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  • समाचार जिले में 58 स्थलों पर अतिक्रमण चिन्हांकित कर 46 पर हुई कार्यवाही 12 स्थलों पर शीघ्र की जायेगी कार्यवाही

    जिले में लगातार शासकीय भूमियों पर अतिक्रमण की घटनाओं को बढ़ते देख कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा के मार्गदर्शन में जिले के सभी विकासखण्डों में अतिक्रमण हटाने हेतु विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत् शासकीय भूमियों पर बनाये गये समस्त बाउण्ड्री वाॅल, फैंसिंग, झोपड़ियों, अस्थाई मकानों को हटाने के लिए राजस्व विभाग द्वारा कार्यवाहियां की जा रही है। इसके साथ ही शासकीय भूमि को घेरकर कृषि कार्य में प्रयुक्त भूमियों को भी अतिक्रमण से मुक्त कराया जा रहा है।
    इस हेतु कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम एवं तहसीलदारों द्वारा प्रारंभ में जिले के समस्त नगरीय क्षेत्रों में राजस्व विभाग के समस्त अधिकारियों का दल गठित कर अतिक्रमित भूमियों का चिन्हांकन किया जा रहा है। जिसके तहत् अब तक 58 स्थलों में अतिक्रमण होना चिन्हांकित किया गया है। इन अतिक्रमणों को हटाने के लिये नगरीय प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर राजस्व विभाग द्वारा कार्यवाहियां प्रारंभ कर दी गई है। जिसके तहत् अब तक कुल 46 स्थलों पर कार्यवाहियां की गई है। जिसमें से 05 अस्थाई मकानों, 37 बाउण्ड्री वाॅल, 01 झोपड़ी तथा 03 स्थलों पर अतिक्रमण कर कृषि कार्यों में संलग्न भूमि को मुक्त कराया गया है।
    इस अभियान के तहत् कोण्डागांव विकासखण्ड में 14 बाउण्ड्री वाॅल एवं 03 अस्थाई मकानों, बड़ेराजपुर विकासखण्ड में 01 स्थल पर बाउण्ड्री वाॅल, केशकाल विकासखण्ड में 02 अस्थाई मकान, 13 बाउण्ड्री वाॅल एवं 01 झोपड़ी, माकड़ी विकासखण्ड में 03 स्थलों पर बाउण्ड्री वाॅल तथा फरसगांव विकासखण्ड में 06 बाउण्ड्री वाॅल एवं 03 कृषि कार्य में संलग्न भूमियों को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है। बड़ेराजपुर में 02, माकड़ी में 05 एवं फरसगांव में 05 स्थलों पर अतिक्रमण से मुक्त करने की कार्यवाही की जानी शेष है। जिसे जल्द पूर्ण कर लिया जावेगा।

  • हम उनकी तरह जनता की संपत्ति बेच नहीं रहे हैं - मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

    दुर्ग के चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के बारे में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ट्वीट 

    यह प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज और सैकड़ों छात्रों के भविष्य को बचाने का प्रयास है।

    हम उनकी तरह जनता की संपत्ति बेच नहीं रहे हैं।


    चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज पर प्रकाशित एक समाचार पर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। वे सब निराधार है।

    यह प्रदेश के एक मेडिकल कॉलेज और सैकड़ों छात्रों के भविष्य को बचाने का प्रयास है।

    इससे एक नया मेडिकल कॉलेज बनाने का समय बचेगा व हर साल प्रदेश को डेढ़ सौ डॉक्टर मिलेंगे।

    जहां तक रिश्तेदारी और निहित स्वार्थ का सवाल है तो मैं अपने प्रदेश की जनता को यह बताना चाहता हूं कि भूपेश बघेल उसके प्रति उत्तरदायी है और उसने हमेशा पारदर्शिता के साथ राजनीति की है, सरकार में भी हमेशा पारदर्शिता ही होगी। सौदा होगा तो सब कुछ साफ हो जाएगा।

    यह खबर कल्पनाशीलता की पराकाष्ठा से उपजा विवाद है। जिसे मैं चुनौती देता हूं।

    अगर जनहित का सवाल होगा तो सरकार निजी मेडिकल कॉलेज भी ख़रीदेगी और नगरनार का संयंत्र भी।

