State News
-
दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा के तीन शिक्षकों की टीम ने माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप की ऊंचाई 5364 मीटर चढ़ाई सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। बेस कैंप तक पहुंचने वाली दंतेवाड़ा जिले की यह पहली टीम है। इस टीम में कमल किशोरक्त देवेद्र सोनी व सुजीत सिंह चौहान है। दंतेवाड़ा लौटने के बाद शिक्षकों ने बताया कि पिछले दो वर्षों से एवरेस्ट के बेस कैंप ट्रैक की तैयारी करते हुए ट्रैकिंग को सफलतापूर्वक पूरा किया। शिक्षक कमल किशोर, सुजीत चौहान, देवेन्द्र ने बताया माउंट एवरेस्ट को किताबों में पढऩे, वीडियो और फोटो देखना अलग बात है, लेकिन यहां तक पहुंचने वाला अनुभव बहुत ही रोमांचकारी है। यह कठिन था लेकिन हम सभी ने शिखर पर पहुंचने के लिए दृढ़ निश्चय किया था कि किसी दिन, हम सभी एवरेस्ट फतह करेंगे। उबड़-खाबड़ और ठंडे इलाकों से गुजरते हुए ट्रैक को आठ दिनों में पूरा किया। उन्होंने बताया कि तेनजिंग हिलेरी लूकला एयरपोर्ट पर लैंड करते ही सफर का रोमांच शुरू हो जाता है, जो एवरेस्ट बेस कैंप पहुंचने तक जारी रहता है। हालांकि, दल के सामने पथरीला रास्ता और हाड़ कंपा देने वाली ठंड, अधिक ऊंचाई पर आक्सीजन की कमी जैसी कई चुनौतियां सामने आई, लेकिन दंतेवाड़ा के इन तीन शिक्षकों ने अपने बुलंद हौंसलों से बेस कैंप का सफर सफलतापूवर्क पूरा किया।
-
भगवान के नाम का दुरुपयोग हो ही नहीं सकता,वे अपने आप में परिपूर्ण है 0-अनुसरण करने से पहले जान तो लें कि वास्तविकता क्या है ? रायपुर। गूगल व चमत्कारी बाबाओं के फेर में लोग आज अपना विवेक खो बैठे हैं,किसी वक्ता ने कहा और आपने उसे मान लिया। न तो आपने इसे स्वीकार किया और न ही छोड़ा, इससे आपका विवेक कहां जागृति हुआ? इसका मतलब यह है कि आपकी जो श्रद्धा है वह वास्तविक न होकर अन्धश्रद्धा में चली गई है। बिना विवेक के किया गया कार्य कभी सफल नहीं होता है क्योंकि यहां तो नॉलेज का युग चल रहा है। कथित जानकारी तो आपको चारों ओर से मिल जाएगाी इसमें सबसे बड़ा काम गूगल बाबा का है,जिसमें कुछ भी सर्च मारो सब मिल जाता है। इसीलिए श्रीरामकिंकरजी महाराज ने कथा के माध्यम से यह बताया कि पहले सुने,समझें ,आत्मसात करें फिर विवेक को जागृत कर अपने कार्य का चयन करें। मानस मर्मज्ञ दीदी मां मंदाकिनी ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास महाराज ने जब रामचरित मानस का निर्माण किया तो इससे बड़ा चमत्कार और क्या हो सकता है। यह सिर्फ राम की कथा नहीं है यह आपकी और हमारे जीवन की कथा है। दर्पण किसी युग विशेष को नहीं दिखाता है उसका काम यह है कि वह तत्कालिक घटनाओं को दिखाता है। यदि रामचरित मानस दर्पण है तो जो भी मानस पढ़ेगा तो उसे अपने आप भगवान राम का दर्शन हो जाएगा। पर उसे देखने के लिए दृष्टि चाहिए और दृष्टि कौन दे सकता है संत। अगर संतों के माध्यम से हमें पूर्ण दृष्टि प्राप्त हो जाए तो इन दिव्य -अमरग्रंथों में छिपा हुआ संदेश है उसे आत्मसात करके लाभान्वित हो सकते है। प्रभु की लीलाएं शाश्वत है,प्रभु के अवतरण का उद्देश्य है मानव जीवन को श्रृंगारित करना। सुख- दुख और पीड़ा से व्यक्ति बचना चाहता है उसको प्रभु ने अपनी लीला के द्वारा बताया है। महत्वपूर्ण यह है कि पहले हम उन लीलाओं को समझे, तब तो उनका दर्शन करेंगे। यदि हम यही चाहेंगे कि बिना कुछ करें हमें सबकुछ मिल जाए, इसका उदाहरण देते हुए