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बिलासपुर-छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में वर्ष 2012-13 में सिम्स में भर्ती घोटाला उजागर हुआ था, तब स्थानीय प्रशासन से लेकर SIT जांच कराई गई। इसके बाद लोकायोग और हाईकोर्ट तक मामला पहुंचा। फिर भी स्वास्थ्य विभाग इस गड़बड़ी को लेकर कोई नतीजे पर नहीं पहुंच पाया। उस समय विपक्ष में रहते हुए वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने फर्जी नियुक्ति को लेकर सवाल उठाए थे। अब 8 साल बाद इन दागी कर्मचारियों को नियमित कर दिया गया। CIMS में उस समय तकरीबन 400 सौ कर्मचारियों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा उजागर हुआ था, जो कर्मचारी आज भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं। भर्ती घोटाले की फाइल कांग्रेस सरकार में दब गई और सिम्स प्रशासन की मनमानी बढ़ गई जिसका नतीजा अब प्रमोशन घोटाले के रूप में सामने आ रहा है । यहां पर भी सिम्स प्रशासन के करीबी लोगों को प्रमोशन देने की सूची बनाई जा चुकी है लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिरकार किस माप दंड के अनुसार उन कर्मचारियों को प्रमोशन दिया जा रहा है । या केवल रसूखदार व करीबियों को ही प्रमोशन देना सिम्स की प्राथमिकता है क्योंकि सिम्स प्रशासन को किसी का भय नही स्वास्थ्य सुविधाओं से लेकर कर्मचारियों तक मनमाना रवैया चल रहा है। जब प्रमोशन की खबर हमे लगी तो हमने जानना चाहा कि किस आधार पर प्रमोशन की प्रक्रिया सिम्स प्रबंधन अपना रही तो नीरज सेन्डे संयुक्त संचालक एंव अधीक्षक का जबाब सुनकर हम भी हैरान रह गए । उनका जबाब था कि वर्ष 2013-14 में भर्ती के समय लिखित परीक्षा ली गई थी उसी के आधार पर प्रमोशन प्रक्रिया की जा रही है । मामले को और समझने के लिए हमने कई वार्ड बॉय व वार्ड आया से चर्चा की लेकिन उन्होंने हमें बताया कि परीक्षा तो हुई थी लेकिन उसका परिणाम क्या था कितने अंक मिले या किसी भी प्रकार का कोई परीक्षाफल सिम्स द्वारा न तो हमे बताया गया न ही किसी पटल पर चस्पा किया गया हमे कुछ पता नही तो फिर किस परीक्षा के आधार पर प्रमोशन लिस्ट बन रही समझ से परे है। ऐसे हुआ था भर्ती घोटाला *ऐसे हुआ था भर्ती घोटाला और इसी तर्ज पर अब प्रमोशन घोटाले की तैयारी में सिम्स* CIMS में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के करीब 400 पदों पर भर्ती के लिए प्रबंधन ने वर्ष 2012-13 में विज्ञापन जारी किया था। भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद पता चला कि डॉक्टरों ने अपने ही घर में काम करने वाले प्राइवेट कर्मचारियों के साथ ही अनुभव व अयोग्य उम्मीदवारों की नियुक्ति कर दी। यह भी पता चला कि चयनित अभ्यर्थियों के पास योग्यतानुसार प्रमाणपत्र भी उपलब्ध नहीं थे। यही नहीं विज्ञापन की प्रक्रिया में भाग नहीं लेने वाले उम्मीदवारों का भी चयन कर लिया गया। दरअसल, यह मामला तब सामने आया, जब संविदा में काम कर रहे स्टॉफ को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। तब उन्होंने सूचना के अधिकार कानून के तहत भर्ती प्रक्रिया के दस्तावेज जुटाए। फर्जीवाड़ा सामने आने पर इस मामले की शिकायत हुई। उस समय तत्कालीन एडिशनल कलेक्टर नीलकंठ टेकाम के नेतृत्व में जांच कमेटी बनी। उनके जांच प्रतिवेदन में भी भर्ती में अनियमितता बरतने की बात सामने आई। लेकिन, उनकी जांच रिपोर्ट की फाइल की दबा दी गई। इधर, शिकायतकर्ताओं ने आला अधिकारियों के बाद लोकायोग से भी शिकायत की। लोकायोग जांच में भी गड़बड़ी की पुष्टि करते हुए शासन को SIT जांच कराने की अनुशंसा की गई। दूसरी तरफ चयनित उम्मीदवारों ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसके चलते मामले की जांच व फाइल भी दबी रह गई। