State News
  • CG Breaking: जंगल में लकड़ी लेने गई अधेड़ महिला को हाथी ने उतारा मौत के घाट, साथी महिलाओं ने भागकर बचाई अपनी जान
    सूरजपुर। जिले में हाथियों का आतंक जारी है. इसी बीच जंगल में लकड़ी लेने गई अधेड़ महिला को हाथी ने मौत के घाट उतार दिया. यह मामला प्रतापपुर वन परीक्षेत्र धरमपुर सर्किल का है। मृतिका अपनी बेटी के ससुराल घूमने आई थी। पड़ोस की दो महिलाओं के साथ जंगल में लकड़ी लेने गई थी। लकड़ी बीनने के दौरान हाथी सामने आ गया. इसी दौरान महिला मौके से भाग नहीं पाई और हाथी ने महिला को पटक कर मार डाला। साथी महिलाओं ने भागकर अपनी जान बचाई।
  • Chhattisgarh हर्बल्स की धमक अब देश की राजधानी तक, आहार एक्सपो 2022’ में आकर्षण का केन्द्र रहा छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पाद,ओलंपियन बॉक्सर वीजेन्दर सिंह हुए मुरीद
    रायपुर। ‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ एक राज्य स्तरीय ब्रांड है और यह अब राष्ट्रीय स्तर का ब्रांड बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों की दिनों-दिन बढ़ती मांग की वजह से पिछले तीन वर्षों में इसकी बिक्री 01 करोड़ रूपए से बढ़कर 7 करोड़ रूपए हो गई है। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 26 से 30 अप्रैल तक आयोजित इंटरनेशनल फूड एण्ड हॉस्पिटेलिटी फेयर ‘आहार एक्सपो 2022’ में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा छत्तीसगढ़ हर्बल्स के स्टॉल लगाए गए थे। यह स्टॉल अपने उत्पादों की गुणवत्ता और बेहतर स्वाद के फलस्वरूप लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र बना रहा। छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ एक राज्य स्तरीय ब्रांड है और यह अब राष्ट्रीय स्तर का ब्रांड बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों की दिनों-दिन बढ़ती मांग की वजह से पिछले तीन वर्षों में इसकी बिक्री 01 करोड़ रूपए से बढ़कर 7 करोड़ रूपए हो गई है। नई दिल्ली के प्रगति मैदान में 26 से 30 अप्रैल तक आयोजित इंटरनेशनल फूड एण्ड हॉस्पिटेलिटी फेयर ‘आहार एक्सपो 2022’ में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा छत्तीसगढ़ हर्बल्स के स्टॉल लगाए गए थे। यह स्टॉल अपने उत्पादों की गुणवत्ता और बेहतर स्वाद के फलस्वरूप लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र बना रहा।
  • BJP महिला मोर्चा ने रेडी टू ईट मामले को लेकर प्रशासन को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा
    बलरामपुर । भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष शालिनी राजपूत के निर्देशानुसार भाजपा महिला मोर्चा बलरामपुर के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसूईया उइके को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा ‘रेडी टू ईट’ के निर्माण का कार्य स्वसहायता समूह की बहनों से छीनकर ‘कृषि बीज विकास निगम’ को देने का दुर्भाग्यजनक निर्णय लिया गया है, शासन के इस फैसले को तुगलकी फरमान बताते हजारों माताओ-बहनों को रोजगार से हाथ धोना पड़ रहा है। इस फैसले से न केवल लाखों लोगों के पेट पर कुठाराघात हुआ है भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष शकुन्तला सिंह पोर्ते के नेतृत्व में महिला मोर्चा की बहनों ने हाथों में झंडा लेकर पैदल चलते हुए अपर कलेक्टर श्याम सिंह पैकरा को ज्ञापन सौंपा.
  • CG: कलेक्टर और एसपी ने अपने परिवार के साथ खाया बोरे बासी, Video
    रायपुर। श्रमिकों के सम्मान में कलेक्टर और एसपी ने अपने परिवार के साथ बोरे बासी खाकर दिन की शुरुआत की। बोरे बासी खाते हुए अफसरों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।सीएम बघेल ने प्रदेशवासियों से बोरे-बासी खाने की थी अपील मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने 1 मई को मजदूर दिवस के अवसर पर अपने आहार और संस्कृति के गौरव की अनुभूति के लिए देश-विदेश के कोने-कोने में बसे छत्तीसगढ़ के लोग बोरे-बासी खाकर श्रम का सम्मान करने की अपील की थी. मुख्यमंत्री के अपील पर छत्तीसगढ़ के सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि और युवा पीढ़ी भी बोरे-बासी खाकर देश दुनिया में अपने खानपान, अपनी संस्कृति के प्रति प्रेम और गौरवान्वित किया. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर हैश टैग #LabourDay2022 , #बोरे-बासी, #borebasi, #cgmodel के माध्यम से अपनी फोटो-वीडियो शेयर की.
  • Arrest: पुलिस को मिली बड़ी सफलता, 30 नग नशीली कफ सिरप के साथ एक आरोपी चढ़ा पुलिस के हत्थे
