Rajdhani
  • साय कैबिनेट की बैठक : PHE विभाग में 181 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ, कैबिनेट से मिली मंजूरी

    रायपुर :-  छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को हुई साय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। इसमें PHE डिपार्टमेंट में इंजीनियर्स सहित 181 पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। वहीं प्रदेश के 5 विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन के आदेश को भी हरी झंडी मिली है।

    इस संशोधन से पांचों प्राधिकरणों में जनप्रतिनिधित्व का दायरा बढ़ेगा। हर प्राधिकरण के अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। साथ ही दो मंत्रियों की जगह पूरा मंत्रिमंडल इसमें शामिल होगा। साथ ही प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद और जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
    181 पदों पर भर्ती

    वित्त विभाग ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में इंजीनियर्स सहित बाकी पदों पर भर्ती को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से 181 रिक्त पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। नई भर्ती से विभाग के कामकाज की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ पेयजल व्यवस्था बेहतर की जाएगी।

    इन पदों पर भर्ती को मंजूरी
    पीएचई विभाग में उप अभियंता, अनुरेखक, सहायक ग्रेड-3 सहित बाकी खाली पदों को भरने के प्रस्ताव को वित्त विभाग से स्वीकृति मिली है।

    उप अभियंता (सिविल) के 118
    उप अभियंता (विद्युत/यांत्रिकी) के 10
    अनुरेखक के 37
    सहायक ग्रेड-3 के 02
    केमिस्ट के 12
    वाहन चालक के 2 पद शामिल हैं।
    बनेगी शहरी विकास नीति

    कैबिनेट के फैसले के मुताबिक, सरकार शहरी विकास नीति तैयार करेगी। इससे शहरों के विकास और राज्य की विकास योजनाओं को लागू करने का काम होगा। इसके दिशा-निर्देश जारी करने के लिए आवास एवं पर्यावरण विभाग को जिम्मा दिया गया है।

    इस स्कीम से अतिक्रमण, अवैध निर्माण पर रोक लगाने का काम हाेगा। शहरी आबादी को सुविधाएं देने और उनकी समस्या दूर करने के काम होंगे। नगर विकास योजना में आवासीय, कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल यूज लैंड को लेकर नियम जारी होंगे।

  • सरकारी दायित्वों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं- विष्णुदेव साय

    रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार सुशासन और पारदर्शिता के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, हमारी सरकार भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी। जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।

    मुख्यमंत्री ने X पर पोस्ट करते हुए बताया कि छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा शैक्षणिक सत्र 2024-25 की नई किताबों को कबाड़ में बेचने के मामले में उन्होंने तुरंत अपर मुख्य सचिव को जांच के निर्देश दिए थे।

    उन्होंने कहा कि जांच के बाद प्रथम दृष्टया लापरवाही सामने आने पर पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक प्रेम प्रकाश शर्मा (राप्रसे आरआर – 2013) को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

    मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, यह सुशासन की सरकार है, और सरकारी दायित्वों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। किसी भी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा लापरवाही मिलने पर तत्काल कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

  • Breaking : पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, आदिवासी विकास प्राधिकरण में संशोधन समेत साय कैबिनेट में लिए गए कई बड़े निर्णय, पढ़िए

    रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए –

    मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

    राज्य मंत्रिमण्डल ने राज्य में गठित पांचों विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन आदेश में आंशिक रूप से संशोधन की मंजूरी दी है। इस संशोधन से पांचों प्राधिकरणों में जनप्रतिनिधित्व का दायरा काफी विस्तृत किया गया है। पांचों प्राधिकरणों में अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल करने के साथ ही संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं प्राधिकरण क्षेत्रों के जिला पंचायत अध्यक्षों को अब इसका सदस्य बनाया गया है। पांचों प्राधिकरणों में प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। शेष सभी सदस्य यथावत रहेंगे।

    छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण

    छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में प्रस्तावित संशोधन को मंत्रिमण्डल ने मंजूरी दी, जिसके तहत मुख्यमंत्री प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक उपाध्यक्ष होंगे। इस प्राधिकरण में सदस्य के रूप में शामिल पूर्व में मात्र तीन विभागों के मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त माननीय मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जिला पंचायत अध्यक्ष प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को प्राधिकरण के सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 35 विधायकगणों को और अन्य सदस्यों को यथावत रखा गया है।

    सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण 

    सरगुजा क्षेत्र दिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्री एवं वित्त मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगण  प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जनजाति बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष भी अब प्राधिकरण के सदस्य होंगे। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार इसमें सदस्य के रूप में शामिल 14 विधायकगणों को यथावत शामिल किया गया है।

    अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण 

     मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा विधायक (अ.जा. आरक्षित) प्राधिकरण के उपाध्यक्ष होंगे। राज्य मंत्रिमण्डल के दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों, संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण के जिला पंचायत अध्यक्ष (अ.जा.), अनुसूचित जाति विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इस प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुरूप सदस्य के रूप में शामिल किए गए 10 विधायकों को यथावत रखा गया है।

    मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण 

    मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में किए गए संशोधन के अनुसार अब दो मंत्रीगणों के स्थान पर राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों तथा प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इस प्राधिकरण में आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप मंे तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। इस प्राधिकरण में पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 12 विधायकों को यथावत रखा गया है।

    बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण 

    मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष और प्राधिकरण क्षेत्र के निर्वाचित विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) इसके उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल मात्र दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों, प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद तथा प्राधिकरण क्षेत्र के जनजातीय बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग इस प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण में सदस्य के रूप में पूर्व में शामिल 12 विधायकगणों को यथावत सदस्य रखा गया है।

    • मुख्यमंत्री जी के स्वेच्छानुदान मद से 262 व्यक्ति एवं संस्थाओं को 4 करोड़ 56 लाख 72 हजार रूपये स्वीकृत राशि का अनुमोदन किया गया।
    • राज्य के शहरों के सुव्यवस्थित विकास और राज्य की विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया गया। जिसके तहत भूखण्डों का पुनर्गठन और प्रदेश में स्वीकृत विकास योजना के क्रियान्वयन हेतु शहरी विकास नीति (टी.डी.एस.) का अनुमोदन किया गया। इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने हेतु आवास एवं पर्यावरण विभाग को अधिकृत किया गया है।
    • प्रदेश में विकास योजनाओं में प्रस्तावित जनोपयोगी भूमि के समुचित रूप से विकास करने, अतिक्रमण तथा अवैध निर्माणों को हतोत्साहित करने एवं शहरी आबादी को आधुनिक नागरिक सुविधाओं के अभाव और असुविधाओं के निराकरण के लिए इस शहरी विकास नीति का निर्धारण किया गया है। नगर विकास योजना आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक अथवा अन्य प्रयोजन हेतु क्रियान्वित की जा सकेगी।
  • राहुल गांधी के खिलाफ छत्तीसगढ़ में 3 FIR दर्ज, जानिए पूरा मामला

    रायपुर: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ रायपुर के सिविल लाइन थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। अमेरिका में सिखों पर टिप्पणी के लिए राहुल गांधी के खिलाफ छत्तीसगढ़ में तीन एफआईआर दर्ज की गई है। इनमें राजधानी रायपुर के सिविल लाइंस थाने में एक, बिलासपुर जिले के बिलासपुर सिविल लाइंस थाने में दो मामले गुरुवार को दर्ज किए गए। वहीं दुर्ग जिले के कोतवाली थाने में शुक्रवार को एक एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि राहुल गांधी अपने बयान पर सफाई दे चुके हैं, लेकिन विरोध और प्रदर्शन का दौर जारी है।रायपुर की सिविल लाइन थाना पुलिस ने राहुल गांधी के खिलाफ यह एफआईआर भाजपा नेता अमरजीत छाबड़ा की शिकायत पर दर्ज की है। छाबड़ा के आवेदन के आधार पर राहुल गांधी के खिलाफ भारतीय न्याय संहित (बीएनएस) की धारा 299 और 302 के तहत दर्ज किया है। बीएनएस की ये धाराएं धार्मिक भावना आहत करने से जुड़ा है।

    प्रदेश में तीन एफआईआर दर्ज 
    हाल ही में अमेरिका यात्रा के दौरान की गई टिप्पणियों के माध्यम से सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ छत्तीसगढ़ में तीन जगहों पर तीन एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। ये मामले भाजपा नेताओं की शिकायतों के आधार पर दर्ज किए गए हैं। सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने राज्य के अन्य जिलों के पुलिस थानों में भी इसी तरह की शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।

    इन धाराओं में केस दर्ज

    पुलिस ने बताया कि सभी मामलों में गांधी पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य जिसका उद्देश्य धार्मिक विश्वासों का अपमान करना या किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना है) और 302 (शब्दों, ध्वनियों, इशारों या वस्तुओं द्वारा जानबूझकर किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