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद मामले में शासन को नियमानुसार कार्रवाई करने के आदेश दिए। इसके बाद भी गड़बड़ी की फाइल दबी की दबी रह गई। इधर, सिम्स के स्टॉफ ने अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर आंदोलन शुरू कर दिया। करीब दो माह तक उनका आंदोलन चला। उनके दबाव में आकर शासन ने डीन तृप्ति नागरिया को हटाकर डॉ. केके सहारे को डीन की जिम्मेदारी दी गई। उन्होंने आंदोलनरत स्टॉफ को नियमित करने का भरोसा दिलाया और आंदोलन समाप्त करा दिया। इसके साथ ही उनके नियमितीकरण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। टीएस सिंहदेव ने नेता प्रतिपक्ष रहते उठाए सवाल जब CIMS में भर्ती घोटाला सामने आने पर तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष व वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने ट्विट किया था कि जब भर्ती प्रक्रिया की रिकार्ड ही गायब कर दी गई है तो अब जांच कराने का क्या मतलब, उन्होंने भर्ती में गड़बड़ी करने वालों पर सरकार का संरक्षण होने का भी आरोप लगाया था। लेकिन, जैसे ही कांग्रेस की सरकार बनी, तब इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया और SIT जांच की फाइल भी दबा दी गई। मन्नू मानिकपुरी संवाददाता बिलासपुर
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*पूर्व रमन सरकार में 1 लाख करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ - कांग्रेस* *पूर्व रमन सरकार ने हर विभाग हर योजना में करोड़ों का घोटाला किया* रायपुर/14 जनवरी 2023। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पूर्व रमन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 15 साल के भाजपा सरकार के दौरान प्रदेश में 1 लाख करोड़ से अधिक का घोटाला हुआ है। हर विभाग, हर योजना में वित्तीय गड़बड़ियां किया गया। 20 लाख फर्जी राशन कार्ड और चावल की बोरी में वजन कम करके किया गया 36 हजार करोड़ का नान घोटाला सबसे बड़ा घोटाला है। 4400 करोड़ का शराब घोटाला, 1677 करोड़ का गौशाला अनुदान घोटाला, 5 हजार करोड़ का मोबाईल घोटाला, 6400 करोड़ का ई-टेंडरिंग घोटाला, सरस्वती सायकल योजना, स्कूल ड्रेस खरीदी घोटाला, दवा खरीदी घोटाला, परिवहन घोटाला, अगुस्ता हेलीकाफ्टर खरीदी घोटाला, डीकेएस अस्पताल घोटाला, पनामा पेपर्स घोटाला, चरणपादुका खरीदी घोटाला, तेंदूपत्ता बोनस एवं बीमा घोटाला, छात्रवृत्ति घोटाला, अमृत नमक योजना में घोटाला, चना, गुड़ वितरण में घोटाला, रसायनिक खादों में घोटाला, कृषि यंत्रों के खरीदी में घोटाला, बारदाना खरीदी घोटाला, धान परिवहन घोटाला, 170 करोड़ रुपए का मच्छरदानी खरीदी घोटाला, स्काईवॉक, एक्सप्रेस-वे, पुल-पुलिया, सड़क निर्माण में घोटाला, पशु चारा घोटाला, मुर्गी दाना घोटाला, मछली पालन घोटाला, परिवहन विभाग में घोटाला, आबकारी विभाग में घोटाला, चिकित्सक की उपकरण खरीदी घोटाला, वन विभाग में घोटाला, दिव्यांग जनों के नाम से 1000 करोड़ का घोटाला, आदिवासी बच्चों को हॉस्टल में बर्तन देने के नाम से घोटाला सहित अनेक घोटाले हैं जो 15 साल के रमन सरकार के घोटालों के इतिहास के साक्षी हैं और इन्हीं घोटालों के कारण डॉ रमन सिंह को छत्तीसगढ़ की जनता भ्रष्टाचार के अंतर्राष्ट्रीय पितामह कहती है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के चलते ही भाजपा के रायगढ़ कार्यसमिति की बैठक में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को कहना पड़ा था कि 1 साल के लिए कमीशनखोरी बंद कर दिया जाए तो 30 सालों तक छत्तीसगढ़ को लूटा जा सकता है। रमन सरकार बनने के बाद उनके सहयोगी जो मंत्री थे जिनके पास मोटरसाइकिल में पेट्रोल डालने का पैसा नहीं होता था, 15 साल में बड़े-बड़े मॉल, रेस्टोरेंट, जमीन और लग्जरी कारों में घूमने लगे हैं। कई हजार एकड़ सरकारी जमीनों पर भाजपा नेताओं ने कब्जा कर लिया है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि रमन सरकार के दौरान घोटाले हुए हैं उनका प्रमाण 2008 एवं 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशियों के द्वारा निर्वाचन कार्यालय को दी गई शपथ पत्र है। 2008 में जो भाजपा नेताओं के खुद के पास पांच से दस लाख रुपया होने का शपथ पत्र दिए थे वही भाजपा नेताओं ने 2018 में 10 करोड़ से 20 करोड़ तक की सम्पत्ति होने का शपथ पत्र दिए है। डॉ. रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, केदार कश्यप, महेश गागड़ा सहित कई भाजपा प्रत्याशियों का शपथ पत्र भ्रष्टाचार की गवाही दे रही है।
