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छत्तीसगढ़ी में करोना शपथ 01-Sep-2020
प्रदेश के स्वास्थय मंत्री टीएस सिंहदेव ने ट्वीट करके छत्तीसगढ़ी में करोना से बचाव के लिए शपथ लेकर स्वयं अपने परिवार तथा पूरे समाज को इस बिमारी से बचाने का निर्णय लिया है -
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देश कोरोना से लड़ रहा मोदी कुत्तो की नस्ल सुधारने फिक्रमंद -कांग्रेसकोरोना काल मे देश को लग ही नही रहा देश मे केंद्र सरकार भी हैरायपुर/31 अगस्त 2020। कांग्रेस ने कहा देश मे रोज 80 हजार लोग कोरोना से बीमार हो रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुत्तो की नस्ल सुधारने के लिए फिक्र मन्द हो रहे। प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अगस्त रविवार को प्रसारित मन की बात के अपने उद्बोधन में यह साबित कर दिया कि उनके मन में देशवासियों की कोई फिक्र नही है। मोदी ने अपने मन की बात इधर-उधर की बहुत बातें की लेकिन कोरोना बीमारी से बचाव के लिए उनकी सरकार द्वारा क्या उपाय किये गए है इसके बारे में एक शब्द भी नही कहा। देश की जनता को लग ही नही रहा की कोरोना काल में उनके साथ केंद्र सरकार भी है। जब देश और दुनिया कोरोना के वेक्सीन का इंतजार कर रही है ऐसे समय मोदी खिलौने और उसके अविष्कार और उत्पादन पर ध्यान केंद्रित किये हुए हैं।प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश में 36 लाख लोग कोरोना की चपेट में आ चुके है 65 हजार लोगों की मौते हो चुकी है आज भारत प्रतिदिन कोरोना पीड़ितों के मामले में दुर्भाग्यपूर्ण पहले नम्बर पर पहुंच गया है। ऐसे समय देश के प्रधानमंत्री देश की जनता को राहत पहुंचाने की बात करने के बजाय भारत की विविधता और देश मे भादों और क्वार महीने में मनाए जाने वाले त्योहारों का बखान करने में आत्म मुग्ध हो रहे है। देश की जनता को अपेक्षा थी कि प्रधानमंत्री मन की बात में भारत में होने वाली कुल टेस्टिंग के बारे में बताएंगे, कोरोना से देश भर में तैयार बिस्तर चिकित्सा सुविधा वेंटिलेटर आदि पर बात करेंगे लेकिन मोदी तो एक बार फिर चिरपरिचित अंदाज में जुमले बाजी कर गए।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कोरोना से निपटने थाली ताली पिटवाने मोमबत्ती जलाने के बाद मोदी ने कोरोना के पीक समय में देश के राष्ट्रीय प्रसार माध्यमो में आ कर जिस प्रकार की उदासीनता और लापरवाही दिखाई है वह अक्षम्य और अस्वीकार्य है। आज देश का हर नागरिक इस वैश्विक महामारी के कारण संकट में है लोगो के रोजगार चले गए है। आमदनी के साधन चले गए है ऐसे समय देश का प्रधानमंत्री उनको मुंह चिढ़ा रहा है।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा ठीक है कोरोना वैश्विक महामारी है लेकिन भारत मे इसके विकराल रूप तक पहुँचने में कहीं न कही मोदी सरकार की लापरवाही भी जिम्मेदार है। जनवरी में जब विदेश से आने वालों की हवाई अड्डे में स्क्रीनिंग कर क्वारेंटाइन करने की जरूरत थी तब मोदी सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार बनाने के लालच और नमस्ते ट्रम्प की वाहवाही में देश को खतरे में डाल दिया और आज जब कोरोना से लड़ाई की बात आई तो राज्यो को स्वतंत्रता देने के नाम पर खुद पल्ला झाड़ लिया सारी जिम्मेदारी राज्यो पर डाल कर केंद्र बेफिक्र हो गया है ।
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देश में अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानें 30 सितंबर तक कैंसिल, दूसरे देश के यात्री भारत भी नहीं आएंगे 31-Aug-2020
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्कूल और कॉलेजों को फिलहाल 30 सितंबर 2020 तक बंद रखने का फैसला किया गया है.
नई दिल्ली: देश में एक सितंबर से अनलॉक-4 शुरू हो रहा है. एक सितंबर से 30 सितबंर तक जारी अनलॉक-4 में भी अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों को भी अनुमति नहीं दी जाएगी. यात्री न ही देश के बाहर सफर कर सकते हैं और न ही दूसरे देश के यात्री अपने देश में आ सकते हैं. हालांकि सरकार की ओर चलाए जा रहे विशेष विमान की सेवा जारी रहेगी.
