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  • ज्यादा गर्म पानी पीने का सबसे खराब असर आपकी किडनी पर पड़ता है.
    1. अगर आप गर्म पानी को लिमिट में पी रहे हैं तो कोई बात नहीं लेकिन अगर आप इसे ज्यादा पी रहे हैं तो आपके पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है. इससे आपकी भोजन नली को भी नुकसान पहुंच सकता है क्योंकि इसकी परत काफी नाजुक होती है और ज्यादा गर्म पानी से वो खराब हो सकती है. ज्यादा गर्म पानी पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाता है और इससे अपच, एसिडिटी आदि की परेशानी पैदा हो जाती है.
    2. गर्म पानी का ज्यादा उपयोग करने से मुंह में छाले होने की शिकायत होती है. देखा जाए तो ये आपके नाजुक होठों को भी नुकसान पहुंचाता है, साथ ही साथ इससे आपके गले की अंदरूनी त्वचा को भी झुलसा देता है. गले की नाजुक परतें ज्यादा गर्म पानी के यूज से झुलस सकती है. इसे ज्यादा पीने से गला हमेशा सूखा सूखा महसूस करता है. 
    3. गर्म पानी से शरीर की प्यास नहीं बुझती है, ऐसे में अगर आप लगातार गर्म  पानी पीते रहेंगे तो शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइ़ड्रेशन की परेशानी हो सकती है. इसलिए अगर आप गर्म पानी का ज्यादा सेवन कर रहे हैं तो बीच बीच में ठंडा या सामान्य पानी भी पीते रहें. 
    4. जरूरत से ज्यादा गर्म पानी पीने का सबसे खराब असर आपकी किडनी पर पड़ता है. ऐसी स्थिति में किडनी बॉडी से टॉक्सिन पदार्थों को फिल्टर नहीं कर पाती और लगातार ऐसा होता रहे तो किडनी खराब हो सकती है.
    5. जरूरत से ज्यादा गर्म पानी पीने का असर आपकी नींद पर भी पड़ सकता है. हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि जो लोग गर्म पानी ज्यादा पीते हैं, उनको नींद की कमी से जूझना पड़ता है.
  • सुबह की शुरुआत कड़क हो तो पूरा दिन अच्छा गुजरता है. ऐसे में आइए आज हम आपको बताएंगे कड़क मसाला चाय बनाने की रेसिपी.

    3 कप मसाला चाय बनाने की सामग्री:
    2 कप दूध
    2 कप पानी
    1 तेजपत्ता
    2 हरी इलायची
    1 इंच अदरक
    3-4 काली मिर्च
    2 लौंग
    2 छोटे टुकड़े दालचीनी के
    4 टीस्पून चायपत्...

    चीनी स्वादानुसार                

    मसाला चाय बनाने की विधि:
    - सबसे पहले ओखली में अदरक, इलायची, काली मिर्च, लौंग और दालचीनी डालकर दरदरा पीस लें.
     

  • चाऊमीन खाने  से पेट से जुड़ी कई समस्या हो सकती है. मैदा पेट में चिपक जाती है जिससे पेट दर्द जैसी समस्या हो सकती हैं.

    हमारे देश की अलग-अलगल पहचानों में एक पहचान है खाना. यहां का स्वादिष्ट खाना पूरी दुनिया में मशहूर है. हालांकि जितना लोग इंडियन खाने को पसंद करते हैं उतना ही चाइनीज खाने को भी पसंद करते हैं. लोग फास्ट फूड खाने के शौकीन होते हैं. सबसे ज्यादा लोग चाऊमीन खाना पसंद करते हैं. हालांकि आपको बता दें कि चाऊमीन खाना सेहत के लिए नुकसानदायक है. आज हम आपको अपनी इस स्टोरी में इसके नुकसान बताने जा रहे हैं.

    चाऊमीन खाने के नुकसान

    1-मैदा कभी भी सेहत के लिए लाभदायक नहीं हो सकता. चाऊमीन मैदे की बनी होती है और इसलिए इसे खाने से पेट से जुड़ी कई समस्या हो सकती है. मैदा पेट में चिपक जाती है जिससे पेट दर्द जैसी समस्या हो सकती हैं.

    2-इसको खाने से आपका बैड कोलेस्ट्रॉल बनने लगता है, जो मोटापे का कारण होता है.