    हम सार्वजनिक क्षेत्र के पक्षधर लोग हैं और रहेंगे।

    हम उनकी तरह जनता की संपत्ति बेच नहीं रहे हैं।

  • बिलासपुर : महापौर श्री यादव एवं कलेक्टर ने किया कदम का पौधा रोपित

    नगर निगम एवं स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा आयोजित पौधरोपण कार्यक्रम में महापौर  रामशरण यादव एवं कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने आज कदम का पौधा रोपित किया।
    महापौर  रामशरण यादव ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधरोपण आवश्यक है। ऑक्सीजन के लिए हमें अधिक से अधिक पौधांे का रोपण करना चाहिए। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने इस अवसर पर कहा कि शहर में बढ़ते प्रदूषण के नियंत्रण के लिए अधिक से अधिक संख्या में पौधा लगाना अनिवार्य हो गया है। यह कार्यक्रम किसी एक दिन तक सीमित नहीं होना चाहिए। पयार्वरण संरक्षण और संवर्द्धन के लिए न केवल पौधरोपण आवश्यक है अपितु लगाए गए पौधों की देखभाल और संरक्षण भी जरूरी है। आज लगाए गए यह पौधे छायादार वृक्षों में तब्दील होने के बाद आने वाली पीढ़ियों के लिए सुखद अनुभव देने वाले होंगे। उन्होंने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में पौधे लगाने की अपील की। पौध रोपण कार्यक्रम के तहत आज 750 से अधिक छायादार, फलदार पौधे व्यापार विहार सड़क, गौरव पथ एवं प्लेनेटोरियम के ऑक्सीजोन में रोपित किए गए।
    इस अवसर पर नगर निगम के सभापति  शेख नजरूद्दीन, पार्षद, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  हैरीश एस, नगर निगम कमिश्नर  अजय त्रिपाठी, नगर निगम के कार्यपालन अभियंता पी.के. पंचायती सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

  •  कोसा धागे से आदिवासी महिलाएं बुन रहीं जीवन का ताना-बाना : महीन धागों ने खींच लाई खुशियां

    मेहनत, हौसला और आगे बढ़ने की चाह हो तो खुशियां महीन धागों से भी खिंची चली आती हैं। कोसे के इन्हीं महीन धागों से नक्सल हिंसा प्रभावित दंतेवाड़ा जिले की आदिवासी महिलाएं अब अपने जीवन का ताना-बाना बुन रही हैं। गीदम ब्लॉक के छोटे से गांव बिंजाम की महिलाओं ने कोसा से धागा निकालने की कला सीखकर न सिर्फ अपने आय का एक नया जरिया बनाया है, बल्कि आत्मनिर्भर बनकर पूरे परिवार के जीवनस्तर को एक नई दिशा दे रही हैं। कभी खेती-बाड़ी और घर के काम-काज में पूरा दिन लगाने वाली ये महिलाएं आज कोसा धागा बेच कर हर महीने  5 से 6 हजार रुपए कमा रही हैं।
    कभी इन महिलाओं का जीवनस्तर सामान्य से भी नीचे स्तर का था। इनकी आर्थिक सहायता और जीवन स्तर को ऊंचा उठाने के लिए राज्य सरकार के द्वारा विशेष केन्द्रीय सहायता एवं केन्द्रीय क्षेत्रीय योजना के अन्तर्ग 4 लाख 37 हजार 5 सौ रूपये की लागत से ग्राम बिंजाम के 15 परिवार के हितग्राहियों को कुल 10 नग बुनियादी रीलिंग मशीन तथा 5 नग कताई मशीन प्रदान की गई। इसके साथ ही इन परिवारों की महिलाओं को 15 दिन रीलिंग तथा कताई कार्य का कौशल विकास प्रशिक्षण दिया गया। काफी लगन और मेहनत से महिलाओं ने कोसा से धागा निकालने की कला को सीखा और उसे निखारते हुए आगे बढ़ रही हैं।
    कोसा खरीदी से लेकर, धागा बनाने और उसे बेचने तक का काम महिलाएं खुद कर रही हैं। कोसा से धागा निकालने की प्रक्रिया में सबसे पहले वह कोसे की ग्रेडिंग करती हैं। ग्रेडिंग के बाद प्रतिदिन के हिसाब से कोसा उबाला जाता है और उबले हुए कोसे से धागा बनाया जाता है। ये महिलाएं कोसा फलों से धागाकरण कार्य करके रेशम धागे रील्ड यार्न तथा घीचा यार्न का उत्पादन करती हैं। जिसे व्यापारियों को बेचा जाता है, बिक्री से आए रुपयों से पहले कोसे का पैसा रेशम विभाग को चुकाया जाता है। इसके बाद बचे हुए रुपयों से का उपयोग महिलाएं अपना व्यवसाय आगे बढ़ाने और परिवार को चलाने में करती हैं। इस महिला समूह की एक सदस्य ने आभार जताते हुए बताया कि सरकार की पहल से उन्हें रोजगार तो मिला ही है, साथ में उनकी आर्थिक स्थिति भी ठीक हुई है। जिससे उनके घर की स्थिति सुधरी है। उन्हें अपने ही गांव में रोजगार मिल गया है और अब काम के लिए गांव से बाहर जाना नही पड़ता।

