State News
  • छत्तीसगढ़ में आ रही उत्तरी हवा के कारण पारा 18 डिग्री से कम
    रायपुर। छत्तीसगढ़ में आ रही उत्तरी हवा के कारण रायपुर में भी ठंड बढ़ गई है। शनिवार को रायपुर में न्यूनतम तापमान 18 डिग्री रिकार्ड किया गया। यह सामान्य से दो डिग्री कम है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि अगले एक-दो दिन प्रदेश में उत्तरी हवा का प्रभाव रहेगा। इससे रायपुर सहित आसपास ठंड महसूस होगी। प्रदेश के उत्तर और दक्षिणी हिस्सों में अच्छी ठंड पड़ रही है। रात का तापमान 12 डिग्री तक गिर गया है। बिलासपुर, पेंड्रारोड, जगदलपुर और दुर्ग में पारा सामान्य से तीन डिग्री नीचे चला गया है। रायपुर में भी रात का तापमान सामान्य से डिग्री कम होना यानी अच्छी-खासी ठंड महसूस कराने वाला है। शाम के समय सड़कों पर निकलने वाले लोगों को गर्म कपड़ों की जरूरत महसूस होने लगी है। रात में 12 बजे के आसपास आउटर में कड़ाके की ठंड महसूस की जाती है। रायपुर में लालपुर का तापमान 18 डिग्री है, लेकिन माना एयरपोर्ट में पारा 17.2 डिग्री तक पहुंच गया है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मौसम शुष्क है और उत्तरी हवा का प्रभाव होने की वजह से रायपुर में अच्छी ठंड रहेगी। न्यूनतम तापमान 18 से 19 डिग्री के बीच रहेगा। दिन में मौसम साफ और शुष्क रहेगा।
  • शादी कार्ड बांटने निकले पिता-पुत्र की हुई मौत

    डोंगरगढ़। राजनांदगांव जिले में एक बड़ा सड़क हादसा हो गया है। इस हादसे में पिता-पुत्र की मौत हो गई है। जानकारी के अनुसार हादसा डोंगरगढ़ के पेंड्री के पास हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार, पिता पुत्र दोनों शादी का कार्ड बाटने के लिए राजनांदगांव जा रहे थे। इसी दौरान उनकी कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई और मौके पर ही दोनों की मौत हो गई।

  • राज्योत्सव की तैयारी हेतु कलेक्टर ने अधिकारियों को सौंपे दायित्व विभिन्न विभागों द्वारा लगाई जाएगी प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होगी आयोजित

     राज्य शासन द्वारा दिये गये निर्देशानुसार जिला मुख्यालय कांकेर में 01 नवंबर को राज्य उत्सव का आयोजन किया जायेगा। राज्योत्सव की तैयारी के लिए कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला ने आज अधिकारियों की बैठक ली तथा उन्हें दायित्व सौंपे। राज्योत्सव का आयोजन शासकीय नरहरदेव उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के खेल मैदान में किया जायेगा। जिला स्तरीय कार्यक्रम को सुचारू संचालन के लिए अपर कलेक्टर एस. अहिरवार को नोडल अधिकारी बनाया गया है। राज्योत्सव में विभिन्न विभागों -आदिवासी विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य, कृषि एवं उद्यानिकी, जिला पंचायत, नगरीय प्रशासन, पशुधन विकास विभाग द्वारा राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं से संबंधित प्रदर्शनी लगाई जाएगी तथा रात्रिकालीन सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेगें।  
                राज्योत्सव कार्यक्रम हेतु आमंत्रण पत्र एवं प्रशस्ति पत्र छपाई की जिम्मेदारी जिला पंचायत, सुरक्षा एवं शांति व्यवस्था पुलिस विभाग, टेंट स्टेज माइक एवं बेरिकेड्स की व्यवस्था लोक निर्माण विभाग, विद्युत व्यवस्था विद्युत मंडल, जिला स्तर पर स्थानीय कलाकारों के द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजन किये जाने हेतु जिला शिक्षा अधिकारी एवं सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग एवं जनसंपर्क विभाग, शाल श्रीफल, मोमेंटो की व्यवस्था खनिज विभाग, स्वल्पहार की व्यवस्था  खाद्य विभाग, पेयजल, फायर ब्रिगेड एव साफ-सफाई की व्यवस्था नगर पालिका, आमंत्रण कार्ड वितरण प्रोटोकाल अधिकारी को जिम्मेदारी दिया गया है।  