     

    3-इसको खाने से डाइजेशन में भी दिक्कत आती है.

    4- चाऊमीन हड्डियों के लिए काफी नुकानदायक होता है. इससे बनाने में जो अजीनोमोटो इस्तेमाल होता है वह आपकी हड्डियों को काफी नुकसान पहुंचा सकता है.

  • सर्दियों में तिल खाना सेहत (Health) के लिए अच्छा माना जाता है.

    तिल के लड्डू की रेसिपी ठंड के मौसम में बनाई जाती है. अक्‍सर महिलाएं इन्‍हें बना कर रख लेती हैं. बच्चो से लेकर बड़ो तक सभी को ये बहुत पसंद आते है. इसकी वजह यह भी है कि इन लड्डुओं का स्‍वाद  (Taste) तो अच्‍छा होता ही है. साथ ही सर्दियों में तिल खाना सेहत (Health) के लिए अच्छा माना जाता है. ये शरीर को गर्म रखते है और ऊर्जा देते हैं. यही वजह है कि पुराने समय से सर्दियों में इन्‍हें बनाया जाता रहा है. इस बार आप भी इन सर्दियों में तिल गुड़ के लड्डू जरूर ट्राय करें.

    तिल के लड्डू की सामग्री
    तिल- 2 कप (250 ग्राम)
    गुड़- 1 कप (250 ग्राम)
    काजू- 2 टेबल स्पून
    बादाम- 2 टेबल स्पून
    छोटी इलाइची - 7 से 8 (पिसी हुई)
    घी - 2 छोटी चम्मच

    तिल के लड्डू बनाने की विधि
    तिल को अच्छी तरह साफ कर लीजिए. कड़ाही को गरम कीजिए. फिर मीडियम आंच पर लगातार चमचे से चलाते हुए तिल को हल्के ब्राउन होने तक इसमें भून लीजिए. भुने तिल को एक प्लेट में निकालकर थोड़ा सा ठंडा कर लीजिए. भुने तिल से आधे तिल निकाल कर इन्‍हें हल्का सा कूट लीजिए या मिक्सी से हल्का सा चलाकर दरदरा कर लें.

    कड़ाही में एक चम्मच घी डालकर गरम कीजिए, गुड़ के टुकड़े डालिए और बिल्‍कुल धीमी आग पर गुड़ को पिघला लीजिए. गुड़ पिघलने पर आग तुरन्त बन्द कर दीजिए. गुड़ के ठंडा होने के बाद इसमें भुने कुटे हुए तिल अच्छी तरह मिलाइए. फिर इसमें काजू बादाम और इलाइची का पाउडर भी मिक्स कर दीजिए. गुड़ तिल के लड्डू बनाने का मिश्रण तैयार है. इसे कड़ाही से एक प्लेट में निकाल लीजिए और जरा सा ठंडा होने दीजिए.

    हाथ को घी लगाकर चिकना कीजिए. मिश्रण से थोड़ा थोड़ा मिश्रण लगभग एक टेबल स्पून उठाइये गोल लड्डू बनाकर थाली में लगाइये. तिल गुड़ के लड्डू तैयार हैं. तैयार लड्डू को 4-5 घंटे खुली हवा में छोड़ दीजिए. बिना मेवे के भी तिल गुड़ के लड्डू बना सकते हैं.

  • इस साल मकर संक्रां​ति का महापर्व पर कर लें ये  आसान उपाय

    मकर संक्रां​ति के अवसर पर आप सूर्य पूजा करने के बाद काले तिल, गुड़, गेहूं या सप्तधान्य, गरम कपड़े, कंबल, घी, तांबे के बर्तन या तांबा, सोना आदि का दान करें. काले तिल के दान से आपको सूर्य और शनि दोनों का ही आशीर्वाद प्राप्त होगा क्योंकि मकर शनि देव का घर है और मकर संक्रांति पर सूर्य देव उसमें विराजमान होंगे.

    मकर संक्रां​ति पर शनि देव ने सूर्य देव को काले तिल दिए थे, इससे प्रसन्न होकर सूर्य देव उनके घर को धन—धान्य से भर दिया. मकर संक्रांति पर दान करने से कुंडली का सूर्य दोष दूर होता है.

