बाद 15 दिन के अंदर जीरम के आरोपी पकड़ लिये जायेंगे। 60 महिने बीत जाने के बाद भी मोदी जी के 15 दिन समाप्त नहीं हुये क्यों?
  • जगदलपुर : नक्सलियों के लिए शहरी नेटवर्क देखने वाले दो लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
    नक्सलियों के लिए शहरी नेटवर्क देखने वाले दो लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार जगदलपुर पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर नक्सल विरोधी अभियान के तहत दो नक्सलियों को गिरफ्तार किया है बताया जाता है कि यह दोनों नक्सलियों के लिए शहरी नेटवर्क का काम करते हैं मंडरा नागेश और के के भावेश नामक दोनों व्यक्तियों के पास से पुलिस को अनेक तरह के कारतूस 25 डेटोनेटर बारूद स्पीक दो मोबाइल एवं ₹500000 नगद मिले हैं जिला पुलिस अधीक्षक तीसरा वनडे इसका खुलासा करते हुए कहा कि इनसे पूछताछ करके नक्सलियों के बारे में और भी जानकारियां ली जाएंगी | सीजी 24 न्यूज के लिए आकाश मिश्रा की रिपोर्ट
  • मक्का प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना में जिले के किसान होंगे शेयरधारी - CG 24 News
    कोण्डागांव जिले में मां दंतेश्वरी मक्का प्रसंस्करण एवं विपणन सहकारी समिति मर्यादित की स्थापना की जा रही है। जिसमें जिले के समस्त कृषकों को सदस्य बनाना है, सदस्यता शुल्क 100 रुपये व कृषक अंश पूंजी न्यूनतम 1 हजार से अधिकतम 50 हजार तक रखा गया है। जिसमें कृृषक अपनी इच्छा अनुसार कृषक अंश पूंजी की राशि एक हजार के गुणांक में अपने निकटतम ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी या पटवारी से संपर्क कर आवेदन तथा सदस्यता शुल्क व कृषक अंश पूंजी जमा कर सकते है, इस हेतु कृषक को आवेदन के साथ अपने भूमि का नक्शा, खसरा बी-1 या ऋण पुस्तिका तथा एक फोटो व आधार कार्ड की छायाप्रति जमा करना आवश्यक है। 
    इस संबंध में अधिक जानकारी हेतु उप संचालक कृषि बी.के.बिजरौनिया (9407990257) एवं अनुविभागीय अधिकारी कृषि उग्रेश कुमार देवांगन (9406426064) से संपर्क कर सकते है।
  • जिओ कम्पनी के प्रचार प्रसार में मोदी अग्रणी प्रचारक थे - धनंजय सिंह ठाकुर

    अडानी अंबानी के पैसे से चलनी वाली भाजपा देश और खुद के कार्यकर्ताओं को गुमराह करने में लगी - दिल्ली में बना सात माले का दफ्तर और छत्तीसगढ़ में कुशाभाऊ परिसर भाजपा की काली कमाई का जीता जागता उदाहरण है -

     

    रायपुर/12 फरवरी 2019। भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के चुनावी चंदे की प्रक्रिया को साफ सुथरा करने की वकालत करने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि अमित शाह का बयान नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली वाली कहावत को चरितार्थ करता है। भाजपा अडानी - अंबानी को लाभ पहुंचाने से मिली कमीशन और राफेल घोटाले की काली-कमाई को कार्यकर्ताओ का चंदा बताकर देश की जनता को गुमराह कर रही है। असलियत में भाजपा के जन्मदाता और पालनकर्ता ही धनाढ्य, बिल्डर, ठेकेदार और कालाधन रखने वाले ही है। ऐसे में भाजपा जनता के सामने खुद को पाक साफ और ईमानदार निरूपित करने कार्यकर्ताओं से चंदे लेकर चुनाव लड़ने की बताकर कहकर नोटबंदी के दौरान भाजपा को बतौर चंदा मिले कालेधन को सफेद करने में लगी हैं। नोटबंदी के दौरान भाजपा समर्थित व्यापारी, बिल्डर