  • थाना सरकण्डा एवं Accu टीम बिलासपुर द्वारा चोर गिरोह का किया गया पर्दाफाश
    मन्नू मानिकपुरी संवाददाता बिलासपुर आरोपीयों से चोरी गये कुल 50620 रूपये नगदी 185 ग्राम सोना, 1060 ग्राम चांदी व घटना में प्रयुक्त मोटर सायककल, 01 नग स्कूटी जप्त। प्रकरण में 03 आरोपीयों को किया गया गिरफ्तार। चोरी के जेवरों को बिक्री करने के फिराक में थे आरोपीगण। आरोपीगणो के कब्जे से करीबन 10 लाख किमती समाग्री की गई जप्त। आरेापीयों का पुलिस रिमाण्ड लेकर अन्य समाग्री के संबध में पूछताछ जारी। नाम पता आरोपी:- 01 शक्ति सूर्यवंशी पिता श्रवण कुमार सूर्यवंशी उम्र 25 साल निवासी सडकपारा मोपका थाना सरकण्डा जिला बिलासपुर छ0ग0 02 निश्चल सूर्यवंशी पिता प्रभुराम सूर्यवंशी उम्र 22 साल निवासी दारूभटठी के पास मोपका थाना सरकण्डा स्थाई पता पंडरिपारा घुटकू थाना कोनी बिलासपुर छ0ग0 03 ईश्वर सूर्यवंशी पिता जगन्नाथ सूर्यवंशी उम्र 25 साल निवासी एच0पी0 गैस गोदाम के पास मोपका थाना सरकण्डा उमनि एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर पारूल माथुर के द्वारा चोरी की घटनाओं गंभीरता से लेते हुये धरपकड हेतु निर्देशित किये जो अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर राजेन्द्र जयसवाल एवं नगर पुलिस अधीक्षक पूजा कुमार के मार्गदर्शन में थाना सरकण्डा के थाना प्रभारी उत्तम साहू एवं Accu टीम बिलासपुर स्टाफ के द्वारा चोर गिरोह को पकडने हेतु मुखबिरो को क्षेत्र मे सक्रिय किया गया जो मुखबिर सूचना एवं तकनीकी साक्ष्य के आधार पर आरोपी शक्ति सूर्यवंशी, निश्चल सूर्यवंशी, ईश्वर सूर्यवंशी को हिरासत में लेकर पूछताछ किया गया, जो पूर्व में प्रार्थी के यहां मजदूरी का कार्य करना एवं प्रार्थी के घर के सारे समानों एवं सुरक्षा हेतू लगे सी0सी0टी0व्ही0 की जानकारी होने से घर में दिनांक 24/10/2022 के दरम्यिानी रात को घर में घुसकर चोरी करना कबूल किये जिनके कब्जे से सोने चांदी के जेवर व नगदी रकम जप्त कर आरोपीयों को विधिवत् गिर0 कर अन्य समाग्री की जप्ती हेतू पुलिस रिमाण्ड लिया जा रहा है। आरोपीयों से पूछताछ जारी है। उक्त कार्यवाही मे थाना प्रभारी निरीक्षक उत्तम साहू, उनि शांत कुमार साहू, उप.निरी. मनोज पटेल, सउनि राजकुमार प्रसाद, सउनि दिलीप प्रभाकर, प्र0आर0 प्रमोद सिंग, प्र0आर0 कमल साहू. प्र0आर0 अरूण मिश्रा, आर- अविनाश कश्यप , तदबीर सिंह , राहुल सिंह , मनीष बाल्मीकि, भागवत चन्द्राकर ,बिजेन्द्र रात्रे आर-संतोष राठौर, आर0-रमेश राठौर साईबर सेल (एसीसीयू) आर. दीपक यादव ,विवेक राय, निखिल जाधव ,की भूमिका सराहनीय रही।
  • CG CRIME : मंदिर दर्शन करवाने ले गया, फिर घोंट दिया पत्नी का गला, 1 महीने बाद लाश बरामद

    बस्तर। जिले में एक युवक ने चरित्र शंका पर अपनी पत्नी की हत्या कर शव को जंगल में दफना दिया। आरोपी युवक पत्नी को पहले मंदिर दर्शन करवाने लेकर गया, फिर लौटते समय जंगल में गला घोंट कर मार दिया। जिसके बाद जंगल में शव को दफना कर फरार हो गया था। आरोपी को पकड़ने पुलिस झारखंड, ओडिशा समेत 4 राज्यों के चक्कर लगा रही थी। हत्या के एक महीने बाद आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। मामला बोधघाट थाना क्षेत्र का है।