    रामानुजगंज। जिले के पुलिस चौकी प्रभारी विनोद पासवान के द्वारा एक बार फिर लगातार वाड्रफनगर क्षेत्र में नशीले पदार्थ को रोकने में सफलता हासिल किया है। जिले के वाड्रफनगर में 30 अप्रैल को ग्राम पंचायत कोटराही में अंडा दुकान की आड़ में नशीली कफ सिरप का धंधा कर रहे आरोपी मनोज कुशवाहा पिता छोटेलाल कुशवाहा उम्र 24 वर्ष को वाड्रफनगर पुलिस ने 30 नग नशीली कप सिरप के साथ गिरफ्तार किया है। दरअसल वाड्रफनगर पुलिस को मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि आरोपी दुकान की आड़ में अवैध कफ सिरप सप्लाई का व्यवसाय कर रहा है। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुशील नायक वाड्रफनगर, एसडीओपी अनिल कुमार विश्वकर्मा के मार्गदर्शन में वाड्रफनगर चौकी प्रभारी विनोद पासवान ने टीम बनाकर आरोपी मनोज कुशवाहा के दुकान में कार्रवाई करते हुए 30 नग स्काफ़ व ऑनरेक्स नामक कप सिरप को जप्त किया है। जिसके बाद पुलिस ने एनडीपीएस 21(ग) के तहत कार्रवाई करते हुए आरोपी को जेल भेजा दिया है। इस कार्यवाही में चौकी प्रभारी विनोद पासवान, एएसआई बालेश्वर महानंदी,मुकेश मिंज, शिव पटेल, विजय गुप्ता,विनोद माझी,सुखराम कुजुर,सम्मिलित रहे।
  • Raigarh: पहाड़ से टकराई मोटरसाइकिल,बच्ची की मौत, अन्य 3 घायल, शादी समारोह से लौट रहे थे वापस
    रायगढ़ । शादी समारोह से घर वापस लौटते समय झपकी आने से एक परिवार दुर्घटना का शिकार हो गया, इस हादसे में एक बच्ची की मौके पर मौत हो गई। जबकि 3 अन्य घायल हो गये. वही गंभीर रूप से घायल महिला व पुरुष को रायपुर अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती कराया गया है. मिली जानकारी के अनुसार ग्राम – बरगढ़, खरसिया निवासी – घनश्याम तुरी, अपनी पत्नी मीना तुरी, बेटी दिव्यानी तुरी और एक अन्य बच्चा नटवर तुरी के साथ शादी समोराह में बंगुरसिया (बडझरिया) गए थे. जहां से वापस अपने गृह ग्राम बरगढ़ मोटरसाइकिल से लौट रहे थे, चक्रधर नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत संबलपुरी रोड के पास पहुंचे ही थे कि घनश्याम तुरी को नींद की वजह से झपकी आ गई, जिससे मोटरसाइकिल अनियंत्रित होकर सीधे पहाड़ में जा टकराई। जिससे सामने बैठी हुई बच्ची गिर गई. गंभीर चोट कि वजह से मौके पर ही उसने दम तोड़ दिया. बाकी तीन घायल हो गये, जिसमे गंभीर रूप से घायल महिला व पुरुष को बेहतर ईलाज हेतु रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वही ममाले में थाना चक्रधर नगर पुलिस ने मर्ग कायम कर जांच प्रारंभ कर दी है।
  • Bilaspur News : साहित्यकार नमिता को केंद्र ने भारत भूषण सम्मान से नवाजा
    Bilaspur News : कालजयी रचनाओं (classic works)का सृजन करने वाली प्रखर लेखिका नमिता घोष (Namita Ghosh) को केंद्र ने भारत भूषण सम्मान (Bharat Bhushan Award)से नवाजा है। वे चार दशकों से लगातार जीवन के कटु अनुभवों को लिपिबद्ध कर रही है। चार दशकों से लगातार जीवन के कड़े अनुभवों को लिपिबद्ध कर रही। साहित्यकार नमिता घोष को केंद्र ने भारत भूषण पुरस्कार से नवाजा है। वे ऐसी प्रखर लेखिका है। कोरोना काल में भी उनकी कलम सृजन करती रही। उनका कहना है जो रचेगा वही बसेगा कहते हैं कि साहित्यकार बेहद संवेदनशील होता है। उसी संवेदना पर दुखी, शोषित, पीड़ित, लोगों के दर्द को पुस्तकों का विषय बनाती रही है। उनको भारत भूषण सम्मान मिलने से साहित्य का आसमान खुद सम्मानित हुआ है।
  • बोरे बासी, छत्तीसगढ का पौष्टिक पारंपरिक भोजन, 1 मई को सभी खायें :  भूपेश बघेल
    बोरे बासी दिवस - श्रमिकों का सम्मान बोरे बासी - विलुप्त होती छत्तीसगढ़ की खानपान परंपरा को जीवंत करने का प्रयास कर रहे हैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल* छत्तीसगढ़ राज्य में जहां भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़ी परंपरा, रीति रिवाज, त्योहारों को पूर्णतया जीवित किया | वहीं दूसरी ओर 1 मई मजदूर दिवस को भी अब बोरे बासी खाने की परंपरा को प्रचारित करने के उद्देश्य से बोरे बासी दिवस के रूप में मनाने का आह्वान किया है | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इस आभार एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के प्रयास से आम छत्तीसगढ़िया में उत्साह का माहौल है छत्तीसगढ़िया का मानना है कि प्रदेश में छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी संस्कृति परंपरा और त्योहारों बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण हमेशा जाकर रहे हैं | मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आव्हान पर पूरे प्रदेश वासी 1 मई मजदूर दिवस के दिन बोरे बासी खाकर छत्तीसगढ़ी परंपरा एवं श्रमिकों को उनके श्रमदान के लिए प्रोत्साहित करें | CG 24 News Singhotra
  • मंत्री शिव डहरिया जांच रिपोर्ट जनता के बीच लाना क्यों नहीं चाहते ? - धरमलाल कौशिक