    स्नान और सूर्य अर्घ्य
    15 जनवरी को मकर संक्रां​ति के अवसर पर सबसे पहले स्नान करें. गंगा स्नान करेंगे तो बहुत उत्तम होगा. यदि संभव न हो तो घर पर ही पानी में गंगाजल डालकर स्नान कर लें. उसके बाद लाल या पीले रंग के वस्त्र पहनें. फिर सूर्य देव को अर्घ्य दें.

    सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए एक तांबे के लोटे में पानी भर लें. फिर उसमें लाल चंदन, गुड़ और लाल गुड़हल का फूल या लाल रंग का कोई फूल डाल दें. फिर सूर्य देव के किसी भी एक मंत्र का उच्चारण करते हुए अर्घ्य दें. मकर संक्रांति के अलावा प्रतिदिन सूर्य देव को अर्घ्य दे सकते हैं. इससे सूर्य देव प्रसन्न होंगे और आपके करियर में उन्नति होगी.

  •  मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। यह पर्व विशेष  रूप से पंजाब और हरियाणा में हिंदू और सिख समुदायों द्वारा मनाया जाता है।लोहड़ी कैसे मनाई जाती है?
    • लोहड़ी के लिए कई दिनों पहले से ही लकड़ियां इकट्ठा की जाती हैं। 
    • इन लकड़ियों को किसी खुले और बड़े स्थान पर रखा जाता है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इकट्ठा होकर एक साथ त्योहार मना सकें।  
    • लोहड़ी की रात सभी लोग लकड़ियों के चारों ओर इकट्ठा होते हैं फिर पारंपरिक तौर से आग लगाई जाती है।  
    • इस अग्नि के चारों ओर लोग नाचते-गाते हुए उसमें मूंगफली, गजक, पॉपकॉर्न, मक्का और रेवड़ी की आहुति देते हैं।  
    • इस दौरान पारंपरिक लोक गीतों को गाया जाता है। 
    • लोहड़ी पर जरूर सुनी जाती है दुल्ला भट्टी की कहानी
      लोहड़ी पर दुल्ला भट्टी की कहानी सुनने का खास महत्व होता है। दरअसल मुगल काल में अकबर के दौरान दुल्ला भट्टी पंजाब में ही रहता है। कहते हैं कि दुल्ला भट्टी ने पंजाब की लड़कियों की उस वक्त रक्षा की थी जब संदल बार में लड़कियों को अमीर सौदागरों को बेचा जा रहा था। वहीं एक दिन दुल्ला भट्टी ने इन्हीं अमीर सौदागरों से लड़कियों को छुड़वा कर उनकी शादी हिन्दू लड़कों से करवाई थी। तभी से दुल्ला भट्टी को नायक की उपाधि से सम्मानित किया जाने लगा और हर साल हर लोहड़ी पर ये कहानी सुनाई जाने लगी।
  • कैलरीज बर्न करने में मदद करने के साथ ही साइकल चलाने से आप कई तरह की गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं

    उल्टे सीधे खानपान और गलत लाइफ स्टाइल के चलते कई बार लोग मोटापे के शिकार हो जाते हैं. पेट और कमर के आसपास फैट जितनी तेजी से बढ़ जाता है उसे घटाना उतना ही मुश्किल होता है. अगर आप भी वजन और चर्बी कम करना चाहते हैं तो ये खबर आपकी मदद कर सकती है. आपको यह जानकारी हैरानी होगी कि वजन और पेट की चर्बी घटाने के लिए साइकल चलाने से भी उतना ही फायदा होता है, जितना जिम में घंटो पसीना बहाते हुए वर्कआउट करने से, क्योंकि साइकल चलाने से मेटाबॉलिक रेट बढ़ता है, मांसपेशियां मजबूत बनती हैं और बॉडी फैट कम होता है.

    एक रिसर्च की मानें तो वजन कम करने के लिए आपको एक्सर्साइज के जरिए एक हफ्ते में कम से कम 2 हजार कैलरी बर्न करनी चाहिए और आपको जानकर हैरानी होगी कि स्थिर और नियमित रूप से साइकल चलाने से हर घंटे 300 कैलरी बर्न होती है. ऐसे में आप जितना ज्यादा साइकल चलाएंगे आपकी कैलरी उतनी ज्यादा बर्न होगी और शरीर से फैट कम होगा, लेकिन इसके लिए बेहद जरूरी है कि आप साइकल चलाने के साथ ही हेल्दी डायट भी लेते रहें. 