अनलॉक-4 की गाइडनाइन्स
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए स्कूल और कॉलेजों को फिलहाल 30 सितंबर 2020 तक बंद रखने का फैसला किया गया है. हालांकि कंटेनमेंट जोन से बाहर क्लास 9 से 12 के छात्र स्वेच्छा से शिक्षकों से गाइडेंस लेने के लिए अपने स्कूल जा स्कते हैं. सिनेमा हॉल, स्वीमिंग पूल, एंटरटेनमेंट पार्क, थियेटर (ओपन एयर थियेटर को छोड़कर) और इस तरह की जगहों पर गतिविधियां प्रतिबंधित रहेंगी. सात सितंबर से देशभर में मेट्रो सेवा बहाल करने की इजाजत दे दी गई है. वहीं, 21 सितंबर से 100 व्यक्तियों की अधिकतम सीमा के साथ सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक कार्यक्रमों की अनुमति होगी. मार्च से बंद ‘बार’ एक सितंबर से पुन: खोले जा सकेंगे.गृह मंत्रालय ने एक निर्देश में कहा कि राज्य सरकारें केंद्र से परामर्श किए बगैर स्थानीय लॉकडाउन लागू नहीं करेंगी. ये निर्देश इसलिए अहम है क्योंकि देशभर में अनेक राज्य सरकारों ने कुछ जगहों पर और सप्ताहांत में लॉकडाउन लगा रखा है.
अनलॉक-4 के लिए जारी किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार, 21 सितंबर से 100 व्यक्तियों की अधिकतम सीमा के साथ सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक कार्यक्रमों की अनुमति दी जाएगी. इस तरह के कार्यक्रमों में मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालन करना, थर्मल स्कैनिंग और हाथ धोना या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना आवश्यक होगा. राजनीतिक और अन्य कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति बिहार विधानसभा चुनावों से पहले दी गई है. बिहार में अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं.
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प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर एवं प्रभारी महामंत्री ( संगठन ) चंद्रशेखर शुक्ला ने की पुष्टि -
राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के अधिकृत प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह -
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर प्रदेश के उद्योगपतियों - अधिकारियों के सामने असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है - क्योंकि छत्तीसगढ़ प्रदेश में इंटक के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर तीन तीन लोग दावा कर रहे हैं कि वे ही अध्यक्ष हैं |संजय सिंह- राकेश बैस और दीपक दुबे अपने आप को इंटक का प्रदेश अध्यक्ष बताते हैं -इस संबंध में जब हमने पूरी जानकारी एकत्रित की तो स्पष्ट हुआ कि प्रदेश में इंटक के अधिकृत प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह हैं, जिनकी नियुक्ति कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी द्वारा नियुक्त राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर जी. संजीवा रेड्डी के द्वारा की गई है - इसकी पुष्टि प्रदेश कांग्रेश कमेटी के प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर एवं प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रभारी महामंत्री संगठन चंद्रशेखर शुक्ला ने पत्र के माध्यम से की है -जब हमने राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह से बात की तो उन्होंने सप्रमाण संपूर्ण जानकारी के माध्यम से हमें बताया कि उनकी शिकायत पर जांजगीर-चांपा में दीपक दुबे के खिलाफ धारा 419 , 468 और 469 के तहत 20 अगस्त 2020 को जुर्म दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है -इंटक के प्रदेश अध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने बताया कि मैं राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक नई दिल्ली का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक का प्रदेश अध्यक्ष हूं और शासन द्वारा गठित क्षेत्रीय भविष्य निधि संगठन की सलाहकार समिति में बतौर सदस्य मनोनीत हूं जिसकी पुष्टि के लिए उन्होंने भारत के राज पत्र संख्या 1031, दिनांक 21 फरवरी 2014 की प्रति प्रस्तुत की है -उन्होंने बताया कि वह भारत सरकार श्रम मंत्रालय के केंद्रीय सलाहकार समिति में इंटक के राष्ट्रीय सचिव की हैसियत से भी सदस्य हैं और उन्हें प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन रायपुर में कार्यालय हेतु कमरा आवंटित किया गया है -संजय सिंह ने बताया की राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक का केंद्रीय एवं प्रशासनिक कार्यालय श्रमिक केंद्र, 4 भाई वीर सिंह मार्ग नई दिल्ली मैं स्थित है इसके अलावा राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक का कोई भी प्रशासनिक कार्यालय नहीं है - इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर जी. संजीवा रेड्डी हैं जो अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी के सदस्य एवं भूतपूर्व राज्यसभा सांसद रह चुके हैं -संजय सिंह ने बताया कि 17 मार्च 2019 को रायपुर में भारतीय राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में देश के विभिन्न प्रदेशों से निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर जी संजीवा रेड्डी, राष्ट्रीय सचिव बिहार इंटक के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सिंह, यूथ इंटक के राष्ट्रीय चेयरमैन संजय गाबा, श्रम मंत्री डॉक्टर शिव डहरिया, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, विधायक सतनारायण शर्मा, विकास उपाध्याय की उपस्थिति में डॉक्टर जी संजीवा रेड्डी को इंटर का राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित किया गया था एवं छत्तीसगढ़ इंटक के राज्य कार्यसमिति की बैठक में सामान्य सभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा संजय सिंह को इंटक का प्रदेश अध्यक्ष निर्वाचित किया गया -संजय सिंह के अनुसार संस्था की वैधानिकता से संबंधित किसी भी प्रकार का वाद किसी भी न्यायालय में लंबित नहीं है - उन्होंने बताया की राकेश बैस - दीपक दुबे - अशोक चौधरी - स्वामीनाथ जयसवाल - टिकेंद्र ठाकुर - गोपाल कृष्ण त्रिपाठी - संजय तिवारी - अमित मिश्रा रजनीश सेठ - ललित मिश्रा - राकेश मिश्रा - के सूरज - भवानी सिंह मरकाम - दिनेश यादव एवं अन्य व्यक्तियों के द्वारा हमारी संस्था के वैधानिक दस्तावेजों का छल पूर्वक, कूट रचना कर संघ को हानि एवं स्वयं लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से किए जा रहे कृत्य के अलावा अन्य संज्ञेय अपराध के लिए उपरोक्त सभी के खिलाफ रायपुर के सिविल लाइन थाना में 17 जून 2020 को शिकायत कर जुर्म दर्ज करने की मांग की गई है - -
प्रधानमंत्री ने कहा कि जन धन योजना की बदौलत कई परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो गया है. मैं उन सभी लोगों की सराहना करता हूं, जिन्होंने योजना को सफल बनाने के लिए अथक परिश्रम किया है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री जनधन योजना की शुरूआत को छह साल पूरे हो गए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना को गेम चेंजर करार दिया है. उन्होंने शुक्रवार को छठी वर्षगांठ पर इस योजना की उपलब्धियों से जुड़े आंकड़े भी जारी किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आज, छह साल पहले, प्रधानमंत्री जनधन योजना को बैंकिंग के महत्वाकांक्षी उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था. यह पहल एक गेम चेंजर रही है, जो कई गरीबी उन्मूलन पहलों के लिए आधार के रूप में काम करती है, जिससे करोड़ों लोगों को लाभ होता है."
पीएम ने योजना से जुड़े आंकड़ों का चार्ट भी जारी किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना की उपलब्धियां बताने के लिए ट्वीट कर योजना से जुड़े आंकड़ों का चार्ट भी जारी किया है. जिसके मुताबिक, अगस्त 2020 तक देश में कुल 40.35 करोड़ खाते खुल चुके हैं, जबकि पिछले साल अगस्त 2019 तक यह आंकड़ा 36.79 करोड़ था. 63 प्रतिशत बैंक खाते गांवों में खुले हैं. सर्वाधिक 55.2 प्रतिशत खाते महिलाओं के हैं. इस योजना के तहत दो लाख रुपये की निशुल्क दुर्घटना बीमा के साथ डेबिट कार्ड भी जारी किए गए हैं.
पीएम ने कहा- यह पहल ‘‘बदलाव लाने वाली” रही है
‘जन धन’ योजना की छठी वर्षगांठ के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि यह पहल ‘‘बदलाव लाने वाली” रही है और यह गरीबी उन्मूलन के लिए उठाए गए कदमों की नींव साबित हुई है. भारतीय जनता पार्टी के 2014 में सत्ता में आने के बाद, यह सरकार की पहली बड़ी योजना थी जिसके तहत करोड़ों लोगों खासकर गरीबों के बैंक खाते खोले गए.