    कांग्रेस को इतना भयभीत होने की क्या आवश्यकता है :  कौशिक 
    मंत्री डहरिया को अध्ययन के बाद ही कहना था


    नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मंत्री शिव डहरिया का बयान बेहद ही हास्यास्पद है। भारतीय जनता पार्टी जब कोर्ट के शरण में गई है तो तो कांग्रेस को भय क्यों होता है? इस जांच को लेकर पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा जस्टिस मिश्रा जांच आयोग बनाया गया।जिसमें जांच आयोग ने सभी तथ्यों का जांच किया तथा जांच के बाद उसका प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। प्रतिवेदन प्रस्तुत होने के बाद इसका परीक्षण होना था तथा जनता के सामने इसकी सच्चाई आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार आखिर नया कमीशन क्यों बनाना चाहती है? इस पर मंत्री शिव डहरिया का कहना है कि जांच रिपोर्ट अधूरी है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि क्या प्रदेश सरकार इस प्रतिवेदन को खोलकर देखा है? क्या इस जांच प्रतिवेदन को खोलकर पढ़ा गया है? क्या आपकी सरकार द्वारा इसकी परीक्षण कराई गई है? क्या विधानसभा के पटल पर इसको रखा गया तथा उसको रखने के बाद उसका परीक्षण किया गया? उन्होंने कहा कि आखिरकार किस आधार पर प्रदेश सरकार के मंत्री द्वारा कहा गया कि जांच रिपोर्ट अधूरी है तथा इसकी और जांच की आवश्यकता है।

    नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि झीरम घटना की जांच हेतु उस समय दो जांच आयोग का गठन किया गया तथा तत्कालीन केंद्र की यूपीए सरकार के उस समय के गृह मंत्री द्वारा एनआईए का गठन किया गया तथा एनआईए द्वारा जांच किया गया। उसके बाद हाईकोर्ट के जज द्वारा जांच हेतु जस्टिस मिश्रा जांच आयोग बनाया गया तथा जांच की कार्यवाही भी की गई। जांच होने के बाद प्रतिवेदन प्रस्तुत की गई। इसके बाद प्रतिवेदन का परीक्षण होना है तथा जो तथ्य है उसे जनता के बीच लाना है। उन्होंने कहा कि इस कमीशन से कांग्रेस भयभीत क्यों है? इसको जनता के बीच लाना क्यों नहीं चाहती है? उन्होंने प्रदेश की कांग्रेस पूछा है कि नए कमीशन बना रहे तो पुराने कमीशन की कानूनी वैधता क्या रहेगा और उस कमीशन के प्रतिवेदन का क्या होगा। इस पर मंत्री जी को अध्ययन के उपरान्त जवाब देना चाहिए। जांच रिपोर्ट आने के बाद भी उस प्रतिवेदन को नहीं देखा गया उस पर विधि सम्मत कार्यवाही नहीं हुई और नए कमीशन बनाकर के इसकी जांच किस आधार पर करने की बात कर रहें हैं।

  • सभी समाजों के उपयोग के लिए बनाए गए सामाजिक भवन : डॉं. शिव कुमार डहरिया

    नगरीय प्रशासन एवं विकास तथा श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया रायपुर जिले के आरंग विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम मुनरेठी और नगर पंचायत समोदा में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होेंने विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण एंव भूमिपूजन किया। डॉ. डहरिया समोदा में भक्त माता कर्मा जयंती के कार्यक्रम में भी शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आरंग क्षेत्र में सभी समाजों के उपयोग के लिए सामाजिक भवन बनाए गए है जहां पर सुविधा के साथ सामाजिक आयोजन सम्पन्न हो सकेंगे। विधानसभा आरंग क्षेत्र में सभी समाज के लोगों के लिए लगभग 215 सामाजिक भवनों का निर्माण कराया जा चुका है जिसमें नगर पालिका आरंग में लगभग 53 समाज वर्ग के लिए सामाजिक भवन बनाया गया है जिसमें साहू समाज, निषाद, पाल, लोधी, धीवर, पटेल, जलक्षत्री, सोनकर, देवांगन, चंद्राकर, मुसलमान, सिख, अग्रवाल, ब्राम्हण, सतनामी, समाज सहित अम्बेडकर मांगलिक भवन इत्यादि सामाजिक भवनों का निर्माण किया जा चुका है। इन सामाजिक भवनों के निर्माण हो जाने से सभी समाज के लोगों में खुशी का माहौल है। समाज के लोगों द्वारा मंत्री डॉ. डहरिया जी का आभार व्यक्त किया है।
    नगरीय प्रशासन मंत्री ने नगर पंचायत समोदा में विभिन्न निर्माण कार्यों का भूमिपूजन किया। इन कार्यों में वार्ड क्र. 1 में हॉट बाजार निर्माण कार्य 39.91 लाख रूपए, वार्ड क्रं. 1 में प्राथ शाला समोदा के पास चौक सौन्दर्यीकरण कार्य 7.73 लाख रूपए, वार्ड 11 में कागदेही स्वागत गेट के पास चौक सौन्दर्यीकरण कार्य 6.14 लाख रूपए की लागत से वार्ड क्र. 01 में कर्मा मंदिर के पास डोम शेड एवं फ्लोरिंग कार्य 25.00 लाख, वार्ड क्रं. 01 में पुन्नी मेला स्थल में विकास एवं उन्नयन कार्य 20.78 लाख रूपए वार्ड क्रं. 06 कुसमंद मोड चौक सौन्दर्यीकरण कार्य 5.44 लाख, वार्ड क्रं. 07 कुसमंद बस स्टैण्ड चौक सौन्दर्यीकरण कार्य 7.75 लाख, रंगमंच निर्माण कार्य वार्ड क्रं. 04 बाजार चौक 3.96 लाख, रंगमंच निर्माण कार्य वार्ड क्रं. 10 कुसमुंद में 3.96 लाख रूपये, रंगमंच निर्माण कार्य वार्ड क्रं. 09 कुसमुंद 3.96 लाख, अधोसंरचना मद अन्तर्गत स्वीकृत सी. सी. रोड व आर. सी. सी. नाली निर्माण कार्य (55 कार्य) हेतु 298.09 लाख, वार्ड क्रं. 14 कागदेही में सांस्कृतिक भवन निर्माण कार्य एवं सांस्कृतिक भवन में बाउड्रीवाल निर्माण कार्य 25.00 लाख, वार्ड क्रं. 09 कुसमंुद सांस्कृतिक भवन निर्माण कार्य एवं सांस्कृतिक भवन में बाउड्रीवॉल निर्माण कार्य 25.00 लाख का भूमिपूजन एवं गोठान निर्माण कार्य कुसमुंद वार्ड क्रं. 09 में 19.11 लाख लोकार्पण कार्य किये जाएंगे। साथ ही ग्राम मुनरेठी में तालाब पिचिंग कार्य भूमिपूजन एवं आदर्श ग्राम विकास कार्य 40.00 लाख का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किये उक्त कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष श्री खिलेष देवांगन,  कोमल सिंह साहू,  शिव साहू,  आजू वंशे,  संजय चेलक,  नंदू साहू,  नारायण कुर्रे, पुनीत निषाद,  कुलदीप वर्मा,  खेमीचंद साहू शामिल हुए।