ठेकेदार और भाजपा के नेताओं के पास ही काली कमाई का बेहिसाब नगदी बरामद हुई थी। नोटबंदी के दौरान नोट बदलने में कमीशनखोरी के खेल में भाजपा के नेताओ की अहम भूमिका रही है। नोटबन्दी की त्रासदी झेल चूंकि जनता भाजपा की कथनी और करनी को समझ चुकी है और भाजपा को छत्तीसगढ़ के बाद केंद्र की सत्ता से भी बेदखल करने का मन बना चुकी है। ऐसे में अमित शाह 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के माथे पर लगे कलंक को धोने का प्रयत्न कर रहे है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी शपथ ग्रहण के बाद से अंबानी और अडानी के साम्राज्य को विराट स्वरूप देने साथ लेकर विदेशों तक दौरा करते रहे हैं। चुनाव के पहले अडानी के विमान में घूमने वाले मोदी प्रधानमंत्री बनने के बाद अंबानी और अडानी को सरकारी विमान में घुमाते रहे हैं।जिओ कम्पनी के प्रचार प्रसार में मोदी अग्रणी प्रचारक थे। दिल्ली में बनी अतिआधुनिक सुसज्जित पूर्णतः वातानुकूलित सात माले का भाजपा दफ्तर और छत्तीसगढ़ के रायपुर में बना भाजपा का प्रदेश कार्यलय कुशाभाऊ परिसर भाजपा की काली कमाई का जीता जागता उदाहरण है।

  • माओवादी घटनाओं में मारे जाने वाले पुलिस जवानों की संख्या लगातार बढ़ती रही, जिसकी अरुण जेटली को नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करना चाहिये -  वित्त मंत्री गृह मामलों पर बयान देते हैं। रक्षा घोटाले पर मोदी का बचाव गृहमंत्री राजनाथ सिंह करते हैं -  शैलेश नितिन त्रिवेदी : कांग्रेस
    जेटली हमारे जख्मों पर नमक छिड़क रहे है : कांग्रेस -  प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली का बयान गैर जिम्मेदारी, झूठ, फरेब और धोखे की भाजपा की राजनीति का जीता जागता सबूत है। भाजपा सरकार में अपनी जिम्मेदारी से बचने का उपक्रम इस हद तक हावी है कि वित्त मंत्री गृह मामलों पर बयान देते हैं। रक्षा घोटाले पर मोदी का बचाव गृहमंत्री राजनाथ सिंह करते हैं। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर माओवादियों से गठबंधन का निराधार आरोप जनता को गुमराह करने के लिये लगा रहे हैं जो मोदी सरकार के 55 महीने के कार्यकाल में नक्सली मोर्चे पर असफलता को ढकने की बेहद लचर और नाकाम कोशिश मात्र हैं। अरुण जेटली केंद्रीय वित्तमंत्री हैं। ऐसे नकारा बेमानी आरोप लगाने के पहले अरूण जेटली बतायें कि नक्सल प्रभावित राज्य को कम पैसा और कम नक्सल प्रभावित राज्य को ज्यादा पैसा अरुण जेटली ने किस आधार पर दिया वह देश को बताएं? उत्तर प्रदेश में कोई भी ज़िला गहन नक्सली हिंसा से प्रभावित नहीं है और न ही पिछले चार वर्षों में वहां कोई गंभीर वारदात हुई है लेकिन वर्ष 2014 से 2018 के बीच उत्तर प्रदेश के नक्सली हिंसा ने निपटने के लिए 349.21 करोड़ की राशि दी गई जबकि इसी अवधि में छत्तीसगढ़ को सिर्फ़ 53.71 करोड़ की राशि दी गई। जबकि छत्तीसगढ़ देश का सर्वाधिक नक्सल प्रभावित प्रदेश है और कई ज़िले गहन नक्सली गतिविधियों के लिए जाने जाते है। छत्तीसगढ़ माओवादी हिंसा और सर्वाधिक माओवाद प्रभावित क्षेत्र के लिये पूरे देश में बदनाम है। गृहमंत्रालय के वर्ष 2012 से 2017 तक के आंकड़े बताते है कि सबसे अधिक नक्सली हिंसा में मारे गए लोगों की संख्या पिछले छह सालों में सबसे अधिक 2017 में रही है। वर्ष 2012 में 109, 2013 में 111, 2014 में 112, 2015 में 101, 2016 में 107 और 2017 में 130 जानें गई हैं. वर्ष 2017 में 2015 और 16 की तुलना में सर्वाधिक सुरक्षाकर्मियों की जानें भी गईं। 