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  • CG CRIME NEWS : गला रेतकर ग्रामीण की निर्मम हत्या, कातिल कौन ?, जांच जारी

    दंतेवाड़ा। जिले में अज्ञात हमलावरों ने 50 साल के एक ग्रामीण की हत्या कर दी है। बताया जा रहा है कि धारदार हथियार से गला रेत कर वारदात को अंजाम दिया गया है। यह नक्सलियों की करतूत (handiwork of naxalites) है या फिर आपसी रंजिश पुलिस इसकी जांच में जुटी हुई है। शुक्रवार-शनिवार की देर रात हत्या हुई है। मामला जिले के कुआकोंडा थाना क्षेत्र (Kuakonda Police Station Area) का है।

    जानकारी के मुताबिक, कुआकोंडा थाना से 15 किमी दूर फूलपाड़ गांव (Phulpad Village) के मिडियम पारा (medium mercury) के हर्रा उर्फ झिमरी (50) की हत्या हुई है। ग्रामीण अपने घर के बाहर ही सो रहा था। इस बीच देर रात कुछ लोग घर पहुंच गए। उन्होंने पहले हर्रा की पिटाई की फिर धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी। इधर, शोरगुल की आवाज सुनकर परिजन जब पहुंचे तब तक हत्यारे वारदात को अंजाम देकर भाग गए थे।

    शनिवार की सुबह हत्या की जानकारी कुआकोंडा थाना (Kuakonda Police Station) में दी गई। दंतेवाड़ा के ASP राजेंद्र जायसवाल ने बताया कि प्रारंभिक तौर पर जो साक्ष्य निकल कर समाने आए हैं उनमें हत्या का कारण आपसी रंजिश दिख रहा है। फिलहाल मर्ग कायम कर मामले की जांच की जा रही है।ग्रामीण खेती किसानी का काम किया करता था। परिजनों से पूछताछ की जा रही है।

    2 दिन पहले भी हुई थी हत्या 

    दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित गांव टिकनपाल के प्राथमिक शाला के प्रधान अध्यापक अंबाती राजू की हत्या हुई थी। हेडमास्टर सुकमा जिले का रहने वाला था। जो पिछले कुछ सालों से टिकनपाल स्कूल में पदस्थ था और स्कूल में ही रहता था। बुधवार-गुरुवार की देर रात अज्ञात लोगों ने अंबाती राजू की चाकू से गला रेत कर हत्या कर दी थी।