    जानकारी के मुताबिक, मामला 27 सितंबर का है। जगदलपुर के परउगुड़ा का रहने वाला युवक शंकर पांडेय (25) और तेतरकुटी की रहने वाली युवती सीमा यादव (22) ने करीब 8 से 9 महीने पहले लव मैरिज की थी। शादी के बाद से ही उसका पति शंकर पांडेय चरित्र पर शक करता था। कई बार दोनों के बीच विवाद भी हुआ था। 27 सितंबर को शंकर पत्नी सीमा को गिरोला मंदिर दर्शन करवाने लेकर गया। जिसके बाद रास्ते में उसने सुनसान इलाका देखकर पत्नी का गला घोंट कर मार दिया। फिर उसके शव को झाड़ियों में ही छिपा दिया था।

    वारदात को अंजाम देने के बाद अपने घर लौटा फिर पिता चिंतामणी पांडेय और छोटे भाई विक्रम पांडेय को इसकी जानकारी दी। फिर देर रात तीनों जंगल पहुंचे। वहां से शव को उठाया और फिर कुछ दूरी पर ले जाकर दफना दिए। वारदात के बाद शंकर ने अपनी पत्नी के परिजनों से कहा था कि, दोनों मंदिर गए थे। मैं आ गया और सीमा बाजार गई है कहकर निकली थी, लौटी नहीं।

    मामले के बाद बेटी की गुमशुदगी की उसके पिता ने रिपोर्ट लिखवाई थी। शंकर उसी दिन से फरार हो गया था। पुलिस को इस पर संदेह था। जिसे ढूंढने का प्रयास किया जा रहा था। पुलिस ने सायबर सेल की मदद से पता लगाया। जिसमें 1 महीने के अंदर यह ओडिशा, उत्तर प्रदेश, झारखंड और बिहार इन 4 राज्यों में अलग-अलग लोकेशन दिखाया। जिसके बाद पुलिस इसे पकड़ने इन जगहों पर घूमती रही। अंत में ओडिशा के पुरी से इसे पकड़ा गया। जब पुलिस शंकर पांडेय को पकड़ कर लाई तो इसने हत्या का राज खोल दिया। उसने पुलिस को वह जगह दिखाया जहां इसने शव को दफनाया था। गुरुवार को पुलिस ने SDM की मौजूदगी में शव को निकाल लिया था। शव को पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया गया है। आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।

  • CG NEWS : पुलिस-नक्सली मुठभेड़, गांव में ख़त्म हुआ नक्सलियों का खौफ

    बस्तर।CG NEWS: छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा से लगे ताड़वायली गांव नक्सलियों का गढ़ बस्तर (Bastar)  में गत चार दशकों से नक्सलवाद का आतंक रहा है। अभी भी नक्सली अंदरूनी इलाकों में वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, गत वर्षो से बस्तर पुलिस भी नक्सलियों के खिलाफ आक्रामक हुई है।  पुलिस के द्वारा एक के बाद एक लगातार एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाने से कई इलाकों में नक्सली बैकफुट पर हैं।

    इन इलाकों में अब ग्रामीण दहशत भरी जिंदगी से मुक्त हुए हैं और अब इन इलाकों तक विकास भी पहुंच रही है, 100 से ज्यादा गांव नक्सल मुक्त हो चुके है।  इन नक्सल मुक्त गांव में एक ऐसा गांव है जहां प्रदेश की पहली पुलिस-नक्सली मुठभेड़ हुई थी, यहां नक्सलियों की काफी बड़ी संख्या में मौजूदगी होती थी लेकिन आज इस गांव से नक्सल आतंक पूरी तरह से खत्म हो चुका है। यहां के लोग अब इंटरनेट की सुविधा का भी लाभ उठा रहे हैं। साथ ही इस गांव तक अब सड़क, बिजली और पानी की भी सुविधा पहुंच चुकी है।

    नक्सलमुक्त हुआ ताड़वायली गांव

    छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा से लगे ताड़वायली गांव नक्सलियों का गढ़ माना जाता था।  इस इलाके में महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के नक्सली कई बड़ी वारदातों को अंजाम दे चुके हैं, साथ ही यह इलाका नक्सलियों के लिए सेफ जोन माना जाता था।  बस्तर आईजी ने बताया कि 28 जुलाई 1984 में अविभाजित मध्य प्रदेश में इस गांव में सबसे पहली पुलिस-नक्सली मुठभेड़ हुई थी।

    उस मुठभेड़ में करोड़ो रुपये का इनामी बड़ा नक्सली लीडर गणपति पुलिस के हाथों मारा गया था।  गणपति के याद में नक्सलियों ने इस गांव में स्मारक बनाया और पूरे प्रदेश में इस दिन को शहीदी सप्ताह के  रूप में मनाना शुरू किया। इस इलाके में पुलिस ने नक्सलियों का दहशत खत्म करने के लिए अंदरूनी गांव में पुलिस कैंप खोला, साथ ही इसकेआस- पास अर्ध सैनिक बलों ने भी कैंप खोलकर अपना डेरा जमाया।