2015 और 16 में क्रमशः 48 और 38 जवान मारे गए थे लेकिन 2017 में 60 जवानों की मौतें हुईं। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि जिस वर्ष छत्तीसगढ़ में सर्वाधिक नक्सली हिंसा हुई उसी साल पुलिस बल के आधुनिकीकरण के लिए जहां उत्तर प्रदेश को 77.16 करोड़ दिए गए वहीं छत्तीसगढ़ को मात्र 11.87 करोड़ की राशि केंद्र से दी गई। केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली यह बयान देकर क्या केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री रमन सिंह और गृहमंत्री रामसेवक पैकरा की कार्यशैली पर और निर्णय क्षमता पर गंभीर सवाल नहीं उठा रहा है? केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के कांग्रेस और माओवादियों से संबंध के आरोप के बारे में कांग्रेस ने कहा है कि देश में माओवाद का सबसे बड़ा शिकार कांग्रेस हुई है और वह लगातार न्याय की गुहार लगाती रही है। भाजपा की सरकारें हमारे ज़ख्मों पर मरहम तो लगा नहीं सकीं, अब जेटली उल्टे ज़ख्मों को कुरेदकर उस पर नमक मिर्च लगा रहे हैं। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा की करारी हार रमन सरकार के गलत कामों, भ्रष्टाचार, कमीशनखोरी और बड़ी-बड़ी गड़बड़ियों की वजह से हुई। हार के कारणों की समीक्षा बैठकों में लड़ते झगड़ते भाजपाई पत्रकारों से दुर्व्यवहार कर रहे हैं, पत्रकारों पर हमला कर रहे है, उनको पीट रहे हैं। जब कुछ न सूझा तो बेसिरपैर और अनर्गल आरोप लगा रहे हैं। सर्वाधिक दुख और पीड़ा की बात है, इसे झूठे आरोप लगाने के लिये भाजपा के वित्तमंत्री सामने आये है।   जेटली जी का आरोप झीरम कांड की जांच की पीड़ा से भी उपजा है। अरूण जेटली और शीर्ष भाजपा नेतृत्व बखूबी जानता हैं कि झीरम के षडयंत्र में किसका-किसका नाम आएगा। वादे करके भी झीरम की जांच न करवाने वाली भाजपा जानती है कि कांग्रेस के दिग्गजों की सुपारी किलिंग किसने और कैसे करवाई? जीरम के आपराधिक राजनैतिक षड़यंत्र की जांच शुरू होने की बौखलाहट में अरूण जेटली ने यह बयान दिया है। कांग्रेस को 2013 में रोकने के लिए भाजपा ने बहुत षडयंत्र किए। फिर 2018 में भी उसने बहुत कुछ किया लेकिन जनता ने उन्हें पहचान लिया था इसीलिए भाजपा को छत्तीसगढ़ में 15 सीटों पर समेट दिया। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि अगर मोदी सरकार के पास अरूण जेटली के पास कांग्रेस के खिलाफ कोई ठोस सबूत होते तो वे उसे अभी तक सार्वजनिक कर चुके होते और कार्रवाई हो गयी होती। अगर ऐसी कोई जानकारी अगर मोदी सरकार या रमन सरकार के पास थी तो दोनों सरकारों ने इसे उसी समय रोका क्यों नहीं? मोदी सरकार की यह खासियत है कि उसके मंत्री अपना विभाग छोड़कर दूसरे के विभाग पर बयान देते हैं। अच्छा होगा कि जेटली जी इस बारे में अपने गृह मंत्री से चर्चा कर लें। राजनीति करनी है तो करें लेकिन कांग्रेस के नंद कुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार, योगेन्द्र शर्मा, दिनेश पटेल, गोपी माधवानी, अभिषेक गोलछा जैसे नेताओं की शहादत का असम्मान न करें। कांग्रेस ने तो माओवाद के दंश को झेला है। कांग्रेस नेताओं की पूरी पीढी