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  • ग्राम पंचायत होनावंडी के छात्र छात्राओं हेतु कैरिअर मार्गदर्शन शिविर का हुआ आयोजन

    छात्रों को भविष्य में उचित कैरियर के चुनाव एवं मार्गदर्शन के उद्देश्य से विकासखंड विश्रामपुरी के ग्राम पंचायत होनावंडी में स्थित डी.ए.व्ही. हायर सेकेंडरी स्कूल मे कैरिअर मार्ग दर्शन शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में  शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय होनावंडी के छात्र-छात्राओं ने भी भाग लिया। इस दौरान विद्यालय की प्राचार्य पद्मा राव ने कहा कि कोरोना के कारण स्कूल बंद होने से स्कूली बच्चों पर मनोवैज्ञानिक रूप से दबाव बढ़ा है। जिससे बच्चांे के आत्मविश्वास में कमी, अवसाद में बढोत्तरी एवं कैरियर के प्रति उदासिनता में वृद्धि हुई है। जिसे देखते हुए उनका मार्गदर्शन किया जाना आवश्यक हो गया था। जिसे देखते हुए विद्यालय में कॅरियर मार्गदर्शन एवं मोटिवेशन शिविर आयोजित किया गया।
    इस कार्यक्रम में बतौर मोटिवेशनल स्पीकर प्रभारी जिला पशुचिकित्सालय डॉ नीता मिश्रा ने विद्यार्थियों से अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने रूचि के अनुसार रोजगार के चुनाव, दैनिक दिनचर्या की आवश्यकता, स्वच्छता की आवश्यकता एवं 10वीं के बाद विषय के चुनाव के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बच्चों को 10वीं के बाद लिये जाने वाले विषयों के साथ भविष्य में अपनाये जा सकने वाले रोजगार की जानकारी देते हुए उनके लिये आवश्यक परीक्षाओं एवं विषयों की जानकारी दी। इसके अतिरिक्त उन्होंने सफलता हेतु विभिन्न नियमों को बताते हुये एक्टीव रिकाॅल तकनीक एवं स्पेस रिपिटेशन तकनीक के संबंध में भी बताया।
    इसके साथ ही विद्यालय के व्याख्याता शैलेन्द्र सोनी ने बच्चों को कहा कि अंग्रेजी को विषय न समझकर केवल संपर्क करने हेतु माध्यम समझना चाहिए। ताकि बच्चे अंग्रेजी न केवल लिखना सीखंे अपितु सुनने बोलने पढ़ने लिखने में भी पारंगत बन सके।
    इस कार्यक्रम में प्रभारी बीआरसी विश्रामपुरी केवल सिंह पोया, प्रेम लाल साहू, आश्रिता दास, चम्पा खटारिया, राजेन्द्र कुमार साहू, सतुलाल मरकाम, बिंदा सेन, उमेंश कुमार नाग, कडराम कोर्राम सहित समस्त शिक्षकगण, डीएव्ही स्कूल व शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय होनावंडी के छात्र-छात्रायें एवं अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।