ये योजना गरीबी उन्मूलन की कई पहलों की नींव साबित हुई
प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा, “आज के दिन, छह साल पहले, प्रधानमंत्री जनधन योजना बिना खाते वालों को बैंकों से जोड़ने के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ शुरू की गई थी. यह पहल महत्त्वपूर्ण बदलाव लाने वाली रही, गरीबी उन्मूलन की कई पहलों की नींव साबित हुई और इसने करोड़ों लोगों को लाभ पहुंचाया.
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भारत द्वारा कोविड-19 से निपटने के लिए परीक्षण,पहचान और उपचार करने की नीति पर ध्यान केंद्रित करने और लगातार उच्चस्तरीय परीक्षण से इस बीमारी की प्रारंभिक स्तर पर ही पहचान करना संभव हुआ है। समय पर पहचान होने से कोविड रोगियों को अलग रखने और पॉजिटिव मामले वाले व्यक्तियों को अस्पताल में भर्ती कराने से उन्हें उचित उपचार का अवसर मिला है। इसके चलते कोविड से कम लोगों की मृत्यु हुई है और लोग तेजी से स्वस्थ हुए है।
केंद्र सरकार की इस नीति के चलते भारत में अब तक 3.9 करोड़ लोगों की कोविड जांच हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में 9,24,998 परीक्षण किए गए। इसके साथ ही अब तक 3,85,76,540 परीक्षण हो चुके हैं।
कोविड रोगियों के स्वस्थ होने और अस्पताल से छुट्टी मिलने तथा हल्के तथा मध्यम लक्षण वाले रोगियों के घर से एकांतवास में स्वस्थ होने के कारण देश भर में कोविड से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या 25 लाख से अधिक हो गई है। 25,23,771 रोगियो के स्वस्थ होने के पीछे केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई नीति का प्रभावी क्रियान्यवन और राज्यों द्वारा इसका अनुपालन करना है। बीते 24 घंटे में 56,013 लोग कोविड से ठीक हुए हैं। भारत में कोविड से स्वस्थ होने की दर अब 76.24 प्रतिशत है।
देश में सक्रिय स्वास्थ्य देखभाल में 7,25,991मामले के मुकाबले लगभग 18 लाख(17,97,780)लोग स्वस्थ हुए हैं। कोविड से लोगों के लगातार बड़ी संख्या में स्वस्थ होने से अब कुल पाजिटिव मामलों में से सक्रिय मामले 21.93 प्रतिशत रह गए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रोटोकॉल में निर्धारित देखभाल के मानकों पर ध्यान केंद्रित करते हुए आईसीयू और अस्पताल में कुशल डॉक्टर, एंबुलेंस सेवा में सुधार,कम तेजी से फैलने वाली ऑक्सीजन के प्रयोग और जांच प्रक्रिया के प्रयोग से राष्ट्रीय कोविड मृत्यु दर में गिरावट जारी है। यह ओर गिरकर 1.83 प्रतिशत रह गई है। कोविड से स्वस्थ होने के राष्ट्रीय औसत के अनुपात में दस राज्य और संघ शासित प्रदेशो का प्रदर्शन बेहतर है।
देश भर में कोविड की जांच करने वाली प्रयोगशालाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है। देश भर में अब 1550 कोविड जांच प्रयोगशाला हैं।इनमें से 993 सरकारी और 557 निजी प्रयोगशालाएं हैं।
इन प्रयोगशालाओं का विवरण निम्नलिखित है-
रियर टाइम आर टी पीसीआर आधारित जांच प्रयोगशालाएं 795 ( सरकारी-499,निजी 335)
ट्रूनेट आधारित जांच प्रयोगशालाएं 637(सरकारी -499,निजी 138)
सीबीएनएएटी आधारित जांच प्रयोगशालाएं 118 ( सरकारी- 34, निजी- 84)
कोविड-19 संबंधी तकनीकी मुद्दो पर प्रामाणिक और ताजा जानकारी,दिशा-निर्देश और सलाह के लिए कृपया नियमित रुप से https://www.mohfw.gov.in और @MoHFW_INDIAपर जाएं।
कोविड संबंधी तकनीकी पूछताछ के लिए technicalquary.covid19@gov.in तथा अन्य जानकारी के लिए ncov2019@gov.in और @CovidIndiaSevaपर संपर्क करें।
कोविड-19 संबंधी किसी भी जानकारी के लिए स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के फोन नंबर 91-11-23978046 या टोल फ्री नंबर 1075 पर कॉल करें। कोविड-19 पर राज्यो और संघशासित प्रदेशो के हेल्पलाइन नंबर की सूची https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronavirushelplinemumber.pdf पर भी उपलब्ध है।
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जिस समय आप ताली बजवा रहे थे, जब आप थाली बजवा रहे थे, जब आप मोमबत्ती जलवा रहे थे - तब हम यह सब कर रहे थे - CM 28-Aug-2020
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सदन में किये उदगार का विडिओ
अजय चंद्राकर को सम्बोधित करते हुए भाजपा को दिया जवाब -हम बताते हैं..