  • कुपोषण को दूर करने 22 हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में बनी पोषण वाटिकाएं

    महिलाओं और बच्चों के विकास एवं उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा लगातार पोषण को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रदेश की सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं बनाई जा  रही हैं। अब तक 22 हजार 104 आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं तैयार हो चुकी हैं। इन पोषण वाटिकाओं में आंगनबाड़ी परिसर में ही मुनगा, लाल भाजी, पालक भाजी, सहित अन्य पौष्टिक साग-सब्जी व फल उत्पादित किया किए जा रहे हैं। उत्पादित पौष्टिक साग-सब्जियों और फल को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा हितग्राही बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में बढ़ोत्तरी के लिए उन्हें आहार के रूप प्रदान किया जा रहा है।कुपोषण के प्रति जागरूक करने के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा गृह भेंटकर लोगों को अपने घरों में बाड़ियां तैयार करने और उनमें पौष्टिक साग-सब्जी लगाए जाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। जिससे बच्चों को ताजा और बेहतर आहार उपलब्ध हो ओर वे कुपोषण के शिकार न हो। इस विशेष प्रयास से न सिर्फ बच्चों के पोषण स्तर में सकारात्मक असर हो रहा है, बल्कि माताओं को भी पौष्टिक आहार मिलने लगा है। जो कुपोषण दूर करने में काफी सहायक है।

     
  • कोरिया : जिले में आयुर्वेद विभाग द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य एवं जन जागरूकता शिविर का हो रहा आयोजन

    छत्तीसगढ़ शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं संचालनालय आयुष के निर्देश पर कोरिया जिले में निःशुल्क स्वास्थ्य एवं जन जागरूकता शिविर आयोजित किये जा रहे हैं। अब तक आयोजित शिविरों में 800 से अधिक मरीजों का परीक्षण कर निःशुल्क औषधि वितरण किया गया है।
    जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ.ए.एन.सिंह ने बताया कि कलेक्टर श्री श्याम धावड़े मार्गदर्शन में औषधालयों के आसपास के गांवों में शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होनें बताया कि शिविरों में आए हुए रोगियों को परीक्षण उपरान्त निःशुल्क आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथी औषधियां प्रदान की जाती है। साथ ही कोरोना महामारी से बचने के उपाय, सोशल डिस्टेंसिंग, आयुष काढ़ा का सेवन, मास्क का निरंतर उपयोग तथा साबुन से बार बार हाथ धोने के बारे भी बताया जाता है। आयुष काढ़ा घर पर बनाने की विधि बताने के साथ-साथ हल्दी वाले दुध का सेवन करने हेतु प्रोत्साहित किया जाता है। मौसमी बिमारियों से बचने के उपाय, घरेलु आयुर्वेदिक औषधियों का सेवन, योग एवं प्राणायम का अपनाने के तरीके, नियमित दिनचर्या, ऋतुचर्या, रात्रिचर्या, खान-पान, आहार-विहार के बारे मेें विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की जाती है। अब तक आयोजित हुए शिविरों में ग्राम कटगोडी में 204, केल्हारी में 168, तिलोखन में 186, कमर्जी  खिरकी में 142 व मनेन्द्रगढ़ मेें 182 रोगियों का परीक्षण कर निःशुल्क औषधिया प्रदान की गई।
    उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग एवं संचालनालय आयुष के निर्देशानुसार कोरिया जिले के पूर्व चिन्हाकिंत 13 आयुर्वेद औषधालय बैकुण्ठुपर, सरभोका, मनसुख, कटगोडी, उमझर, नगर, नागपुर, घुटरा, कछौड़, केल्हारी, कुवांरपुर, बडगावंकला, एवं कोटाडोल के अंतर्गत आसपास के गांवो में निःशुल्क स्वास्थ्य एवं जन जागरूकता शिविर लगाने हेतु निर्देश प्राप्त हुए है।