     

    1. आपको सामान लेने बाजार जाना है या फिर ऑफिस जाना या स्कूल जाना तो साइकिल का उपयोग करें.
    2. कैलरीज बर्न करने में मदद करने के साथ ही साइकल चलाने से आप कई तरह की गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं.
    3. साइकिल चलाने से आप हृदय से जुड़ी बीमारियां, स्ट्रोक, डायबीटीज, डिप्रेशन से बच सकते हैं.
    4. साइकलिंग एक लो-इम्पैक्ट एक्सर्साइज है, जिसे हर उम्र के लोग इंजॉय कर सकते हैं. 
    5. साइकिल चलाने से मानसिक स्वास्थ्य रोग जैसे अवसाद, तनाव और चिंता को कम किया जा सकता है.

    रोज कितनी साइकिल चलानी चाहिए
    साइकिल चलाना न केवल एक मजेदार एक्टिविटी है, बल्कि यह आपकी मांसपेशियों को टोन करने , हड्डियों को मजबूत करने और वजन कम करने के लिए भी एक बेहतरीन एक्सरसाइज है. कई शोध बताते हैं कि रोज एक घंटे साइकिल चलाने से आप लगभग 300 कैलोरी तक बर्न कर सकते हैं. हेल्थ विशेषज्ञ रोज प्रति 30 से 60 मिनट तक साइकिल चलाने का सुझाव देते हैं


     

  • चाहत में नजर आएगी आकाश और यास्मीन की जोड़ी, लॉन्च हुआ फिल्म का पोस्टर

    "चाहत" में नजर आएगी आकाश और यास्मीन की जोड़ी *

    लॉन्च हुआ फिल्म का पोस्टर

    रायपुर। राजा खान निर्देशित और डॉ. खुशबू जायसवाल निर्मित छत्तीसगढ़ी फिल्म " चाहत" 29 मार्च को रिलीज हो रही है। बुधवार शाम इसका पोस्टर विमोचन कार्यक्रम लोकायन हॉल में रखा गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता योगेश अग्रवाल ने की। अन्य अतिथियों में फिल्मकार अनुपम वर्मा और भाजपा के पदाधिकारी महेंद्र इक्का मौजूद थे। कार्यक्रम में फिल्मकार अलक राय, प्रोड्यूसर राज वर्मा, डिस्ट्रीब्यूटर लकी रंगशाही, अभिनेता क्रांति दीक्षित, यूएफओ इंचार्ज राकेश मिश्रा, निर्देशक नितेश लहरी, याकूब खान आदि उपस्थित थे। योगेश अग्रवाल ने कहा, निर्देशक ऐसा हो जो खुद कलाकर बन जाए।  राजा खान में यह कला शामिल है। नई सरकार से उम्मीद जताई कि हमको बुलावा मत दीजिए। कलाकारों को राजनीतिक पार्टियों ने छला है। हमारी इंडस्ट्री  गुटबाजी में बंटी है। नेतागण कहते हैं पहले तुम तो एक हो जाओ। तभी हमारी इंडस्ट्री आगे बढ़ पाएगी और उसको हक मिल पाएगा। अच्छी बात ये है कि नई पीढ़ी बेहतर कार्य कर रही है। फिल्में ऐसे बनाएं कि उसका डंका देशभर में बजे। भाजपा के पदाधिकारी महेंद्र इक्का ने कहा, राज्य में अच्छी फिल्में बन रही हैं।  अब इसकी छलांग राज्य से बाहर पहुंच चुकी है। उन्होंने सीजी की पहली फिल्म कही देबे संदेश और घरद्वार से लेकर आज तक की उपलब्धियों पर चर्चा की। इक्का ने उम्मीद जताई कि फिल्म पॉलिसी और फिल्म सिटी पर हमारी सरकार दूरगामी निर्णय लेगी। कार्यक्रम को फिल्मकार संतोष जैन और अनुपम वर्मा ने भी संबोधित किया। निर्देशक राजा खान ने बताया, यह एक रोमांटिक फिल्म है। लेकिन अन्य रोमांटिक फिल्मों से बिल्कुल अलग है। इस फिल्म से डेब्यू कर रही यास्मीन ने कहा, फिल्म को लेकर मैं बहुत ज्यादा एक्साइटेड हूं। क्योंकि मैं पहली बार पर्दे पर दिखाई दूंगी। हालांकि सफर इतना आसान नहीं था। अभिनय के लिए मुझे काफी मेहनत करनी पड़ी थी। प्रोड्यूसर खुशबू ने कहा, बचपन से फिल्मों में रुचि रही है। फिल्म मेकिंग का सपना देखा था जो अब पूरा होने जा रहा है। फिल्म में लीड एक्टर आकाश सोनी हैं। अन्य कलाकारों में संजय जैन, रानू वर्मा, प्रभा जैन रिंकू रजा, पवन मानिकपुरी, कीर्ति प्रकाश।

