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कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी विज्ञप्ति अनुसार संविदा पदों हेतु आवेदन आमंत्रित किये गये थे। प्राप्त आवेदनों की चयन समिति द्वारा जांच उपरांत सूची तैयार की गई है। जिसका अवलोकन अभ्यर्थी जिले की वेबसाईट www.kondagaon.gov.in एवं कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी अथवा विकासखण्डों में आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के सूचना पटल पर अवलोकन कर सकते हैं। किसी अभ्यर्थी को उक्त सूची के संबंध में किसी आपत्ति हो तो वह 10 सितम्बर 2021 सायं 5.30 बजे तक ईमेल पता [email protected] के माध्यम से अथवा कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कलेक्ट्रेट भवन प्रथम तल कक्ष क्रमांक 101 में व्यक्तिगत/डाक द्वारा दावा-आपत्ति जमा कर सकते हैं। अभ्यर्थियों को त्रुटि सुधार हेतु दावा आपत्ति आवेदन निर्धारित प्रारूप में प्रस्तुत करना होगा। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिये जिले की वेबसाईट अथवा विभागीय कार्यालय में सम्पर्क किया जा सकता है।
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वर्षों से सुविधाओं से वंचित छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में अब शासन की सेवाएं शिविरों के माध्यम से गांव-गांव तक पहुंच रही हैं। आधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड और पेंशन प्रकरणों के निराकरण के लिए सुविधा-शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। सुकमा जिले के संवेदनशील क्षेत्र सिलेगर, मिनापा, सारकेगुड़ा में ऐसे ही शिविर का लाभ उठाने के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीणों के उत्साह को देखते हुए प्रशासन को शिविर की निर्धारित अवधि में बढ़ोतरी करनी पड़ी।
सुकमा जिले के इन संवेदनशील क्षेत्रों के ग्रामीणों को विभिन्न तरह की सुविधाएं मुहैया कराने के लिए ग्राम सारकेगुड़ा में सुविधा शिविर का आयोजन किया गया। शिविर स्थल तक ग्रामीणों को आने-जाने में परेशानी न हो, इसके लिए प्रशासन द्वारा वाहन की व्यवस्था भी की गई थी। ग्राम मिनपा और सिलगेर के ग्रामीणों ने प्रशासन को अपनी समस्याओं से अवगत कराया था, जिनके त्वरित निराकरण के लिए इन क्षेत्रों में सुविधा-शिविर लगाया जा रहा है। आने वाले दिनों अन्य गांवों में भी ऐसे ही शिविरों का आयोजन किया जाएगा।छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अंदरुनी गांवों तक शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने लिए अपनाई गई कैंप-स्ट्रेटजी काफी कारगर साबित हो रही है। बस्तर संभाग में सात जिले हैं। ये सातों जिले देश के आकांक्षी जिलों की सूची में शामिल हैं। जनजातीय बहुलता वाले सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, कोंडागांव, बस्तर (जगदलपुर) और कांकेर जिलों में भौगोलिक जटिलताओं और नक्सल गतिविधियों के कारण अंदरुनी गांवों तक सुविधाओं की पहुंच हमेशा चुनौती रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने संभाग के विकास के लिए परंपरागत तौर-तरीकों से हटकर स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार कैंप-स्ट्रेटजी अपनाने का फैसला किया। शासन की यह नयी स्ट्रेटजी विकास, विश्वास और सुरक्षा के सिद्धांत पर आधारित है।
