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  • ज्यादा मेकअप लगाने से बचें गर्मी में मेकअप का इस्तेमाल कम से कम करने की कोशिश करें

    सनस्क्रीन लगाना न भूलें
    त्वचा को धूप से बचाने और हाइड्रेट रखने के लिए मेकअप से पहले सनस्क्रीन लगाना न भूलें. साथ ही अगर हो सके तो फेस पर सनस्क्रीन बेस्ड मेकअप ही अप्लाई करें. इससे आपकी त्वचा धूप से सुरक्षित रहेगी और आपका मेकअप भी खराब नहीं होगा.

     

    प्राइमर जरूर लगाएं
    गर्मियों में मेकअप पैचेस से बचने के लिए प्राइमर लगाना बेहद जरूरी होता है. इससे न सिर्फ आपका मेकअप काफी टाइम तक चलता है बल्कि मेकअप में फ्लॉलेस लुक भी आता है.

    ज्यादा मेकअप लगाने से बचें
    गर्मी में मेकअप का इस्तेमाल कम से कम करने की कोशिश करें. शीमर प्रोडक्ट और हैवी फाउंडेशन का उपयोग आपके लिए ओवर मेकअप साबित हो सकता है. ऐसे में टिंट मॉइश्चराइजर या कंसिलर लगाना ही बेहतर रहता है.

  • गुजरात की फेमस फूड डिश खांडवी बनाने का आसान तरीका

    खांडवी एक ऐसी फू़ड डिश है जिसे शाम की चाय के साथ स्नैक्स के तौर पर या फिर ब्रेकफास्ट के तौर पर भी बनाकर परोसा जा सकता है. ये बेसन और दही से तैयार की जाने वाली फूड डिश है जो आसानी से बन जाती है.

    खांडवी बनाने के लिए सामग्री
    बेसन – 100 ग्राम
    दही – 1 कप
    हरी मिर्च कटी – 2
    हल्दी – 1/4 टी स्पून
    अदरक पेस्ट – 1/2 टी स्पून
    कच्चा नारियल कद्दूकस – 1 टेबलस्पून
    हरा धनिया कटा – 1 टेबलस्पून

    कड़ी पत्ते – 4-5
    तेल – 1 टेबलस्पून
    नमक – स्वादनुसार

    खांडवी बनाने की विधि
    गुजराती स्टाइल की खांडवी बनाने के लिए सबसे पहले दही को लें और उसे अच्छी तरह से फेंट लें. इसके बाद बेसन को छानकर एक बर्तन में निकाल लें. अब बेसन में दही डालकर दोनों को अच्छी तरह से मिक्स कर लें. इसके बाद बेसन के घोल में 2 कप पानी, अदरक का पेस्ट, हल्दी और स्वादानुसार नमक डालकर सभी को अच्छे से मिला दें. अब एक कड़ाही को मीडियम आंच पर गैस पर रखकर उसमें बेसन का तैयार घोल डालकर करछी की मदद से उसे चलाते रहें.
    जब बेसन का घोल गाढ़ा होने लग जाए तो गैस की आंच कम कर दें. इसके बाद घोल को 9-10 मिनट तक धीमी आंच पर ही पकने दें. इस दौरान घोल को लगातार चलाते रहना है. अब तक खांडवी का घोल अच्छी तरह से गाढ़ा हो चुका होगा. अब एक ट्रे लें और खांडवी के घोल को इसमें पतला-पतला कर फैलाते जाएं. अगर घोल ज्यादा हो तो ट्रे की संख्या बढ़ा सकते हैं.

    इसके बाद ट्रे को 10 मिनट के लिए अलग रख दें. इतने वक्त में घोल ठंडा होकर जम जाएगा. अब जमी हुई परत को चाकू की सहायता से 2 इंच चौड़ी और 6 इंच लंबी पट्टियों में काट लें. इसके बाद इन पट्टियों को गोल-गोल कर रोल तैयार कर लें.
    अब एक कड़ाही में तेल गर्म कर उसमें राई, कढ़ी पत्ता और हरी मिर्च डालकर तीनों को अच्छे से भून लें. इसके बाद राई के इस तड़के को सारी खांडवी पर एक-एक कर चम्मच की मदद से डालते जाएं. इस तरह आपके स्नैक्स के लिए स्वादिष्ट गुजराती खांडवी बनकर तैयार हो चुकी है. ये रेसिपी बच्चों को भी काफी पसंद आएगी.

