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बंगाल की पारंपरिक मिष्टी दोई बंगाली भाषा में मिष्टी का अर्थ होता है - मीठा और दोई का अर्थ होता है - दही।
सामग्री
- फूल क्रीम दूध - 1 लीटर
- हंग कर्ड - 1 कप
- चीनी - 1/2 कप
- ईलाईची पाउडर - 1/4 टी- स्पून
विधि
- सबसे पहले दूध को एक मोटी तली के बर्तन में उबलने के लिए गैस पर रख दें।
- जब दूध में एक उबाल आ जाए तब गैस की आंच को लो - मीडियम कर दें और बीच - बीच में चलाते हुए दूध को 3/4 होने तक पका लें।
- जब तक दूध गाढ़ा हो रहा है, तब तक गैस की दूसरी तरफ चीनी को कैरेम्लाइज़्ड़ कर लें। इसके लिए एक पैन को गैस पर धीमी आंच पर रखें और उसमें चीनी डाल दें। पानी वगैरह कुछ भी नहीं डालना है।
- धीमी आंच पर चीनी को चलाते हुए तब तक पकाएँ जब तक चीनी का रंग बिल्कुल ब्राऊन न हो जाए। जब आप चीनी को पकाना शुरू करेंगे तो आप देखेंगे कि चीनी पहले पिघलकर लिक्विड होगी और फिर धीरे- धीरे इसका रंग बदलने लगेगा और जब चीनी का रंग बिल्कुल ब्राऊन हो जाए और चाशनी थोड़ी गाढ़ी हो जाए ,तब गैस बंद कर दें। चीनी को कैरेम्लाइज़्ड़ करने में धीमी आंच पर 5-6 मिनट का समय लग जाता है।
- तब तक एक जाली या सूती कपड़े में 1 कप दही को डालकर रख दें , जिससे दही का अतिरिक्त पानी निकल जाए और हमें गाढ़ा हंग कर्ड प्राप्त हो जाए। दही से निकले पानी को फेंके नहीं, यह पानी बहुत पौष्टिक होता है। इसका इस्तेमाल दाल , सब्जी बनाने में या आटा गूँथने में कर लें। दही या पनीर को बनाने में निकले पानी से ही मार्केट में मिलने वाला सबसे महंगा Whey Protein बनता है।
- ध्यान रखें कि मिष्टी दोई बनाने के लिए हमें ताजी दही का उपयोग ही करना है। खट्टी दही बिल्कुल भी न लें।
- जब दूध गाढ़ा होकर 3/4 रह जाए तब दूध का गैस भी बंद कर दें और कैरेम्लाइज़्ड़ शुगर में पहले 2 कलछी दूध डालकर चला दें। एक साथ पूरा दूध नहीं डालना है। दूध थोड़ा - थोड़ा करके ही मिलाएँ और चलाते जाएँ।
- जब आप शुगर में दूध मिक्स करेंगे तब आप देखेंगे कि दूध में गुठली पड़ रही है, लेकिन घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। लगातार चलाते रहने से दूध में पड़ी गुठली समाप्त हो जाएगी और दूध कैरेम्लाइज़्ड़ शुगर में अच्छे से मिक्स होकर भूरे रंग का हो जाएगा।
- इसके बाद चाशनी में बाकी बचा हुआ दूध भी धीरे - धीरे करके डाल दें और ईलाईची पाउडर भी डालकर मिक्स कर दें।
- दूध को थोड़ा ठंडा होने के लिए छोड़ दें । एकदम गरम दूध में जामन न लगाएँ।
- तब तक हंग कर्ड को एक बाउल में निकाल लें और एक चम्मच या व्हिसकर की मदद से तब तक फेंटे, जब तक दही का बिल्कुल क्रीमी टेक्सचर न आ जाए।
- दूध में 4 -5 बार कलछी से ऊपर - नीचे करके झाग बना लें।
- जब दूध गुनगुना से थोड़ा ज्यादा गरम रह जाए तब दूध में जामन लगा दें। जामन लगाते वक़्त भी एक साथ पूरा दही न डालें, थोड़ा - थोड़ा करके ही डालें और चलाते जाएँ , नहीं तो दही दूध में अच्छे से मिक्स नहीं होगी।
- ध्यान रखें कि जामन लगाते वक़्त दूध अच्छा गरम हो , ज्यादा ठंडा न होने पाये नहीं तो मिष्टी दोई अच्छे से सेट नहीं होगी और अगर दूध बहुत ज्यादा गरम हुआ तो दही पानी छोड़ देगी। दही जमाने के लिए दूध इतना गरम होना चाहिए कि जब हम उसे उंगली से छूएँ तो हमें गरम महसूस हो।
- इसके बाद दूध को एक मिट्टी के बर्तन में डालकर , ढँककर 8 - 10 घंटे या रात भर के लिए सेट होने के लिए किसी गरम स्थान पर रख दें।
- सुबह तक अच्छे से मिष्टी दोई सेट होकर तैयार हो जाएगी। इसे तुरंत न खाएं, क्यूंकि मिष्टी दोई ठंडी ही खाई जाती है। इसे उठाकर फ्रिज में 3 -4 घंटे के लिए रख दें।
- दोपहर के लंच तक शानदार मिष्टी दोई बनकर तैयार है। ठंडा - ठंडा सर्व करें।
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