नक्सल प्रभावित अंदरुनी क्षेत्रों में सुरक्षा का वातावरण सुनिश्चित करने के लिए जगह-जगह सुरक्षा-बलों के कैंप स्थापित किए गए। इन सुरक्षा-कैपों की वजह से जनसुविधाओं से संबंधित अन्य कैंपों के लिए रास्ता खुल गया। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के मोबाइल क्लीनिकों के माध्यम से अब अंदरुनी क्षेत्रों के हाट-बाजारों में भी मेडिकल-कैंप लगने शुरु हो गए हैं, जहां निशुल्क जांच, उपचार और दवाइयों की सुविधा ग्रामीणों को मिलने लगी है।
अंदरुनी क्षेत्रों में नक्सल उत्पात के कारण बंद पड़े सैकड़ों स्कूलों को दोबारा शुरु करने में कामयाबी मिली है। हिंदी माध्यम के इन परंपरागत स्कूलों में स्थानीय बोलियों में पढ़ाई शुरु होने के साथ-साथ जगह-जगह अंग्रेजी माध्यम स्कूल भी शुरु हो चुके हैं। इन अंग्रेजी माध्यम स्कूलों का संचालन स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना के तहत किया जा रहा है, जिनमें निजी स्कूलों जैसी सुविधाओं के साथ हर छात्र को निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है।
कोरोना-काल में छत्तीसगढ़ ने देश में सबसे ज्यादा लघु वनोपजों का संग्रहण किया है। राज्य में सबसे ज्यादा लघु वनोपजों का संग्रह बस्तर संभाग के इन्हीं सातों जिलों में होता है। बेहतर रणनीति से अब ज्यादा व्यवस्थित और संगठित तरीके से लघु वनोपजों का संग्रहण हो रहा है। इनके संग्रहण से लेकर खरीदी तक का काम वनवासियों द्वारा ही किया जा रहा है। हाट-बाजारों में खरीदी कैंप लगाकर स्व सहायता समूहों द्वारा इन वनोपजों की खरीदी की जा रही है। शासन द्वारा लघु वनोपजों के मूल्य में बढ़ोतरी करने और समर्थन मूल्य पर खरीदे जाने वाले लघु वनोपजों की संख्या 07 से बढ़ाकर 52 कर दिए जाने से ग्रामीणों का उत्साह बढ़ा है। बस्तर के जंगलों से इकट्ठा किए जा रहे इन्हीं लघु वनोपजों की स्थानीय स्तर पर ही प्रोसेसिंग की जा रही है, जिससे लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार और लाभ मिल रहा है। -
छत्तीसगढ़: इस जिले में हुआ सेक्स रैकेट का खुलासा, बाहर से लड़की ला कर चलाता था रैकेट, आरोपी गिरफ्तार 03-Sep-2021दुर्ग। जिले की सुपेला पुलिस ने सेक्स रैकेट मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी का नाम मो. शाहिद है, जो इलाहाबाद का रहने वाला है. आरोपी पर आरोप है कि वह लड़कियां लेकर आता था। होटल में सभी अरेजमेंट करने के बाद रैकेट को ऑपरेट करता था। पुलिस ने गिरफ्तार किया है। भिलाई के नेहरू नगर स्थिति राजश्री होटल में भी आरोपी ने सैक्स रैकेट को ऑपरेट कराया था, तब पुलिस ने रेड मारकर कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। पुलिस को मो. शाहिद के बारे में तगड़ा इनपुट मिला था। शाहिद लंबे समय से फरार चल रहा था। पुलिस को इलाहाबाद में इनपुट मिला। टीम रवाना हुई और आरोपी को गिरफ्तार कर लौटी।