  •  May 2024 के व्रत और त्योहार की  List

    May 2024 Major fasts and festivals मई 2024 प्रमुख व्रत-त्यौहार
    4 मई 2024 दिन शनिवार -
     वरुथिनी एकादशी व्रत
    10 मई 2024 दिन बुधवार - परशुराम जयंती, अक्षय तृतीया
    15 मई 2024 दिन बुधवार - बगलामुखी जयंती
    17 मई 2024 दिन शुक्रवार - सीता नवमी
    19 मई 2024 दिन रविवार -  मोहिनी एकादशी व्रत
    23 मई 2024 दिन गुरुवार- बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख पूर्णिमा व्रत
    24 मई 2024 दिन शुक्रवार - नारद जयंती, ज्येष्ठ माह

  • छत्तीसगढ़ की चेच भाजी अदौरी बड़ी के साथ   भाजी बनाने की रेसिपी |
    1. 500 ग्राम चेच भाजी
    2. 1/2 कटोरी अदौरी बड़ी
    3. 8 प्याज़
    4. 6 टमाटर
    5. 10 कलिया लहसुन
    6. आवश्यकतानुसार तेल
    7. 5 सूखी लाल मिर्च
    8. स्वादानुसार नमक
    9. आवश्यकता अनुसार पानी
    10. 500 ग्राम चेच भाजी लेकर इसे साफ कर ले
      पानी से धोकर साफ निकाल ले
      गैस ऑन कर कढ़ाई गर्म कर आधा कटोरी अदौरी बड़ी को तेल में सुनहरा होने तक भून कर निकाल ले
    11. एक प्लेट में टमाटर,प्याज,लहसुन, सूखी लाल मिर्च रख ले
      गैस ऑन कर कढ़ाई में एक गिलास पानी अदौरी बड़ी और भाजी को डालें ढककर 5 मिनट पकने दे
    12.  
    13. तड़का लगाने के लिए गैस ऑन कर कढ़ाई गर्म करें
      कढ़ाई गर्म होने पर तेल सूखी लाल मिर्च, बारीक कटी हुई प्याज,लहसुन डालकर सुनहरा होने तक भूनें सुनहरा होने पर भाजी को डाले और अच्छी तरह मिला लें
      इसे एक बॉल में खाली कर लें को
    14. गैस बंद कर दे सर्व करने को तैयार है हमारी पौष्टिक चेच भाजी अदौरी बड़ी के साथ
  • शनि की कृपा चाहिए तो इन गलतियों से बचें
    • दूसरों की धन-संपत्ति का लोभ करने वालों और मेहनत से धन नहीं कमाकर धन हड़पने वालों को शनि देव कठोर दंड देते हैं.
    • दूसरों के साथ छल-कपट कर उन्हें परेशान करने वालों को भी शनि देव दंडित करते हैं. जब-जब इनपर शनि की महादशा, साढ़े साती या ढैया रहती है. शनि देव इन्हें खूब कष्ट देते हैं.
    • गलत काम करने वाले, महिलाओं पर बुरी दृष्टि रखने वाले और असहायों को सताने वालों को शनि देव हमेशा बुरा फल ही देते हैं और इनका जीवन परेशानियों से घिर जाता है.
    • दूसरों को हानि पहुंचाने वाले, नियम का पालन न करने वाले और अनुशासन को तोड़ने वालों को भी शनि माफ नहीं करते. शनि इन्हें अपनी दशा, अंर्तदशा में जरूर दंडित करते हैं.
    • ऐसे लोगों के जीवन में सदा खुशियां बनी रहती हैं और धन से तिजोरी भरी रहती है. लेकिन न्याय का देवता होने के कारण शनि देव अनुचित कर्मों के लिए दंडित भी करते हैं. इसलिए अगर आप शनि देव की कृपा चाहते हैं तो इन गलतियों को करने से आपको हमेशा बचना चाहिए.
  • बंगाल की पारंपरिक मिष्टी दोई  बंगाली भाषा में मिष्टी का अर्थ होता है - मीठा और दोई का अर्थ होता है - दही।

    सामग्री 

     

     

    1. फूल क्रीम दूध - 1 लीटर 
    2. हंग कर्ड - 1 कप 
    3. चीनी - 1/2 कप 
    4. ईलाईची पाउडर - 1/4 टी- स्पून 
     