    फोर्स की सुरक्षा में इसी साल गांव तक पक्की सड़क तैयार हुई और सड़क बनने के बाद इंटरनेट की सुविधा भी शुरू की गई। अब इस गांव के लोग बेखौफ जिंदगी जी रहे हैं, साथ ही इंटरनेट की सुविधा का भी लाभ उठा रहे हैं।

    नक्सलियों ने जलाया टावर

    आईजी ने बताया कि हालांकि कुछ महीने पहले नक्सलियों ने यहां टावर जलाया था। नक्सलियों की ये हरकत ग्रामीणों को इतनी नागवार गुजरी कि वे सीधे 10 किलोमीटर दूर मरोड़ा गांव के बीएसएफ कैंप पहुंच गए और टावर शुरू कराने आवेदन दिया।  इसके बाद मरम्मत कर टावर शुरू कराया गया।

    बस्तर के आईजी ने बताया कि इस गांव में अब नक्सलियों का आतंक खत्म हो चुका है।  ग्रामीण भी अब नक्सलियों का साथ नहीं दे रहे हैं।  जिस क्षेत्र को पहले नक्सली अपना सेफ जोन मानते थे, अब इस जगह पिछले कई सालों से वारदात नहीं हुई है।

  • सामूहिक प्रयासों के साथ वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बनेगा भारत : पीयूष गोयल
    नई दिल्ली । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल आंध्र प्रदेश के काकिनाडा परिसर में भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफटी) के उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। केंद्रीय वित्त, कंपनी कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारामन ने आईआईएफटी काकिनाडा परिसर का उद्घाटन किया। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस अवसर पर कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने आईआईएफटी परिसर की स्थापना पर विशेष ध्यान दिया एवं पहल की। इस नए परिसर की स्थापना एक नए अध्याय के शुभारंभ का द्योतक है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय वाणिज्य द्वारा भविष्य में अधिक अंतरराष्ट्रीय स्वीकृति प्राप्त करने के लिए मानव संसाधनों का एक विशेषज्ञ प्रबंधन आवश्यक है। इन मानव संसाधनों को आईआईएफटी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक स्थिरता, उच्च प्रतिस्पर्धात्मकता, सामूहिक प्रयासों तथा विकासशील आर्थिक प्रणाली के साथ, भारत विश्व में एक बड़ी आर्थिक शक्ति बन जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में, भारतीय अर्थव्यवस्था 3.5 ट्रिलियन डॉलर के बराबर की है। समेकित आर्थिक विकास तथा सामूहिक प्रयासों के साथ किसी विकासशील देश को विकसित देश के स्तर तक ले जाया जा सकता है। निरंतर प्रयासों के साथ भारतीय अर्थव्यवस्था अगले 25 वर्षों में, वर्ष 2047 तक दस गुनी बढ़ जा सकती है जब हम स्वतंत्रता के 100 वर्ष का समारोह मना रहे होंगे। श्री गोयल ने कहा कि यह विकास उपलब्ध विशेषज्ञ मानव संसाधनों को अधिकतम करने के जरिये अर्जित किया जा सकता है। उन्होंने उल्लेख किया कि आत्मनिर्भर भारत के तहत केंद्र सरकार द्वारा उठाये गए कदमों तथा बजट के विशेष आवंटन ने देश की आर्थिक प्रणाली को और अधिक मजबूत तथा समृद्ध बना दिया है। श्री गोयल ने यह भी कहा कि आज आंध्र प्रदेश कृषि, मत्स्य पालन आदि क्षेत्रों में बहुत तेजी से वृद्धि कर रहा है और आज आंध्र प्रदेश राज्य के पास विभिन्न विशेष आर्थिक जोन भी हैं। उन्होंने स्थानीय उत्पादों, कारीगरों, कुशल बुनकरों आदि के संवर्धन की अपील की क्योंकि यह महत्वपूर्ण है कि हर प्रकार से उनकी सहायता की जाए।
  • बस्तर में दिवाली नहीं दिवाड़ की है परंपरा, अनोखी है आदिम संस्कृति की यह खूबसूरत परंपरा