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भिलाई। दुर्ग पुलिस ने देर रात 16 स्पा सेंटर्स पर छापा मारा है। 2 स्पा सेंटर्स में बाहर से दरवाजा बंद कर अंदर से मसाज सेंटर संचालित करने की बात सामने आई है। पुलिस की दबिश से वहां मौजूद लोगों के होश उड़ गए। बताया गया है कि पुलिस ने ये रेड स्पा सेंटर की आड़ में देह व्यापार चलाने की शिकायत पर की है। पुलिस को स्पा सेंटर की आड़ में अन्य संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम दिए जाने की शिकायत मिली थी. जिसमें पुलिस ने 16 स्पा सेटंरों की पड़ताल की. जिसमें 7 बंद है. दो स्पा सेंटर जिनमें ब्लू एलासा स्पा व ओरा थाई स्पा को चेक करने पर कुछ लोग अंदर पाए गए हैं. (Durg) उन्होंने बताया कि किसी ने बाहर से बंद कर लॉक कर दिया था। 2 स्पा सेंटर के खिलाफ पंचनामा की कार्रवाई कर इन्हें कंट्रोल रूम भिलाई में बुलाया है। पुलिस ने यह खुलासा नहीं किया है कि इस पड़ताल के दौरान किन-किन स्पा सेंटरों में क्या-क्या गड़बड़ी पाई गई है। उनके खिलाफ किस तरह की कार्रवाई की गई है।
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ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार के निर्देशन में पैरा शिल्प अब ग्रामीणों के आजीविका का साधन बन रहा है। 03-Sep-2021
ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार के निर्देशन में पैरा शिल्प अब ग्रामीणों के आजीविका का साधन बन रहा है। मंत्री गुरु रुद्रकुमार ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य शिल्प कलाओं का गढ़ है। राज्य की शिल्प कलाएं देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी खूबसूरती और सुंदर कलाकृतियों के लिए प्रसिद्ध है। उल्लेखनीय है कि विभाग की समीक्षा बैठक में मंत्री गुरु रुद्रकुमार ने हस्तशिल्प से जुड़े कारीगरों और शिल्पिओं की कलाकृतियों में निखार लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये थे।
इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड विविध शिल्प (पैरा-पुआल) से जुड़े लोगों को उनकी कला में निखार लाने प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर रहा है। पैरा शिल्प से जुड़े शिल्पकारों को जांजगीर जिले के नवागढ़ विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम धुरकोट में तीन माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के महाप्रबंधक श्री शंकरलाल धुर्वे ने बताया कि छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड रायगढ़ और जांजगीर-चांपा द्वारा जांजगीर जिले के धुरकोट ग्राम में 1 सितम्बर 2021 से 30 नवम्बर 2021 तक तीन माह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में पैराशिल्प से जुड़े 20 लोगों को तीन माह का प्रशिक्षण देकर उन्हें स्व-रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान प्रत्येक प्रशिक्षणार्थी को 1500 रूपए प्रति माह छात्रवृत्ति दी जाएगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के शुभारंभ अवसर पर ग्राम पंचायत धुरकोट के सरपंच श्री सरवन किरण, पूर्व सरपंच श्री शैलेश कुमार, छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड रायगढ़ के प्रभारी श्री रामधन खुंटेे, प्रशिक्षक श्री राजकुमार रोहिदास सहित प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।