माओवादियों के हमले में शहीद हुई। उस माओवादी हमले में हुयी जो ठीक उसी जगह हुआ यहां भाजपा की सरकार ने रमन सिंह की सरकार ने पुलिस सुरक्षा हटा ली थी। मरहम तो लगा नहीं सके, हमारे ज़ख्मों को कुरेदकर उसमें नमक मिर्च तो मत छिड़किए जेटली जी! प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि कानून व्यवस्था की स्थिति को इस तरीके से भाजपा सरकार ने 15 साल में बिगाड़ा है, पूरे तंत्र को प्रदूषित करेगा, उसे सुधारने में कांग्रेस की सरकार प्राणप्रण से जुटी है, लेकिन कुछ वक्त तो लगेगा। भाजपा की सरकार गए, महिना भर ही हुआ है और आप राज्य की नवोदित कांग्रेस सरकार पर आरोप लगा रहे जिसे आपकी सरकार द्वारा 15 वर्षो के कुशासन में तैयार किया गया निकम्मा तंत्र विरासत में मिला है। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि इसे सुधारने में कांग्रेस की सरकार पूरी तरह से लगी हैं और बहुत जल्दी परिणाम राज्य की जनता के सामने होंगें। जेटली जी देश को बताएं कि कांग्रेस ने कहां और कैसे नक्सलियों से गठबंधन किया था? कांग्रेस यदि गठबंधन कर रही थी राज्य में रमन सिंह की सरकार गृहमंत्री रामसेवक पैकरा डीजीपी उस वक्त क्या कर रहे थे? प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली जो बयान दे रहे हैं वह सरासर गलत है और अब तो प्रधानमंत्री और अरुण जेटली देश में सार्वजनिक करें कि अपने 55 महीने के कार्यकाल में नक्सल मुक्ति अभियान में उन्होंने खुद क्या किया। अरुण जेटली की सरकार ने जब नोटबंदी लागू की थी तो उन्होंने कहा था कि इससे माओवादी घटनाओं की रोकथाम हो सकेगी, लेकिन माओवादी घटनाओं में मारे जाने वाले पुलिस जवानों की संख्या लगातार बढ़ती रही, जिसकी अरुण जेटली को नैतिक जिम्मेदारी स्वीकार करना चाहिये। CG 24 News
  • जिस स्कूल व गांव में शिक्षा ग्रहण की थी - मुख्यमंत्री बनने के बाद वह उसी स्कूल पहुंचे भूपेश बघेल
    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिस स्कूल व गांव में शिक्षा ग्रहण की थी - मुख्यमंत्री बनने के बाद वह उसी स्कूल पहुंचे - दुर्ग जिले के ग्राम मर्रा स्थित हाई स्कूल से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शिक्षा ग्रहण की थी - दुर्ग जिले के मर्रा गांव के उसी स्कूल में उनका सम्मान समारोह आयोजित था, उन्होंने शिक्षा के साथ सहपाठियों के साथ बिताए क्षणों और स्कूल के दौर को याद किया - उन्होंने कहा कि मुझ पर इस स्कूल का इतना बड़ा ऋण है कि इस ऋण से मुक्त होना असंभव है - मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहां की व्यवस्था में बदलाव के लिए संघर्ष करना मैंने इसी स्कूल से सीखा है - यहां शिक्षकों की कमी थी, हमने संघर्ष किया तब जाकर यह कमी पूरी हुई - यह सीख हमेशा याद रहीऔर मैं संघर्ष से कभी पीछे नहीं रहा - मुख्यमंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में खेती-किसानी विकसित हो इसीलिए मर्रा में कृषि महाविद्यालय खोलने का निर्णय लिया है - उन्होंने कहा की आज अपने स्कूल में आकर गुरुजनों से आशीर्वाद लेकर और सहपाठियों के साथ बिताए क्षणों को याद कर असीम आनंद की प्राप्ति हो रही है -
  • प्रधानमंत्री ने किया कटाक्ष - सीबीआई के कामों में वे अड़ंगा डाल रहे हैं। अगर उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की है तो फिर वे जांच से डर क्यों रहे हैं ? -