    आदिम जनजातियों और खूबसूरत प्राकृतिक सुंदरता का प्रतीक है बस्तर। यहां की आदिम संस्कृति पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करती है। सीधे-सरल लोग बस्तर की पहचान हैं। इन सबके अलावा यहां की परंपराएं और आदिम मान्यताएं वैश्विक स्तर पर एक अबूझ पहेली है। जिनमें से एक है बस्तर क्षेत्र में अदृश्य शक्तियों को मानने और उस पर आस्था रखने की मान्यता। बस्तर के दंतेवाड़ा जिला में स्थित माँ दंतेश्वरी का समृद्ध प्राचीन इतिहास है। आदिवासियों की आराध्या माता दंतेश्वरी मंदिर प्राचीन काल से ही आस्था का केंद्र रहा है लेकिन यहाँ के रहने वाले बस्तर के निवासी भिन्न-भिन्न लोक आस्थाओं को मानने के बावजूद अदृश्य शक्तियों पर विश्वास रखते हैं। भारत में प्रत्येक वर्ष हिन्दू पंचांग के अनुसार दीवाली का त्यौहार मनाया जाता है, लेकिन बस्तर के दंतेवाड़ा जिले के एक छोटे से गांव बिंजाम में ऐसा नहीं है। यहां के लोगों के लिए स्थानीय स्तर पर लगने वाला हूँगा वेला मेला ही असली दिवाली है। जो कि अदृश्य शक्तियों को मानने का अनूठा पर्व है।

     

    बस्तर के लगभग सभी क्षेत्रों में आँगा देव पूजनीय है इसी आधार पर इस क्षेत्र के प्रमुख देव उसेन डोकरा हैं। जो अपनी पत्नी कोयले डोकरी के साथ घोटपाल में रहते हैं। स्थानीय लोगों का मानना है कि, उसेंन देव की दो शादियां हुई थी पहली पत्नी थूल डोकरी के साथ संबंध विच्छेद होने के बाद वह वर्तमान में अपनी दूसरी पत्नी के साथ घोटपाल में निवास करते हैं। इन दोनों से दो संतान हुई जो हूंगा और वेला के रूप में प्रसिद्ध हुए। इन्हें कोला के रूप में भी पहचान प्राप्त है।
    क्यों लगता है हूँगा वेला मेला ?

    दरसल दिवाड़ के नाम से प्रचलित इसी त्यौहार को दीपावली कहते हैं। हर साल यह नवम्बर के महीने में मनाया जाता है। इस त्यौहार को दंतेवाड़ा जिले के गाँव बिंजाम और गदापाल में मनाया जाता है, जिसमें आस- पास के गांव से सभी आँगा देव शामिल होते हैं। इस मेले में हूँगा वेला देव प्रमुख होते हैं क्योंकि सभी देव इनके घर आते हैं, पंडेवार, फरसपाल, मसेनार, गोंडपाल आसपास के सभी गांवों से यहां देवों का जमावड़ा होता है। इस मेले में देवों के सभी रिश्तेदार भी शामिल होते हैं। जिनमें गढ़ बोमड़ा, बोमड़ा देव, जात वोमड़ा, कड़े लिंगा ये सभी मौजूद होते हैं।
    ’हूँगा वेला मेले की शुरुआत’

     हूँगा और वेला देव उत्सव में शामिल होने आए सभी देवों का स्वागत करते हैं, दूसरे देवों को जगाते हैं, जिसके बाद सभी देव गुड़ी के सामने बैठ कर पूजा अर्चना करते हैं। इसमें विशेष वोदा का फल, गोटफल और देसी मुर्गी का अंडा चढ़ाया जाता है। फिर देव एक दूसरे से गले मिलते हैं। चूंकि ये सालों बाद मिलते हैं इसीलिए मोहरी बजाकर उत्सव मनाया जाता है। बस्तर में मोहरी बाजा का खास स्थान है, दरअसल बस्तर में मोहरी के बिना कोई भी काम पूरा नहीं होता है। मेले का आकर्षण मोहरी बाजा की धुन पर सभी देव थिरकते हैं और गुड़ी के आस पास सभी नियमों को करते हुए चावल चढ़ाते हैं। इसके बाद सभी देव नदियों की ओर प्रस्थान करते हैं और एक साथ नदी में छलांग लगाते हैं। ये अभी आँगा किसी ना किसी पेड़ के बने होते होते हैं। चूंकि बस्तर के लोग प्राकृतिक पूजक होते हैं, इसलिए इनके देव भी इसी में बने होते हैं। कोई बाँस,महुआ,शीशम या सागौन के बने होते हैं। ये सभी नदी में डूबकर स्नान करते हैं। स्नान के बाद जब ये वापस लौटते हैं तो इस मेले में आए हुए बस्तरवासी आँगा से निकलते हुए पानी को पत्ते से बने हुए दोनी में जमा करते है। ऐसा माना जाता है कि आँगा के स्नान के बाद का पानी के पीकर लोगों की शारीरिक व्याधियां दूर हो जाती है। जैसे- जिन्हें कम सुनाई देता है उनके कान पर यह पानी डालने से वे ठीक हो जाते हैं। मान्यता के अनुसार पानी को आशीर्वाद के रूप में सभी आँगा देव के शरीर से निकलने के बाद जमा किया जाता है और उपयोग में लाया जाता है।
    स्नान के बाद सभी आँगा देव एक खुले मैदान में एकत्रित होते हैं जहाँ इस मेले का सबसे विशेष और ख़ास दृश्य देखने को मिलता है। यहां दूर दूर से जमा हुए लोग एक गोलाकार आकृति में जमा होते हैं और बीच में शादीशुदा जोड़े देवों के आशीर्वाद के लिए ज़मीन पर लेटकर उनकी प्रतीक्षा करते हैं।
     