  • जिला सहकारी बैंक से करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाला बैंक कैशियर गिरफ्तार
    बालोद । जिला सहकारी बैंक से करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले कैशियर अजय कुमार भेड़िया को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने फर्जी फिक्स डिपाजिट, पासबुक के माध्यम से ही इस ठगी की घटना को अंजाम दिया था।जानकारी के मुताबिक, जिला सहकारी बैंक निपानी के नोडल अधिकारी सत्येन्द्र वैदे ने थाना बालोद में धोखाधडी की शिकायत लिखाई थी। नोडल अधिकारीज़ ने बैंक के कैशियर पर इसका संदेह जताया था। इस शिकायत के बाद बालोद पुलिस और सायबर सेल की टीम ने नारायणपुर से फरार कैशियर अजय कुमार भेड़िया को गिरफ्तार किया गया। आरोपी में पूछताछ में बताया कि, उसने फर्जी पासबुक और फर्जी फिक्स डिपॉजिट के माध्यम से तीन चार सालों से पैसे निकाल रहा था। इस कार्य मे उसका सहयोग लिपिक और दौलत राम ठाकुर और रामेश्वर नागवंशी कर रहे थे। गबन की राशि को तीनों ने आपस मे बांटी थी। फिलहाल पुलिस ने आरोपी अजय भेड़िया को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
  • CRIME NEWS : रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्त में आई LADY DRUG इंस्पेक्टर, बोली— मेरे अकेले के लिए नहीं है, ऊपर तक देना पड़ता है
    ‘जीरो टॉलरेंस’ (Zero Tolerance ) सुनने में अच्छा लगता है और दिमाग में बात आती है कि क्या भारत में (In India) ऐसा दिन देखने को भी नसीब होगा, पर हकीकत यह है कि वर्तमान परिस्थितियों में तो नहीं। पर क्यों, जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) संसद में भी अपने लिए लाए गए भोजन का पैसा भी अपनी जेब से देते हैं, पर उनके अलावा राज्यों की कमान संभाल रहे या देश के शीर्ष पर बैठे लोग कितने ईमानदार (Honest) हैं, वास्तव में गणना का विषय यह है। यह बात इसलिए सामने आई, क्योंकि राजस्थान के जयपुर (Jaipur) में एक महिला ड्रग इंस्पेक्टर (Lady Drug Inspector) को जब रिश्वत लेते (Taking Bribe) रंगे हाथों पकड़ा गया, तो उनके मुंह से बरबस यही शब्द निकले कि यह मेरे अकेले के लिए नहीं है, बल्कि ऊपर वालों को भी देना पड़ता है। और यदि नहीं दिया तो तबादले की धमकियां दी जाती हैं। शिकायत पर हुई कार्रवाई प्राप्त जानकारी के मुताबिक महिला ड्रग इंस्पेक्टर सिंधू कुमारी (Lady Drug Inspector Sindhu Khumari) के पास 500 मेडिकल स्टोर्स के निरीक्षण (Inspection) की जिम्मेदारी थी। यह महिला अधिकारी इन सभी मेडिकल स्टोर्स (Medical Stores) से हर महीने 5—5 हजार रुपए वसूल करती थी, जिसके एवज में वह मेडिकल स्टोर्स में जांच के लिए पहुंचती ही नहीं थी, तो फिर मेडिकल स्टोर्स वालों की तो मानों चांदी हो गई थी। इनमें से ही एक मेडिकल स्टोर्स (Medical Stores) के संचालक में हर महीने 5 हजार वसूली को लेकर एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) में शिकायत कर दी। जिसे लेकर हरकत में आए एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti Corruption Bureau) ने सिंधू कुमारी को ट्रेप किया और रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। अधिकारी से मंत्री तक शामिल ड्रग इंस्पेक्टर सिंधू कुमारी (Drug Inspector Sindhu Kumari) ने गिरफ्तारी के बाद कहा है कि ‘ऊपर तक देना होता है।’ दरअसल में यह इशारा केवल एक या दो लेवल ऊपर के अ​फसरों तक सीमित नहीं है, बल्कि अधिकारियों से लेकर मंत्री तक होने वाले बंदरबांट की स्पष्ट तस्वीर है। उनके इस एक लाइन में बात स्पष्ट हो जाती है कि ‘भ्रष्टाचार एक शिष्टाचार’ का रूप ले चुका है
  • CG: 7 से बजट सत्र की शुरूआत, 9 मार्च को सीएम पेश करेंगे बजट, विधानसभा बजट सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष की प्रेस कॉन्फ्रेंस
    रायपुर। विधानसभा के बजट सत्र को लेकर अध्यक्ष चरणदास महंत प्रेस कॉन्फ्रेंस ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार विधानसभा में एक नई शुरुआत हुई है। प्रश्न उत्तर ऑनलाइन ही मंगाए गए थे। कुल 1682 प्रश्न आए। जिसमे 1499 प्रश्न 90 प्रतिशत ऑनलाइन आए। इससे प्रतिवर्ष 4 लाख 50 पृष्ठ 2.2 टन कागज़ की बचत हो रही है। पेड़ो के कटने, पानी और बिजली की भी बचत हुई है। इस स्तर में 13 बैठकें होंगी। राज्यपाल के अभिभाषण से सत्र की होगी शुरुआत। 7 मार्च से हो रही बजट सत्र की शुरुआत होगी।8 मार्च को अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन सौंपेगी। बतौर वित्तमंत्री सीएम बघेल 9 मार्च को दोपहर 12.30 बजे बजट पेश करेंगे। बजट पर 10 मार्च से चर्चा शुरू होगी।
  • Dantewada में ग्रामीण की गला रेतकर हत्या, नक्सलियों की करतूत या आपसी रंजिश का मामला, पुलिस जांच में जुटी
    दंतेवाड़ा। जिले के थाना से 15 किमी दूर फूलपाड़ गांव के मिडियम पारा में शुक्रवार-शनिवार की देर रात हर्रा उर्फ झिमरी (50) की हत्या हुई है। बताया जा रहा है कि ग्रामीण रात में घर के बाहर सो रहा था। तभी कुछ लोग वहां पर पहुंच गए। उन्होंने पहले हर्रा की पिटाई की फिर धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या कर दी। इधर, शोरगुल की आवाज सुनकर परिजन जब पहुंचे तब तक हत्यारे वारदात को अंजाम देकर भाग गए थे। यह नक्सलियों की करतूत है या फिर आपसी रंजिश पुलिस इसकी जांच में जुटी हुई है। ग्रामीण खेती किसानी का काम किया करता था। परिजनों से पूछताछ की जा रही है। टिकनपाल स्कूल में पदस्थ प्रधान अध्यापक की हुई थी हत्या दो दिन पहले प्राथमिक शाला के प्रधान अध्यापक अंबाती राजू की हत्या की गई थी। किरंदुल थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित गांव टिकनपाल के प्राथमिक शाला के प्रधान अध्यापक में पदस्थ थे। हेडमास्टर सुकमा जिले का रहने वाला था। स्कूल परिसर के अंदर घुसकर बुधवार-गुरुवार की देर रात अज्ञात लोगों ने अंबाती राजू की चाकू से गला रेत कर हत्या कर दी थी।
  • कलयुगी बेटे ने की माँ-बाप की हत्या, और शव को घर में ही दफनाया,ऐसे हुआ खुलासा