  • भाजपा झीरम की जांच क्यों रोकना चाहती है?
    ईश्वर की अदालत से झीरम के दोषी कभी नहीं बच पायेंगे
    भाजपा किसी भी प्रकार से झीरम घाटी की सम्यक जांच को होने ही नहीं देना चाहती - डॉ. शिवकुमार डहरिया

     

    नगरीय निकाय मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने राजीव भवन में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि झीरम घाटी कांड पर गठित न्यायिक जांच आयोग को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने एक बार फिर से हाईकोर्ट में याचिका लगाई है और नये आयोग को निरस्त करने की मांग की है। ये कोई पहली बार नहीं हुआ है जब भाजपा ने झीरम घाटी कांड की जांच में बाधा खड़ी करने की कोशिश की हो। झीरम घाटी कांड की जांच सबसे अधिक भाजपा के शासन काल में हुई। सीबीआई की जांच नहीं होने दे रहे थे, एनआईए की जांच रोक दिया था। एसआईटी की जांच नहीं होने देना चाहते थे। अब न्यायिक जांच आयोग की जांच को रोकना चाहते है। धरमलाल कौशिक शायद ये भूल गये कि भाजपा के शासनकाल में 2013 से लेकर 2018 तक झीरम घाटी जांच आयोग की जांच पूरी नहीं हुई थी, कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी आयोग की समय वृद्धि की गई। आयोग ने समय वृद्धि के लिये फिर से शासन को लिखा था परंतु जस्टिस प्रशांत मिश्रा का तबादला हो जाने के बाद आयोग की ओर से राज्य शासन को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी गई थी।

     

