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BREAKING NEWS: शत्रुघ्न सिन्हा का भाजपा में 35 साल का सफर समाप्त, कांग्रेस में हुए शामिल 06-Apr-2019

भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा बुधवार को कांग्रेस में शामिल हुए। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला की मौजूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली। शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि भाजपा के स्थापना दिवस के अवसर पर भारी मन से पार्टी छोड़ रहा हूं। कांग्रेस ने बिहार में चुनाव प्रचार के लिए जारी स्टार प्रचारकों की सूची में भी उन्हें जगह दी है। चर्चा है कि वह अपनी मौजूदा सीट बिहार के पटना साहिब से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे।
वह 28 मार्च को ही कांग्रेस में शामिल होने वाले थे, लेकिन बिहार में महागठबंधन में सीटों को लेकर फंसे पेच के बीच मामला अटक गया। सिन्हा ने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद बताया था कि वह छह अप्रैल को कांग्रेस में शामिल होंगे। सिन्हा ने कहा था कि जल्द ही कांग्रेस में शामिल होने जा रहा हूं, नवरात्र के बाद अच्छी खबर मिलेगी।

कांग्रेस उन्हें पटना साहिब सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है। इस सीट से वह लगातार दो बार भाजपा के टिकट पर जीत चुके हैं। भाजपा ने इस बार उनका टिकट काट कर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को पटना साहिब से टिकट दिया है। पार्टी में शामिल होने से पहले ही कांग्रेस ने बिहार में चुनाव प्रचार के लिए जारी स्टार प्रचारकों की सूची में उन्हें जगह दी है।

भाजपा में रहते हुए लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार की आलोचना करने की वजह से पार्टी ने इस बार शत्रुघ्न सिन्हा को टिकट काट कर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को दे दिया है। मालूम हो कि रविशंकर और शत्रुघ्न सिन्हा दोनों ही कायस्थ वर्ग से आते हैं। इस सीट पर इस वर्ग के वोटर बड़ी संख्या में हैं। पिछले चुनाव में इसी वोट बैंक के कारण जदयू ने भी सिन्हा के करीबी डॉ. गोपाल प्रसाद सिन्हा को मैदान में उतारा था। हालांकि साल 2009 और 2014 के पिछले दोनों लोकसभा चुनावों में शत्रुघ्न सिन्हा को 50 फीसदी से ज्यादा लोगों का समर्थन(वोट) मिला था। 

भाजपा में 35 साल का सफर समाप्त

शत्रुघ्न सिन्हा के राजनीतिक सफर की शुरुआत 1984 में हुई, जब उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी का दामन थामा। पार्टी ने उनके व्यक्तित्व और दमदार आवाज के कारण स्टार प्रचारक बनाया। 1996 और 2002 में एनडीए की ओर से वह राज्यसभा सांसद के लिए चुने गए। 2003-2004 में कैबिनेट मंत्री बने। उसके बाद 2009 और 2014 में बिहार की पटना साहिब सीट से वह सांसद चुने गए। 

लाल कृष्ण आडवाणी उन्हें राजनीति में लेकर आए थे। आज, जब टिकट कटने के साथ आडवाणी युग की समाप्ति का संकेत दिया जा रहा है तो पार्टी में शत्रुघ्न की भी राजनीतिक पारी समाप्त हो गई। कांग्रेस में उनकी राजनीति की दूसरी पारी शुरू हो रही है।



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