    विधि 
     
    1. सबसे पहले दूध को एक मोटी तली के बर्तन में उबलने के लिए गैस पर रख दें। 
    2. जब दूध में एक उबाल आ जाए तब गैस की आंच को लो - मीडियम कर दें और बीच - बीच में चलाते हुए दूध को 3/4 होने तक पका लें। 
    3. जब तक दूध गाढ़ा हो रहा है, तब तक गैस की दूसरी तरफ चीनी को कैरेम्लाइज़्ड़ कर लें। इसके लिए एक पैन को गैस पर धीमी आंच पर रखें और उसमें चीनी डाल दें। पानी वगैरह कुछ भी नहीं डालना है। 
    4. धीमी आंच पर चीनी को चलाते हुए तब तक पकाएँ जब तक चीनी का रंग बिल्कुल ब्राऊन न हो जाए। जब आप चीनी को पकाना शुरू करेंगे तो आप देखेंगे कि चीनी पहले पिघलकर लिक्विड होगी और फिर धीरे- धीरे इसका रंग बदलने लगेगा और जब चीनी का रंग बिल्कुल ब्राऊन हो जाए  और चाशनी थोड़ी गाढ़ी हो जाए ,तब गैस बंद कर दें। चीनी को कैरेम्लाइज़्ड़ करने में धीमी आंच पर 5-6 मिनट का समय लग जाता है। 
    5. तब तक एक जाली या सूती कपड़े में 1 कप दही को डालकर रख दें , जिससे दही का अतिरिक्त पानी निकल जाए और हमें गाढ़ा हंग कर्ड प्राप्त हो जाए। दही से निकले पानी को फेंके नहीं, यह पानी बहुत  पौष्टिक होता है। इसका इस्तेमाल दाल , सब्जी बनाने में या आटा गूँथने में कर लें। दही या पनीर को बनाने में निकले पानी से ही मार्केट में मिलने वाला सबसे महंगा Whey Protein बनता है। 
    6. ध्यान रखें कि मिष्टी दोई बनाने के लिए हमें ताजी दही का उपयोग ही करना है। खट्टी दही बिल्कुल भी न लें। 
    7. जब दूध गाढ़ा होकर 3/4 रह जाए तब दूध का गैस भी बंद कर दें और कैरेम्लाइज़्ड़ शुगर में पहले 2 कलछी दूध डालकर चला दें। एक साथ पूरा दूध नहीं डालना है। दूध थोड़ा - थोड़ा करके ही मिलाएँ और चलाते जाएँ। 
    8. जब आप शुगर में दूध मिक्स करेंगे तब आप देखेंगे कि दूध में गुठली पड़ रही है, लेकिन घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। लगातार चलाते रहने से दूध में पड़ी गुठली समाप्त हो जाएगी और दूध कैरेम्लाइज़्ड़ शुगर में अच्छे से मिक्स होकर भूरे रंग का हो जाएगा। 
    9. इसके बाद चाशनी में बाकी बचा हुआ दूध भी धीरे - धीरे करके डाल दें और ईलाईची पाउडर भी डालकर मिक्स कर दें। 
    10. दूध को थोड़ा ठंडा होने के लिए छोड़ दें । एकदम गरम दूध में जामन न लगाएँ। 
    11. तब तक हंग कर्ड को एक बाउल में निकाल लें और एक चम्मच या व्हिसकर की मदद से तब तक फेंटे, जब तक दही का बिल्कुल क्रीमी टेक्सचर न आ जाए। 
    12. दूध में  4 -5 बार कलछी से ऊपर - नीचे करके झाग बना लें। 
    13. जब दूध गुनगुना से थोड़ा ज्यादा गरम रह जाए तब दूध में जामन लगा दें। जामन लगाते वक़्त भी एक साथ पूरा दही न डालें, थोड़ा - थोड़ा करके ही डालें और चलाते जाएँ , नहीं तो दही दूध में अच्छे से मिक्स नहीं होगी। 
    14. ध्यान रखें कि जामन लगाते वक़्त  दूध अच्छा गरम हो , ज्यादा ठंडा न होने पाये नहीं तो मिष्टी दोई अच्छे से सेट नहीं होगी और अगर दूध  बहुत ज्यादा   गरम हुआ तो दही पानी छोड़ देगी। दही जमाने के लिए दूध इतना गरम होना चाहिए कि जब हम उसे उंगली से छूएँ तो हमें गरम महसूस हो। 
    15. इसके बाद दूध को एक मिट्टी के बर्तन में डालकर , ढँककर 8 - 10 घंटे या रात भर के लिए  सेट होने के लिए किसी गरम स्थान पर रख  दें। 
    16. सुबह तक अच्छे से मिष्टी दोई सेट होकर तैयार हो जाएगी। इसे तुरंत न खाएं, क्यूंकि मिष्टी दोई ठंडी ही खाई जाती है। इसे उठाकर फ्रिज में 3 -4 घंटे  के लिए रख दें। 
    17. दोपहर के लंच तक शानदार मिष्टी दोई बनकर तैयार है। ठंडा - ठंडा सर्व करें। 
     
  • पुणे की मशहूर मैंगो मस्तानी जरूर ट्राई करनी चाहिए!