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गुजरात के द्वारका में आकाशवाणी टॉवर को बिपरजॉय तूफान के खतरे को देखते हुए एहतियातन ढहाया गया
गुजरात के द्वारका में 90 मीटर ऊंचे गाइ रोप की मदद से खड़े स्टील से निर्मित आकाशवाणी टॉवर को बिपरजॉय तूफान के खतरे को देखते हुए एहतियातन ढहाया गया। यह निर्णय इस टॉवर के कारण किसी भी प्रकार की दुर्घटना को रोकने और आसपास के क्षेत्रों में जानमाल के नुकसान को कम करने के लिए लिया गया है। टॉवर ढहाने का यह कदम एनआईटी सूरत और सीसीडब्ल्यू के संरचनात्मक विशेषज्ञों द्वारा 35 साल पुराने इस टॉवर की सुरक्षा जांच के बाद उठाया गया है। इन विशेषज्ञों ने जनवरी, 2023 में इस टॉवर को ढहाने की सिफारिश की थी। इसके साथ ही, आकाशवाणी उपलब्ध संसाधनों का उपयोग करते हुए द्वारका से अपनी सेवाओं की बहाली के बारे में काम कर रही है। CG 24 News
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छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसियेशन की पब्लिक स्पीकिंग पर कार्यशाला
अच्छा वक्ता बनने लगातार अध्ययन और अभ्यास करें - आर्थर शैरी
जब आप दिल से बोलते हैं तो वह बातें लोगों तक पहुंचती है
रायपुर,11 जून 2023/ कौन सी बात पहले कहना और कौन सी बात बाद में कहना है यही पब्लिक स्पीकिंग है। किन्तु बिना तैयारी के बोलना आसान नहीं है। जब आप दिल से बोलते हैं तो वह बातें लोगों तक पहुंचती है और जब दिल से बोलते हैं तब आप सीखतें भी हैं यह बातें नई दिल्ली से आए देश के जाने माने मॉस्टर स्पीकर आर्थर शैरी आज एक कार्यशाला में कही।
छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसियेशन के संयोजक जे.ए. बॉम्बरा ने बताया कि दिल्ली के आर्थर शैरी ने आज होटल एम्ब्रोशिया में एसोसियेशन व्दारा आयोजित पर्सनेलिटी एंड कम्युनिकेशन स्किल डेव्हलेपमेंट वर्कशाप में रायपुर-दुर्ग-भिलाई से विशेष रुप से आमंत्रित छात्रों को भाषण देने की कला अर्थात पब्लिक स्पीकिंग की बारीकियों का प्रशिक्षण दिया। आर्थर शैरी ने छात्र - छात्राओं को बताया कि भाषण कला के शोध में यह पाया गया है कि कि जब भी हम कही खड़े हो कर भाषण देते हैं तो उसमें 57 प्रतिशत हमारी बॉडी लैंग्वेज काम करती है, 38 प्रतिशत हमारी आवाज का महत्व होता है और बोले जाने वाली सामग्री का महत्व सिर्फ 7 प्रतिशत होता है।
प्रधानमंत्री पुरस्कार से सम्मानित आर्थर शैरी ने कार्यशाला में कहा की हमें अपनी बात प्रभावशाली ढंग से कहने के लिए उसे छोटे- छोटे प्रसंगों या छोटी कहानियों के रुप में कहना चाहिए। यह कहा जाता है कि रोम एक दिन में नही बना था किन्तु मैं कहता हूं कि रोम हर दिन बन रहा है। लगातार भाषण देने के अभ्यास से हम और बेहतर होते जाते हैं। अच्छा वक्ता बनने के लिए लगातार अध्ययन और अभ्यास करते रहना चाहिए। हमें अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगातार कोशिश करते रहना चाहिए कभी भी हार नहीं मानना चाहिए।
पहली बार छत्तीसगढ़ आए आर्थर शैरी नेशनल स्पीकिंग कोच, मेन्टर, ग्लोबल प्रोफेशनल स्पीकर, जोश टॉक स्पीकर, टेडएक्स स्पीकर तथा कारपोर्ट ट्रेनर है। उन्होंने कहा कि जिन्दगी हमें हमेशा सीखाती है। यदि हम सीखना बंद करते हैं तो हमारा जीना भी रुक सा जाता है। हमें अपने जीवन में हमेशा ही सीखते रहना चाहिए। अपनी रुचि के विषय के कौशल को विकसित करते रहना चाहिए। उन्होंने आवाज को बेहतर करने के लिए सांस लेने की तरीके तथा जुबान, चेहरे और आंखों के व्यायाम के बारे में जानकारी दी। इस कार्यशाला में लगभग 50 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया जिन्हें प्रमाणपत्र भी दिए गए।