  • ब्रेकिंग : मशहूर गायक का हुआ निधन...संगीत जगत में दौड़ी शोक की लहर

    मुंबई :  संगीत की दुनिया से एक दुखद समाचार निकलकर सामने आया है। इस समाचार के अनुसार संगीत की दुनिया के सरताज उस्ताद राशिद खान का आज निधन हो गया है। उस्ताद राशिद खान सिर्फ 55 साल के थे। निधन के बाद उनका पार्थिव शरीर कोलकाता के पियरलेस अस्पताल में शाम 6 बजे तक के लिए रखा गया है।

    बीते दो महीनों से चल रहा था इलाज

     दरअसल, उस्ताद राशिद खान की तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें 22 नवंबर को कोलकाता के पियरलेस अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती करवाया गया था। वहीं आज इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। उस्ताद राशिद खान के पार्थिव शरीर को अस्पताल के बाद आज रात के लिए कोलकाता के पीस हेवन अस्पताल में रखा जाएगा। गायक का अंतिम संस्कार कल, 10 जनवरी को किया जाएगा।

    बता दें कि, उस्ताद राशिद खान को साल 2022 में पद्मभूषण पुरस्कार से नवाजा गया था। उनके निधन की खबर सामने आते ही संगीत जगत में शोक की लहर दौड़ गई। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी गायक के निधन पर शोक व्यक्त किया है। ममता बनर्जी ने कहा कि उस्ताद राशिद खान के अंतिम संस्कार पर उन्हें बंदूकों से सलामी देकर विदा किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को रबींद्र सदन में रखा जाएगा। यहां उनके चाहनेवाले उस्ताद को अंतिम अलविदा कह पाएंगे।

    यूपी के बदायूं में हुआ था राशिद खान का जन्म

     आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, उस्ताद राशिद खान का जन्म 1 जुलाई 1968 को यूपी के बदायूं में हुआ था। वे रामपुर-सहसवान घराने से ताल्लुक रखते थे। राशिद के परदादा उस्ताद इनायत हुसैन खान इस घराने के फाउंडर थे। उनकी संगीत की कला के लिए उन्हें साल 2006 में पद्मश्री और संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया था। कहा जाता है कि जाने-माने पंडित भीमसेन जोशी ने राशिद खान को ‘भारतीय संगीत का भविष्य’ बताया था।

    ऐसा कहा जाता है कि, राशिद खान को बचपन में संगीत में दिलचस्पी थी। राशिद खान को निसार हुसैन खान और गुलाम मुस्तफा खान से गाने की ट्रेनिंग मिली थी। 11 साल की उम्र में उस्ताद राशिद खान ने अपना पहला कॉन्सर्ट किया था। 14 साल की उम्र में उन्होंने कोलकाता की आईटीसी संगीत रिसर्च अकादमी को जॉइन किया था। उन्हें अपने गायिकी के अंदाज के लिए जाना जाता था। बॉलीवुड की कई फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी।

    आओगे जब तुम ओ साजना गाना हुआ था फेमस

    उनके फेमस गानों में करीना कपूर और शाहिद कपूर की फिल्म ‘जब वी मेट’ का आओगे जब तुम ओ साजना गाना शामिल है। इसके अलावा उन्होंने फिल्म ‘किसना: द वॉरियर पोएट’ के गाने काहे उजाड़ी मोरी नींद, तोरे बिना मोहे चैन नहीं, फिल्म ‘मे नेम इज खान’ का अल्लाह ही रहम, फिल्म ‘शादी में जरूर आना’ का टु बनजा गली संग अन्य गानों को गाया था।

  • आपने अगर अब तक बाजरा खिचड़ी को घर पर नहीं बनाया है तो हमारी बताई रेसिपी आपके लिए मददगार हो सकती है.