दीदी माँ ने कहा कि अगर बच्चा साल भर न पढ़ें और बेलपत्र लगाकर उसे शिवजी में चिपका दे तो वह परीक्षा में अव्वल नंबर लेकर पास हो जाएगा। ठीक यह बहुत अच्छी बात है, हम उस बाबा की कही बातों का खंडन नहीं करना चाहते। पर हमारे जीतने भी ऋषि मुनि थे और ुउन्हो जो यह सब ग्रंथ लिखा क्या वह झूठ है? भगवान कृष्ण और राम ने चार मार्ग बताए अर्थ, काम, धर्म और मोक्ष। अर्थ को पाने का अधिकार हम सबको है पर उसे किस तरह से अर्जित करना है यह पद्धति हमें जानना आवश्यक है क्योंकि लक्ष्य ही महत्वपूर्ण नहीं है मार्ग की भी जरुरत पड़ती है। धर्म मार्ग पर चलकर आप अपने किसी भी काम को पूर्ण करें यह तो शास्त्रीय पद्धति हुई। अधर्म मार्ग से भी उनकी इच्छाएं पूरी हो इसलिए व्यक्ति चमत्कारी बाबाओं के पास जा रहे है जो कहते कि ऐसा हो जाएगा, वैसा हो जाएगा। लाखों की संख्या में लोग इन बाबाओं के पास एकत्रित हो रहे है और वह यह समझ रहे है कि उनका समाधान हो रहा है, पर यह स्थायी समाधान नहीं है। इस तरह के कार्य से उन पर जो प्रभाव पड़ता है उससे अन्धश्रद्धा आ जाती है और यह साधु-संत ऐसे ही है। इसलिए हमारे गुरुदेव ने बताया है कि व्यक्ति के सामने सही और गलत दोनों मार्ग को रखें। भगवान के नाम का दुरुपयोग हो ही नहीं सकता- आप कोई भी कार्य करें, लेकिन भगवान के नाम का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। भगवान का नाम लेकर भी जो भी व्यक्ति राजनीति करता है तो वह स्वार्थ के कारण। राजनीति तो भगवान श्रीराम ने की थी, अगर वैसी राजनीति हम सीख लें तो सबका भला हो जाएगा। भगवान राम अपने आप में परिपूर्ण है इसलिए उनके नाम का दुरुपयोग कभी हो ही नहीं हो सकता, उनके नाम से केवल कल्याण के अलावा कुछ नहीं हो सकता। यह जो हमारी उदारता है सबको स्वीकार है, सबके प्रति श्रीराम का नाम होना चाहिए। अनुसरण करने से पहले जान तो लें कि वास्तविकता क्या है? किसी सिद्धांत को रट न ले सिद्धांत को अपने मूल में उतार लें। एक उदाहरण देते हुए दीदी माँ ने कहा कि पाश्चात्य देशों में लोग छोटे कपड़े क्यों पहनते है, इसका कारण यह है वहां साल में एक या दो महीने ही सूर्य देवता के दर्शन होते है इसलिए उन्हें पाने के लिए इस तरह के कपड़े पहते है। इसलिए देखा गया ह कि उन लोगों में कैल्शियम की कमी बहुत रहती है, इसके साथ ही वहां स्कीन कैंसर के मरीज भी अधिक पाए जाते है और जब सूर्य देव बाहर निकलते है तो उसे वह पाने के लिए आनंदित हो जाते है और उसे ग्रहण करने के लिए इस प्रकार के कपड़े पहनते हैं, यह वहां की संस्कृति नहीं है। लेकिन हमारे यहां के लोगों ने उसका यह अर्थ लिया कि वे जो पहन रहे है अंग प्रदर्शन के लिए फैशन कर रहे है। इसलिए बिना समझे हम किसी सिद्धांत को अपनाएंगे तो उसका दुष्प्रभाव होगा। हमारे सनातन धर्म का जो दृष्टिकोण है,जो पीढ़ी दर पीढ़ी चले आ रहा है,वह संदेश उन तक नहीं पहुंच पाया है। भगवान श्रीराम ने नहीं सिखाया कि अपना धर्म छोड़ें- आज जो धर्म परिवर्तन की बातें आ रही हैं चाहे वह किसी भी धर्म का हो क्या यह एक दिन की लीलिसता है, यह कितने सालों से चला आ रहा है। जिस जागरण की बात करतें हैं,यह जागरण तो पहले हो जाना चाहिए था। भगवान श्रीराम ने कहीं भी यह नहीं सिखाय कि अपने धर्म को छोड़कर दूसरा धर्म अपनाओ। उन्होंने शबरी के झूठे बेर भी खाए और केंवट की नांव में बैठकर वनवास को निकले। प्रभु श्रीराम ने उन्हीं का पक्ष लिया जो देहभाव से हट गया ,लेकिन हम इसके