    छत्तीसगढ़ chhattisgarh  के सरगुजा surguja  में 17 साल के लड़के ने अपने ही माता-पिता को मार कर उनका शव घर में ही दफना दिया। हत्याकांड murder case  का पता 5 दिन बाद चला जब लड़के का बड़ा भाई घर पहुंचा। उसे घर में माता-पिता तो नहीं मिले, पर वह घर में आ रही बदबू से घबरा गया। उसने फौरन पुलिस police  को सूचना दी। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची।

    पूछताछ में छोटे बेटे ने माता-पिता की हत्या murder कर शव दफनाने की बात स्वीकार कर ली। पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया है। उससे पूछताछ की जा रही है।

    घर के अंदर बदबू आई तो बड़े बेटे ने पुलिस police  बुला ली
    सरगुजा जिले में उदयपुर क्षेत्र के खोधला गांव में रहने वाले जयराम सिंह (50) और फूलसुंदरी बाई (45) के दो बेटे हैं। बड़ा बेटा हेमंत अपनी पत्नी के साथ ससुराल में रहता है। वह गुरुवार को घर पहुंचा तो मां-बाप नहीं थे। उसने आसपास पूछा, लेकिन कुछ पता नहीं चला। घर के अंदर भी काफी बदबू आ रही थी। इस पर हेमंत ने पुलिस को सूचना दी।

    घर के अंदर गड्‌ढा खोदकर दफना दिया शव
    देर रात पुलिस पहुंची और छोटे भाई से पूछताछ की तो हत्याकांड murder का खुलासा हो गया। छोटे भाई ने ही अपने माता-पिता की हत्या कर उनके शवों को घर के अंदर गड्‌ढा खोदकर दफना दिया। पहले पिता के शव को दफनाया। इसके दो दिन बाद उसने मां के शव को दफनाया। इसके बाद भी वह वहीं रहता, सोता रहा। वह खाना भी वहीं पर बनाता था। इस खुलासे से पुलिस police  वाले भी सकते में आ गए। इसके बाद शवों को निकाला गया और पोस्टमॉर्टम postmartam  के लिए भेजा गया।

    आरोपी को लगता था- माता पिता बड़े भाई को ज्यादा तवज्जो देते हैं

    आरोपी 12वीं फेल है और काफी गुस्सैल स्वभाव का है। पुलिस police  के मुताबिक उसे हमेशा लगता था कि उसके माता-पिता बड़े भाई को उससे ज्यादा तवज्जो देते हैं। उसे प्यार भी नहीं करते। बड़े भाई की एक साल पहले ही शादी हुई है। वह माइंस में मजदूरी करता है और अपने ससुराल में रहता है। कभी-कभी ही गांव आता था।