एसोसियेशन के एजुकेशन कमेटी के चेयरमेन प्रोफेसर बी.एस. छाबड़ा ने इस अवसर पर कहा कि छात्र-छात्राओं के व्यक्तित्व विकास के लिए यह आयोजन किया गया। कार्यशाला में संयोजक जी.एस. बॉम्बरा ने कहा कि यह एक विशेष प्रशिक्षण है जिसका ज्ञान सिर्फ महानगरों में ही मिलता है। हमारी प्रयासों के फलस्वरुप अन्तर्राष्ट्रीय मास्टर स्पीकर रायपुर आए हैं। इस अवसर पर एसोसियेशन के सचिव सरदार डी.एस. जब्बल ने उपस्थितजनों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में कोलंबिया इंस्टीटूयूट डायरेक्टर सरदार एम.एस.हूरा, भिलाई सिक्ख यूथ फोरम के महासचिव सरदार जसवांत सिंह खालसा, छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसियेशन के ए.एस. प्लाहा, जे.एस. जब्बल, जगदीश सिंह, आर.एस. आजमानी, सी.एस. बाजवा, एम.एस. सलूजा, लखिन्दर सिंह चावला, के.एस. झांस, जी.एस. राजपाल, टी.एस. जब्बल,विक्रमजीत सिंह,कुलदीप सिंह छाबड़ा, अमोलक सिंह, सुखबीर सिंह सिंघोत्रा, भूपिन्दर सिंह, तेजपाल सिंह हंसपाल, श्रीमती रविन्दर कौर बॉम्बरा, श्रीमती पिंकी जब्बल और श्रीमती छाबड़ा श्रीमती देविन्दर कौर उपस्थित थी.
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छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसियेशन का आयोजन इंटरनेशल स्पीकिंग कोच आर्थर शैरी का पब्लिक स्पीकिंग में आज प्रशिक्षण कार्यशाला रायपुर,10 जून 2023/ देश के जाने माने मॉस्टर स्पीकर आर्थर शैरी कल छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसियेशन व्दारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में आमंत्रित छात्र-छात्राओं को व्यक्तित्व विकास की दिशा में अच्छे वक्ता बनने हेतु संप्रेषण कौशल, नेतृत्व गुण विकसित करने हेतु भाषण कला का प्रशिक्षण देगें। एसोसियेशन के संयोजक जी.एस. बॉम्बरा के अनुसार होटल एम्ब्रोशिया में कल नई दिल्ली निवासी और प्रधानमंत्री से पुरस्कार से सम्मानित आर्थर शैरी की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई है। आर्थर शैरी नेशनल स्पीकिंग कोच, मेन्टर, ग्लोबल प्रोफेशनल स्पीकर, जोश टॉक स्पीकर, टेडएक्स स्पीकर तथा कारपोर्ट ट्रेनर है। अपने प्रशिक्षण के दौरान वे लेस ब्राऊन, लिसा निकोल्स, टी.हॉव एकर, टोनी राबिन्स, जैक कैनफील्ड,राबिन शर्मा,जिम रोहन जैसे अन्तर्राष्ट्रीय पेशेवर वक्ताओं व्दारा अपनाये जाने वाले टूल्स और रणनीतियों का प्रशिक्षण देगें। इसमें लभगत 60 छात्र-छात्राओं को वे प्रशिक्षण देगें। संपर्क : दीप सिंह जब्बल सचिव, छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसियेशन मोबाईल नंबर - 9425236989
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*सिक्ख छात्र-छात्राओं के लिए एक दिवसीय Communication Skill Development कार्यशाला* सरबत दा भला उद्देश्य से चिकित्सा, शिक्षा और परिवारिक परामर्श की दिशा में कार्य कर रही संस्था छत्तीसगढ़ सिक्ख ऑफिसर्स वेलफेयर एसोसियेशन, (CGSOWA) रायपुर व्दारा य़ुवा सिक्ख छात्र - छात्राओं के लिए Carrier Guidence & Orintentaion, Personality Development & Communication Skill Development पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 11 जून को किया जा रहा है। नई दिल्ली के Author Sherry इस एक दिवसीय कार्यशाला में सिक्ख छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण देगें। एसोसियेशन के संयोजक सरदार जी.एस. बॉम्बरा के अनुसार Author Sherry भारत के प्रधानमंत्री से सम्मानित एक International Public Speaking Coach, Mentor, Global Professional Speaker, Corporate Trainer हैं। वे TEDx Speaker और Josh Talks Speaker भी है। उन्होंने CGSOWA को रायपुर में युवा सिक्ख छात्र-छात्राओं की एक दिवसीय कार्यशाला के माध्यम से प्रशिक्षण देने की सहमति प्रदान की है। Author Sherry की एक दिवसीय कार्यशाला में वे लेस ब्रॉउन, लिसा निकोल्स, टी हार्व एकर, टोनी रॉबिंस, जैक कैनफील्ड, रॉबिन शर्मा, जिम रोहन, आदि जैसे अंतर्राष्ट्रीय पेशेवर वक्ताओं व्दारा अपनाए जाने वाले टूल और रणनीतियों के बारे में वे प्रशिक्षण देगें। CG 24 News