  • वर्तमान में जिले के सिंचाई जलाशयों में औसत रूप से 68 प्रतिशत जल भराव

    जिले में जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए निर्मित्त किए गए जलाशयों, तालाबोें, डबरी, डेम इत्यादि में विगत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष जल भराव की स्थिति बेहतर हैै। 15 सितम्बर 2021 की में जिले के 18 जलाशयों में उपयोगी मात्रा का 68 प्रतिशत जल भराव बना हुआ है। जलाशयों में पानी भरे होने से जिले में गर्मी के दिनों में की जाने वाली जलापूर्ति और सिंचाई को लेकर प्रशासन की चिंता दूर हुई है। इन जलाशयों से किसानों को फसलों की सिंचाई के लिए पानी देने के साथ ही गर्मी में निस्तारी के लिए तालाबों को भी भरा जाता है। जिले में जल भराव बेहतर होने से किसानों को खेती-किसानी करने में आसानी हो रही है।
    कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग ने बताया कि इस वर्ष ग्रीष्म ऋतु में जिले के सभी जलाशयों मंें जल भराव का स्तर बहुत अच्छा बना हुआ है। जिले के 18 जलाशयों की कुल जल संग्रहण क्षमता 2293.951 मिलियन घन फुट है। जिसका कुल उपयोगी क्षमता 2064.939 मिलियन घन फुट है। वर्तमान में इन सभी जलाशयों में संग्रहित कुल जल मात्रा 1623.652 मिलियन घन फुट में उपयोगी जल मात्रा 1402.040 मिलियन घन फुट है। वर्तमान में विकासखंड जशपुर के नीमगांव तालाब में 85 प्रतिशत जल भराव बना हुआ है। इसी प्रकार विकासखंड मनोरा के सोगड़ा तालाब में 50 प्रतिशत, सरडीह तालाब में 95 प्रतिशत, डड़गांव तालाब में 50 प्रतिशत जल भराव हैै। विकासखंड फरसाबहार के लवाकेरा तालाब में 60 प्रतिशत, कोनपारा तालाब में 80 प्रतिशत, अंकिरा तालाब में 100 प्रतिशत जल भराव, कांसाबेल के साजापानी तालाब में 100 प्रतिशत, राजामुण्डा तालाब में 100 प्रतिशत जल भराव, पत्थलगांव के केराकछार में 100 प्रतिशत, तमता जलाशय में 97 प्रतिशत, खमगढ़ा जलाशय में 95 प्रतिशत, गेर्रानाला जलाशय में 60 प्रतिशत, बालाझर जलाशय में 76 प्रतिशत, घरजियाबथान जलाशय में 35 प्रतिशत एवं खरकट्टा जलाशय में 100 प्रतिशत जल भराव, विकासखंड कुनकुरी के बेलसुंगा तालाब में 73 प्रतिशत बल्जोरा तालाब में 95 प्रतिशत जल भराव की स्थिति हैै।
     इन जलाशयों से किसानों की मांग पर आवश्यकतानुसार नहरों में पानी भी छोड़ा जा रहा है जिससे किसानों को कृषि एवं निस्तारी के लिए पानी पर्याप्त मात्रा में मिल सके। ग्रामीण किसानों द्वारा इन जलाशयों से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होने से अपने खेतों में दोहरी फसल के साथ ही मौसमी सब्जी की खेती कर अपने आय में वृद्धि कर रहे है।

     
  •  मोर पड़ोसी मोर सुरक्षा थीम का जिला कोरबा पुलिस अधीक्षक  भोजराम पटेल ने किया बुधवारी बस्ती सीएसईबी चौकी से आगाज

    मोर पड़ोसी मोर सुरक्षा' अभियान के तहत संदिग्ध व्यक्तियों की सूचना एवं संदेहास्पद गतिविधियों की सूचना पुलिस को देने दिया सुझाव
    अपराध जागरूकता अभियान के तहत कोरबा पुलिस ने उठाया प्रभावी कदम

     भोजराम पटेल पुलिस अधीक्षक कोरबा द्वारा बुधवारी बस्ती में आयोजित ''मोर पड़ोसी मोर सुरक्षा'' कार्यक्रम की शुरुवात की गई। जिसमें उन्होंने आमजनों को संबोधित करते हुए कहा कि जागरूकता और हमारी समझदारी ही समाजिक परिवेश को स्वस्थ्य और मजबूत आधार प्रदान करता है। हम सभी को आपसी सामंजस्य और भाईचारा बनाए रखते हुए समाज को सही दिशा में ले जाने का प्रयास करना चाहिए। ऐसा होने से हमारा सामाजिक माहौल जहां मजबूत होगा वहीं हमारी युवा पीढ़ी के सामने एक आदर्श भी स्थापित होगा - उक्ताशय की सारगर्भित बातें पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल ने बुधवारी क्षेत्र में सीएसईबी चौकी द्वारा आयोजित एक बहुद्देशीय कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य नागरिकों को संबोधित करते हुए कही ।
     भोजराम पटेल ने कहा कि तेज़ी से विस्तारित हो रहे समाज और क्षेत्र के परिदृश्य में अपराध का बढ़ना कोई चौंकाने वाली बात नहीं है लेकिन बावजूद इसके हमें पूरी चैतन्यता और समझदारी के साथ लोगों को इससे बचने और दूर रहने की समझाइश देनी चाहिए।
     पुलिस कप्तान श्री पटेल ने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को आदर देते हुए आगे कहा कि 'वे' अपने निकटस्थ पड़ोसियों के साथ होने वाली बातचीत और व्यवहार में माधुर्यता बनाये रखें। ऐसा होने से जहां हमारी आपसी निकटतम खुशबू देगी वहीं हमारा सामाजिक वातावरण भी ओजस्वी होगा। आपको बता दें कि श्री पटेल ने अपना पूरा उद्बोधन सारे महत्वपूर्ण कथ्य और तथ्य के साथ छत्तीसगढ़ी भाषा में दिया।
     कार्यक्रम के प्रारंभ में उपस्थित पार्षद, वरिष्ठ जनों और प्रबुद्ध समाजसेवियों द्वारा पुलिस कप्तान भोजराम पटेल का पुष्प गुच्छ भेंटकर आत्मीय स्वागत किया गया। कार्यक्रम में उप पुलिस अधीक्षक (ट्रेफिक)  शिव चरण सिंह परिहार, सीएसईबी चौकी प्रभारी आशीष कुमार सिंह सहित अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