    मान्यता है हूँगा वेला से बच्चे की कामना पूरी करने दूर-दूर से आते हैं विवाहित जोड़े
     
    लेकामी परिवार के हूँगा वेला दोनों भाई हैं। ये गाँव बिंजाम के देवगुड़ी में रहते है और इनके साथ वेला के बेटे बोमड़ा देव भी रहते है। इस मेले में एक पुरानी परम्परा देखने को मिलती है कि इस मेले में प्रत्येक वर्ष कई ऐसे विवाहित जोड़े शामिल होते हैं जिन्हें कई सालों से संतान की प्राप्ति नहीं हुई है। यह मान्यता है, कि इनके आशीर्वाद से निःसंतान दम्पत्तियों को संतान की प्राप्ति होती है। इस वर्ष 21 जोड़े हूँगा वेला देव से आशीर्वाद लेने पहुँचे थे। सभी जोड़े खुले मैदान पर उल्टा ज़मीन पर लेटते हैं और हूँगा वेला के समक्ष बिंजाम के स्थानीय दो से तीन सिरहा समस्याओं को रखते हैं उन्हें स्थानीय बोली गोंडी में देव का आह्वान करना कहते हैं। अगर जोड़े को देवों ने आशीर्वाद दे दिया तो निश्चय ही उन्हें बच्चे की प्राप्ति होती है। मेले में ऐसे भी जोड़े मौजूद थे।जो हूँगा वेला देव को संतान प्राप्ति के बाद शुक्रिया अदा करने आए थे। इस मेले में हूँगा वेला देव सभी को आशीर्वाद देंगे या मिलेंगे यह ज़रूरी नहीं होता। कभी कभी कुछ जोड़ों को आशीर्वाद नहीं भी मिल पाता है। इसके पीछे का कारण पूछने पर यहाँ के प्रमुख गायता कहते हैं, कि जोड़ों में कुछ समस्या बाक़ी होती है, जिसके कारण उन्हें ये आशीर्वाद नहीं मिलता। दक्षिण बस्तर में देवों को आँगा और कोला के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस क्षेत्र के प्रमुख देव के रूप में उसेन डोकरा (आंगा) जो प्रमुख हैं, और यहां के लेकामी वंश के प्रमुख देवता हैं, जिनका विवाह सर्वप्रथम थुले डोकरी से हुआ और उनसे संबंध विच्छेद होने के उपरांत कोयले डोकरी से विवाह किया। इनसे दो संतान हुई जो हूंगा और वेला के रूप में प्रसिद्ध हुए। इन्हें कोला के रूप में भी पहचान प्राप्त है।हूंगा से गढ़ बोमड़ा पैदा हुए जो अपने दादा उसेन डोकरा के साथ घोटपाल में रहते हैं और वेला से आदुरूँगा, बोमड़ा, कड़े लिंगा व जात बोमड़ा पैदा हुए। जो आतरा और लेकामी वंश के देव बने और ये मसेनार, पंडेवार के प्रमुख देव बने। ये कोला देव अभी तक अविवाहित हैं।

  • व्यापारी की संदिग्ध हालत में मिली लाश, पुलिस ने जताई यह आशंका

    दुर्ग। उतई थाना क्षेत्र के धौराभाठा (परसाही) गांव के पास लकड़ी व्यापारी का शव संदिग्ध मिला है। व्यापारी का शव खदान के पास पड़ा हुआ मिला है। उतई थाना पुलिस मामले की जांच कर रही है।

    अंडा निवासी ईश्वर साहू (36 साल) लकड़ी खरीदी और बिक्री करने का काम करता था। उसने उतई के परसाही में एक व्यापारी को लकड़ी दिया था। उसका 30 हजार रुपए उसे लेना था। वही लेने के लिए वह गुरुवार को वहां पहुंचा था। पुलिस जांच में यह बात सामने आई है कि लकड़ी व्यापारी ने ईश्वर को 30 हजार रुपए दे दिए थे। इसके बाद वह वहां चला गया था। अब आज उसका शव मिला है।