    लकड़ी काटने वाली वसूली से मारा, वहीं खाना बनाता रहा
    पुलिस पूछताछ में आरोपी किशोर ने बताया कि उसने माता-पिता की हत्या करीब 5-6 दिन पहले लकड़ी काटने वाली वसूली से की थी। पहले घर में पिता का शव दफना दिया, लेकिन मां को दो दिन बाद दफनाया। इसके बाद उसी घर में सोता और खाना बनाता रहा। मौके पर फॉरेंसिक टीम को भेजा गया है। वह मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने मजिस्ट्रेट के सामने ही आरोपी के बयान लिए और फिर शवों को बाहर निकलवाया।

     
     
  • राजनीतिक फायदे के लिए झीरम का इस्तेमाल कर रही भूपेश सरकारःबृजमोहन

    रायपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने झीरम मामले पर सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार अपराधबोध से ग्रसित है और इस मामले का राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास कर रही है। कांग्रेस की सरकार बनने पर नक्सली भूपेश सरकार जिंदाबाद के नारे लगाते हैं। वास्तव में सरकार नक्सलियों के प्रति सद्भाव रखती है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में एक भी बड़ा नक्सली नहीं मारा जाता है।

    बृजमोहन अग्रवाल झीरम मामले में राज्य को जांच के अधिकार के विषय पर पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस सरकार अपराध बोध से ग्रसित है। अपराधबोध से ग्रसित होने के कारण जाँच आयोग बना, उसके सामने कोई सबूत प्रस्तुत नहीं कर पाए। उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक किया जाना चाहिए। उससे सरकार को डर क्यों लग रहा है? इसके बाद उन्होंने पूरक जांच आयोग बना दिया, उसके बाद एसआईटी घोषित कर दी। हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार को जाँच का अधिकार है तो जाँच करें, कौन रोका है परंतु सरकार जाँच कर के कुछ तथ्य सामने लाएं, नहीं तो सरकार तीन साल से झुलाने का काम कर रही है और इसका राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी और कांग्रेसी लोग अपनी जेब में झीरमकांड का सबूत ले कर घूम रहे हैं। उनके पास कोई सबूत है तो एनआईए को उपलब्ध कराना था। उनको उपलब्ध नहीं कराया अब एसआईटी को उपलब्ध करा दें। 

    बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि पहले देश में 218 जिले नक्सल प्रभावित थे जो मोदी जी के आने के बाद मात्र 78 जिले प्रभावित बचे हैं। प्रदेश में जब कांग्रेस सरकार आई तो नक्सलियों ने भूूपेश सरकार जिंदाबाद के नारे लगाए थे। नक्सलियों ने कहा कि अब तो हमारी सरकार आ गई है। वे एक साल तक खुली लूट, मार, डकैती और हत्याएं करते रहे। जब सरकार को समझ में आया कि दोस्ती से काम नहीं चलेगा तब केन्द्र के निर्देश पर ज्वाइंट पालिसी, ज्वाइंट कमांड में शामिल हुए, उसके बाद भी उनका रवैया नक्सलियों के प्रति सद्भावना का रहा। यही कारण है कि नक्सल विरोधी अभियान जैसा चलना चाहिए नहीं चल रहा है, परिणाम महाराष्ट्र, ओडीशा, मध्यप्रदेश के बार्डर में नक्सली मारे जाते हैं। उन्होंने जानना चाहा कि छत्तीसगढ़ में एक भी बड़ा नक्सली छत्तीसगढ़ की फोर्स क्यों नहीं मार पाई है। 

     

    बृजमोहन अग्रवाल ने भ्रष्टाचार पर सरकार को घेरते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के 32 जिलों में मंत्रियों की नहीं चल रही है। कलेक्टर ही मंत्री है और ये सभी कलेक्टर एक जगह से संचालित हो रहे हैं। ये कलेक्टर नियुक्ति, वसूली, कामों के सेंग्सन सब कुछ कर रहे हैं। अब कलेक्टर डिस्ट्रिक मजिस्ट्रेट नहीं वो इस सरकार के वसूली अधिकारी बन गए हैं। ये चुने हुए लोगों की सरकार नहीं अब नौकरशाहों की सरकार है। आईएएस आईपीएस,आईएफएस सरकार के द्वारा नामित अधिकारी इनका एक ही काम है कि हर काम के पीछे वसूली करना। पूरे प्रदेश में ठेके पर नियुक्तियाँ और ठेके पर काम हो रहे हैं। ये किसी एक मंत्री का दर्द नहीं बल्कि सभी मंत्रियों, सभी विधायकों का दर्द है। यह तो छत्तीसगढ़ की जनता का भी दर्द है कि कोई काम बिना लेनदेन के नहीं होता है। 