  • जिले में संचालित वन स्टाप सेंटर सखी दे रहा है महिलाओं को नया जीवन

    नारायणपुर जिले में स्थित वन स्टाप सेंटर सखी घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं व बालिकाओं, गलत संगत में पड़ी हुई बालिका एवं ऐसी गतिविधियां जिससे महिलाएं पीड़ित होती है, सभी के संबंध में सुविधाएं एवं सहायता देने का कार्य कर रहा है। महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री रविकांत धु्रवे ने जानकारी देते हुए बताया कि वन स्टाप सेंटर सखी महिला बाल विकास विभाग के मार्गदर्शन में संचालित किया जा रहा है।
    वन स्टाप सेंटर(सखी) में महिलाओ की सहायता की जाती है। जिसमें आश्रय सहायता-जहां पीड़ित महिलाओं को रहने के लिए खाने, कपडे़ की सुविधाएँ, विधिक सहायता-पीड़ित महिलाओं को निःशुल्क विधिक सहायता प्रदान की जाती है। स्थापना से अभी तक लगभग 680 प्रकरण पर वन स्टाप सेंटर सखी के द्वारा कार्य किया गया है। वहीं 1 अप्रैल से 26 जुलाई, 2021 की स्थिति में लगभग कुल प्रकरण 39 प्राप्त हुए है। जिसमें 10 प्रकरणों में आश्रय सहायता, 1 प्रकरण परामर्श सहायता, 02 प्रकरणों में पुलिस सहायता तथा 20 प्रकरणों में विधिक सहायता दी गई है। स्थापना मार्च 2017 से 26 जुलाई 2021 तक कुल 680 प्रकरणों में से 297 में आश्रय सहायता, 32 में चिकित्सा सहायता, 88में विधिक सहायता, 85 में पुलिस सहायता तथा 121 प्रकरणों में परामर्श सहायता दी गयी है।
    वन स्टाप सेंटर सखी द्वारा दी जा रही सुविधाएं-परामर्श सहायता-इसके अंतर्गत यदि कोई महिला अपने पति द्वारा मारपीट या व्यवहार से पीड़ित है, तो उनकी काउंसलिग कर समझाईश दी जाती है। चिकित्सा सहायता-इसमें महिलाओं को चिकित्सा संबंधी सुविधाएं मुहैया कराई जाती है। पुलिस सहायता-यदि किसी महिला को पुलिस सहायता की आवश्यकता होती है तो वन स्टाप सेंटर सखी के माध्यम से पुलिस से समन्वय स्थापित कर उसे पुलिस सहायता प्रदान की जाती है। आपातकालीन सहायता वन स्टाप सेंटर सखी 24 घंटे सुविधा के लिए उपलब्ध रहता है।

  • शहरी स्लम बस्तियों में कुष्ठ प्रभावितों की पहचान करने को मितानिनों ने 480 परिवारों में बांटे कार्ड

     राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत भिलाई शहरी क्षेत्र के स्लम बस्तियों में कुष्ठ प्रभावितों की पहचान के लिए “आगाज-2021-22” के तहत आज से मितानिनों द्वारा घर-घर जाकर कार्ड वितरण शुरु किया गया। परिवार संपर्क के दौरान शरीर में दाग, धब्बों व चर्मरोगों से संबधित कार्ड के चित्रों से पहचान करने के लिए परिवार के मुखिया को जानकारी दी गई। भिलाई नगर निगम के भिलाई -3, खुर्सीपार, बापूनगर, सुपेला, कांटेक्टर कॉलोनी, लक्षमी मार्केट, श्रीराम नगर व वैशाली नगर में मितानिनों द्वारा सर्वे किया गया।  स्लम बस्तियों में आज 480 परिवारों से मितानिनों ने संपर्क कर कुष्ठ के पहचान, जांच व निदान के बारे में बताया ।

    जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. अनिल कुमार शुक्ला ने बताया, “भिलाई शहरी क्षेत्र में कुष्ठ रोगी की खोज के लिए घर-घर सर्वे करने के लिए 400 शहरी मितानिनों को मितानिन ट्रेनरों के एरिया के आधार पर तीन दिनों तक प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद हाई रिस्क एरिया के स्लम बस्तियों में निवासरत् 1.80 लाख परिवारों का सर्वे किया जा रहा है।  ऐसे इलाके जहां पूर्व में कुष्ठ प्रभावित रोगियों की पहचान हुई है इसके अलावा झुग्गी बस्ती व घनी आबादी में लोगों को कुष्ठ रोग के निदान व पहचान के लिए समुदाय को जागरुक भी किया जाएगा। उन्होंने बताया, सर्वे कार्य के बाद वार्डों में पारा व मुहल्लों में घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों की पहचान की जायेगी इसके बाद नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र व शिविर के माध्यम से दाग धब्बों की जांच स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व नॉन मेडिकल अस्सिटेंट (एनएमए) दल द्वारा की जाएगी। “

    इस अभियान में समुदाय में रोग के संक्रमण को रोकने एवं नए कुष्ठ प्रभावित व्यक्तियों की पहचान के लिए परिवार के मुखिया को अभियान से जोड़ा जा रहा है। परिवार के मुखिया द्वारा ही प्रत्येक सदस्य के शरीर में दाग व धब्बों की पहचान कार्ड के माध्यम से की जा रही है। सर्वे अभियान की मॉनिटरिंग का कार्य नान मेडिकल अस्सिटेंट (एनएमए) सीएल मैत्री, अजय देवांगन, जेडी मानिकपुरी, जाकिर खान को जिम्मेदारी दी गई है।

    कुष्ठ मुक्त जिला बनाने के लिए जन भागीदारी से घर के मुखिया द्वारा ही घर के सभी सदस्यों की जांच कर रोगी की पहचान कराई जाएगी। इससे लोगों में कुष्ठ रोग के प्रति जागरुकता उत्पन्न होगी तथा जनभागीदारी से यह कुष्ठ उन्मूलन के लिए एक अभिनव प्रयास होगा। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत छिपाना नहीं बताना है, हर दाग धब्बे की जांच कराना है। दुर्ग जिले को कुष्ठ मुक्त बनाने की परिकल्पना को आधार बनाकर कार्ययोजना तैयार की गई है।