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केदारनाथ में पिघलकर बहने लगीं बर्फीली चोटियां, चारों तरफ फैला सफेद गुबार, अटकीं भक्तों की सांसें 09-Jun-2023
उत्तराखंड में स्थित में केदारनाथ धाम के मंदिर के पीछे बर्फीली चोटियों पर हिमस्खलन होने से श्रद्धालुओं की सांसें अटक गईं। हालांकि गनीमत रही कि इस दौरान किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। सोशल मीडिया पर इसका वीडिया सामने आया है। एवलांच केदारनाथ धाम से लगभग तीन-चार किलोमीटर दूर था। पिछले यात्रा सीजन में बर्फीली पहाड़ियों पर तीन बार हिमस्खलन हुआ था। इस साल अप्रैल में एवलांच की घटना सामने आई थी। एवलांच आने से एकदम बर्फ का सफेद गुबार-सा फैल गया। बता दें कि केदारनाथ धाम में यात्रा की शुरुआत से मौसम खराब रहा है। धाम में लगातार बर्फबारी और निचले क्षेत्रों में बारिश जारी है। मई महीने में पैदल यात्रा मार्ग पर जगह-जगह ग्लेशियर भी टूटे और यात्रा भी प्रभावित रही। अप्रैल के बाद अब जून में एवलांच आया है। केदारनाथ धाम से तीन-चार किमी दूर स्थित बर्फीली पहाड़ियों पर एवलांच 8 जून गुरुवार सुबह हुआ। चोटियों से बर्फ पिघलकर बहने लगी। वहीं केदारनाथ धाम में बार-बार एवलांच आने पर पर्यावरण विशेषज्ञों ने चिंता जताई है. पर्यावरण विशेषज्ञ देवराघवेन्द्र बद्री ने कहा कि केदारनाथ धाम आस्था का केंद्र है। उन्होंने आरोप लगाया कि हेली कंपनियां एनजीटी के मानकों का पालन नहीं कर रही हैं।
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दिमागी रूप से बीमार कर सकती है ज्यादा मोबाइल इस्तेमाल करने की आदत, जानें कैसे करें कंट्रोल 08-Jun-2023आपसी दुश्मनी, ज़मीन-जायदाद और पैसे के लालच में किसी का मर्डर करने की खबरें तो आपने अक्सर पढ़ी-सुनी होंगी लेकिन NCR में दो मर्डर ऐसे हुए जिन्होंने लोगों को अंदर तक झकझोर दिया क्योंकि एक मर्डर भाई ने बहन का तो दूसरा कत्ल बहन ने छोटे भाई का किया। आखिर सगे भाई-बहन एक दूसरे की जान कैसे ले सकते हैं और वो भी एक मामूली से मोबाइल के लिए। जी हां, एक केस में बहन ने ज़्यादा मोबाइल चलाने के लिए भाई को डांटा तो उसने गुस्से में आकर अपनी ही दीदी की जान ले ली और दूसरे मामले में मोबाइल ना देने पर लड़की ने छोटे भाई का खून कर दिया। क्योंकि मीनाक्षी सेलफोन की आदत बच्चों को इस कदर पड़ गई है कि इस बला को उनसे दूर करने की बात करते ही वो हो जाते हैं। उनके मन मुताबिक चीज़ ना हो तो अपनी बात मनवाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। ये कहानी सिर्फ बच्चों की नहीं है बड़ें बड़े भी दिन हो या रात मोबाइल से चिपके रहते हैं घंटो रील्स देखते हैं। इससे ना सिर्फ उनकी नींद पर असर पड़ता है बल्कि सिरदर्द, माइग्रेन भी अटैक करता है। यही नहीं ज़्यादा मोबाइल चलाने से बचपन में ही आंखें बूढ़ी हो रही हैं स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू रेज स्किन खराब कर रही है तो, वहीं मोबाइल का रेडिएशन थायराइड के साथ कैंसर तक का रोग देता है। अलग अलग स्टडी कहती हैं कि 30 मिनट से ज़्यादा मोबाइल चलाने से हाइपरटेंशन तो पूरा दिन वीडियो गेम्स खेलने से बच्चों की फिज़िकल-मेंटल हेल्थ खतरे में पड़ गई है। यानि बच्चे हों या बड़े, मोबाइल बम के साइलेंट विस्फोट से हर किसी को बचना ज़रूरी है और इसके लिए पता होना चाहिए कि डिजिटल डिटॉक्स कैसे करें फोन कितनी देर इस्तेमाल करें। कैसे वीडियो गेम्स की आदत छुड़ाएं। इसके लिए तो स्वामी रामदेव को बुलाते हैंजो मोबाइल के साइड इफेक्ट्स से बिगड़ी सेहत भी दुरुस्त करवाएंगे और इसके बेजा इस्तेमाल से कैसे बचें ये भी सिखाएंगे। स्मार्टफोन विजन सिंड्रोम नजर कमजोर ड्राईनेस पलकों में सूजन रेडनेस तेज रोशनी से दिक्कत एकटक देखने की आदत आंखों का दुश्मन स्मार्टफोन की वजह से ब्लू लाइट, रेटिना डैमेज और नज़र कमज़ोर डिटॉक्स के लिए 4 उपाय नोटिफिकेशन ऑफ रखें उठते ही फोन ना देखें वर्क आउट जरूर करें दोपहर खाने के वक्त ‘नो फोन