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 27, 2020
जिस समय आप "ताली" बजवा रहे थे
जब आप "थाली" बजवा रहे थे
जब आप "मोमबत्ती" जलवा रहे थे
तब हम यह सब कर रहे थे। pic.twitter.com/NzHOVUEgIYहम बताते हैं
जिस समय आप "ताली" बजवा रहे थे
जब आप "थाली" बजवा रहे थे
जब आप "मोमबत्ती" जलवा रहे थे
तब हम यह सब कर रहे थे। -
*छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र का तीसरा दिन,सदन में गूंजा शराब से आय-गुणवत्ता का मुद्दा* छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही में प्रश्नकाल के दौरान प्रदेश में मदिरा विक्रय से प्राप्त राजस्व का मामला उठा। कांग्रेस विधायक संतराम नेताम के शराब बिक्री से प्राप्त लाभ को लेकर पूछे गए सवाल का आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने जवाब दिया। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 से जून 2020 तक शासन को शराब के विक्रय से 6831 करोड़ 71 लाख 79 हजार 63 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 337 देशी एवं 321 विदेशी शराब दुकानें संचालित हैं। इसके अलावा उन्होंने शराब दुकानों में विदेशी मदिरा पूर्ति के लिए खरीदी की देशी विदेशी कंपनियों की जानकारी भी उपलब्ध कराई। आबकारी मंत्री ने बताया कि दो करोड़ 17 लाख 85 हजार 66 प्रूफ लीटर देसी मदिरा की खरीदी की गई। जबकि विदेशी मदिरा स्प्रिट की खरीदी एक करोड़ 59 लाख 10 हजार 529 लीटर की गई। विदेशी मदिरा माल्ट की खरीदी 84 लाख 47 हजार 89 लीटर की गई... सदन में चर्चा के दौरान भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने कहा कि शराब में पैसा भी जा रहा है नशा भी नहीं चढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ की हालत खराब है। शराब बेचनी है तो अच्छी शराब बेचें। इसके पहले नेता पतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने पानी मिलकर शराब बेचने और अधिकारियों पर कारवाई न करने का मामला उठाया था। मंत्री कवासी लखमा ने मामले को दिखवाने का आश्वासन दिया।
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कोविड संक्रमण का शुरुआती स्तर पर पता लगाने के लिए समय रहते की गई प्रभावी जांच ने इस महामारी से निपटने की भारत की रणनीति में अहम भूमिका निभाई है।
‘‘टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट”की केंद्र की नीति तथा राज्य/केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों के सहयोगात्मक प्रयासों के जरिए भारत प्रतिदिन 10 लाख कोविड जांच की क्षमता प्राप्त करने के लिए अपने बुनियादी ढाँचे में लगातार विस्तार कर रहा है।
सप्ताह के औसत जांच आंकड़े इस दिशा में केन्द्र और राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों की ओर से किए जा रहे ठोस सतत प्रयासों का संकेत दे रहे हैं। देश में अबतक कुल कोविड जांच 3,76,51,512 पर पहुंच गई है जिसमें से 8,23,992 जांच पिछले 24 घंटे में की गई हैं। लगातार व्यापक स्तर पर की जा रही ऐसी जांच से शुरुआती स्तर पर ही संक्रमण का पता लगाने में मदद मिल रही है जिससे संक्रमित लोगों को तत्काल उपचार के लिए अस्पतालों या घरों में पृथक रखने की व्यवस्था करने में आसानी हो रही है। इससे मृत्यु दर को भी कम बनाए रखने में मदद मिल रही है।
देश भर में आसानी से परीक्षण के लिए नैदानिक प्रयोगशालाओं के व्यापक नेटवर्क ने जांच सुविधाओं को बढ़ाने में काफी मदद की है। इससे प्रति दस लाख आबादी पर जांच की संख्या तेजी से बढ़ते हुए 27,284 पर पहुंच चुकी है।
परीक्षण प्रयोगशालाओं के बढ़ते नेटवर्क ने देश भर में परीक्षण सुविधाओं को और बेहतर बनाया है। आज के समय में देश में कोविड जांच के लिए कुल 1540 प्रयोगशालाएं है जिनमें सरकारी क्षेत्र की 992और निजी क्षेत्र की 548प्रयोगशालाएं शामिल हैं। इनमें