    मैंगो मस्तानी के लिए सामग्री

    यह एक सरल और त्वरित मैंगो ड्रिंक है जिसके लिए केवल 5 सरल सामग्रियों की आवश्यकता होती है:

    • आम
    • वेनिला आइसक्रीम 
    • मिश्रित मेवे (वैकल्पिक)
    • फेंटी हुई मलाई
    • इलायची
    • आपको बस व्हीप्ड क्रीम को छोड़कर बाकी सभी चीजों को मिलाना है और फिर उसके ऊपर व्हीप्ड क्रीम या आइसक्रीम का एक और स्कूप डालना है।
      • 2 बड़े आम (गूदे का प्रयोग करें और हाथ की सहायता से गुठली से जितना रस निकाल सकें निकाल लें।)
      • 2 स्कूप वेनिला आइसक्रीम
      • 1 कप पूरा दूध
      • 1 चम्मच इलायची पाउडर
      • ⅓ कप मिश्रित मेवे (वैकल्पिक)
      • ऊपर से डालने के लिए व्हीप्ड क्रीम
      • सजावट के लिए चेरी (वैकल्पिक)

      निर्देश

       
       
      • एक ब्लेंडर में, व्हीप्ड क्रीम को छोड़कर सब कुछ डालें और एक क्रीम जैसी चिकनी स्थिरता में ब्लेंड करें।
      • एक लम्बे गिलास में डालें, ऊपर से व्हीप्ड क्रीम, कटे हुए मेवे और एक चेरी डालें।
      • ताज़ा आनंद लें!
       