    यह है मामला
    रायपुर में दर्ज कराई गई अपनी शिकायत में प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अमरजीत सिंह छाबड़ा ने कहा कि गांधी ने यह टिप्पणी की है कि क्या सिखों को भारत में पगड़ी या कड़ा पहनने और गुरुद्वारा जाने की अनुमति होगी। छाबड़ा ने शिकायत में कहा कि गांधी के बयान से भारत में सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है। उन्होंने दावा किया कि “पूरी दुनिया में और यहां तक कि भारत में भी सिख समुदाय को पगड़ी, कड़ा पहनने और गुरुद्वारा जाने से मना नहीं किया गया है। यहां तक कि प्रधानमंत्री भी पगड़ी पहनकर गुरुद्वारा जाते हैं। गांधी के बयान का उद्देश्य शांतिप्रिय सिख समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाना है, जिससे समाज के अन्य धर्मों के साथ भेदभाव और दुश्मनी पैदा हो सकती है।” दुर्ग कोतवाली थाने में मामला भाजपा की दुर्ग जिला इकाई के अध्यक्ष जितेंद्र वर्मा ने दर्ज कराया है। भाजपा नेताओं ने दुर्ग, सरगुजा और कुछ अन्य जिलों के अन्य थानों में भी इसी मुद्दे पर शिकायत दर्ज कराई है। गांधी ने यह टिप्पणी 9 सितंबर को वाशिंगटन डीसी के वर्जीनिया उपनगर हर्नडॉन में सैकड़ों भारतीय अमेरिकियों की एक सभा को संबोधित करते हुए की थी।

     
  • *भारत स्काउट्स और गाइड्स हीरक जयंती पर रायपुर में होगा जम्बूरी का आयोजन*
    *प्रेस विज्ञप्ति* *भारत स्काउट्स और गाइड्स हीरक जयंती पर रायपुर में होगा जम्बूरी का आयोजन* *जनजातीय प्रदर्शनी थीम पर आधारित होगी जम्बूरी: बृजमोहन अग्रवाल* रायपुर 20 सितंबर छत्तीसगढ़, ’भारत स्काउट्स और गाइड्स के 19वें राष्ट्रीय जम्बूरी’ और प्रथम ’विश्व गर्ल गाइड्स जम्बूरी’ की मेजबानी करने जा रहा है, जो छत्तीसगढ़ राज्य के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। यह जानकारी छत्तीसगढ़ स्काउट्स एंड गाइड के राज्य अध्यक्ष एवं रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने दी। प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान श्री अग्रवाल ने बताया कि, यह कार्यक्रम भारत स्काउट्स और गाइड्स के हीरक जयंती वर्ष के दौरान आयोजित किया जाएगा जो सेवा और युवा सशक्तिकरण के 75 वर्षों की स्मृति में आयोजित किया जा रहा है। हीरक जयंती उत्सव ’नवंबर 2024’ से शुरू होकर ’नवंबर 2025’ में ’हीरक जयंती समापन समारोह ’’19वें राष्ट्रीय जम्बूरी और प्रथम ’विश्व गर्ल गाइड्स जम्बूरी के साथ समाप्त होगा। जम्बूरी का आयोजन नवंबर 2025 में किया जाएगा। इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में भारत समेत करीब 125 देशो के 35ए000 से अधिक प्रतिभागियों’ के शामिल होने की संभावना है। जंबूरी का उद्देश्य मुख्य रूप से स्काउट्स और गाइड्स को राष्ट्रीय/ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मंच उपलब्ध कराना है जहां गाईडस एक साथ रहकर अपने अनुभवों को साझा करते हैै जिससे उनमें सेवा भाव और नेतृत्व क्षमता का विकास होगा साथ ही सांस्कृति क्षमता का अदान-प्रदान होगा इसके अलावा कौसल विकास, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही हस्तकला में प्रशिक्षण दिया जायेगा। जम्बूरी देश और दुनिया भर के स्काउट्स और गाइड्स को एकता और सीखने की भावना सें एक साथ लाता है। यह वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को चरितार्थ करता है। वैश्विक स्तर और भारत में, राष्ट्रीय जम्बूरी हर चार साल में आयोजित की जाती है। जनजातीय प्रदर्शनी थीम पर आधारित होगी जम्बूरी बृजमोहन अग्रवाल छत्तीसगढ़ में जम्बूरी का मुख्य आकर्षण जनजातीय प्रदर्शनी होगी, जो छत्तीसगढ़ के हृदय और आत्मा का उत्सव होगा। आगामी जम्बूरी में विशेष रूप से छत्तीसगढ़ की ’आदिवासी धरोहर’ और ’युवा नेतृत्व’ पर जोर दिया जाएगा। जम्बूरी के माध्यम से छ.ग. की सांस्कृतिक विरासत (लोक नृत्य, लोक-गीत, तीज त्यौहार) और समृद्व आदिवासी कला (धोकरा कला, गोंड चित्रकला, माटी शिल्प) हस्तशिल्प को वैश्विक मंच मिलेगा। जिससे राज्य के ग्रामीण और आदिवासी रोजगार के नये अवसर प्राप्त होंगे। भारत स्काउट गाइड की शुरूआत 7 नवंबर 1950 को हुई थी। पहली जम्बूरी साल 1953 में हैदराबाद में हुआ था और 18वी. जंबूरी का आयोजन 2003 में राजस्थान के पाली जिले में हुआ था। जंबूरी के आयोजन को लेकर कल माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी के साथ हुई बैठक भी हुई थी जिसमें मुख्य राष्ट्रीय आयुक्त डॉ. के.के. खंडेलवाल ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी पेश की जिस पर मुख्यमंत्री जी ने इस जम्बूरी की मेजबानी को सहमती देते हुए युवा विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और नेतृत्व प्रशिक्षण के महत्व को रेखांकित किया था। छत्तीसगढ़ सरकार से इस आयोजन की सफलता के लिए ’₹25 करोड़’ के बजट को मंजूरी देने का अनुरोध किया गया है, जिससे राज्य की संस्कृति और प्रगति को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सके।प्रेस वार्ता में भारत स्काउट्स एंड गाइड के मुख्य राष्ट्रीय आयुक्त डॉ. के.के. खंडेलवाल और पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
  • नक्सलियों की टूटती कमर से अर्बन नक्सल चिंता में; विकास मरकाम

    भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रवक्ता के बयान जिसमे उन्होंने नक्सलवाद पर भाजपा को नाकाम बताने की कोशिश की थी उस पर जबरदस्त प्रहार किया है। मरकाम ने कहा है कि पहले तो कांग्रेस को नक्सलवाद पर बोलने का कोई नैतिक अधिकार नही है क्योंकि ये खुद नक्सल समस्या की जननी और संरक्षक है। हर बार नक्सली कार्रवाई पर पहला विलाप कांग्रेसियों का ही आता है। इस बार प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवम गृहमंत्री विजय शर्मा द्वारा नक्सल पीड़ित परिवारजनों को केंद्रीय गृहमंत्री से मिलवाने पर कांग्रेस के पेट में दर्द होने पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि किसी बड़े नक्सली के मारे जाने पर भी इनके पेट में सबसे पहले ऐंठन मरोड़ होने लगती है। 

    विकास मरकाम ने बताया कि 16 अप्रैल को सुरक्षा बलों के एक बड़े ऑपरेशन में कुख्यात नक्सली कमांडर समेत 29 दुर्दांत नक्सली ढेर हो जाते है तब इनके नेता भूपेश बघेल सुरक्षा बलों की पीठ थपथपाने के बजाए कहते है भाजपा शासनकाल में फर्जी नक्सली मुठभेड़ होते हैं। बीते चार महीनों के दौरान ऐसे मामले बढ़े हैं। बस्तर में पुलिस पर आरोप लगाते हैं कि भोले-भाले ‘आदिवासियों’ को डराती है। जैसे ही उनके बयान की चौतरफा आलोचना शुरू हुई, उन्होंने इससे पल्ला झाड़ सुरक्षा बलों की तारीफ की। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत नक्‍सलियों को महिमामंडित करने का काम करती दिखती हैं, वह मारे गए नक्‍सलियों को ‘शहीद’ बताती हैं। 25 लाख के इनामी नक्सली के ढेर होने पर कांग्रेस कहती है जो शहीद हुए हैं उनकी जांच होनी चाहिए। राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन का नक्‍सली समर्थक बयान सामने आ चुका है। सांसद रंजीत रंजन ने नक्‍सलियों को भोला-भाला इंसान करार दिया था। वास्‍तव में कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के दौरान नक्सलवाद को मुख्यधारा में ला खड़ा किया। उन्होंने सलाह दी कि पार्टी को अपना नाम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (माओवादी) या माओवादी कांग्रेस पार्टी कर लेना चाहिए।