  •  जिला प्रशासन की विशेष पहल रंग लाया : रत्नगर्भा अकादमी से बनने लगे प्रशासनिक अधिकारी

    जिला प्रशासन द्वारा संचालित रत्नगर्भा अकादमी फॉर कॉम्पिटिटिव एग्जाम ‘‘रेस’’ से अब प्रशासनिक अधिकारी बनने का सपना पूरा हो रहा है। कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर की पहल पर जिला प्रशासन द्वारा विगत वर्ष छत्तीसगढ़ पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा एवं मेंस की तैयारी हेतु 60 दिवसीय निःशुल्क क्रेश कोर्स डिजाइन किया गया था। जिसका सुखद परिणाम सामने आ रहे है। नगर की कुमारी दिव्या वैद्य का चयन छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग-2019 में हुआ है। गत दिनों जारी परीक्षा परिणाम में दिव्या को ओवरऑल 251 रैंक हासिल हुआ है। वही कैटेगिरी रैंक में उन्हें 16वीं रैंक प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि उसे भू-अभिलेख शाखा में सहायक अधीक्षक के पद पर नियुक्ति मिलेगी। दिव्या ने जिला प्रशासन द्वारा संचालित रत्नगर्भा अकादमी ‘‘रेस’’ में मिले मार्गदर्शन को इस सफलता के लिए श्रेय दिया है। उन्होंने कहा कि हालाकि वे 2019 से ही परीक्षा की तैयारी कर रही थी, लेकिन दिसम्बर 2020 में संचालित निःशुल्क कोचिंग में अध्ययन के पश्चात आत्मविश्वास मजबूत हुआ। कलेक्टर  निलेश क्षीरसागर, तत्कालिन जिला पंचायत सीईओ  चन्द्रकांत वर्मा, डिप्टी कलेक्टर सुश्री रूचि शर्मा, श्रीमती शीतल बंसल और विषय विशेषज्ञों के निरंतर मार्गदर्शन और अध्ययन विधि से तैयारी में मदद मिली। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय माता-पिता सहित रत्नगर्भा अकादमी को दिया है। ज्ञात है कि कलेक्टर  क्षीरसागर द्वारा वनांचल क्षेत्र के युवाओं में लगन और प्रतिभा को देखते हुए उन्हें उचित अवसर और प्लेटफार्म उपलब्ध कराने शासकीय वीर सुरेन्द्र साय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय गरियाबंद के परिसर में रत्नगर्भा अकादमी फॉर कॉम्पिटिटिव एग्जाम ‘‘रेस’’ स्थापित कर निःशुल्क कोचिंग की व्यवस्था की गई। सीजीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी हेतु 60 दिवसीय क्रेस कोर्स दिसम्बर 2020 से कोर्स प्रारंभ किया गया। कोर्स अंतर्गत प्रत्येक रविवार को टेस्ट और तीन मेगा टेस्ट का आयोजन भी किया गया। कोर्स अंतर्गत सीजीपीएससी के निर्धारित पाठ्यक्रम अनुसार इतिहास, गणित, संविधान, पंचायतीराज प्रशासनिक व्यवस्था, भूगोल, अर्थशास्त्र, रिजनिंग, विज्ञान, कला संस्कृति, विविध, हिन्दी विषय शामिल किये गये। साथ ही रिविजन और अभ्यास के लिए भी समय निर्धारत किया गया। प्रत्येक सप्ताह इन अलग-अलग विषयों पर मार्गदर्शन दिया गया। रत्नगर्भा अकादमी में लगभग 300 परिक्षार्थियों ने तैयारी की। इनमें से 10 युवाओं का चयन प्रारंभिक परीक्षा में और 5 युवाओं का चयन मुख्य परीक्षा के लिए हुआ था।  