रुल’ परिवार साथ हों तो फोन दूर रखें बच्चों के साथ खेलने में फ्लाइट मोड ऑन रखें ईवनिंग वॉक पर जरूर जाएं फोटो खींचते वक्त, फ्लाइट मोड पर रखें रात ऑडिबल एप्स का इस्तेमाल करें सोने से पहले फोन इस्तेमाल ना करें मोबाइल को बिस्तर से दूर रखें मोबाइल की आदत चिड़चिड़ापन या गुस्सा करना रुटीन के काम ना करना मेंटली वीक फिजिकली कमज़ोर सर्वाइकल प्रॉब्लम वर्टिगो नर्वस प्रॉब्लम स्पीच प्रॉब्लम नजर कमजोर हियरिंग प्रॉब्लम कंसंट्रेशन बिगड़ना मोटापा आंखों के दुश्मन खराब लाइफस्टाइल ऑनलाइन वर्क रेडिएशन पॉल्यूशन पोलन आंखों की रोशनी बढ़ाएं ‘महात्रिफला घृत’पीएं 1 चम्मच दूध के साथ लें दिन में दो बार खाने के बाद लें ब्रेन रहेगा हेल्दी रोज रस पीएं एलोवेरा गिलोय अश्वगंधा
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बिहार के भागलपुर में गंगा नदी पर बन रहा पुल जिसकी लागत 1750 करोड रुपए, 1750 करोड रुपए, 1750 रुपए नहीं कह रहे हैं हम, समझ रहे हैं ना यह कोई 1750 रुपए नहीं है 1750 करोड़ रुपए के खर्च से बन रहा था यह पुल जो गंगा नदी में समाहित हो गया | यहां आपको यह बताना अति आवश्यक है कि गुजरात के मोरबी में रूप वे पुल के टूटने से 138 लोगों की जान गई थी उस मामले में ठेकेदार पर कोई कार्यवाही नहीं हुई और वह मामला रफा-दफा हो गया जनता भूल गई पीड़ित अपनी परेशानियों में जूझ रहे हैं जनप्रतिनिधि नेता मंत्री मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री अपने अगले कार्यक्रमों में बिजी हो गए या यूं कहें कि मिलीभगत के कारण मोरबी पुल हत्याकांड सॉरी सॉरी सॉरी कांड के जिम्मेदार ठेकेदार को बक्श दिया गया उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई | आप समझ सकते हैं उसी तरह बिहार के भागलपुर के इस बड़े पुल के जिसकी लागत 1750 करोड रुपए मानी जा रही है उस निर्माणाधीन पुल के कंप्लीट होने से पहले ही दो बार टूट कर गिर ना इस बात को प्रमाणित करता है कि वहां भी भ्रष्टाचार चरम सीमा पर हुआ अब ऐसे में यदि केंद्र सरकार राज्य सरकार की जिम्मेदारी बताएं और राज्य सरकार चुप्पी साधे रहे तो ऐसे में देश की जनता कब तक इस तरह भ्रष्टाचार की बुराइयों के बीच जीने को मजबूर होती रहे ? अब हमारा सवाल यह है कि यदि कोई प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार करती है तो क्या केंद्र सरकार की नैतिक जिम्मेदारी नहीं होती कि वह इस पर संज्ञान लेकर प्रदेश सरकार पर कार्रवाई करें और नागरिकों की जान माल की सुरक्षा के संवैधानिक अधिकारों का जिम्मा लेते हुए उन पर कार्रवाई करें और अगर अब संविधान में ऐसी कोई तकनीकी खामी है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चाहिए कि वह संविधान में संशोधन करें और देश की जनता को न्याय उपलब्ध कराएं |
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सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा रायपुर अधिवक्ता संघ के आमंत्रण पर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंचे | रायपुर बार एसोसिएशन द्वारा न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा के सम्मान के लिए एक भव्य आयोजन किया | रायपुर जिला बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस सम्मान समारोह में आसपास के अनेक जिलों के न्यायधीश एवं अधिवक्ता उपस्थित हुए| न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा जो कि छत्तीसगढ़ के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो इस सर्वोच्च पद पर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं उनकी इस उपलब्धि के लिए रायपुर बार एसोसिएशन अधिवक्ता संघ द्वारा उनके सम्मान में यह आयोजन किया गया | रायपुर अधिवक्ता संघ के लिए भी यह एक पहला अवसर होगा कि सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में छत्तीसगढ़ के किसी व्यक्ति को सम्मानित किया गया हो | रायपुर अधिवक्ता संघ के सम्मान समारोह के दौरान अपने उद्बोधन में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा भावुक हो गए उन्होंने बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति का पद संभालने के बाद दिल्ली से बाहर पहली बार अपने गृह प्रदेश छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर आए हैं | अधिवक्ता संघ रायपुर के सम्मान समारोह में न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने अपनी वकालत की शुरुआत से लेकर यहां तक पहुंचने के बारे में बताया| अधिवक्ताओं को सफलता के किस देते हुए उन्होंने कहा कि यदि आप अपना काम करते रहे तो हर चीज संभव है और इन सब के लिए भगवान स्वयं आपके कार्यों की समीक्षा करते हैं और आपको वहां पहुंचा सकते हैं जहां आप सोच भी नहीं सकते | *टेका मेरा संबल* क्या है टेका ? टेका के बारे में बताया कि जो आप लोगों ने सपोर्ट किया है आप लोगों ने जो टेका दिया है वही संबल मेरे साथ रहेगा | *वकालत का व्यवसाय अपने आप में अद्भुत है* यह एक ऐसा व्यवसाय है जिसमें व्यक्ति को हर कुछ जानना पड़ता है छोटी से लेकर बड़ी जानकारियां रखना पड़ता है जो कि अन्य किसी व्यवसाय में नहीं होता | एक वकील को हर विषय के संबंध में जानकारी रखना पड़ता है क्योंकि उसका पक्ष कार उसका मुवक्किल किसी भी क्षेत्र का हो सकता है किसी भी व्यवसाय का हो सकता है | *वकील और जज के लिए यह 11 से 5 बजे तक का व्यवसाय नहीं है* हर व्यवसाय में निष्ठा और ईमानदारी होना अति आवश्यक है चाहे आप रिश्तेदार के साथ डील कर रहे हो या पक्षकार के साथ जज के साथ हों या कर्मचारियों के साथ | न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा का उद्बोधन देश के अधिवक्ताओं के लिए एक बड़ा संदेश है जिसे प्रगति का मार्गदर्शक भी कहा जा सकता है | रिकॉर्ड तो बनते ही है तोड़ने के लिए और मैं चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ से अधिवक्ता मेरे रिकॉर्ड को तोड़कर जल्दी-जल्दी इस मुकाम तक पहुंचे | रायपुर अधिवक्ता संघ द्वारा न्यायमूर्ति प्रशांत मिश्रा के सम्मान समारोह में हाई कोर्ट बिलासपुर के जस्टिस संजय के अग्रवाल - एनके व्यास, रायपुर जिला के कार्यकारी सत्र न्यायाधीश हीरेन्द्र सिंह टेकाम, रायपुर अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष आशीष सोनी , उपाध्यक्ष , सचिव सहित सभी पदाधिकारी एवं सभी अधिवक्ता उपस्थित रहे |
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उड़ीसा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर भारत के चार पवित्र धामों में से एक है। हर साल आषाढ़ माह में यहां भव्य रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। जगन्नाथ मंदिर में भगवान जगन्नाथ विराजमान हैं, जो कि विष्णु जी के अवतार श्रीकृष्ण का ही रूप माने जाते हैं। जगन्नाथ का अर्थ होता है जगत के नाथ। रथ यात्रा की शुरुआत हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से होती है। वहीं शुक्ल पक्ष के 11वें दिन जगन्नाथ जी की वापसी के साथ इस यात्रा का समापन होता है। हर साल इस रथ यात्रा में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। देश-विदेश से लोग इस यात्रा में शामिल होने के लिए आते हैं। लोगों का मानना है कि जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होने से जीवन से सभी कष्ट समाप्त हो जाते हैं और जीवन में खुशियां आती हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरुआत कब से हो रही है और इसका महत्व क्या है...
कब निकलेगी जगन्नाथ जी की रथ यात्रा
इस साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि की शुरुआत 19 जून सुबह 11 बजकर 25 मिनट पर हो रही है। इस तिथि का समापन 20 जून को दोपहर 01 बजकर 07 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि को देखते हुए जगन्नाथ जी की रथ यात्रा 20 जून 2023, मंगलवार के दिन निकाली जाएगी। इसके बाद आषाढ़ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथी को तीनों वापस अपने स्थान पर लाया जाएगा।क्यों होता है जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन?
हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भगवान जगन्नाथ (भगवान श्रीकृष्ण) बड़े भाई बलराम और छोटी बहन सुभद्रा के साथ अपनी मौसी (गुंडीचा) के घर जाते हैं। इस दिन इन्हें तीन अलग-अलग रथों पर सवार होकर किया जाता है। इसके बाद तीनों को रथ यात्रा के जरिए उनकी मौसी के घर यानी गुंडीचा मंदिर में ले जाया जाता है।जगन्नाथ रथ यात्रा का महत्व
विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्रा का बहुत ही अधिक महत्व है। जगन्नाथ पुरी धाम को मुक्ति का द्वार कहा जाता है। हर साल इस रथ यात्रा में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु शामिल होने के लिए आते हैं। कहा जाता है कि इस रथ यात्रा में शामिल होने से व्यक्ति के जीवन में खुशियां आती हैं।मान्यता है कि जो लोग इस रथ यात्रा में शामिल होकर जगन्नाथ जी के रथ को खींचते है, उन्हें 100 यज्ञों के बराबर फल प्राप्त होता है। इस यात्रा में शामिल होने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पुराणों में वर्णन है कि आषाढ़ मास में पुरी तीर्थ में स्नान करने से सभी तीर्थों के दर्शन का पुण्य फल प्राप्त होता है और भक्त को शिवलोक की प्राप्ति होती है।
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गुरु ग्रंथ साहिब सिख समुदाय का एक धार्मिक ग्रंथ है. इसे केवल धार्मिक ग्रंथ ही नहीं, सिख धर्म का अंतिम और जीवित गुरु भी माना जाता है. सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह जी ने अपने मृत्यु से पहले ये घोषणा की थी कि अब गुरु ग्रंथ साहिब ही जीवनभर सिखों का मार्गदर्शन करेंगे. इस ग्रंथ को 'आदिग्रंथ' के नाम से भी जाना जाता है. इसमें सिख धर्म के गुरुओं की कही बातें लिखी हैं जिसे गुरबानी यानी गुरु की वाणी कहा जाता है. आइए जानते हैं गुरु ग्रंथ साहिब की वह 10 बड़ी बातें जो आज भी लोगों के लिए प्रेरणादायक है, इसमें मौजूद गुरुवाणी के प्रमुख संदेश मनुष्य को सही सफल जीवन के मार्ग का रास्ता दिखाते हैं.
क्या है गुरु ग्रंथ साहिब ?
गुरु ग्रंथ साहिब में सूक्तियों, दोहों, शब्दों और दूसरे लेखों का एक संग्रह है. इनमें सिख गुरुओं की रचनाओं के अलावा मुसलमान विद्वानों की लिखी पंक्तियां और कबीर, रविदास और बाबा फ़रीद की वाणी भी शामिल हैं. इसका संपादन सिख धर्म के पांचवें गुरु श्री गुरु अर्जुन देव जी ने किया। गुरु ग्रन्थ साहिब जी का पहला प्रकाश 16 अगस्त 1604 को गोल्डन टेंपल अमृतसर में हुआ था.
कहते हैं ईश्वर के मुख से निकले अनमोल विचारों को ही गुरु ग्रंथ साहिब में बताया गया है. ये पंजाबी भाषा की लिपि गुरमुखी में लिखी गई है. माना जाता है कि गुरमुखी लिपि ईश्वर के मुख से निकली है. यही कारण है कि गुरु ग्रंथ साहिब को गुरु का दर्जा प्राप्त है. ये गुरु के बराबर ही सम्मनीय है.
गुरु ग्रंथ साहिब की 10 बड़ी बातें (Guru Granth Sahib Motivational Quotes)
- जब मन शुद्ध नहीं है, तो बाहर की सफाई करना बेकार ही है.
- जिसका मन उसके नियंत्रण में है, समझो उसने दुनिया उसके कदमों में है.
- शरीर इस युग में कर्म का क्षेत्र है; तुम जो भी बोओगे, वही काटोगे
- ईश्वर एक है तो उसे उसी के रास्ते से प्राप्त किया जा सकता है, किसी दुसरे रास्ते से नहीं
- जन्म और मृत्यु का चक्र तब तक खत्म नहीं होता है जब तक अहंकार ओर स्वार्थ खत्म नहीं होता है.
- ईश्वर को वही व्यक्ति प्राप्त कर सकता है, जो सबसे प्रेम करता हो.
- संसार एक भ्रम है, यह हमें हमेशा भ्रम में ही रखता है इसलिए अच्छा है की सपने में ही रहा जाएं
- जो व्यक्ति सुख और दुःख को समान तरह से स्वीकार करता है उसे समस्याओं का बोझ नहीं सताता.
- सच्चाई को जानना हर चीज से बड़ा होता है और उस से भी बड़ा है सच्चाई से जीना.
- जीभ एक ऐसे तेज चाकू की तरह है जो खून को गिराए बिना मार देती है. इसलिए अपनी वाणी पर संयम रखें.