    बाजरा खिचड़ी बनाने के लिए सामग्री
    बाजरा – 1/2 कप
    मूंग दाल पीली – 1/2 कप
    देसी घी – 1 टेबलस्पून
    हींग – 1 चुटकी
    जीरा – 1 टी स्पून
    हल्दी – 1/4 टी स्पून
    नमक – स्वादानुसार

    बाजरा खिचड़ी बनाने की विधि
    स्वाद और पौष्टिकता से भरपूर बाजरे की खिचड़ी बनाने के लिए सबसे पहले बाजरा को साफ कर उसे पानी में 8-9 घंटे के लिए भिगोकर रख दें. तय समय के बाद बाजरा का अतिरिक्त पानी छन्नी की मदद से निकाल दें. अब एक प्रेशर कुकर में भिगोया बाजरा, मूंग दाल और थोड़ा सा नमक डालें. इसके बाद कुकर में 2 कप पानी डालकर 4 सीटियां आने तक इन्हें पकाएं. इसके बाद गैस बंद कर दें और कुकर का प्रेशर अपने आप रिलीज होने दें.

    अब एक गहरे तले वाला नॉनस्टिक पैन लें और उसमें घी डालकर मीडियम आंच पर गर्म करें. जब घी गर्म होकर पिघल जाए तो उसमें जीरा डालें और कुछ सेकंड तक भूनें. जब जीरा चटकने लगे तो उसमें एक चुटकी हींग और हल्दी डालकर करछी की मदद से अच्छे से मिलाएं और भूनें. मसाले जब भुन जाएं तो उसमें उबला हुआ बाजरा मूंग दाल का मिश्रण डालें और अच्छी तरह से मिक्स कर दें. इसके बाद खिचड़ी में स्वादानुसार नमक डालकर अच्छे से मिक्स करें. खिचड़ी को 2-3 मिनट तक और पकने दें, इसके बाद गैस बंद कर दें. स्वाद से भरपूर बाजार खिचड़ी बनकर तैयार है. इसे गर्मागर्म ही सर्व करें.

  • पंजाबी स्टाइल का दम आलू  इस तरह बनाएं

     लंच हो या डिनर दम आलू का स्वाद इसे काफी बढ़ा देता है. पंजाबी स्टाइल का दम आलू काफी पसंद किया जाता है और इसे हर उम्र के लोग बढ़े चाव से खाते हैं. पार्टी या फंक्शन में आपको अक्सर दम आलू देखने को मिल जाएंगे. इसके लाजवाब स्वाद की वजह से ही इस रेसिपी की काफी डिमांड भी रहती है. अगर घर में कोई मेहमान आ गए हैं और आप उनके लिए कुछ स्पेशल रेसिपी बनाना चाहते हैं तो पंजाबी दम आलू एक बढ़िया ऑप्शन हो सकता है. इस फूड रेसिपी को बनाना ज्यादा मुश्किल नहीं है.
    पंजाबी दम आलू बनाने के लिए ग्रेवी में कई मसाले पड़ते हैं जो दम आलू का स्वाद काफी बढ़ा देते हैं. इस रेसिपी को आपने अगर अब तक घर पर ट्राई नहीं किया है तो हमारी बताई विधि आपके काफी काम आ सकती है.

     

    दम आलू बनाने के लिए सामग्री
    आलू (छोटे आकार के) – 1 किलो
    टमाटर कटे – 4 कप
    प्याज कटे – 2 कप
    दालचीनी – 2 टुकड़े
    ताजा क्रीम – 2 टेबलस्पून
    चीनी – 1/2 टी स्पून
    इलायची – 2-3
    हरी मिर्च – 3-4
    सौंफ – 2 टी स्पून
    हल्दी – 1/2 टी स्पून
    लहसुन – 8-10 कलियां
    जीरा – 1 टी स्पून
    लौंग – 4-5
    हरा धनिया – 2-3 टेबलस्पून
    कश्मीरी लाल मिर्च – 5-6
    काजू के टुकड़े – 1/2 कप
    तेल – जरूरत के अनुसार
    नमक – स्वादानुसार

    दम आलू बनाने की विधि
    पंजाबी स्टाइल के दम आलू बनाने के लिए सबसे पहले टमाटर, प्याज, हरी मिर्च और हरी धनिया पत्ती के टुकड़े कर लें. अब एक कड़ाही में टमाटर के टुकड़े और 3 कप पानी डालकर उसे मीडियम आंच पर गर्म करें. टमाटर को 10-15 मिनट तक पकाने के बाद गैस बंद कर दें और ठंडा होने दें. अब उबले टमाटर को मिक्सर जार में डालें और पीसकर उसकी सॉफ्ट प्यूरी तैयार कर लें.