     
  • बविप्रा अध्यक्ष और संसदीय सचिव ने किया बादल के विकास कार्यो का अवलोकन

    बस्तर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष  लखेश्वर बघेल और संसदीय सचिव  रेखचन्द जैन ने आसना स्थित बादल संस्था के विकास कार्यो का अवलोकन किया और विभिन्न समाजों से संबंधित साहित्यकारों और कला संस्कृति के जानकारों के साथ बैठक किए। इस दौरान बविप्रा अध्यक्ष श्री बघेल ने कहा कि बस्तर के संस्कृति और समाजों की परम्पराओं के अभिलेखीकरण कार्य में तेजी लाने हेतु संभाग के समाज प्रमुखों की बैठक आयोजित करे। साथ ही उन्होंने आदिवासी संस्कृति-परम्परा एवं लोक नृत्य पर किताबें लिखने वाले साहित्यकारों तथा लोक नर्तक दलों के कलाकारों के सम्मान हेतु शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। संसदीय सचिव रेखचन्द जैन ने कहा कि बादल संस्था के निर्माण कार्य को समय-सीमा में गुणवत्तायुक्त किया जाए। बादल संस्था के माध्यम से शासन द्वारा बस्तर की संस्कृति को संरक्षण और संवर्धन देकर अगली पीढ़ी तक हस्तातंरित करने की व्यवस्था का उन्होंने सराहना की।   बविप्रा अध्यक्ष श्री बघेल और संसदीय सचिव श्री जैन ने बादल के कलाकारों के आवासीय सुविधा, प्रशासनिक भवन, प्रदर्शनी स्थल, लाइब्रेरी स्थल का निरीक्षण किए और अभिलेखीकरण के कार्यो में आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था करने तथा नृत्य दलों हेतु संगीत के संसाधन उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। इस अवसर पर कलेक्टर  रजत बंसल, सहायक कलेक्टर सुश्री सुरूचि सिंह, उपायुक्त आदिवासी विकास  विवेक दलेला, जिला शिक्षा अधिकारी श्रीमती भारती प्रधान सहित अन्य गणमान्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
            इसके उपरांत आसना में स्थित वन विभाग के उद्यान में निर्माणाधीन बस्तर के 8 आदिवासी जातियो से संबंधित संस्कृति के संरक्षण का डेमो का अवलोकन किए। वन विभाग के संग्राहालय, ईमली कैंडी, चिराैंजी प्रसंस्करण केन्द्र का जायजा लेते हुए महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों से रोजगार के अन्य अवसरों का उपयोग करने कहा। उन्होंने ईमली कैंडी के स्वाद लेकर इसके बेहतर मार्केटिंग करने के निर्देश वन विभाग के अधिकारी को दिए। वन विभाग द्वारा अगरबत्ती निर्माण केन्द्र का अवलोकन करते हुए संसदीय सचिव ने अगरबत्ती का पैकेट क्रय का महिला समूह के सदस्य को राशि दी।

     
  • गिफ्ट के रूप में लोकप्रिय हो रही हैं वनोपज से बनी स्वास्थ्यवर्धक मिठाईयां

    त्यौहारों और विशेष अवसरों पर परिजनों को उपहार देने के लिए वनोपज और उससे बनी मिठाईयां नये विकल्प के रूप में सामने आ रही हैं। कांकेर जिले की महिला स्व-सहायता समूह ने संजीवनी विक्रय केन्द्र के माध्यम से महुआ लड्डू के गिफ्ट पैक की बिक्री कर 6 लाख रूपये की आमदनी अर्जित की है।
        स्व-सहायता समूह द्वारा तैयार किये गए महुआ लड्डू, शहद, चिरौंजी, महुआ सैनिटाइजर, सर्व ज्वर हर चूर्ण, इमली कैंडी जैसे स्वास्थ्यवर्धक सामग्री और मिठाई के गिफ्ट पैक को लोग बहुत पसंद कर रहे हैं। वनोपज और वनौषधियों से तैयार उत्पाद का उपयोग इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भी किया जा रहा है। पिछले दीपावली में कांकेर जिले के ग्राम भानबेड़ा ’’दिशा महिला स्व-सहायता समूह’’ की महिलाओं ने 09 क्विंटल महुआ लड्डू तैयार कर 06 लाख रूपये लाभ अर्जित किया है।
        उल्लेखनीय है कि राज्य के विभिन्न जिलों के महिला स्व-सहायता समूह द्वारा वनोपज और वनौषधियों से तैयार उत्पादों की महक देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच रही है। इन उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर भी बिक्री के लिए उपलब्ध कराया गया है। राज्य शासन द्वारा भी सभी वनोपजों के प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। आदिवासी अंचल की महिलाओं को इन आर्थिक गतिविधियों में जहां रोजगार मिल रहा है वहीं यह उनकी समृद्धि का नया आधार बन रहा है।