• रियल टाइम आरटी पीसीआर पदद्धति से जांच करने वाली 790 प्रयोगशलाएं हैं जिनमें
से 460 सरकारी और 330 निजी हैं
• ट्रुनेट नैट आधारित जांच वाली प्रयोगशलाओं की कुल संख्या 632 है जिनेमं से 498
सरकारी और 134 निजी प्रयोगशालाएं हैं
• सीबीनैट आधारित जांच वाली प्रयोगशलाओं की संख्या 118 है इमें से 34 सरकारी क्षेत्र
की और 84 निजी क्षेत्र की प्रयोगशलाएं हैं
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भारत ने टेस्ट, ट्रैक, ट्रीट रणनीति को अपनाते हुए सफलतापूर्वक लगभग 3.7 करोड़ टेस्ट कर लिए 26-Aug-2020
भारत ने ‘टेस्ट, ट्रैक एवं ट्रीट’ रणनीति पर फोकस करते हुए अब तक कुल मिलाकर लगभग 3.7 करोड़ कोविड-19 सैंपल का परीक्षण (टेस्ट) किया है। दैनिक टेस्ट की संख्या तेजी से बढ़ाने के भारत के दृढ़संकल्प से अब तक कुल टेस्ट का आंकड़ा 3,68,27,520 के स्तर पर पहुंच गया है।
पिछले 24 घंटों में 9,25,383 टेस्ट होने के साथ ही ‘टेस्ट प्रति मिलियन’ अब और तेजी से बढ़कर 26,685 के उच्च स्तर पर पहुंच गया है।
समय पर मरीजों की पहचान, त्वरित आइसोलेशन और प्रभावकारी उपचार की दिशा में पहले कदम के रूप में तेज गति से टेस्ट किए जाने से संक्रमण के फैलाव को सीमित करना भी संभव हो पाया है।
पुणे में एकल लैब (प्रयोगशाला) से शुरुआत होने के बाद से लेकर अब तक भारत के टेस्टिंग लैब नेटवर्क का व्यापक विस्तार हुआ है और आज इसमें कुल मिलाकर 1524 लैब हैं। 986 लैब सरकारी क्षेत्र में और 538 लैब निजी क्षेत्र में हैं। इनमें निम्नलिखित शामिल है:
• वास्तविक समय में आरटी पीसीआर आधारित टेस्टिंग लैब: 787 (सरकारी: 459 + निजी: 328)
• ट्रूनैट आधारित टेस्टिंग लैब : 619 (सरकारी: 493 + निजी: 126)
• सीबीनैट आधारित टेस्टिंग लैब: 118 (सरकारी: 34 + निजी: 84)
कोविड-19 से संबंधित तकनीकी मुद्दों पर समस्त प्रामाणिक एवं अद्यतन जानकारियों, दिशा-निर्देशों और एडवाइजरी के लिए कृपया नियमित रूप से यहां जाएं: https://www.mohfw.gov.in/ and @MoHFW_INDIA
कोविड-19 से संबंधित तकनीकी प्रश्न technicalquery.covid19@gov.in पर और अन्य प्रश्न ncov2019@gov.in तथा @CovidIndiaSeva पर भेजे जा सकते हैं।
कोविड-19 से संबंधित किसी भी प्रश्न का उत्तर जानने के लिए कृपया स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर: +91-11-23978046 अथवा 1075 (टोल-फ्री) पर कॉल करें। कोविड-19 पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के हेल्पलाइन नंबरों की सूची https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronvavirushelplinenumber.pdf पर भी उपलब्ध है।
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जेईई मेन और नीट परीक्षा के आयोजन को लेकर जमकर विरोध हो रहा है. छात्रों समेत कई राजनीतिक और बॉलीवुड हस्तियां भी परीक्षा को स्थगित करने की मांग कर रही हैं. जानिए जेईई और नीट परीक्षा को लेकर देश में इतना बवाल क्यों हो रहा है?
नई दिल्ली: जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) और नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) परीक्षा के आयोजन को लेकर विरोध बढ़ता ही जा रहा है. परीक्षा में अब दस दिनों से भी कम समय बचा है और सुप्रीम कोर्ट ने भी जेईई मेन और नीट परीक्षा आयोजित कराने के लिए अनुमति दे दी है. लेकिन इन सबके बाद भी जेईई मेन और नीट परीक्षा के आयोजन को लेकर जमकर विरोध हो रहा है. छात्रों समेत कई राजनीतिक और बॉलीवुड हस्तियां भी परीक्षा को स्थगित करने की मांग कर रही हैं. जानिए जेईई और नीट परीक्षा को लेकर देश में इतना बवाल क्यों हो रहा है और ताजा अपडेट क्या है.