    पुलिस का कहना है कि युवक की हत्या की गई है। उसके सिर में पीछे से किसी ठोस चीज से वार किया गया है, जिससे उसकी मौत हो गई है। पुलिस ने पंचनामा कार्रवाई करके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। कुछ संदेहियों को हिरासत में लिया गया है।

  • CG NEWS: नहर की जमीन बिक्री मामले में एसडीएम की बड़ी कार्यवाही, महिला पटवारी को किया निलंबित

    कोरिया।CG NEWS: जिले के बैकुंठपुर में नहर की जमीन बिक्री  मामले में एसडीएम ने महिला पटवारी को निलंबित कर दिया है। वंदना कुजूर पटवारी हल्का नंबर 5 खरवत की रहवासी है। ग्राम मंडलापारा स्थित नहर भूमि को महिला पटवारी द्वारा विक्रय किया गया था। जिसका नामांतरण पंजी में बिना सक्षम अधिकारी के प्रमाणीकरण करवाये बिना नामांतरण कर दिया गया था। जिसके चलते महिला पटवारी को निलंबित कर दिया गया है।

  • कुँए में गिरा हाथियों का झुंड... कड़ी मशक्कत के बाद किया गया रेस्क्यू...देखें VIDEO

    धमतरी। जिले के दुगली वन परिक्षेत्र (Dugli Forest Range) मे 30 हाथियो का झुंड़ इलाके मे विचरण कर रहे है। हाथियो का झुंड खेतों मे लगे फसलो को नुकसान पहुचाते हुए आगे बढ रहा है। बीती रात दुगली के चारगाव मे किसान रमेश नेताम के खेत से लगे कुए मे इसी झुंड के तीन हाथी गिर गए थे। रात होने की वजह से वन विभाग ने रेस्क्यू नही किया। सुबह होते होते वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू करना शुरू किया। काफी मशक्कत के बाद तीनो हाथियो को बाहर निकाला गया।

    दरअसल दुगली परिक्षेत्र अंतर्गत चारगांव के किसान रमेश नेताम के खेत जो कंपार्टमेंट 339 के नजदीक कुएं में बीती रात करीब 8 बजे 3 हाथी गिर गए थे। रात को वन विभाग को सूचना मिलने पर डीएफओ सहित समस्त अधिकारी मौके पर पहुंचे एवं हालात का जायजा लिया। मौके पर आसपास हाथी दल (लगभग 30) विचरण कर रहे थे। लेकिन किसी प्रकार की बेचैनी हाथियों में नजर नहीं आ रही थी, इससे अनुमान लगाया गया कि कुएं में गिरे हाथी सुरक्षित हैं। चूंकि चारों ओर हाथी खेतों में फैले हुए थे, इसलिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से रात में ऑपरेशन नहीं करने का निर्णय लिया गया। इस बीच दो जेसीबी, सर्च लाइट्स, रेत और लकड़ी के लट्ठो आदि की व्यवस्था कर ली गई थी ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनका उपयोग किया जा सके। शुक्रवार की सुबह 5 बजे के आसपास दो हाथी पास के सोलर पंप के सहारे से बाहर आ गए। जबकि तीसरा हाथी नहीं निकल पा रहा था। जिसे कुएं के एक छोर को जेसीबी से हटा करके निकाला गया। जिसके बाद तीनों हाथीयो को जंगल के भीतर खदेडा गया। जहाँ पर तीनो हाथी सुरक्षित एवं स्वस्थ हैं। पुरे ऑपरेशन के सफल हो जाने पर वन विभाग ने राहत की सांस ली।

    देखें रेस्क्यू का वीडियो 

     

    धमतरी। CG NEWS : जिले के दुगली वन परिक्षेत्र (Dugli Forest Range) मे 30 हाथियो का झुंड़ इलाके मे विचरण कर रहे है। हाथियो का झुंड खेतों मे लगे फसलो को नुकसान पहुचाते हुए आगे बढ रहा है। बीती रात दुगली के चारगाव मे किसान रमेश नेताम के खेत से लगे कुए मे इसी झुंड के तीन हाथी गिर गए थे। रात होने की वजह से वन विभाग ने रेस्क्यू नही किया। सुबह होते होते वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू करना शुरू किया। काफी मशक्कत के बाद तीनो हाथियो को बाहर निकाला गया।

     

     