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रायगढ़ के कोड़ातराई में एक विशाल जनसभा को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने कटाक्ष किया कि अगर उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की है तो फिर वे जांच से डर क्यों रहे हैं? -- कांग्रेस के लोगों को ऐसा कोई भी काम रास नहीं आता जिसमें कोई बिचौलिया न हो, दलाल न हो। जिस काम में सब के खाने-खिलाने की गुंजाइश हो, वे काम विपक्ष के लोग करेंगे। नीयत, नेतृत्व और नीति जिनके पास नहीं है, उनसे क्या उम्मीद रखेंगे? सीबीआई के कामों में वे अड़ंगा डाल रहे हैं। अगर उन्होंने कोई गड़बड़ी नहीं की है तो फिर वे जांच से डर क्यों रहे हैं? सीबीआई के काम से, जांच से लोगों को दिक्कत नहीं है, सिर्फ कांग्रेस को ही है। प्रधानमंत्री ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस के लोग भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं और आज अदालतों के चक्कर काट रहे हैं। परिवार के लोग या तो जमानत पर हैं या फिर अग्रिम जमानत लेकर बैठे हैं। केन्द्र सरकार ऐसे तमाम मामलों को कानून के दायरे में लाकर भ्रष्टाचारियों के दलाल  मामाओं-चाचाओं से सारे राज उगलवाने का काम कर रही है। इसलिए वे केन्द्र की भाजपा सरकार  को कोस रहे हैं। सीबीआई से ऐसे लोग ही डर रहे हैं। उन्होंने कहा, मेरा जीवन ऐसा है जिसकी किताब के पन्ने खुलने का मुझे डर नहीं है। CG 24 News

  • कॉंग्रेस को कमीशन खोर की बात आज पीएम ने कही है ,  लेकिन एक साल पहले सीएम रमन सिंह ने अपने कार्यकर्तओं को सम्बोधित करते हुए रायगढ़ में ही  कहा था अगर कार्यकर्ता और नेता एक साल  कमीशनखोरी बन्द कर दें, तो हम सरकार में वापस आ जाएँगे -- क्या हुआ ?

    कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया का बयान - ऐतिहासिक जीत विधानसभा में मिली है , जिसे आगे लोकसभा चुनाव में भी बरकरार रखने चुनाव अभियान समिति, प्रचार समिति, मीडिया समिति सहित कई बैठके हुई - लोकसभा में भी शतप्रतिशत सीट हम जीतेंगे - 15 साल का कोढ़ जो अब ठीक हुआ है - उसे बरकरार रखेंगे पुनिया का बड़ा बयान - पीएम मोदी पर साधा निशाना - कहा - कॉंग्रेस को कमीशन खोर की बात आज पीएम ने कही है , लेकिन एक साल पहले सीएम रमन सिंह ने अपने कार्यकर्तओं को सम्बोधित करते हुए रायगढ़ में ही कहा था अगर कार्यकर्ता और नेता एक साल कमीशनखोरी बन्द कर दें, तो हम सरकार में वापस आजाएँगे -- और ऐसे में फिर उसी जगह पर आकर प्रधानमंत्री का उसके विपरीत भाव से बयान देना कोई नई बात नहीं है - CG 24 News

  • भूपेश सरकार की दिशा भटकी, नारा देने  वाले ही भूले नरवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी को - भाजपा कांग्रेसियों ने चिटफंड कम्पनी की तरह ही पीड़ितों को ठगा - भाजपा
    रायपुर। भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने राज्य सरकार के बजट को निराशा जनक बताते हुए कहा कि कांग्रेस जन घोषणा पत्र को भूल कर आधी अधूरी बातें कर रही है। लगभग 70 वादे कर सरकार में आए भूपेश सरकार ने युवाओं, महिलाओं व सभी वर्गों को छलने का काम किया है। भूपेश सरकार का बजट छत्तीसगढ़ को आगे ले जाने वाला नहीं दिखता और कोई विजन दिखाई पड़ा।