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बिलासपुर। पुलिस ने हत्या मामले को सुलझा लिया है। पुलिस ने दो आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। अवैध संबध के चलते वारदात को अंजाम दिया गया था। हत्या के लिए इस्तेमाल हुए रस्सी भी पुलिस ने बरामद कर ली है। बुजुर्ग की बुधवार को मृत्यु हुई थी। पत्नी उसकी मौत को स्वाभाविक बताते हुए उसका अंतिम संस्कार करने जा रही थी लेकिन उससे पहले ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मामले का खुलासा हुआ।दरअसल, बुधवार के दिन बिलासपुर कोरिया पारा तिफरा निवासी बलराम ठाकुर(62) की अचानक मौत हो गई। परिजन उसके अंतिम संस्कार की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच किसी ने पुलिस को फोन कर बताया कि बुजुर्ग की मौत स्वाभाविक नहीं है।संदेह होने पर सिरगिट्टी पुलिस मृतक के सिरगिट्टी स्थित घर पहुंची , जहां उसकी दूसरी पत्नी सावित्री ठाकुर(36) ने पूछताछ के दौरान बताया कि मृतक की बहुत उम्र हो गई थी और वह बीमार भी रहता था , जिस कारण से उसकी मौत हो गई है । मगर आसपास के लोगों ने बताया कि उसकी पत्नी सावित्री ठाकुर की सब गतिविधियां संदिग्ध है ।पोस्टमार्टम में हुआ हत्या का खुलासा शक होने पर पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर उसका पोस्टमार्टम कराने का फैसला लिया। जैसे ही पोस्टमार्टम रिपोर्ट पुलिस के हाथ आयी , पुलिस भी हैरान रह गई , क्योंकि स्वयं मृतक की पत्नी जिसे स्वाभाविक मौत बता रही थी वह स्वाभाविक नहीं थी , बल्कि बुजुर्ग बलराम की हत्या रस्सी से गला घोंटकर की गई थी। यह मामला जिस तरह से उसकी पत्नी छुपा रही थी, इसलिए पुलिस का संदेह सबसे पहले उसके ऊपर ही गया। पूछताछ में पता चला सावित्री ठाकुर ने लगभग 20 साल पहले मृतक के साथ विवाह किया था और दोनों के बीच 20 साल उम्र का फासला था पुलिस ने जब जांच आगे बढ़ाई तो पता चला कि सावित्री का अवैध संबंध पिछले आठ -9 सालों से ढेलवा पारा रतनपुर में रहने वाले नारायण खांडे के साथ है। नारायण खांडे पिछले 10 सालों से तिफरा फल मंडी में बतौर ड्राइवर काम करता है। -भागने के फिराक में था आरोपी, बस स्टैंड में पकड़ा गया जांच के दौरान यह भी पता चला कि घटना के बाद से ही नारायण खांडे अपना फोन स्विच आॅफ कर कहीं गायब हो गया है। पुलिस समझ गई कि वह भागने की फिराक में है इसलिए जगह – जगह उसकी तलाश शुरू कर दी गई। आखिरकार नारायण खांडे नया बस स्टैंड तिफरा में उसे पकड़ लिया गया । उसके बाद पूरी कहानी साफ हो गई ।
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भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी देवी का बहुत ही ओछा राजनीतिक बयान-- विधायक अनिता शर्मा 02-Sep-2021भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी देवी का बहुत ही ओछा राजनीतिक बयान-- धरसींवा विधायक अनिता शर्मा बस्तर में भाजपा के सम्मेलन में डी पुरंदेश्वरी देवी के द्वारा जो ओछा राजनीतिक बयान दिया गया है उसका धरसीवा विधायक अनीता योगेंद्र शर्मा ने घोर निंदा करते हुए कहा कि क्या पुरंदेश्वरी देवी बताना चाहेंगी कि भाजपा वालों ने ही रमन सिंह के ऊपर थूका था जिससे कि रमन सिंह व उनका पूरा प्रतिनिधि मंडल बह गया और मुझे ऐसा लगता है कि पुरंदेश्वरी देवी को अपना मानसिक इलाज करवाना चाहिए क्योंकि वह मानसिक रोगी हो गई है छत्तीसगढ़ में जो विकास की गंगा माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी व मंत्रियों के द्वारा बहाई जा रही है उसको वह बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं क्योंकि भाजपा शासनकाल में किसान हो चाहे कोई अन्य वर्ग हो किस तरह प्रताड़ित था वह पुरंदेश्वरी देवी को बहुत अच्छी तरह से ज्ञात होगा अब किसान परेशान नहीं है अन्य वर्ग परेशान नहीं है इसलिए अब ऐसा लग रहा है कि पुरंदेश्वरी देवी यह सब बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं और उसी के कारण वह अपना मानसिक संतुलन खो चुकी हैं इसलिए मैं तो कहना चाहूंगी कि भाजपा वाले सबसे पहले अपने प्रदेश प्रभारी का इलाज कराएं।
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भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी की थूकने वाले बयान को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा - इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया दें, मुझे उम्मीद नहीं थी कि भारतीय जनता पार्टी में जाने के बाद डी पुरंदेश्वरी जी की मानसिक स्थिति इस स्तर पर उतर आएगी.. हमें ऐसी उम्मीद नहीं थी। वह हम लोगों के साथ थीं, अर्जुन सिंह के साथ राज्यमंत्री थी तब तो ठीक-ठाक थी। भारतीय जनता पार्टी में जाने के बाद उनकी यह स्थिति हो गई है और यदि आसमान पर थूकोगे तो खुद के चेहरे पर ही गिरता है।
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लखनऊः उत्तर प्रदेश में इन दिनों एक रहस्यमयी बुखार जमकर तबाही मचा रहा है. सूबे के फिरोजबाद समेत छह जिले इससे सबसे ज्यादा प्रभावित है. इन जिलों में अब तक इस बुखार से 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. इसमें 46 बच्चे भी शामिल है. इधर अस्पतालों में भी अब इससे पीडित मरीजों के इलाज के लिए जगह नहीं मिल रही है. मरीज इलाज के लिए लगातार भटक रहे है. रहस्यमयी बुखार का सबसे ज्यादा प्रभाव फिरोजाबाद में है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार अब तक फिरोजाबाद में करीब 70 मौतें इस बीमारी की वजह से हुई है. जिसमें से करीब 46 बच्चे शामिल हैं. फिरोजबाद के बाद मथुरा, मुजफ्फरनगर, मैनपुरी, एटा, कासगंज सहित कई जिलों से भी रहस्यमयी बुखार के मरीज मिले हैं. इन मरीजों में बड़ी संख्या में बच्चे शामिल हैं. मथुरा में भी इस रहस्यमयी बुखार की वजह से करीब 9 लोगों की मौत हो चुकी है. मरीजों को नहीं मिल रहा इलाज डेंगू और वायरल बुखार की वजह से उत्तरप्रदेश के कई जिलों की स्वास्थ्य व्यवस्था भी चरमरा गई है. वायरल बुखार के मरीजों की संख्या बढ़ने की वजह से उत्तरप्रदेश के फिरोजबाद के सरकारी अस्पताल के सभी बेड फुल हो चुके हैं. बेड की कमी की वजह से मरीजों को अस्पताल के फर्श पर लेट कर इलाज कराना पड़ रहा है. इतना ही नहीं मरीजों को ना तो ठीक से इलाज मिल पा रहा है और ना ही जरुरी दवाइयां. जिसकी वजह से कई मरीज बड़े शहरों में जाकर इलाज कराने को मजबूर हो रहे हैं. अभी तक इसके कारणों का नहीं चला पता हालांकि अभी तक इस रहस्यमयी बुखार के उचित कारणों का पता नहीं चल पाया है. डॉक्टर अभी भी इस बुखार का कारण जानने की कोशिश में जुटे हुए हैं. पिछले दिनों इस बुखार से पीड़ित लोगों के ब्लड सैम्पल भी जांच के लिए भेजे गए थे. लेकिन कईयों के रिपोर्ट में डेंगू की पुष्टि नहीं हुई थी. डेंगू ना मिलने की वजह से स्वास्थ्य विभाग इस वायरल बुखार के बारे में अध्ययन कर उसके सटीक कारणों का पता लगाने में जुटा हुआ है.