    अग्रवाल ने कहा कि खुद मुख्यमंत्री ने स्वयं नाराजगी व्यक्त की है। प्रदेश में 20 लाख से ज्यादा रेवेन्यू के मामले अटके पड़े हैं। इस सरकार में अधिकारी अपनी जेब भरने और अपने आकाओं को खुश करने के अलावा कोई काम नहीं कर रहे हैं।

  • प्रदेश में घटी कोरोना की रफ्तार, इन जिलों मे नहीं मिले एक भी मरीज, देखें जिलेवार आंकड़े

    रायपुर। कोरोना वायरस के मामलों में गिरावट देखने को मिल रहा है। अब तक 11 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। आज 107 नए मरीज मिलने की पुष्टि हुई है। अब छत्तीसगढ़ में कुल एक्टिव मरीज 888 हो गए हैं।

    107 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों की आज पहचान हुई वहीं 224 मरीज़ स्वस्थ होने के उपरांत डिस्चार्ज/रिकवर्ड हुए। कोरोना से आज कुल 0 मौतें हुई है।

    छत्तीसगढ़ में कोरोना के अब तक कुल 1151343 मरीज मिले हैं। जिसमें से 1136425 मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 888 है। वहीं कोरोना से प्रदेश में अब तक कुल 14030 मौतें हो चुकी हैं।

    छत्तीसगढ़ में आज 21 हजार 906 सैम्पलों की हुई जांच प्रदेश की औसत पॉजिटिविटी दर 0.49 प्रतिशत

    आज 4 मार्च की स्थिति में प्रदेश की पॉजिटिविटी दर 0.49 प्रतिशत है। आज प्रदेश भर में हुए 21 हजार 906 सैंपलों की जांच में से 107 व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। प्रदेश में आज कोरोना संक्रमित किसी भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है।

    प्रदेश के 07 जिलों में आज कोरोना का कोई नया मामला नहीं, 17 जिलों में 01 से 10 के मध्य कोरोना संक्रमित पाए गए।

     