    भाजपा प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कांग्रेस सरकार के पहले बजट को छत्तीसगढ़ को नई ऊंचाई देने में असमर्थ बताते हुए कहा कि बजट की दिशा भटकी हुई है और नरवा, गरुवा, घुरुवा और बाड़ी का नारा खोखला साबित हुआ है। किसानों को कर्ज के नाम पर छलने के बाद बिजली बिल हॉफ करने के वादे से भी सरकार मुकरी। केवल 400 यूनिट तक हॉफ कर सरकार ने घरेलू उपभोक्ता के साथ इंडस्ट्री को भी धोखा दिया है। 10 लाख बेरोजगारों को 2500 रुपए देने का कहीं कोई जिक्र नहीं है, 60 वर्ष वालों को एक हजार व 75 वर्ष वालों को 1500 रु. प्रतिमाह, व विधवाओं को एक हजार रु. प्रतिमाह की बात ना कर भूपेश सरकार ने प्रदेश को ठगने का काम किया है। श्री कौशिक ने कहा कि चिटफंड कम्पनी द्वारा ठगे लोगों को पैसा वापस करने का वादा कर सरकार में आए कांग्रेसियों ने चिटफंड कम्पनी की तरह ही पीड़ित लोगों को ठगने का काम किया है यह अक्षम्य है। 
    भाजपा महामंत्री सुभाऊ कश्यप, गिरधर गुप्ता व संतोष पाण्डेय ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने पहले बजट में चुनावी वादों पर खरी नहीं उतरी है। कांग्रेस पार्टी 55 साल राज्य करने के अपने पुराने ट्रैक पर वापस आ गयी है। जिस प्रकार गरीबी हटाओ के नारा को कभी पूरा नहीं कर पाए वैसे ही जन घोषणा पत्र को पूरा करने की क्षमता सरकार में नहीं दिख रही है। लगभग 200 फूड पार्क की बात करने वाले केवल 5 फूड पार्क के लिए 50 करोड़ का प्रावधान किया गया है जिससे स्पष्ट है किसानों को कर्जमाफी की तरह उनके उत्पादों की फूड पार्क में प्रोसेसिंग कर संरक्षित करने के वादे से भी हाथ उठाते दिख रहे हैं। कांग्रेस पार्टी की सरकार अपने पहले बजट में ही अनुत्तरित हो गई है।
    भाजयुमो अध्यक्ष विजय शर्मा व महामंत्री संजु नारायण सिंह ने राज्य बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि युवाओं के लिए इस बजट में कुछ भी नहीं है। ना ही बेरोजगारी भत्ते पर कुछ प्रावधान है, ना ही युवाओं के रोजगार के लिए कोई रोड मैप दिखता है। 10 लाख बेरोजगारों को भत्ता देने की बात कर युवाओं का वोट पाने वाले अब मुकर गए। यह शर्मनाक है। बजट में शिक्षा कर्मी युवा भाई बहनों के साथ 2 वर्ष के बाद नियमितीकरण करने के लिए भी कोई चर्चा नहीं की गई। यह साफ तौर पर युवा, भाई बहनों के साथ धोखा है। 
    भाजपा महिला मोर्चा अध्यक्ष श्रीमती पूजा विधानी ने कहा कि चुनाव में महिलाओं के वोट पाने के लिए पूर्ण शराबबंदी व महिला स्वसहायता समूह का सभी कर्जा माफ करने की बात की थी लेकिन बजट में इन दोनों बातों का कहीं कोई जिक्र नहीं किया गया है। जनघोषणापत्र बनाने वाले छत्तीसगढ़ शासन में मंत्री टी.एस. सिंहदेव के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महिलाओं के साथ अन्याय किया है। छत्तीसगढ़ सरकार का बजट पूर्ण रुप से फ्लाप शो रहा है। यह सरकार अपने वादे से भागती दिख रही है। 
    किसान मोर्चा अध्यक्ष पूनम चंद्राकर एवं पूर्व अध्यक्ष संदीप शर्मा ने कहा कि नरवा, तालाब, बाड़ी पर हमारी सरकार ने पूर्व में ही कार्य किया है, हजारों गांवों के नरवा को बांधकर पानी का ना केवल संचय किया गया बल्कि गर्मी में भी ग्रामीण जनों एवं पशु को पानी मिलते रहे इसके लिए नरवा, तालाब के, गांव के गौठान जिसे हम ‘दइहान‘ करते हैं को कीचड़ मुक्त करने सभी स्थानों में मुरम का भराव किया है एवं पेयजल हेतु पहले से ही नलकूप लगाये गये हैं। प्रदेश के लगभग 10 लाख बुजुर्ग किसानों को 1500 रु. प्रतिमाह पेंशन देने का वादा कर सत्ता में आयी इस सरकार ने बुजुर्गों के लिए ‘चवन्नी‘ का प्रावधान नहीं किया उल्टे अपने विधायकों को मिलने वाली राशि को एक करोड़ से बढ़ा कर सीधा दो करोड़ कर दिया अर्थात अपनी व्यवस्था पहले कर ली।
  • छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार का पहला बजट पेश - 32 पेज और 117 कालम के बजट में कोई नया टैक्स नहीं - मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया पेश

    अध्यक्ष महोदय, 2019-20 के लिए कोई नया कर प्रस्ताव नहीं है।  ---- कृषि लागत मूल्य मे कमी लाने के लिए हमारी सरकार ने पहला कदम उठाया है किसानो को पुराने कर्जों के कुचक्र से मुक्ति दिलाने का। इसी उद्देश्य से हमारी सरकार ने ग्रामीण बैंक एवं सहकारी बैंको ं के 6 हजार 230 करोड़ के अल्पकालीन कृषि ऋण को माफ करने का निर्णय पिछले 17 दिसम्बर को लिया था और अब हमने सार्वजनिक क्षेत्र के व्यावसायिक बैंको से लिये गये लगभग 3 4 हजार करोड़ के अल्पकालीन कृषि ऋणों को भी माफ करने का निर्णय लिया है। कृषि ऋण की माफी के लिए तीसरे अनुपूरक बजट में हमारी सरकार ने 4 हजार 224 करोड़ की राशि का प्रावधान किया था और शेष राशि के लिए हमने इस बजट में भी समुचित प्रावधान किया है। ----- वर्ष 2019-20 हेतु कुल प्राप्तियां 91 हजार 542 करोड के विरूद्व शुद्व व्यय 90 हजार 909 करोड़ अनुमानित है। इन वित्तीय संव्यवहारों के फलस्वरूप 632 करोड़ की बचत अनुमानित है। वर्ष 2018-19 के संभावित घाटा 5 हजार 344 करोड़ को शामिल करते हए वर्ष 2019-20 के अंत में 4 हजार 711 करोड का बजट घाटा अनुमानित है। पुलिस विभाग में जिला कार्यपालिक बल के आरक्षक से लेकर निरीक्षक स्तर तक के अमले का रिस्पांस-भत्ता दिया जायेगा। इसके लिए बजट में 45 करोड़ 84 लाख का प्रावधान किया गया है।  प्राकृतिक अथवा मानवजनित आपदा की स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश में तैनात एसडीआरएफ के जवानों को मानदेय के 50 प्रतिशत की दर से जोखिम भत्ता दिया जायेगा। इसके लिए 2 करोड़ का बजट प्रावधान है।  पुलिस बल की विभिन्न शाखाओं में कर्मचारियों की कमी दूर करने के लिए 2 हजार नवीन पदों के सृजन का प्रावधान किया गया है।  5 नवीन थाने तथा चैकी का थाने में उन्नयन हेतु 10 करोड़ का प्रावधान है। 5 थाना ेंतथा 20 चैकी भवन के निर्माण हेतु 12 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है। रायपुर केन्द्रीय जेल में कैदियों की संख्या तथा जेल भवन के निर्माण हेतु अतिरिक्त स्थान के अभाव को देखते हुए नवीन केन्द्रीय जेल की स्थापना की जायेगी। बिलासपुर में 1 हजार 500 बंदी क्षमता वाली विशेष जेल तथा बेमेतरा में 200 बंदी क्षमता वाली खुली जेल का निर्माण किया जायेगा। न्यायालय भवन एवं आवासीय भवनों के निर्माण के लिए 140 करोड़ का प्रावधान है।  50 सिविल न्यायधीश र्वग - 2 न्यायालय की स्थापना की जायगी। इसके लि, 10 करोड़ का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा सम्पूर्ण विवरण जानने के लिए लिंक को क्लिक करें -

     http://dprcg.gov.in/uploads/file/26D5A3FFCD5EC8EB1915308780011DF8.52.pdf

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