  • जॉन अब्राहम बने एप्रिलिया के ब्रांड एंबेसडर
    *एप्रिलिया इंडिया ने जॉन अब्राहम को अपना ब्रांड एम्बेसेडर बनाते हुए, सुपरबाइक्स का पोर्टफोलियो पेश किया* हाई-परफॉर्मेंस मोटरसाइकल्स बनाने वाली मशहूर कंपनी एप्रिलिया ने भारत में जॉन अब्राहम को अपना ब्रांड एम्बेसेडर बनाने की घोषणा की है। जॉन ब्रांड के रोमांचक पोर्टफोलियो का प्रचार करते नज़र आएँगे। जॉन अब्राहम खुद मोटरसाइकल्स के शौकीन हैं और देश में सुपरबाइक कल्चर को बढ़ावा देने के लिए एकदम फिट होंगे। एप्रिलिया ने आधिकारिक रूप से अपनी सुपरबाइक्स के बड़े पोर्टफोलियो को लॉन्च भी किया है। इनमें भारतीय बाजार के लिए आरएसवी4 फैक्ट्री, आरएस660, टुओनो 660 और टुआरेग 660 शामिल हैं। यह क्षण देश में सुपरबाइक के शौकीनों के लिये बेहद मायने रखता है। ये सभी सुपरबाइक्स भारत में एप्रिलिया मोटोप्लेक्स डीलरशिप्स के माध्यम से कम्प्लीट्ली बिल्ट-अप यूनिट्स (सीबीयू) के तौर पर उपलब्ध हैं। एप्रिलिया इंडिया को अपने ब्रांड एम्बेसेडर के रूप में जॉन अब्राहम का स्वागत करने पर गर्व है, क्योंकि वे खुद एप्रिलिया के फैन हैं। जॉन अब्राहम के साथ यह भागीदारी सिर्फ एक सेलीब्रिटी से जुड़ने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हाई-परफॉर्मेंस मोटरसाइकल्स के लिये जॉन अब्राहम का जुनून रेसिंग में एप्रिलिया की धरोहर और विरासत से मेल भी खाता है। वे भारत में परफॉर्मेंस बाइकिंग के प्रति उत्साह रखने वालों की लगातार बढ़ रही कम्युनिटी का प्रतिनिधित्व करते हैं। वे केवल ब्रांड एम्बेसेडर ही नहीं हैं, बल्कि असली प्रशंसक और राइडर हैं, जो एप्रिलिया जैसा उत्साह दिखाते हैं। एप्रिलिया इंडिया के परफॉर्मेंस पोर्टफोलियो के बारे में बात करते हुए, जॉन अब्राहम ने कहा, "मैं एप्रिलिया का ब्रांड एम्बेसेडर बनकर उनके साथ जुड़कर बेहद उत्साहित हूँ। मैं निजी तौर पर भी एप्रिलिया ब्रांड से जुड़ाव महसूस करता हूँ, क्योंकि इसके पास जुनून, प्रदर्शन और अपना अंदाज़ है। ऐसे ब्रांड का हिस्सा बनकर मैं बहुत खुश हूँ, जिसकी विरासत को इतना सराहा जाता है। मुझे एप्रिलिया के सफर का हिस्सा बनने का इंतजार है, क्योंकि वह हाई-परफॉर्मेंस बाइक्स के मामले में हमेशा से ही अग्रणी है। इसकी बाइक्स स्पोर्ट, रेसिंग और एडवेंचर के जोश से भरपूर हैं।" पियाजियो व्हीकल्स प्रा. लि. के चेयरमैन और एमडी श्री डिएगो ग्रैफी ने अपनी बात रखते हुए कहा, "हम एप्रिलिया फैमिली में जॉन अब्राहम का स्वागत करते हुए बहुत उत्साहित हैं। प्रदर्शन, हिम्मत और उत्कृष्टता के लिये जॉन की लगन एप्रिलिया के उत्साह जैसी है। यह भागीदारी निश्चित तौर पर हमारे ब्रांड की सोच को मजबूत करेगी और ऐसे हर राइडर से जुड़ेगी, जो स्टाइल और रोमांच से भरपूर मोटरसाइकल की इच्छा रखता है।" कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन एवं मार्केटिंग के प्रमुख श्री अपूर्व सैगल ने अपनी बात रखते हुए कहा, "एप्रिलिया के ब्रांड एम्बेसेडर के तौर पर जॉन अब्राहम का जुड़ना हमारे ब्रांड की यात्रा में एक महत्वपूर्ण अध्याय है। मोटरसाइक्लिंग के लिये जॉन का जुनून हमारे समझदार ग्राहकों की तरह है। जॉन के प्रभाव से एप्रिलिया की पहुँच बढ़ेगी और हम जुनूनी राइडर्स से जुड़ सकेंगे। साथ मिलकर हम ऐसे कैम्पेन बनाने की उम्मीद करते हैं, जो एप्रिलिया मोटरसाइकल से राइडिंग का रोमांच दिखाते हों।" *** About Aprilia: Aprilia is a motorcycle brand that is known for making motorcycles par excellence. In its quest for engineering purity, the company has provided its fans with great results. In recent years Aprilia has completely revamped its product range, becoming the technological signpost of the Piaggio Group in the scooter and motorcycle segment. With 297 Grand Prix races won in Road Racing World Championship, Aprilia holds the record for the most wins of any European manufacturer in the history of maximum motorcycle competitions. These are joined by an impressive 54 world titles: 38 in Road Racing World Championship, 7 in Superbike, and 9 in Off-Road disciplines About PVPL: Established in 1884, the Piaggio Group is Europe’s largest scooter and motorcycle manufacturer and one of the world leaders in the industry. PVPL is a 100% subsidiary of Piaggio & C. s.p.a. of Italy, the inventor of Commercial Vehicles and 2 Wheelers. Piaggio Vehicles Pvt. Ltd. (PVPL) leads the league today with its Commercial Vehicles and 2-Wheeler Vehicles segments. By revolutionizing the 3-wheeler cargo segment in the country, Piaggio, today, is setting global standards in multiple areas of service. It also owns legendary 2-wheeler brands like Vespa and Aprilia which is the luxury segment in the 2-wheeler industry. The sprawling Manufacturing Unit of PVPL is based at Baramati, Maharashtra, and is working to capacity produce commercial vehicles and 2-wheelers for India and select international markets. The vision and mission of PVPL are to be perceived as a unique, high-impact, fast-response, innovative, and growth-oriented company that is known around for its unmatched level of excellence. And also, to achieve the status of a world-class company that manufactures & markets a wide range of high-quality products to the total satisfaction of the customers in the domestic and overseas markets. With unmatched customer care, state-of-the-art products, and multiple awards to be honoured with, PVPL continues to journey – proving inspirational and providing an improved quality of life to millions across India along the way!
  • *बिट्स पिलानी में राकेश वर्मा कन्वेंशन सेंटर की रखी गई आधारशिला