  • नई राजधानी प्रभावित किसान आंदोलन खत्म करने तैयार नहीं,आठ में से ही तीन ही मांगे माने हैं..
    सरकार का कहना है किसानों की छह मांगे मान ली गई हैं रायपुर। दो माह हो गए नई राजधानी प्रभावित किसानों का आंदोलन जारी है। सरकार कहती है कि अधिकांश मांगे मान ली गई है इसलिए किसान आंदोलन समाप्त करें। वहीं किसान समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर कहते हैं कि हमने आठ मांगें की थीं, इसमें से 3 को इन्होंने माना है वह भी आधा अधूरा। यह वही मांगें हैं जो सशक्त समिति की 2012 में हुई 12वीं बैठक में तय हो चुका था। उसका समग्र परिपालन न तो पिछली भाजपा सरकार ने किया और न ही मौजूदा कांग्रेस सरकार कर रही है। उन्हीं पूर्व निर्णयों को नई शर्तें लादकर आधा-अधूरा आदेश जारी हुआ है।   रूपन चंद्राकर ने कहा, हम सरकार से निवेदन कर रहे हैं, मौजूदा सरकार के गठन से पहले हमारे साथ जो वादा किया था उसे पूरा कर दें। सरकार सारे मुद्दों पर किसानों को अपना फैसला दे दे। हम आंदोलन छोड़ देंगे और सरकार का सम्मान भी करेंगे। सरकार मांग नहीं मानेगी तो आंदोलन जारी रहेगा। किसानों की पूरी मांग क्या है-- 0 सन 2005 से स्वतंत्र भू क्रय-विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए। 0 प्रभावित 27 ग्रामों को घोषित नगरीय क्षेत्र की अधिसूचना निरस्त की जाए। 0 सम्पूर्ण ग्रामीण बसाहट का पट्टा दिया जाए। 0 प्रभावित क्षेत्र के प्रत्येक वयस्क व्यक्ति को 1200 वर्ग फीट विकसित भूखण्ड का वितरण किया जाए। 0 आपसी सहमति, भू-अर्जन के तहत अर्जित भूमि के अनुपात में शुल्क आवंटन।अर्जित भूमि पर वार्षिकी राशि का भुगतान तत्काल दिया जाए।सशक्त समिति की 12वीं बैठक के निर्णयों का पूर्णतया पालन हो। 0 मुआवजा प्राप्त नहीं हुए भू.स्वामियों को चार गुना मुआवजे का प्रावधान हो। सरकार का क्या रुख है-- वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया है कि किसानों की छह मांगे मान ली गई हैं। पट्टा वितरण का काम 7 मार्च से शुरू हो रहा है। 41 में से 13 गांवों कुहेरा, परसदा, पलौद, कोटनी, तांदुल, खंडवा, पचेड़ा, भेलवाडीह, तेंदुआ, पौता, बंजारी, चेरिया और कुर्रू में जमीन बेचने-खरीदने के लिए एनओसी लेने की आवश्यकता खत्म कर दी गई है। दुकान, गुमटी, चबूतरा और हॉल का आवंटन लागत मूल्य पर प्रभावित ग्रामीणों को लॉटरी के आधार पर करने का आदेश जारी है। एनआरडीए की संविदा सेवाओं में प्रभावित किसानों को 60 प्रश आरक्षण की बात मान ली गई है। वहीं वार्षिकी ऑडिट आपत्तियों के निराकरण के बाद वार्षिकी राशि का भी भुगतान किया जाएगा। सरकार किसानों के साथ हैं वे आंदोलन समाप्त तो करें।
  • यूक्रेन से लौटे छत्तीसगढ़ के 11 छात्रों का रायपुर एयरपोर्ट में स्वागत
    रायपुर। आज एयरपोर्ट निदेशक की ओर से केंद्र सरकार द्वारा यूक्रेन से निकाले गए छत्तीसगढ़ के 11 छात्रों का स्वागत किया गया। बता दें कि रूस के यूकेन पर हमला (Russia-Ukraine War) करने के बाद से ‘ऑपरेशन गंगा’ (Operation Ganga) के तहत अब तक केंद्र सरकार 11,000 भारतीयों की सुरक्षित वापसी करा चुकी है. एयर एशिया की उड़ान से दिल्ली पहुंचने वाले 170 नागरिकों का स्वागत करने पहुंचे विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन (V Muraleedharan) ने यह जानकारी दी है. मुरलीधरन ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इसको लेकर एक ट्वीट किया है. इसमें उन्‍होंने ल‍िखा, ‘यूक्रेन से अब तक 11,000 भारतीयों को निकाला गया है. नई दिल्ली हवाई अड्डे पर 170 भारतीयों के एक समूह को एयर एशिया इंडिया के माध्यम से निकाले जाने पर खुशी हुई.’ मुरलीधरन के अलावा भारतीय वायुसेना ने आज ट्वीट कर जानकारी दी कि ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत पिछले 24 घंटों में तीन IAF C-17 विमान पोलैंड, रोमानिया और स्लोवाकिया के हवाई क्षेत्रों से निकाले गए 629 भारतीय नागरिकों के साथ हिंडन एयरबेस पर लौट आए. साथ ही इन विमानों ने 16.5 टन राहत सामग्री पीड़ित मुल्क तक पहुंचाई.