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बिलासपुर: कोरोना काल के बाद एक बार फिर हाईकोर्ट में ऑफलाइन (Offline Hearing in High Court) सुनवाई होने वाली है. इससे जहां वकीलों की रौनक हाइकोर्ट में होगी, वहीं पक्षकरों की भीड़ भी नजर आएगी. सभी को कोविड के नियमों का पालन सभी को करना होगा. ऐसा नहीं करने वालों पर पेनाल्टी समेत भविष्य में कोर्ट परिसर के भीतर एंट्री पर रोक लगा दी जाएगी. जिन वकीलों को केस फाइल करना है या फिर जिन्हें डॉक्यूमेंट्स जमा करने हैं. केवल उन्हें ही हाईकोर्ट आने की इजाजत होगी. एक केस के सिलसिले में केवल दो वकीलों को मौजूद रहने की इजाजत होगी. अगर किसी मामले में वकील या फिर पक्षकार वीडियो कांफ्रेंसिंग (Video Conferencing) द्वारा सुनवाई की मांग करता है, तो उसका फैसला संबंधित कोर्ट की बेंच ही करेगी. लगभग 1.5 साल तक ऑनलाइन सुनवाई के बाद अब हाईकोर्ट में एक बार फिर ऑफलाइन सुनवाई (Offline Hearing) शुरू होने जा रही है. अब पहले की तरह ही इस बार फिर उच्च न्यायालय में वकील समेत पक्षकार सुनवाई के दौरान हिस्सा ले सकेंगे. हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल दीपक कुमार तिवारी ने इसको लेकर अपना आदेश जारी कर दिया है. आदेश के अनुसार कोर्ट परिसर (Court Premises) में मौजूद लोगों को सख्ती के साथ कोविड नियमों का पालन करने का आदेश दिया गया है. जिसमें फेस मास्क पहनने के साथ-साथ, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजर के इस्तेमाल पर जोर दिया गया है. इन नियमों का पालन नहीं करने वालों पर पेनाल्टी लगाने का भी प्रावधान किया गया है. साथ ही नियमों की अनदेखी करने वालों पर भविष्य में कोर्ट परिसर में प्रवेश पर पाबंदी भी लगाई जा सकती है.
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भाजपा द्वारा चिंतन शिविर से कांग्रेस की चिंता बढ़ने को लेकर लगाए गए आरोप पर मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा,,,,,
हमने तो चिंतन शिविर पर ध्यान भी नहीं दिया,,,, हमारा ध्यान उनके चिंतन शिविर में नहीं है,,,,, हमारा ध्यान केवल छत्तीसगढ़ में काम करने की प्रति है,,,, चिंता तो बीजेपी कर रही है इसलिए चिंतन शिविर लगा रही
पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा व्यक्ति को टारगेट करने वाले बयान पर पलटवार करते हुए मंत्री सिंहदेव ने कहा
यदि व्यक्ति को टारगेट कर रहे हैं तो उन्हें छत्तीसगढ़ से मतलब नहीं है उन्हें छत्तीसगढ़ की चिंता होनी चाहिए छत्तीसगढ़ के क्षेत्रों में कमी की चिंता होनी चाहिए,,, व्यक्ति की ओर ध्यान कर रहे हैं यह दुर्भाग्य है,,,, यही वजह है कि आज उनका नेतृत्व का स्तर गिर गया है,,, उन्हें छत्तीसगढ़ की चिंता होनी चाहिए व्यक्ति कि नहीं,,,,,,स्कूल खोलने को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव का बयान
इसमें बहुत सावधानी बरतने की भी आवश्यकता है,,, और साथ में इस बात को भी ध्यान में रखने की आवश्यकता की संक्रमण न फैले,,,, छोटी उम्र के बच्चों में हमने पाया कि इम्यूनिटी अधिक है
निजी हो या सरकारी स्कूल टीचर और स्टाफ को अनिवार्य रूप से टीकाकरण किया जाना चाहिए,,,छोटे बच्चों में कम सावधानियां होती है सुरक्षित वातावरण देना अनिवार्य,,,, -
भारत की अर्थव्यवस्था अभी भी इतिहास के सबसे निचले स्तरों में से एक है, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार चाहती है कि लोग अपने दुख का जश्न मनाएं।
चूंकि लाखों लोग बढ़ती बेरोजगारी और नौकरी छूटने के कारण पीड़ित हैं, इसलिए सरकार को मांग पैदा करने और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की दिशा में कदम उठाने चाहिए।
TS singhdev
India's economy is still at one of the lowest levels in the history but the BJP Govt at Center wants people to celebrate their misery.
— T S Singhdeo (@TS_SinghDeo) September 2, 2021
As millions suffer due to rising unemployment & job losses, the Govt must take steps towards creating demand and get the economy back on track. pic.twitter.com/9mcDFzbxBe