    *बिट्स पिलानी में राकेश वर्मा कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला रखी गई* 18 अप्रैल, 2024: अपनी शैक्षणिक उत्कृष्टता और इनोवेशन के लिए मशहूर, बिट्स पिलानी में राकेश वर्मा कन्वेंशन सेंटर की आधारशिला रखी गई है। राकेश वर्मा बिट्स पिलानी के भूतपूर्व छात्र और भारत के ओरिज़नल मैप निर्माता, मैपमाईइंडिया के संस्थापक व चेयरमैन हैं। यह कन्वेंशन सेंटर श्री वर्मा द्वारा पिछले साल पिलानी कैंपस में आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 15 करोड़ रु. का अनुदान देने के संकल्प का हिस्सा है, जो बिट्स के किसी भी भूतपूर्व छात्र द्वारा दी गई अब तक की सबसे बड़ी राशि है। इस कन्वेंशन सेंटर में 200 लोगों के बैठने की व्यवस्था के साथ एक कॉन्फ्रेंस रूम होगा, जिसमें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन, उच्च एग्ज़िक्यूटिव डेवलपमेंट प्रोग्राम, वर्कशॉप्स और एल्युमिनाई मीट्स का आयोजन किया जा सकेगा। इसके अलावा यहाँ आधुनिक सुविधायुक्त 94 कमरों के साथ आरामदायक आवासीय सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। बिट्स पिलानी परिसर में यह केंद्र महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित है, जो विचारों के आदान-प्रदान और सहयोग के केंद्र के रूप में काम करेगा। यह अत्याधुनिक प्रोजेक्ट अगले 18 महीनों में पूरा कर लिया जाएगा। यह पूरा हो जाने के बाद संस्थान में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की कॉन्फ्रेंस, कार्यक्रमों, और वर्कशॉप्स का आयोजन करने की क्षमता बढ़ जाएगी। इस अवसर पर बिट्स पिलानी के कुलपति, प्रो. वी रामगोपाल राव ने कहा, बिट्स पिलानी में हम शोध और इनोवेशन के एक जीवंत परिवेश को बढ़ावा देते हैं, जिससे राकेश वर्मा जैसे दूरदर्शी आकर्षित होते हैं, जो हमारे प्रतिष्ठित पूर्व विद्यार्थियों में से एक हैं। हम उनके सहयोग और इस विशाल योगदान के लिए आभारी हैं, जिससे बिट्स पिलानी को विश्व स्तर पर ले जाने की उनकी प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है। इस कन्वेंशन सेंटर के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए एलुम्नाय रिलेशंस के डीन, प्रोफेसर आर्य ने कहा, यह कन्वेंशन सेंटर बिट्स पिलानी को एक सर्वोच्च संस्थान बना देगा, जो अपने समुदाय की विकसित होती जरूरतों को पूरा कर सकता है। मैपमाईइंडिया के संस्थापक और चेयरमैन, राकेश वर्मा ने कहा, हमारे जीवन के हर पहलू में वैश्वीकरण और टेक्नोलॉजी का प्रवेश हो जाने के साथ यह आवश्यक हो गया है कि प्रतिभा को पहचानकर उन्हें लगातार बदलते समय के साथ चलने में समर्थ बनाया जाए। मुझे एक ऐसा प्लेटफॉर्म प्रदान करने की खुशी है, जहाँ विचारों का आदान-प्रदान हो सकेगा और विद्यार्थियों एवं फैकल्टी के बीच इनोवेशन और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए सहयोग का विकास हो सकेगा। बिट्स पिलानी एक प्रतिष्ठित संस्थान है, जो विज्ञान, इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी लॉ, डिज़ाइन और मैनेजमेंट प्रोग्राम्स पेश करता है। इसके पाँच परिसर पिलानी, दुबई, गोवा, हैदराबाद और मुंबई में स्थित हैं। यहाँ के पूर्व विद्यार्थियों ने अपनी अविश्वसनीय उपलब्धियों से न केवल संस्थान को, बल्कि पूरे राष्ट्र को गौरवान्वित किया है। यहाँ के पूर्व विद्यार्थियों ने भविष्य के लिए संस्थान के महत्वाकांक्षी उद्देश्यों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई है। विभिन्न पहलों में उनके महत्वपूर्ण योगदानों ने संस्थान के लक्ष्यों को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पिछले पाँच सालों में बिट्स पिलानी के पूर्व विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए 115 करोड़ रुपए से ज्यादा का योगदान दिया है।
  • बाल हनुमान की शक्ति और भक्ति की ताकत दिखेगी
    *‘हनुमान जयंती’ के शुभ अवसर पर ‘श्रीमद रामायण’ में दिखेगी बाल हनुमान की शक्ति और भक्ति की ताकत* सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न की दिव्य गाथा, ‘श्रीमद रामायण’ में माता सीता को खोजने के प्रयास तेज़ हो गए हैं, क्योंकि भगवान हनुमान ने अपनी वानर सेना के साथ लंका की ओर कदमताल शुरू कर दिया है। इस सफर के दौरान, वे समुद्र के किनारे पहुंच जाते हैं, और उनकी उम्मीदों का बांध टूटना शुरू हो जाता है, क्योंकि सेना के पास समुद्र पार करने का कोई साधन नहीं है। तभी जामवंत भगवान हनुमान के सामने पहुंचते हैं और उन्हें उनके जन्म और उन दिव्य शक्तियों का स्मरण कराते हैं, जिनसे उन्हें लंका में माता सीता को खोजने में मदद मिलेगी। अंजना और केसरी के पुत्र, भगवान हनुमान के पास अद्वितीय शक्तियां थीं, लेकिन इस कारण से वे काफी नटखट और शरारती हो गए। इतना कि एक दिन, अपने दोस्तों के साथ खेलते हुए, उन्हें एक लाल चमकता हुआ गोला दिखाई देता है, जिसे देख उन्हें लगा कि यह कोई फल है, और उसे खाने के लिए निकल पड़ते हैं। लेकिन वास्तव में वह कोई फल नहीं, बल्कि सूर्य है। चूँकि, अनजाने में ही सही, लेकिन बाल हनुमान ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया, इसलिए भगवान ब्रह्मा ने हनुमान को श्राप दिया। इस वजह से भगवान हनुमान अपनी सभी शक्तियों को भूल गए, जो उस स्थिति में वापस आ सकती थीं जब कोई उन्हें याद दिलाता और उन्हें राम भक्ति का वरदान देता। बाल हनुमान की भूमिका अब्दुल करीम निभाएंगे, जो बच्चे के रूप में भगवान हनुमान की मासूमियत और शरारतों को खूबसूरती से प्रदर्शित करेंगे। लिंक: https://www.instagram.com/reel/C57ycRMLPqA/?igsh=eTFlM3RwOXM0azVj मौजूदा कहानी के बारे में बात करते हुए, भगवान हनुमान का किरदार निभा रहे, निर्भय वाधवा कहते हैं, "शो ‘श्रीमद रामायण’ में, बाल हनुमान की कहानी दिखाया जाना किसी साधारण पल से कही बढ़कर है। यह उनकी दिव्यता की गहन अभिव्यक्ति को दिखाता है और बताता है कि आखिर क्यों वे भगवान राम के सबसे बड़े भक्त हैं। इस पवित्र कहानी को जानते हुए, हम उनके बचपन के दिनों को देखेंगे, जहाँ मासूमियत और असीम शक्तियां एकजुट हो जाती हैं। उनके इस सफर में, हम न केवल उनकी असाधारण शक्तियों के त्याग को देखेंगे, बल्कि यह भी देखेंगे कि वे कैसे इतने विनम्र बने और प्रभु श्री राम के प्रति उनकी अटूट भक्ति कैसे जन्मी। यह कहानी बड़ी ही खूबसूरती से हमें याद दिलाती है कि वास्तविक धैर्य का जन्म केवल शारीरिक कौशल से नहीं, बल्कि व्यक्ति की आत्मा की पवित्रता से भी होता है। 23 अप्रैल को रात 9:00 बजे शुरू होने वाला श्रीमद रामायण का ‘हनुमान जयंती महासप्ताह’ देखना न भूलें, केवल सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविज़न पर
  • रोट प्रसाद  विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए चढ़ाते हैं रोट