सिलसिलेवार समझें- क्यों हो रहा है विवाद?
- सुप्रीम कोर्ट में परीक्षा न कराने के लिए डाली गई याचिका
दरअसल देश में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामले को देखते हुए कई छात्रों ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की तीन जुलाई 2020 को जारी किए गए उस नोटिस को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसमें जेईई मेंस और नीट की प्रवेश परीक्षाओं को आयोजित कराने सम्बन्धी शेड्यूल जारी किया गया था. इन छात्रों का कहना था कि कोरोना संक्रमण से स्थिति सामान्य होने के बाद ही इन परीक्षाओं को आयोजित किया जाना चाहिए. ये याचिका 6 अगस्त को दायर की गई थी.
इस याचिका में यह भी आरोप लगाया गया था कि संबंधित प्राधिकारियों ने बिहार, असम और पूर्वोत्तर राज्यों में बाढ़ की विभीषिका से प्रभावित लाखों छात्रों की स्थिति को नजरअंदाज करते हुए परीक्षाएं आयोजित करने का फैसला लिया है. इन राज्यों में ऑनलाइन या ऑफ लाइन परीक्षायें आयोजित करना संभव नहीं होगा.
- फिर सुप्रीम कोर्ट में परीक्षा तय वक्त पर कराने के लिए डाली गई याचिका
इसके बाद स्टूडेंट्स के अभिभावकों की एक एसोसियशन ‘गुजरात पैरेंट्स एसोसिएशन’ ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करके परीक्षा तय समय पर ही कराने की मांग की. अभिभावकों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को यह निर्देश दे कि वह छात्र हित में इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन और मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट को सितंबर में तय शेड्यूल पर ही करवाए. एसोसिएशन ने अपनी याचिका में कहा था कि ‘इन्हीं प्रवेश परीक्षाओं से छात्रों के कैरियर की दिशा तय होती है. परीक्षा तिथि के बढ़ने से उन्हें न केवल एक अकादमिक वर्ष का नुकसान उठाना पडेगा, बल्कि आगे चलकर उन्हें प्रोफेशनल करियर में भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. इसलिए तय समय पर ये परीक्षाएं होनी चाहिए.’
- सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा न कराने को लेकर दायर सभी याचिकाएं खारिज की
इसके बाद 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने परीक्षा न कराने को लेकर दायर सभी याचिकाएं खारिज कर दी. जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा की बेंच ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण देश में सब-कुछ नहीं रोका जा सकता है. कोर्ट ने तीखी टिप्पड़ी करते हुए कहा कि क्या देश में सब-कुछ रोक दिया जाए? और बच्चों के एक कीमती साल को यूं ही बर्बाद हो जाने दिया जाए?
- राजनीतिक हस्तियों ने केंद्र से परीक्षा टालने की मांग की
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जेईई-नीट परीक्षा कराने के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट हो गया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी से लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, बिहार में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए परीक्षाएं रद्द करने की मांग की. कई नेताओं ने इस बाबत पीएम मोदी को पत्र भी लिखा.
- ताजा अपडेट क्या है?
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने साफ कर दिया है कि किसी भी सूरत में परीक्षा को और नहीं टाला जा सकता. नीट और जेईई मेन परीक्षा अपने तय समय पर ही होगी. जेईई और नीट परीक्षाओं के लिए कल देर रात केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्यवार सेंटरर्स की लिस्ट जारी कर दी है. शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी लिस्ट में जेईई परीक्षा के सेंटर्स 570 से बढ़ाकर 660 कर दिए हैं. जबकि नीट परीक्षा के सेंटर्स 2846 से बढ़ाकर 3843 कर दिए गए हैं.
- जेईई मेन परीक्षा के लिए नंबर ऑफ शिफ्ट्स भी बढ़ी
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, जेईई मेन परीक्षा के लिए नंबर ऑफ शिफ्ट्स भी बढ़ा दी गईं हैं. पहले परीक्षा के लिए आठ शिफ्ट तय थीं जो अब बढ़ाकर बारह कर दी गई हैं. यही नहीं प्रति शिफ्ट कैंडिडेट्स की संख्या घटाकर 1.32 लाख से 85,000 कर दी गई है.