विपरीत होकर दूसरा पक्ष लेकर कार्य करने लग गए है। आज इतना बड़ा पतन हम समाज में देख रहे है कि दूरियां बनते जा रही है। इसमें सनातन धर्म या ऋषि मुनियों का कोई दोष नहीं है। व्यक्ति की त्रुटि के कारण आज समाज की यह स्थिति है। एक ऐसा वैश्विक धर्म होना चाहिए जिससे छोटे-छोटे समुदाय में बंट गए लोगों को एकत्रित किया जा सके। जिसमें एक ऐसा पात्र हो जो सबके लिए आदरणीय हो। इस पर हमें सामूहिक व खुला मंच लेकर चिंतन करना चाहिए कि यह दूरियां समाप्त कैसे करें।
-
महासमुंद। जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसे में बाइक सवार युवक की मौत हो गई है। हादसा शुक्रवार सुबह नौ बजे तुमगांव थाना क्षेत्र में करणीकृपा पावर प्लांट के सामने की है।
जहां एक बाइक सवार को पीछे से आ रहे ट्रक ने चपेट में ले लिया। जिससे दुपहिया सवार की मौके पर मौत हो गई। घटना का वीडियो प्लांट के सीसीटीवी में कैद हुआ। फिलहाल मृतक की पहचान नहीं हो सकी है।
-
रायपुर। टाटा प्रोजेक्ट्स और नोवा स्टील में सिम और डोंगल सप्लाई करने के नाम पर रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड के साथ 43 लाख रूपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पंडरी-मोवा पुलिस ने अमानत में खयानत का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरु कर दी है। पंडरी मोवा पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार जगदलपुर में चल रहे टाटा प्रोजेक्ट्स और नोवा स्टील में सिम और डोंगल सप्लाई करने के नाम पर कंपनी के चैनल पार्टनर शुभ एसोसिएट के मालिक शुभ आडवाणी ने कई बड़ी कंपनियों के फर्जी दस्तावेज और ईमेल कर करीब 43 लाख रूपये कीमत के सिम और डोंगल लेकर फरार हो गया है। रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड ने मोवा थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने धोखाधड़ी और अमानत में खयानत का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरु कर दी है।
-
बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में 16 साल की प्रेग्नेंट छात्रा का अबॉर्शन कराने का आदेश दिया है. साथ ही कोर्ट ने उसके भ्रूण का डीएनए कराने को भी कहा है. ताकि आरोपी को सजा मिल सके. दरअसल, पूरा मामला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले की रहने वाली दसवीं कक्षा की रेप पीड़िता छात्रा प्रेग्नेंट हो गई है. इससे परेशान उसके पिता ने टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी अधिनियम की धारा 3 और नियम 9 के तहत अपनी बेटी का अबॉर्शन कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई. कोर्ट में उनके एड्वोकेट समीर सिंह और रितेश वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए, उनकी बेटी के बेहतर जीवन जीने के लिए उसका अबॉर्शन कराने की अनुमति मांगी. मामले की पिछली सुनवाई के दौरान जस्टिस एनके व्यास ने सीएमएचओ को छात्रा का मेडिकल बोर्ड से जांच कराकर रिपोर्ट पेश करने कहा था. मेडिकल रिपोर्ट में डॉक्टरों की टीम ने कोर्ट को बताया कि किसी भी गर्भवती लड़की या महिला का अबॉर्शन 25 हफ्ते के भीतर किया जा सकता है. इससे गर्भवती की जान का खतरा नहीं रहता. मामले की सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडेय के वेकेशन कोर्ट में हुई. इस दौरान याचिकाकर्ता के एड्वोकेट ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेशों का हवाला दिया. मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर लड़की का अबॉर्शन कराने की अनुमति मांगी. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने गर्भवती नाबालिग छात्रा को 2 जून को अबॉर्शन कराने का आदेश सीएमएचओ राजनांदगांव को दिया है. साथ ही उसके भ्रूण का डीएनए टेस्ट कराने के लिए सुरक्षित रखने का आदेश दिया है. बता दें कि दसवीं की छात्रा से एमपी के बालाघाट के खेम सिंह साहू ने पहले दोस्ती की. फिर शादी करने का वादा कर बीते दिसंबर महीने में लड़की के गांव पहुंचा और उसे अपने साथ भगाकर ले गया. मामले की रिपोर्ट पर पुलिस ने उसकी तलाश कर उसे गिरफ्तार कर लिया. लड़की ने युवक पर दुष्कर्म का आरोप लगाया. जिस पर पुलिस ने अपहरण के साथ ही दुष्कर्म और पाक्सो एक्ट के तहत जुर्म दर्ज किया. इधर लड़की गर्भवती हो गई. जिससे परेशान होकर पिता ने हाईकोर्ट की शरण ली थी.
-
रायपुर. JCCJ प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने समर्थकों को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने पार्टी को लेकर इस हफ्ते निर्णय लेने बात कही है. उन्होंने इस पत्र को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है. उन्होंने ये भी लिखा है कि पार्टी के विलय-गठबंधन पर इस हफ्ते जो भी निर्णय हो उसमें साथ दें. अमित जोगी ने पत्र में कार्यकर्ताओं से कहा है कि आपका भविष्य केवल और केवल उज्ज्वल रहेगा. हम सब मिलकर 2023 में अपनी सरकार बनाएंगे.
-
सीएनएम कमांडर समेत 2 नक्सलियों ने किया सरेंडर 02-Jun-2023सुकमा। जिले में एक लाख रुपये के इनामी नक्सली समेत दो नक्सलियों ने गुरुवार को आत्मसमर्पण कर दिया. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों ने पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की दूसरी बटालियन के अधिकारियों के सामने ‘अमानवीय’ और ‘खोखली’ माओवादी विचारधारा से निराशा का हवाला देते हुए सरेंडर कर दिया.पुलिस ने उनकी पहचान माओवादियों की सांस्कृतिक शाखा चेतना नाट्य मंडली (सीएनएम) के कमांडर वेट्टी राजा और मिलिशिया सदस्य रवा सोमा के रूप में की है. राजा पर एक लाख रुपये का इनाम था. दोनों ने पुलिस को बताया कि वे नक्सलियों के लिए जिला पुलिस के पुनर्वास अभियान ‘पूना नार्कोम’ (स्थानीय गोंडी बोली में गढ़ा गया एक शब्द जिसका अर्थ है नई सुबह या नई शुरुआत) से भी प्रभावित थे. पुलिस ने कहा कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति के अनुसार सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.
-
कांकेर। जिले के भानुप्रतापपुर में दो युवक ट्रेन की चपेट में आ गए हैं. इस घटना में एक युवक की मौके पर ही मौत हो गई है जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल है. घायल को बालोद जिला अस्पताल भेजा गया है. ये घटना भानुप्रतापपुर थाना क्षेत्र का है. जानकारी के अनुसार, भानुप्रतापपुर थाना क्षेत्र के साल्हे गांव में दो युवक ट्रेन की चपेट में आ गए. जिससे एक की मौत हो गई, वहीं दूसरा गंभीर रूप से घायल है. घायल का इलाज अस्पताल में जारी है. बताया जा रहा है कि तड़के सुबह 4 बजे दल्ली राजहरा से भानुप्रतापपुर यात्री गाड़ी आ रही थी. इसी दौरान दोनों युवक ट्रेन की चपेट में आ गए. मामले में भानुप्रतापपुर पुलिस ने मृत युवक के शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है. थाना प्रभारी तेज वर्मा ने बताया सुबह-सुबह ये लोग वहां क्यों गए थे, इसपर भी जांच की जा रही है.