    बजरंगबली को हर मंगलवार रोट या मीठी रोटी खुद बनाकर अर्पित करने से आपके तरक्की के रास्ते खुलते हैं. आपके किसी भी काम में अड़चन नहीं आती. इमरती हनुमान जी का अति प्रिय भोग है. इसे आप मंगलवार और अन्य किसी भी दिन हनुमान जी को अर्पित कर सकते हैं और अपनी हर मनोकामना पूरी करने का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.

    हनुमान जी को चढ़ने वाले रोठ प्रसाद तो आपने कभी न कभी तो खाया ही होगा। यह प्रसाद हनुमान जी को शनिवार, मंगलवार और बजरंगबली के खास पर्व या अवसर पर चढ़ता है। इस प्रसाद की खास बात यह है कि यह बिना पानी के कच्चा दूध या गंगाजल की मदद से तैयार की जाती है। भगवान बजरंगबली को यह प्रसाद किसी विशेष कामना के पूरा होने पर या मन्नत के लिए भी चढ़ाई जाती है। बहुत से लोगों को रोठ प्रसाद बनाने की सही विधि नहीं पता होती है, ऐसे में आज हम उन्हें रोठ बनाने की विधि बताएंगे जिससे आप बहुत ही आसानी से यह प्रसाद घर पर बना सकती हैं।