  • सड़क निर्माण कार्य में लगी 5 गाड़ियों को नक्सलियों ने किया आग के हवाले
    कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सड़क निर्माण कार्य में लगी पांच गाड़ियों को नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया है। कांकेर थानाक्षेत्र के मलाजकुंड जलप्रपात की ओर जाने वाले मार्ग को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाय) के तहत बनाया जा रहा है। सभी गाड़ियों इसी निर्माण कार्य में लगी है। इनमें 1 JCB, 2 हाइवा और 2 मिक्चर मशीन शामिल हैं। माओवादियों ने इन सभी वाहनों के डीजल टैंक को फोड़कर इनमें आग लगाई है।बताया जा रहा है कि कांकेर जिला मुख्यालय से महज 20 किमी की दूरी पर ही माओवादियों ने वारदात को अंजाम दिया है। मामला सिटी कोतवाली क्षेत्र का है। नक्सलियों ने सबसे पहले मरमामारी के पास निर्माण सामग्री लेकर जा रहे दो हाईवा वाहनों को रोककर आग के हवाले कर दिया। इसके बाद घटनास्थल से दो किलोमीटर आगे कलमुच्चे के पास खड़ी जेसीबी और दो मिक्सर मशीन में भी आग लगा दी। कांकेर एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि यह कार्य कांकेर के स्थानीय ठेकेदार अभय बाफना द्वारा करवाया जा रहा था। उन्हें कलमुच्चे से मारती तक लगभग 3 किमी सड़क निर्माण का ठेका मिला है। निर्माण कार्य में सभी वाहनों उनके स्वयं की है। एसपी ने कहा कि ठेकेदार द्वारा कोई सुरक्षा नहीं मांगी गई थी। बता दें कि घटनास्थल कांकेर मुख्यालय से महज बीस किमी की दूरी पर है। घटनास्थल पर मौजूद मजदूरों ने बताया कि माओवादियों ने घटना को अंजाम दिया और काम नहीं करने की चेतावनी देकर चले गए। नक्सलियों ने किसी मजदूर से कोई मारपीट नहीं की है। घटना के बाद से आसपास के इलाकों में दहशत है।
  • रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कवच सुरक्षा तकनीक का सफल परीक्षण किया
    दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का महत्वपूर्ण झारसुगुड़ा-बिलासपुर-रायपुर-नागपुर सेक्शन कवच सुरक्षा तकनीक के दायरे में । रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कवच सुरक्षा तकनीक का सफल परीक्षण किया । इस ऑटोमैटिक तकनीक के जरिए अब दो गाड़ियों के बीच आमने-सामने से टक्कर नहीं होगी । बिलासपुर - माननीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज कवच सुरक्षा तकनीक का सफल परीक्षण किया । इस ऑटोमैटिक तकनीक के जरिए अब दो गाड़ियों के बीच आमने-सामने से टक्कर नहीं होगी । खास बात ये है कि इस तकनीक को देश में तैयार किया गया है । केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री  अश्विनी वैष्णव ने दक्षिण मध्य रेलवे के सिकंदराबाद मंडल में लिंगमपल्ली-विकाराबाद खंड पर गुल्लागुडा-चिटगिड्डा रेलवे स्टेशनों के बीच कवच कार्य प्रणाली के परीक्षण का निरीक्षण किया । इस अवसर पर वी.के.त्रिपाठी, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे । माननीय केंद्रीय मंत्री की उपस्थिति में कवच का व्यापक परीक्षण किया गया । माननीय मंत्री उस लोकोमोटिव पर सवार थे जो गुल्लागुडा से चिटगिड्डा की ओर चला गया था । वी.के.