-
सूरजपुर। जिले से सड़क हादसे की खबर सामने आ रही है। जहां तेज रफ़्तार ट्रक अनियंत्रित होकर घर में जा घुसी। इस हादसे में 2 साल की बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई। वहीं, तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हैं। हादसा रामानुजनगर थाना क्षेत्र के जगतपुर गांव का है
जानकारी के मुताबिक जगतपुर गांव में एक दर्दनाख हादसा हो गया. यहां एक ट्रक अनियंत्रित होकर घर में जा घुसा. इस दुर्घटना में 2 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई. वहीं 3 लोग गंभीर रूप से घायल हैं. जिनका इलाज जिला चिकित्सालय सूरजपुर में किया जा रहा है. सूचना के बाद पुलिस मोके पर पहुंचकर जांच में जुट गई है.
-
CG Police Transfer : सहायक उपनिरीक्षक समेत इतने 7 TI का हुआ तबादला, यहां मिली नई पदस्थापना, देखें पूरी लिस्ट 01-Jun-2023
-
27 जून को होगा मतदान, 30 जून को परिणाम की घोषणा होगीरायपुर जिले में 3 संरपंच और 22 पंच पदों के लिए निर्वाचन अधिसूचना जारी
रायपुर 01 जून 2023/रायपुर जिले में तीन ग्राम पंचायतों में खाली संरपंच पदों और 22 ग्राम पंचायतों में खाली पंच पदों के लिए 27 जून को मतदान होगा। छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत उप निर्वाचन के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन कार्यक्रम के घोषणा के साथ ही संबंधित ग्राम पंचायतों के ऐसे क्षेत्रों जहां निर्वाचन होना है, निर्वाचन की घोषणा की तारीख से परिणाम की घोषणा तक आदर्श आचरण संहिता लागू हो गई है।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत उप निर्वाचन का कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया है। जारी की गई अधिसूचना के अनुसार निर्वाचन की सूचना का प्रकाशन 2 जून को सुबह 10.30 बजे होगा। इसी दिन सीटों के आरक्षण के संबंध में सूचना का प्रकाशन और मतदान केन्द्रों की सूची का प्रकाशन भी किया जायेगा। 2 जून सुबह 10.30 बजे से दोपहर 3 बजे तक रिटर्निंग आॅफिसर द्वारा नाम निर्देंशन पत्र प्राप्त किए जाएंगे। नाम निर्देंशन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 9 जून समय दोपहर 3 बजे तक होगी। 10 जून को सुबह 10.30 बजे से नाम निर्देंशन पत्रों की जांच की जाएगी। अभ्यर्थी 12 जून को दोपहर 3 बजे तक नाम वापस ले सकेंगे। निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची तैयार कर प्रकाशित करना और निर्वाचन चिन्हों का आवंटन 12 जून को ही किया जाएगा। आवश्यक हुआ तो त्रिस्तरीय पंचायत उप चुनाव के लिए 27 जून को सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान होगा। मतों की गणना मतदान केन्द्रों पर 27 जून को मतदान समाप्ति के बाद की जाएगी। यदि आवश्यक हुआ तो तहसील या विकासखण्ड मुख्यालयों पर मतगणना 28 जून को दोपहर 3 बजे से होगी। निर्वाचन परिणाम की घोषणा एवं सारणी करण विकासखण्ड मुख्यालय में 30 जून को सुबह 9 बजे की जाएगी।
त्रिस्तरीय पंचायत उप निर्चाचन के तहत सरपंच का निर्वाचन लड़ने के इच्छुक अभ्यर्थियों को अपने नाम निर्देंशन पत्र के साथ निर्धारित शपथ प्रपत्र या स्व घोषणा पत्र में आपराधिक पृष्ठ भूमि, संपत्ति एवं दायित्वों तथा शैक्षणिक योग्यता की जानकारी भी देनी होगी। पंचायत निर्वाचन गैरदलीय आधार पर होंगे। और मतदान मतपेटी के माध्यम से कराया जाएगा। पंचायत निर्वाचन के दौरान मतदान के समय मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने के लिए आयोग द्वारा 17 प्रकार के पहचान पत्र निर्धारित किए गए है। जिनमें से किसी भी एक पहचान पत्र को मतदान के समय पीठासीन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।