    दरअसल दुगली परिक्षेत्र अंतर्गत चारगांव के किसान रमेश नेताम के खेत जो कंपार्टमेंट 339 के नजदीक कुएं में बीती रात करीब 8 बजे 3 हाथी गिर गए थे। रात को वन विभाग को सूचना मिलने पर डीएफओ सहित समस्त अधिकारी मौके पर पहुंचे एवं हालात का जायजा लिया। मौके पर आसपास हाथी दल (लगभग 30) विचरण कर रहे थे। लेकिन किसी प्रकार की बेचैनी हाथियों में नजर नहीं आ रही थी, इससे अनुमान लगाया गया कि कुएं में गिरे हाथी सुरक्षित हैं। चूंकि चारों ओर हाथी खेतों में फैले हुए थे, इसलिए सुरक्षा के दृष्टिकोण से रात में ऑपरेशन नहीं करने का निर्णय लिया गया। इस बीच दो जेसीबी, सर्च लाइट्स, रेत और लकड़ी के लट्ठो आदि की व्यवस्था कर ली गई थी ताकि आवश्यकता पड़ने पर उनका उपयोग किया जा सके। शुक्रवार की सुबह 5 बजे के आसपास दो हाथी पास के सोलर पंप के सहारे से बाहर आ गए। जबकि तीसरा हाथी नहीं निकल पा रहा था। जिसे कुएं के एक छोर को जेसीबी से हटा करके निकाला गया। जिसके बाद तीनों हाथीयो को जंगल के भीतर खदेडा गया। जहाँ पर तीनो हाथी सुरक्षित एवं स्वस्थ हैं। पुरे ऑपरेशन के सफल हो जाने पर वन विभाग ने राहत की सांस ली।

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  • नशीली दवाई बेचने पर एक मेडिकल स्टोर्स का लाइसेंस रद्द, 7 का सस्पेंड, 4 को कारण बताओ नोटिस

    दुर्ग। जिले में खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने कई मेडिकल स्टोर्स में एक साथ छापेमार कार्रवाई कर प्रतिबंधित व नशीली दवाओं को जब्त किया। जिसके बाद एक मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया। वहीं 7 मेडिकल स्टोर को 3 से 10 दिनों तक के लिए सस्पेंड किया गया। 4 मेडिकल स्टोर्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सही जवाब न मिलने पर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

    दुर्ग कलेक्टर पुष्पेंद्र मीणा ने नशीली दवाओं की ब्रिकी करने वाले मेडिकल स्टोर्स की जांच के निर्देश दिए हैं। इस पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी दुर्ग डॉ. जेपी मेश्राम के निर्देश पर संयुक्त टीम का गठन किया गया। इस टीम को नशीली दवाइयों की अवैध विक्री करने वाले मेडिकल स्टोर्स की जांच करने के निर्देश दिए गए थे। गुरुवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने खुर्सीपार क्षेत्र में कुल 14 मेडिकल स्टोर्स में छापेमार कार्रवाई की। इसमें से 10 मेडिकल स्टोर्स बंद पाए गए।

    जांच के दौरान खुर्सीपार क्षेत्र में संचालित सरदार मेडिकोज व श्रीराम मेडिकल स्टोर्स सहित चार मेडिकल स्टोर में प्रतिबंधित दवाओं की सेल होना पाया गया। टीम ने जब उनसे रिकॉर्ड मांगा तो वे नहीं दे पाए। चारों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही निरीक्षण के दौरान 8 मेडिकल स्टोर संचालकों को नशीली दवाइयों का अवैध रूप से क्रय-विक्रय किया जाना पाया गया। विभाग ने 7 मेडिकल स्टोर्स को 3-10 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया। वहीं मेसर्स भारत मेडिकल कसारीडीह दुर्ग का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है। खाद्य एवं औषधि विभाग ने इन सभी के खिलाफ नारकोटिक ड्रग एवं साइकोट्रोपिक एक्ट 1985 के तहत कार्रवाई की है।

    इन मेडिकल स्टोर्स के खिलाफ की गई कार्रवाई

    विभाग ने मेसर्स विनय मेडिकल स्टोर्स, अग्रसेन चौक का लाइसेंस 10 दिन के लिए निलंबित किया है। मेसर्स जीवन मेडिसिन सेंटर 5 दिन, दुर्ग मेसर्स लक्ष्य मेडिकल, भिलाई 3 दिन, मेसर्स भारत मेडिकल कसारीडीह दुर्ग का लाइसेंस सस्पेंड किया गया, मेसर्स सिन्हा मेडिकल स्टोर्स, जामगांव, पाटन का लाइसेंस 5 दिन, मेसर्स विजय मेडिकल स्टोर्स, पाटन 5 दिन, मेसर्स देवांगन मेडिकल स्टोर्स, पाटन, 5 दिन, मेसर्स जलाराम मेडिकल एंड जनरल स्टोर्स दुर्ग का लाइसेंस 3 दिन के लिए निलंबित किया गया है। इसके साथ ही खुर्सीपार क्षेत्र में 4 फर्मों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।