त्रिपाठी, अध्यक्ष और सीईओ, रेलवे बोर्ड उस लोकोमोटिव में सवार थे, जो चिटगिड्डा से गैलागुडा की ओर बढ़ा । ट्रायल के दौरान दोनों लोकोमोटिव एक दूसरे की ओर बढ़ रहे थे, जिससे आमने-सामने टक्कर की स्थिति पैदा हो गई थी । कवच प्रणाली ने स्वचालित ब्रेकिंग सिस्टम की शुरुआत की और इंजनों को 380 मीटर की दूरी पर रोक दिया । साथ ही, लाल सिग्नल को पार करने का परीक्षण किया गया; हालांकि, लोकोमोटिव ने लाल सिग्नल को पार नहीं किया क्योंकि कवच के लिए ब्रेक लगाना अनिवार्य हो गया था । गेट सिग्नल के पास आने पर स्वचालित सीटी की आवाज तेज और स्पष्ट थी । परीक्षण के दौरान चालक दल ने ध्वनि और ब्रेकिंग सिस्टम को मैन्युअल रूप से नहीं छुआ । लोकोमोटिव को लूप लाइन पर चलाने के दौरान 30 किमी प्रति घंटे की गति प्रतिबंध का परीक्षण किया गया था । लोकोमोटिव के लूप लाइन में प्रवेश करते ही कवच ने गति को 60 किमी प्रति घंटे से घटाकर 30 किमी प्रति घंटे कर दिया । कवच क्या है कवच भारतीय उद्योग के सहयोग से अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित एटीपी प्रणाली है और भारतीय रेलवे में ट्रेन संचालन में सुरक्षा के कॉर्पोरेट उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा परीक्षण किया गया है । यह सुरक्षा अखंडता स्तर - 4 मानकों की अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है । कवच का मतलब ट्रेनों को खतरे (लाल) पर सिग्नल पास करने और टक्कर से बचने के लिए सुरक्षा प्रदान करना है । यदि चालक गति प्रतिबंधों के अनुसार ट्रेन को नियंत्रित करने में विफल रहता है तो यह ट्रेन ब्रेकिंग सिस्टम को स्वचालित रूप से सक्रिय कर देता है । इसके अलावा, यह कार्यात्मक कवच प्रणाली से लैस दो इंजनों के बीच टकराव को रोकता है । कवच सबसे सस्ती, सुरक्षा अखंडता स्तर 4 (एसआईएल -4) प्रमाणित तकनीकों में से एक है, जिसमें त्रुटि की संभावना 10,000 वर्षों में 1 है । साथ ही, यह रेलवे के लिए इस स्वदेशी तकनीक के निर्यात के रास्ते भी खोलता है । कवच की विशेषताएं • खतरे में सिग्नल पासिंग की रोकथाम (एसपीएडी) • ड्राइवर मशीन इंटरफेस (डीएमआई) / लोको पायलट ऑपरेशन कम इंडिकेशन पैनल (एलपीओसीआईपी) में सिग्नल पहलुओं के प्रदर्शन के साथ मूवमेंट अथॉरिटी का निरंतर अद्यतन । • ओवर स्पीडिंग की रोकथाम के लिए स्वचालित ब्रेक लगाना • समपार फाटकों के पास पहुंचते समय ऑटो सीटी बजना • कार्यात्मक कवच से लैस दो इंजनों के बीच टकराव की रोकथाम • आपातकालीन स्थितियों के दौरान एसओएस संदेश • नेटवर्क मॉनिटर सिस्टम के माध्यम से ट्रेन की आवाजाही की केंद्रीकृत लाइव निगरानी । भारतीय रेलवे पर कवच तैनाती रणनीति: रेलवे यातायात का 96% भारतीय रेलवे उच्च घनत्व नेटवर्क और अत्यधिक प्रयुक्त नेटवर्क मार्गों पर किया जाता है । इस यातायात को सुरक्षित रूप से ले जाने के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित निम्न प्राथमिकता के अनुसार कवच कार्यों को एक केंद्रित तरीके से शुरू किया जा रहा है। • पहली प्राथमिकता: हाई डेंसिटी रूट्स और नई दिल्ली-मुंबई और नई दिल्ली-हावड़ा सेक्शन पर ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग और सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल के साथ 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से। चूंकि इस तरह के वर्गों में ड्राइवरों की ओर से मानवीय त्रुटियों की संभावना अधिक होती है, जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटनाएं होती हैं क्योंकि ट्रेनें एक-दूसरे के करीब चलती हैं । • दूसरी प्राथमिकता: स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग और केंद्रीकृत यातायात नियंत्रण के साथ अत्यधिक प्रयुक्त नेटवर्क पर । • तीसरी प्राथमिकता : स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग के साथ अन्य यात्री उच्च घनत्व वाले मार्गों पर । • चौथी प्राथमिकता : अन्य सभी मार्ग । आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, 2022-23 में सुरक्षा और क्षमता वृद्धि के लिए 2,000 किलोमीटर नेटवर्क को कवच के तहत लाया जाएगा । कवच के तहत लगभग 34,000 किलोमीटर नेटवर्क लाया जाएगा । भारतीय रेलवे के दिल्ली – हावड़ा, हावड़ा – मुंबई, मुंबई – दिली, दिल्ली – गुवाहाटी, दिल्ली – चेन्नई, चेन्नई – हावड़ा एवं चेन्नई – मुंबई जैसे 7 उच्च घनत्व (हाई डेंसीटी) रूट पर कवच की तैनाती के लिए कार्य योजना बनाई गई है ।