रायपुर जिले में यहां होगा पंचायत उप निर्वाचन- रायपुर जिले के विकासखण्ड अभनपुर में ग्राम पंचायत गिरौला और जौदी में सरपंच पद के लिए उप निर्वाचन होगा। तिल्दा विकासखण्ड में ग्राम पंचायत भूमियां में सरपंच चुने जाने के लिए निर्वाचन होगा।
जिले के आरंग विकासखण्ड में ग्राम पंचायत मुनरेठी, खोरसी, मजीठा, गौरभाठ और नारा में पंच पद के लिए निर्वाचन होगा। अभनपुर विकासखण्ड में सोनपैरी, मदलौर, परसदा सोठ, तूता, खट्टी और भटगांव ग्राम पंचायतों में खाली पंच पदों के लिए निर्वाचन होगा। धरसीवां विकासखण्ड में बहेसर, बाना, सकारी, टेमरी, मुर्रा, नगरगांव ग्राम पंचायतों में खाली पंच पदों के लिए निर्वाचन होगा। तिल्दा विकासखण्ड में मोहरेंगा, तिल्दाडीह, अड़सेना, बेलदार सिवनी, गनियारी ग्राम पंचायतों में पंचों के लिए उप चुनाव होगा। -
नगर पंचायत खरोरा में उप चुनाव के लिए अधिसूचना जारी27 जून को डाले जाएंगे वोट, वार्ड क्रमांक 13 के पार्षद का होगा चुनाव
रायपुर 01 जून 2023/ छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा रायपुर जिले की खरोरा नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 13 में रिक्त पार्षद पद के लिए उप चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी गई है। उप चुनाव से पार्षद निर्वाचन के लिए आवश्यक हुआ तो 27 जून को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा। राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन कार्यक्रम के घोषणा के साथ ही नगर पंचायत खरोरा के वार्ड क्रमांक 13 में निर्वाचन कार्यवाहियां संपन्न होने तक आदर्श आचरण संहिता लागू हो गई है।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी की गई अधिसूचना के अनुसार निर्वाचन के सूचना का प्रकाशन 2 जून को सुबह 10.30 बजे होगा। इसी दिन सीटों के आरक्षण के संबंध में सूचना का प्रकाशन और मतदान केन्द्रों की सूची का प्रकाशन भी किया जायेगा। 2 जून सुबह 10.30 बजे से दोपहर 3 बजे तक रिटर्निंग आॅफिसर द्वारा नाम निर्देंशन पत्र प्राप्त किए जाएंगे। नाम निर्देंशन प्राप्त करने की अंतिम तिथि 9 जून समय दोपहर 3 बजे तक होगी। 10 जून को सुबह 10.30 बजे से नाम निर्देंशन पत्रों की जांच की जाएगी। अभ्यर्थी 12 जून को दोपहर 3 बजे तक नाम वापस ले सकेंगे। निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची तैयार कर प्रकाशित करना और निर्वाचन चिन्हों का आवंटन 12 जून को ही किया जाएगा। आवश्यक हुआ तो वार्ड पार्षद चुनाव के लिए 27 जून को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा। मतों की गणना और निर्वाचन परिणामों की घोषणा 30 जून को प्रातः 9 बजे की जाएगी।
निर्वाचन लड़ने के इच्छुक अभ्यर्थियों को अपने नाम निर्देंशन पत्र के साथ निर्धारित शपथ प्रपत्र में आपराधिक पृष्ठ भूमि, संपत्ति एवं दायित्वों तथा शैक्षणिक योग्यता की जानकारी भी देनी होगी। नगर पंचायत में निर्वाचन दलीय आधार पर होगा और मतदान मतपेटी के माध्यम से कराया जाएगा। मतपत्र में अभ्यर्थियों के साथ नोटा का भी प्रावधान होगा। यदि मतदाता किसी अभ्यर्थी के पक्ष में मतदान अभिलिखित नहीं करना चाहता तो वह मतपत्र मंे ’उपयुक्त में से कोई नहीं’ (NONE OF THE ABOVE-NOTA) पर अपना मत अभिलेखित कर सकेगा। मतदान के समय मतदाताओं की पहचान सुनिश्चित करने के लिए आयोग द्वारा 18 प्रकार के पहचान पत्र निर्धारित किए गए है। जिनमें से किसी भी एक पहचान पत्र को मतदान के समय पीठासीन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।