    हमारी सरकार को लगता है कि झीरम घाटी कांड की जांच और गहन रूप से और दूसरे आयामों में भी करना जरूरी है जिसके बिना झीरम घाटी घटना का सच सामने नहीं आ पायेगा इसीलिये सरकार ने न्यायिक जांच आयोग का गठन किया है। झीरम घाटी कांड एक ऐसा कांड था जिसने कांग्रेस के नेतृत्व की एक पूरी पीढ़ी को ही समाप्त कर दिया था। स्वतंत्र भारत में हुई दुर्दान्त और हृदय विदारक घटना भारतीय जनता पार्टी के शासन काल में डॉ. रमन सिंह के राज में घटित हुई थी ये बात अब भारत के इतिहास से कभी मिटने नहीं वाली है। जैसे ही झीरम घाटी कांड की जांच की बात आती है पता नहीं भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं के पेट में दर्द होने लगता है, किसी न किसी प्रकार से वे इसकी जांच को बाधित करने में जुट जाते हैं, कभी बयानबाजी करते हैं, कभी आंदोलन करते हैं, कभी कोर्ट की शरण में जाते हैं, पीआईएल दायर करते हैं, यानी किसी भी प्रकार से भाजपा झीरम घाटी की सम्यक जांच को होने ही नहीं देना चाहती है।

     

    भाजपा के नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक क्या इस बात से डरते हैं कि झीरम घाटी कांड की जांच से ऐसा कोई सच निकल कर आ जाएगा जिससे तत्कालीन भाजपा सरकार के किसी कुत्सित चेहरे पर से नकाब उठा जायेगा? क्या धरमलाल कौशिक इस बात से डरते हैं कि उनके आका, तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार की नाकामी, उनके द्वारा कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को सुरक्षा मुहैया करवाने में बरती गई घोर लापरवाही सामने आ जायेगी?

     

    धरमलाल कौशिक किस बात को छुपाना चाहते है, भाजपा किस बात से डर रही है? क्या धरमलाल कौशिक इस बात से डरते हैं कि इस नक्सली घटना के पीछे की किसी बड़ी साजिश का पर्दाफाश हो जायेगा जिसका प्रभाव इनकी पूरी पार्टी पर पड़ सकता है? आखिर किसे बचाने की कोशिश कर रहे हैं, धरमलाल कौशिक जी? आप अपनी अंतरात्मा से पूछिये कि यदि ये ही घटना भाजपा के नेताओं के काफिले के साथ हुई होती, यदि आपके बड़े नेता मारे गये होते तो भी क्या आप इसकी न्यायिक जांच को रोकने के इतने प्रयास करते? क्या हमारे शहीद नेताओं को, हमारे सुरक्षा बलों के जवानों को और इस घटना में मारे गये आम नागरिकों को न्याय पाने का अधिकार नहीं हैं? क्या सिर्फ आपके राजनीतिक स्वार्थ और डर के कारण हम इस झीरम घाटी कांड की जांच भी न करवाएं?

     

    भाजपा न्यायिक जांच आयोग का विरोध करके न्याय की आशा का गला घोंट रही है। उन सभी शहीदों की शहादत का अपमान कर रही है। हमारे नेताओं की दुखद मृत्यु का उपहास उड़ा रही है।

     

    धरमलाल कौशिक याद रखिये कि एक ऊपर वाले की अदालत भी होती है हमारे शहीदों के परिजनों के आंसूओं ने भगवान की अदालत में जो पिटीशन लगाई है उस पर ईश्वर ने आप लोगों के पापों की सुनवाई कर रखी है, और उसने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। आप न्यायिक जांच आयोग के गठन का विरोध कर सकते हैं लेकिन ऊपर वाले की अदालत में आपकी कोई पिटीशन काम नहीं आयेगी। ईश्वर की अदालत से झीरम के दोषी कभी नहीं बच पायेंगे, इसकी गारंटी हम लेते हैं।

    पत्रकार वार्ता में कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने नये जांच आयोग की वैधानिकता के संबंध में मा. अदालत में जो सवाल खड़ा किये है उसके जवाब अदालत में दिये जायेंगे लेकिन जो नैतिकता का सवाल खड़ा होता है भारतीय जनता पार्टी झीरम की जांच को क्यों बाधित करना चाहती है? झीरम के सच को सामने क्या आना नहीं देना चाहती? षड़यंत्रकारियों को क्यों बचाना चाहती है? आज की पत्रकार वार्ता में हम इसी बात को आपके सामने रखना चाहते है।

    पत्रकार वार्ता में प्रवक्ता आर.पी. सिंह, आरडीए उपाध्यक्ष शिव सिंह ठाकुर, प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी, धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, वंदना राजपूत, नितिन भंसाली, मणि प्रकाश वैष्णव, अजय गंगवानी उपस्थित थे।