    इसी तरह प्याज के टुकड़े करें और मिक्सर की मदद से उनका भी पेस्ट तैयार कर लें. अब एक कड़ाही में थोड़ा सा तेल डालकर गर्म करें. जब तेल गर्म हो जाए तो उसमें इलायची, दालचीनी और लौंग डालकर कुछ सेकंड तक भून लें. इसमें प्याज का तैयार पेस्ट डालें और 1 से 2 मिनट तक भून लें. इसके बाद इसमें टमाटर की प्यूरी डालकर मिलाएं और मीडियम आंच पर 2 से 3 मिनट तक और पकने दें.अब ग्रेवी में चीनी, ताजा क्रीम और स्वादानुसार नमक डालकर अच्छी तरह से मिक्स करें. इसके बाद ग्रेवी को 1-2 मिनट और पकने दें. इसके बाद इसमें धनिया डालकर धीमी आंच पर पकाएं. इसके पूर्व आलू को तेल में डालकर 1-2 मिनट तक फ्राई कर लें. इन तले हुए आलू को ग्रेवी में डालें और कड़ाही को ढककर 3-4 मिनट तक सब्जी को पकने दें. इसके बाद गैस बंद कर दें. स्वाद से भरपूर पंजाबी स्टाइल दम आलू बनकर तैयार है. इसे रोटी, पराठा या नान के साथ सर्व करें.

     
  • मकर संक्रांति पर स्नान के बाद तिल के लड्डू और गज़क खाई जाती है.तिल-गुड़ के लड्डू बनाने की रेसिपी:

    सामग्री
    तिल- 2 कप (250 ग्राम)
    गुड़- 1 कप (250 ग्राम)
    काजू- 2 टेबल स्पून
    बादाम- 2 टेबल स्पून
    छोटी इलाइची - 7 से 8 (पिसी हुई)
    घी - 2 छोटी चम्मच

     

     

    तिल-गुड़ के लड्डू बनाने के लिए सबसे पहले तिल को अच्छी तरह साफ कर लीजिये. भारी तले की कढ़ाई लेकर गरम कीजिये, मीडियम आग पर, लगातार चमचे से चलाते हुये, तिल को हल्के ब्राउन होने तक (तिल हाथ से मसले तो चूरा होने लगे) भून लीजिये. भुने तिल को एक प्लेट में निकालकर थोड़ा सा ठंडा कर लीजिए. भुने तिल से आधे तिल हल्का सा कूट लीजिये या मिक्सी से हल्का सा चलाकर दरदरा कर लीजिये. साबुत और हल्के कुटे तिल मिला दीजिये.

    -  कढ़ाई में एक चम्मच घी डालकर गरम कीजिये, गुड़ के टुकड़े डालिये और बिलकुल धीमी आग पर गुड़ को पिघला लीजिये, गुड़ पिघलने पर आग तुरन्त बन्द कर दीजिये. गुड़ के जरा से ठंडा होने के बाद इसमें भुने कुटे हुये तिल अच्छी तरह मिलाइये. फिर, इसमें काजू बादाम और इलाइची का पाउडर भी मिक्स कर दीजिए. गुड़ तिल के लड्डू बनाने का मिश्रण तैयार है. इसे कढ़ाई से एक प्लेट में निकाल लीजिए और जरा सा ठंडा होने दीजिए.

    -  हाथ को घी लगाकर चिकना कीजिये, मिश्रण से थोड़ा थोड़ा मिश्रण, लगभग एक टेबल स्पून उठाइये गोल लड्डू बनाकर थाली में लगाइये. तिल गुड़ के लड्डू तैयार हैं. तैयार लड्डू को 4-5 घंटे खुले हवा में छोड़ दीजिये. बिना मेवे के भी तिल गुड़ के लड्डू बना सकते हैं.