  • आफत बनी आकाशीय बिजली,  खेत में काम कर रहे दो लोगों पर गिरी, हो गई मौत…!
    रायपुर/ छत्तीसगढ़ के.जांजगीर-चांपा जिले में रविवार को हुई हल्की बारिश के साथ आकाशीय गरज चमक कहर बनकर टूटा है। बारिश के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त तो था ही गाज से दो लोगों की मौत भी हो गई। पहली घटना बाराद्वार थाना क्षेत्र के ग्राम ठठारी की है। जहां सुकराम लहरे (45) रविवार की सुबह खेत में निदाई कर लौट रहा था। इसी दौरान रास्ते में उसके ऊपर आकाशीय बिजली गिर गई। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना परिजनों को दी गई। परिजनों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पास्टमार्टम के लिए भेज दिया। दूसरी घटना नैला चौकी क्षेत्र की है। नैला पुलिस के अनुसार भाठापारा नैला निवासी जगजीवन कश्यप पिता व्यासनारायण (36) अपनी खेत में दवा का छिड़काव करने गया था। इसी दौरान वह आकाशीय बिजली की चपेट में आ गया। इससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है।
  • Schools Reopen: 5 महीने बाद फिर बजी स्कूलों की घंटी, 6 वीं से 8 वीं तक की कक्षाएं आज से शुरू, इस राज्य सरकार ने जारी किया आदेश, मगर करना होगा गाइडलाइन का पालन
    जयपुर। कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम होते ही कई राज्यों में एक बार फिर स्कूल की घंटी बजी है. मामले में कमी आने के बाद धीरे-धीरे स्कूलों को खोला जा रहा है. 20 सितंबर यानी की आज से राजस्थान में एक बार फिर स्कूल खुलने लगे हैं. अप्रैल से अब करीब 5 महीने बाद फिर 6 वीं से 8 वीं तक के सरकारी और निजी स्कूल खुल रहे हैं. गहलोत सरकार ने 9 वीं से लेकर कॉलेज तक पहले ही खोलने का आदेश जारी कर दिया है. 27 सितंबर से पहली से 5 वीं तक की क्लासेस लगेगी. (Schools Reopen)रोटेशन के आधार पर 50 प्रतिशत बच्चों की उपस्थिति होगी. स्कूल में कोरोना संबधित गाइडलाइन का पालन जरूरी है. स्कूल के सभी स्टॉफ वैक्सीनेटेड हो. स्टूडेंट के स्कूल जाने के लिए पैरेंटस की अनुमति अनिवार्य है. कोरोना संबंधित नियमों को ध्यान में रखते हुए प्रार्थना सभा आयोजित नहीं होगी. नो मास्क, नो एंट्री का नियम भी स्कूलों में लागू रहेगा. सरकारी नियम के अनुसार अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए लिखित अनुमति देनी है. जानकारी के मुताबुक ज़्यादातर अभिभावकों ने अनुमति नहीं दी है. माना जा रहा है कि एक अक्टूबर से ही स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ेगी.
  • मछलीपालन से महज सवा एकड़ के तालाब से तुलसीराम को हो रही 6 लाख की सालाना कमाई

    छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं का फायदा लेकर बलौदाबाजार के पलारी विकासखण्ड के ग्राम अमेठी निवासी तुलसीराम फेंकर की शुद्ध आमदनी लगभग 6 लाख रुपये सालाना है। महज सवा एकड़ के तालाब में मछली पालन से उनकी यह आमदनी हो रही है। स्वयं की भूमि पर तालाब निर्माण की मछलीपालन विभाग की योजना का फायदा उठाकर उन्होंने 2 बरस पूर्व अपने खेत पर तालाब निर्माण कराया। सवा एकड़ की भूमि को तालाब बनाने पर इनपुट सब्सिडी सहित उन्हें लगभग 2.50 लाख रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ। राज्य सरकार की मछलीपालन की योजनाओँ से मिल रहे फायदे से तुलसीराम बेहद खुश है। पक्का घर, मोटर गाड़ी सहित तमाम भौतिक सुख-सुविधाएं जुटाने के साथ ही अपने बच्चे तामेश्वर फेंकर को बंगलोर के प्रतिष्ठित कॉलेज में मछलीपालन विज्ञान में उच्च शिक्षा दिलाने में भी सफल हुए हैं।
     अमेठी ग्राम में महानदी के किनारे तुलसीराम फेंकर का फिश फार्म बना हुआ है। पलारी से कोई 12 किलोमीटर दूर पूर्व दिशा में यह गांव स्थित है। सौर ऊर्जा चलित पंप से पानी लिफ्ट कर तालाब में भरते है। साल भर में उनके तालाब में मछली का दो दफा उत्पादन होता है। दोनों बार मिलाकर लगभग 35 लाख रुपये की मछली का उत्पादन होता है। बीज, दाना, दवाई, श्रम आदि पर लगभग 80 प्रतिशत खर्च हो जाता है। ये सब खर्च निकालने के बाद भी लगभग 6 लाख रुपये का शुद्ध लाभ हो जाता है। श्री फेंकर ने बताया कि मछली पालन का सबसे बड़ा फायदा इसके विक्रय को लेकर किसी तरह की समस्या का नहीं होना है। लोग स्वयं उनके तालाब पर मछली खरीदने लाइन लगाए खड़े रहते हैं। थोक में खरीदने के लिए रायपुर, बिलासपुर और भाटापारा के ठेकेदार एक फोन पर आ जाते हैं। थोक में लगभग 85 रुपये और चिल्हर में 120 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बेचते हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार द्वारा मछलीपालन को खेती का दर्जा दिए जाने के निर्णय से तुलसीराम सहित मछुआ समुदाय में खुशी है। उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक से उन्हें अब कम ब्याज दर पर ऋण मिलेगा। ऋण लेने के लिए आवेदन उन्होंने तैयार भी कर लिए हैं।