  • प्रशासनिक अतिवाद और स्वेच्छाचारिता के विरोध में पत्रकार आनंदराम साहू का एक मई से मौन सत्याग्रह
    महासमुंद। प्रेस क्लब महासमुंद में आयोजित प्रेसवार्ता में पत्रकारश्री से सम्मानित पत्रकार आनंदराम साहू ने कहा कि जिले में इन दिनों प्रशासनिक अतिवाद और स्वेच्छाचारिता चरम पर है। इससे आम आदमी की तकलीफ दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। इसके विरोध में उन्होंने कल एक मई (श्रमिक दिवस) से अनिश्चितकालीन मौन सत्याग्रह करने का निश्चय किया है। पांच सूत्रीय मांगों को लेकर वे मौन सत्याग्रह करने जा रहे हैं।आनंदराम साहू ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि सुनियोजित षडयंत्र करते हुए उनके मीडिया हाउस (प्रेस कार्यालय) को उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद आनन-फानन में ढहा दिया गया। इससे उन्हें अपूरर्णीय मानसिक और आर्थिक क्षति हुई है। बिना किसी पूर्व सूचना अथवा सक्षम अनुमति के इस तरह से भूमिस्वामी मद के प्रेस कार्यालय को ढहाना प्रशासनिक आतंकवाद का बड़ा नमूना है। ऐसा करके प्रशासन के कतिपय जिम्मेदार अधिकारी आम जनता को आतंकित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश की अवमानना और प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख राज्यपाल के आदेश की अवहेलना महासमुन्द में साधारण बात हो गई है। इसका पुरजोर विरोध और आम आदमी की तकलीफों को करीब से महसूस करने के लिए, खुद के साथ हो रही ज्यादती के प्रतिकार स्वरूप उन्होंने मौन सत्याग्रह करने का संकल्प लिया है। श्री साहू अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर नित्य सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक (प्रतिदिन 8 घंटा) मौन धारण कर अतिवादी रवैये का विरोध करेंगे। यह है पांच सूत्रीय मांगें माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के स्थगन आदेश की अवहेलना कर अंबेडकर चौक महासमुन्द स्थित मीडिया हाउस (हमारे प्रेस कार्यालय) को ढहाने वालों के खिलाफ तत्काल एफआईआर और अनुशासनात्मक/दण्डात्मक कार्यवाही हो। लोकतंत्र का चौथा अंग ‘मीडिया’ को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए, इसके लिए (श्रीपुर एक्सप्रेस और media24media के) महासमुन्द कार्यालय का व्यवस्थापन कर, तोड़फोड़ से हुई क्षति की भरपाई के लिए समुचित क्षतिपूर्ति राशि दिलाई जाए। लोक निर्माण विभाग ( सेतु निर्माण) महासमुन्द के अनुविभागीय अधिकारी द्वारा निर्माणाधीन तुमगांव रेलवे ओवरब्रिज के इर्द-गिर्द गुमटी/ठेला लगवाकर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण कराया जा रहा है। इसकी आड़ में गरीबों (श्रमिकों) से उगाही की जा रही है। समूचे मामले की उच्च स्तरीय जांच हो, ब्रिज के आसपास अतिक्रमण को तत्काल रोका जाए। और दोषियों पर दण्डात्मक कार्यवाही की जाए। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल के आदेश की अवज्ञा करते हुए जिला प्रशासन महासमुन्द के अधिकारियों ने नर्रा कांड की दण्डाधिकारी जांच अब तक संस्थित नहीं की है। 8 महीने बाद भी दण्डाधिकारी जांच नहीं कराने, स्वेच्छाचारिता करने वाले जिलाधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक/दंडात्मक कार्यवाही कर ग्रामीणों को न्याय दिलाई जाए। छत्तीसगढ़ में कार्यरत सभी पत्रकारों और समाचार पत्र कर्मचारियों को राज्य सरकार माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के परिपालन में मजीठिया वेज बोर्ड अनुरूप वेतन दिलाना सुनिश्चित करें। चुनावी घोषणा पत्र में शामिल पत्रकार सुरक्षा कानून को अविलम्ब लागू करें।