  • पानी-पानी छत्तीसगढ़, पुल से ऊपर तक बह रहा पानी, जान जोखिम में डाल लोग कर रहे पार, प्रशासन बेसुध
    सूरजपुर। (Video) जिले मे बीते एक सप्ताह से लगातार बारिश हो रही है। ऐसे में जिले के दुरस्थ अंचलों के नदी नाले उफान पर है, तो वही लापरवाही बरतने वालो पर निगरानी रखने वाले कोई नहीं है। (Video) दरअसल सुरजपुर जिले के दूरस्थ बिहारपुर इलाके के कई छोटे पुल पुलियों के उपर से पानी का बहाव हो रहा है, और बङे छोटे वाहन जान जोखिम मे डाल कर पुल पार कर रहे हैं। (Video) जिनकी तस्वीरे भी आ रही है. तस्वीरों में साफ देखा जा रहा है कि कैसे बहते सैलाब के बीच यात्रियों की जान जोखिम में डालकर बस पुल को पार कर रहा है. कुछ दिन पहले एक शख्स पानी में बहते बच गया. वह अपनी साइकिल से बहते पानी के बीच से पुल को पार कर रहा था. पानी की तेज धार के बीच फंस गया. जैसे-तैसे लोगों ने उसे बचाया. ऐसे में इन अंदरूनी दुरस्थ इलाको में बारिश की वजह से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है, लेकिन प्रशासन को भनक नही लग रही.जिले के एडिशनल एसपी हरिश राठौर ने दावा करते हुए बताया कि जिन क्षेत्रों में जलभराव वाले पुल पुलिए है. वहां पर आवागमन रोकने के लिए स्थानिय पुलिस को निर्देशित कर दिया गया है. बहरहाल जिले के दूरस्थ और अंदरुनी इलाको में छोटे पुल पुलियो की हालत इस बारिश में बेहद खराब है और लापरवाही बरतने की तस्वीरे भी सामने आ रही है.
  • छत्तीसगढ़ – तेज रफ्तार बोलेरो गिरी पुल के नीचे, मौके पर एक कि दबने से मौत तीन गंभीर रूप से घायल
    सरगुजा – ग्राम भकुरमा से लेमरू जा रही बोलेरो क्रमांक सीजी12/एएच/4604 बसवार जोगी नाला पुलिया पर अनियंत्रित होकर गिर गई। जिससे वाहन में सवार बुजुर्ग दिल बहाल की वाहन में दबकर मौके पर ही मौत हो गई तथा वाहन में सवार तीन अन्य लोगों को चोटे आई। जिन्हें वाहन से बाहर निकलवाकर नव पदस्थ चौकी प्रभारी अजीत मिश्रा द्वारा 112 की टीम की मदद से उपचार हेतु तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उदयपुर भेजा गया। घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद एक महिला एवं एक बच्ची को गंभीर स्थिति को देखते हुए उपचार हेतु जिला चिकित्सालय अम्बिकापुर रेफर कर दिया गया है। सोमवार की सुबह सहायक उप निरीक्षक अजित मिश्रा द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शव का पंचनामा पोस्टमार्टम करवाकर मृतक दिल बहाल पिता गति राम उम्र 65 वर्ष का शव परिजनों को सौंप दिया गया है
  • CG : सड़क पर भाजपा की तू-तड़ाक: पूर्व मंत्री को महामंत्री ने दी उठवाने की धमकी, विधायक देवेंद्र यादव ने ली चुटकी
    भिलाई: हालही में भाजपा का एक वी​डियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें बेमेतरा जिले के नवागढ़ भाजपा में खुलकर गुटबाजी दिखी। खाद की किल्लत को लेकर सोमवार को बीजेपी ने प्रदेशभर में धरना किया। इसी दौरान नवागढ़ भाजपा में खुलेआम गुटबाजी देखने को मिली। जिसका वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि बीजेपी नेता आपस में भिड़ गए। इस वीडियो को कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने चुटकी लेते हुए अपने ​ट्वीट में पोस्ट करते हुए लिखा है कि रमन सरकार में संस्कृति मंत्री रहे दयाल दास बघेल और बीजेपी के महामंत्री के बीच सडक पर हुआ यह सार्थक संवाद बिना चेहरे वाली @BJP4CGState की प्रभारी @PurandeswariBJP जी और @drramansingh जी तक पहुंचे। सड़क पर भाजपा के संस्कार और सुवचनों का पाठ कीजिए और दूसरों को उपदेश देना बंद कीजिए। दरअसल नवागढ़ में खाद-बीज की कमी को लेकर बीजेपी किसान मोर्चा सरकार के खिलाफ हल्ला बोल प्रदर्शन कर रही थी। तभी किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई। इसके बाद देखते ही देखते यह विवाद काफी बढ़ गया। बीच सड़क में ही कार्यकर्ता इकठ्ठा हो गए। घटना के बाद किसी तरह मामला शांत हुआ, लेकिन तब तक हंगामे और आपसी विवाद का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
  • बड़ी खबर: राजधानी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द, आगजनी से 7 कोरोना मरीजों की हुई थी मौत, कलेक्टर ने जारी किया आदेश
    रायपुर: राजधानी रायपुर के पचपेड़ी नाका स्थित राजधानी सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल का लायसेंस रद्द हो गया है। रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने हॉस्पिटल का लायसेंस रद्द कर दिया है। इस संबंध में रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार ने आदेश जारी किया है। 17 अप्रैल को इस अस्पताल में हुआ था बड़ा हादसा दरअसल, राजधानी सुपर हॉस्पिटल में 17 अप्रैल को बड़ा हादसा हुआ था। जिसके चलते 7 कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी। शार्ट सर्किट होने के वजह से अस्पताल में आग लग गई थी।अस्पताल को 2 मंजिल तक ही संचालन के अनुमति थी लेकिन प्रबंधन तीसरी मंजिल में भी अस्पताल का संचालित कर रहा था। अग्निशमन संबंधित सुरक्षा प्रमाण पत्र भी पेश नहीं किया गया था।