     
  • छत्तीसगढ़: धर्मान्तरण के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह का सामने आया बयान, कही ये बात
    बलरामपुर। जिले के प्रवास पर पहुंची केंद्रीय राज्य मंत्री और सरगुजा सांसद रेणुका सिंह ने धर्मांतरण को लेकर बड़ा बयान दिया है… उन्होंने कहा है कि अब सरकारी अधिकारी-कर्मचारी भी लगातार धर्मांतरण कर रहे हैं.. उन्होंने कहा कि सूरजपुर जिला मुख्यालय में बाबू स्तर के दो कर्मचारियों ने परिवार समेत धर्मांतरण कर लिया है… और अब उनकी टीम लोगों को प्रेरित करने के लिए मोहल्लों में घूम रही है। उन्होंने कहा कि इस गंभीर मुद्दे पर सरकार को जरा भी चिंता नहीं है… बस्तर के SP की ओर से लिखे गए पत्र का जिक्र करते हुए कहा कि जब एक SP पत्र लिखकर धर्मांतरण के मामले को पुष्ट करते हैं.. उसके बाद भी सरकार जागती नहीं है। रेणुका सिंह ने कहा कि इस मामले में गृहमंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखा है। उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस चाहती ही नहीं कि धर्मांतरण रुके, क्योंकि ये उनका वोट बैंक है।
  • CG CRIME: घरेलू विवाद ने PWD कर्मचारी को बना दिया कातिल, पत्नी की गला काटकर मार डाला, हत्या के बाद कर ली खुदकुशी
    पेंड्रा। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही से दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। पीडब्ल्यूडी के रिटायर्ड कर्मचारी ने अपनी ही पत्नी की गला काटकर मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद कर्मचारी ने खुदकुशी कर जान दे दी। पुलिस जानकारी के अनुसार पीडब्ल्यूडी के रिटायर्ड कर्मचारी ने घरेलू विवाद के चलते इस घटना को अंजाम दिया है। बताया जा रहा है कि महिला रोज शराब पीकर झगड़ा करती थी। इसको लेकर गांव में पंचायत भी हुई थी। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। घटना मरवाही थाना क्षेत्र की है।जानकारी के मुताबिक, करगीकला गांव निवासी समय लाल पनिका (65) लोक निर्माण विभाग से रिटायर्ड हुआ था। वह अपनी पत्नी सुशीला बाई (50) के साथ रहता था। सुशीला उसकी दूसरी पत्नी थी। बताया जा रहा है कि सुशीला और समय लाल के बीच अक्सर घरेलू विवाद होता था। इसके चलते कई बार सामाजिक बैठक भी बुलाई गई। दोनों को समझाया गया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलाl पुलिस ने बताया कि रविवार दोपहर करीब 1 बजे पड़ोस में रहने वाली मीराबाई हैडपंप पर पानी भरने के बाद लौट रही थी। इसी दौरान उसने देखा कि समय लाल के घर का दरवाजा खुला हुआ है। अंदर समय लाल फंदे से लटका हुआ था। इसके बाद मीराबाई ने इसकी सूचना सरपंच पति विशाल सिंह उरैती को दी। इसके बाद सभी समय लाल के घर पहुंचे तो देखा कि उसका शव फंदे से लटक रहा था और पास में ही सुशीला की गर्दन कटी लाश पड़ी थी।ग्रामीणों ने बताया कि समय लाल की 4 बेटियां हैं और उनकी शादी हो चुकी है। सुशीला शराब पीने की आदी थी। इसी बात को लेकर घर में झगड़ा भी होता था। बेटियों की शादी के बाद सुशीला ने समय लाल को उनसे मिलने से भी रोक दिया था। इसके चलते वह काफी परेशान रहता। सुशीला को पंचायत और स्थानीय लोगों ने कई बार समझाया, लेकिन वह मानती ही नहीं थी।थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह ने बताया कि बिलासपुर से आई फारेंसिक टीम ने घटना स्थल से साक्ष्य एकत्रित किया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद स्थिति और स्पष्ट हो पाएगी। उन्होंने कहा कि परिजनों ने आशंका जताई है कि घटना का कारण आपसी विवाद हो सकता है। पुलिस ने मौके से एक हंसिया बरामद किया है। उसी से महिला की गर्दन काटे जाने की आशंका है।
  • छत्तीसगढ़ Big Breaking – भाजपा के तीन बार के विधायक और पूर्व मंत्री ने की आत्महत्या, राजिंदर पाल सिंह भाटिया ने लगाई फांसी

    छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से भाजपा के तीन बार के विधायक रहे और पूर्व मंत्री रजिंदर पाल सिंह भाटिया ने खुदकुशी कर ली है। मौके पर पुलिस तैनात है। पूर्व मंत्री राजिंदर पाल सिंह भाटिया ने फांसी लगाकर ख़ुदकुशी की है। लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। राजनांदगांव ज़िले में बीजेपी के क़द्दावर नेताओं में शामिल थे। भाटिया खुज्जी विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। राजिंदरपाल सिंह भाटिया डॉ रमन सिंह के पहले कार्यकाल में परिवहन विभाग के राज्यमंत्री बनाए गए थे।

    खुज्जी विधानसभा से तीन बार विधायक चुने गए थे। साल 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के टिकट काटे जाने के बाद पार्टी से बग़ावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए दूसरे नम्बर पर रहे, लेकिन क़द्दावर छवि की वजह से साल 2014 लोकसभा चुनाव के पहले उनकी घर वापसी की गई थी। ख़ुदकुशी का कोई कारण अभी सामने नहीं आया है, मौक़े पर पुलिस टीम पहुँची है।

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ क़रीब दस दिन पहले उन्होंने अपनी लायसेंसी बंदूक थाने में जमा कर दी थी। हालही में वे कोविड संक्रमित होने के बाद ठीक हो गए थे, लेकिन पोस्ट कोविड इफ़ेक्ट से परेशान थे। वे पेट में दिक़्क़त से परेशान भी बताए गए हैं। ज़िंदादिल और क्षेत्र में लगातार सक्रिय राजेंद्र पाल भाटिया लोकप्रिय थे। वे निर्दलीय चुनाव भी लड़ गए थे हालाँकि वे चुनाव हार गए लेकिन 42 हज़ार मतों के साथ वे दूसरे नंबर पर रहे थे। बाद में वे भाजपा में वापस आ गए थे।