     

    • कच्चा दूध या गंगाजल
    • गेहूं आटा
    • गुड़
    • घी

    रोठ बनाने की विधि

    • प्रसाद बनाने के लिए साफ और शुद्ध आटा लें। इसे छलनी की मदद से छान लें और एक बर्तन में निकाल कर रखें।
    • रोट का प्रसाद हनुमान जी में पांच, सात, नौ, ग्यारह और 21 के अंक में चढ़ता है तो आप इसे उतनी ही गिनती के हिसाब से आटा लें।
    • अब एक बर्तन में दूध और गुड़ या गुड़ और गंगाजल को मिक्स करें।
    • आटा में घी मिलाकर मोयन बना लें। मोयन डालने से रोट कुरकुरा बनता है।
    • अब इस मोयन वाले आटा में गुड़ और दूध के मिश्रण को डोलकर आटा तैयार करें।
    • आटा से पांच, सात, नौ, ग्यारह और 21 के अंक की लोई बना लें।
    • लोई से आप गोल आकार या फिर सितारे के आकार में रोठ बना लें।
    • रोठ को बनाने के बाद धीमी आंच पर गाय के शुद्ध घी से सेक लें।
    • दोनों तरफ सुनहरा भूरा होने के बाद निकाल लें। प्रसाद लगाने के लिए रोठ तैयार है।
  • जैन स्टाइल पनीर की सब्जी आइए जानते हैं इसकी सिंपल रेसिपी.

    जैन स्टाइल पनीर की सब्जी बनाने के लिए काजू, टमाटर, मलाई और अन्य सामग्रियों की मदद से ग्रेवी तैयार की जाती है. आप भी अगर घर पर बिना प्याज-लहसुन की पनीर सब्जी बनाना चाहते हैं तो आइए जानते हैं इसकी सिंपल रेसिपी.

    पनीर सब्जी बनाने के लिए सामग्री
    पनीर क्यूब्स – 2 कप
    टमाटर प्यूरी – 3 कप
    मलाई – 3 टेबलस्पून
    काजू पेस्ट – 2 टेबलस्पून
    दालचीनी – 1 इंच टुकड़ा
    जीरा – 1 टी स्पून
    लौंग – 2-3
    हल्दी – 1/2 टी स्पून
    लाल मिर्च पाउडर – 1 टी स्पून
    गरम मसाला – 1 टी स्पून
    कसूरी मेथी – 1 टी स्पून
    नींबू – 1
    हरा धनिया – 2 टेबलस्पून
    तेल – 4 टेबलस्पून
    नमक – स्वादानुसार

    पनीर सब्जी बनाने की विधि
    स्वाद से भरपूर जैन स्टाइल पनीर की सब्जी बनाने के लिए सबसे पहले एक कड़ाही में तेल डालकर उसे मीडियम आंच पर गर्म करें. तेल गर्म होने के बाद उसमें जीरा, दालचीनी और लौंग डालकर भूनें. कुछ सेकंड बाद तेल में हल्दी और लाल मिर्च पाउडर डाल दें. कुछ सेकंड और भूनने के बाद कड़ाही में टमाटर प्यूरी डाल दें और पकने दें. 2-3 मिनट बाद टमाटर प्यूरी में उबाल आना शुरू हो जाएगा.
    इसके बाद प्यूरी में पहले से बनाकर रखे काजू के पेस्ट को डालकर चम्मच की मदद से मिक्स कर दें.

    इसके बाद गरम मसाला और कसूरी मेथी डालकर उन्हें भी 2 मिनट तक उबलने दें. इस दौरान थोड़ा सा पनीर का चूरा बना लें. जब प्यूरी अच्छी तरह से उबलने लगे तो उसमें क्रम्बल किया हुआ पनीर, पनीर क्यूब्स और स्वादानुसार नमक को डालकर ग्रेवी के साथ अच्छी तरह से कोट कर पकने दें. अब कड़ाही को ढककर सब्जी को 2-3 मिनट और पकाएं फिर गैस बंद कर दें. अब सब्जी में 1 चम्मच नींबू रस और धनिया पत्ती डालकर परोसें.

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