- 99 फीसदी कैंडिडेट्स को उनका चुना हुआ टेस्ट सेंटर दिया गया
जेईई मेन परीक्षा का एडमिट कार्ड रिलीज हो चुका है. संभावना है कि नीट 2020 परीक्षा का एडमिट कार्ड भी इसी हफ्ते रिलीज हो जाएगा. एनटीए ने एडमिट कार्ड रिलीज होने के साथ ही यह भी कहा है कि तकरीबन 99 फीसदी कैंडिडेट्स को उनका चुना हुआ टेस्ट सेंटर दिया गया है. यही नहीं परीक्षा के दौरान सभी सेफ्टी मेजर्स भी फॉलो किए जाएंगे. एनटीए ने कहा, ‘‘सामाजिक दूरी का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जेईई-मुख्य परीक्षा में छात्रों को परीक्षा कक्ष में एक सीट छोड़कर बैठाया जाएगा जबकि नीट परीक्षा में एक कमरे में छात्रों की संख्या 24 से घटाकर 12 कर दी गई है.’’
- कब होनी हैं परीक्षाएं?
जेईई परीक्षा एक से 6 सितंबर के बीच होगी और नीट की परीक्षा 13 सितंबर को कराई जाएगी. इस साल जेईई-मुख्य परीक्षा के लिए 9.53 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है जबकि नीट के लिए 15.97 लाख विद्यार्थियों ने पंजीकरण कराया है.
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छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता एवं सचिव ने जिलाधीश को ज्ञापन सौंपकर डूमर तराई स्थित भाजपा मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में सरकारी जमीन को कब्जे से मुक्त करने हेतु पत्र सौंपा
कलेक्टर रायपुर ने तत्काल कार्यवाही के लिए पत्र को अनुमोदित कर दिया | कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी के साथ प्रदेश सचिव हरदीप बेनीपाल भी उपस्थित थे |
प्रति, श्रीमान भारती दासन जी
माननीय कलेक्टर जिला रायपुर छ ग
विषय :-कुशाभाऊ ठाकरे परिसर डूमरतराई में सरकारी जमीन कब्जा खाली कराने आवेदन बाबत।
संदर्भ-समाचार पत्र दैनिक छत्तीसगढ़ की खबर में प्रकाशन।
महोदय,
ज्ञात विषय है कि छत्तीसगढ़ राज्य की राजधानी रायपुर के डूमरतराई क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी का प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे स्थित है और प्रदेश के प्रतिष्ठित समाचार पत्र दैनिक छत्तीसगढ़ द्वारा राजपथ जनपद कॉलम में "अभी तो यह अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है"नामक शीर्षक लेख में लिखा गया है कि कुशाभाऊ ठाकरे परिसर लगभग 5 एकड़ में फैला हुआ है इसमें एक जमीन जो कि लगभग 1 एकड़ की थी एक धमतरी के दवा व्यवसाई की बताई जा रही है और उस दवा व्यवसाई से कुशाभाऊ ठाकरे परिसर हेतु जमीन लेकर उसे अदला-बदली के तहत अन्य जमीन जो कि 1 एकड़ से अधिक है पूर्वर्ती रमन सरकार के द्वारा आवंटित करा दी गई है और छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर भी भाजपा के प्रदेश कार्यालय द्वारा कब्जा की बात कही गई है,
माननीय महोदय से अनुरोध है कि यह विषय बेहद महत्वपूर्ण एवं जरूरी है क्योंकि 15 वर्ष से सत्ता में रहने के बाद भारतीय जनता पार्टी के कारगुजारी अब सामने आ रहे हैं और उक्त समाचार पत्र के द्वारा बड़ी बेबाकी के साथ इसका खुलासा किया गया है कि भाजपा के प्रदेश कार्यालय में सरकारी जमीन पर बलात कब्जा कर भवन निर्माण किया गया है माननीय महोदय से अनुरोध है कि तत्काल इस विषय को संज्ञान में लेकर उक्त कुशाभाऊ ठाकरे परिसर के जमीन संबंधित संपूर्ण दस्तावेज का अवलोकन कर एवं उक्त सरकारी जमीन का नाप जोख करा कर उसे मुक्त कराने एवं पुनः उसे प्रदेश सरकार के नामे चढ़ाने की कार्रवाई शीघ्र अति शीघ्र की जाए और उक्त सरकारी भूमि पर अवैध एवं ब्लॉक कब्जा करने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की अनुशंसा की जाए।
धन्यवाद
विकास तिवारी प्रवक्ता छ ग कांग्रेस कमेटी पता राजीव भवन शंकर नगर