    विकास मरकाम ने कहा जब कोई नक्‍सली पुलिस मुठभेड़ में मारा जाता है तो उसके नेता नक्‍सली के घर जाकर उसे श्रद्धांजलि देने में भी परहेज नहीं करते। छत्‍तीसगढ़ के बस्‍तर रीजन के कांकेर में मारे गए माओवादी (नक्सली) नेता सिरीपेल्ली सुधाकर उर्फ शंकर राव के घर कांग्रेस की एक वरिष्ठ नेता और तेलंगाना की कांग्रेस सरकार में मंत्री अनुसुइया दनसारी उर्फ सीताक्का अभी कुछ दिन पहले ही पहुंची थीं। उनका इससे जुड़ा वीडियो भी वायरल है। यह सर्वविदित है कि नक्सली आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति सुधाकर कई हिंसक घटनाओं में शामिल था और सुरक्षा बलों को उसकी तलाश थी। शर्म आनी चाहिए कांग्रेसियों को जो सुरक्षा बलों के शहीदों के परिवारों से हमदर्दी रखने के बजाए नक्सलियों से हमदर्दी रखती है। ये वही लोग है जो अर्बन नक्सलियों से मिलकर देश की आंतरिक सुरक्षा को चोट पहुंचाने तक से भी परहेज नहीं करते।

    विकास मरकाम ने कहा पिछले 10 सालों में केंद्र की भाजपा सरकार के आक्रामक कार्रवाई के परिणाम स्वरूप आज नक्सली बीजापुर नारायणपुर की छोटी सी गुफा में सिमट कर रह गए है। 2024 के PLGA सप्ताह के ठीक पहले नक्सली पर्चा जारी कर स्वीकार किया की लगातार हो रहे एनकाउंटर और सरेंडर के चलते उनकी कमर टूट गई है। उनके पास लाल लड़ाके नही है। नक्सलियों की कमर टूट गई है आत्मसमर्पण की संख्या बढ़ी है। नक्सली वारदातों में गिरावट आई है। स्थानीय लोगों का विश्वास विकास और शांति की ओर बढ़ा है, लेकिन पूर्ण सफाया में सबसे बड़ी बाधा कांग्रेसी नेताओं का नक्सली समर्थन रवैया है, शहरों में बैठे पंजा छाप अर्बन नक्सल है इससे कांग्रेसियों को बाज आने की हिदायत विकास मरकाम ने दी।

    उन्होंने कांग्रेस से प्रश्न पूछा, झीरम कांड संदर्भ में बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा के मांग के बौजूद कांग्रेस सरकार ने बड़े कांग्रेसी नेताओं का नार्को टेस्ट क्यों नही कराया? सुकमा विधायक कवासी लखमा जो हमले में अकेले जीवित बचे उनका नार्को टेस्ट क्यों नही कराया? जिन कांग्रेसियों पर अपने ही बड़े नेताओं की हत्या के साजिश के आरोप हो उन्हे दूसरों पर प्रश्न उठाने का कोई अधिकार नहीं है।

    विकास मरकाम ने कहा भाजपा डबल इंजन के साथ बस्तर के विकास में पूरा दम झोक रही है। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बेहतर संपर्क स्थापित करने के लिए सड़क और पुल बनाए जा रहे हैं। इस वर्ष अभी तक 90 किलोमीटर लंबी 16 सड़कों, 2 पुलों और 72 पुलियों का निर्माण किया गया है। 118 मोबाइल टावर भी स्थापित किए गए हैं। सुरक्षाबलों के प्रत्येक शिविर के प्रत्येक शिविर के आसपास के 5-5 गांवों तक नियद नेल्ला नार (आपका अच्छा गांव) योजना सहित सभी सरकारी योजनाओं को पहुंचाया जा रहा है। सामुदायिक पुलिसिंग के कारण भी ग्रामीणों का नक्सलियों से मोह भंग हो रहा है। राज्य में नक्सली घटनाओं पर कुशल अनुसंधान एवं अभियोजन की प्रभावी कार्रवाई के लिए राज्य अन्वेषण एजेंसी का गठन किया गया है।

  • ”छत्तीसगढ़ बंद” का समर्थन करने में चेंबर असमर्थ हैं।

    भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने खेत में घुस आई एक गाय पर बलरामपुर (सरगुजा) कांग्रेसी नगरपालिका अध्यक्ष सुंदरमणि मिंज के पति परम मिंज द्वारा एयरगन से चार-पाँच राउंड गोली चलाने के मामले की कड़ी भर्त्सना करते हुए इसे कांग्रेस के सनातन विरोधी डीएनए का एक और वीभत्स नमूना बताया है। श्री शर्मा ने कहा कि हिन्दुत्व के नाम पर कांग्रेसी नित-नए पाखंड कर रहे हैं और दूसरी तरफ निरीह पशुओं पर भी अत्याचार की पराकाष्ठा करके अपने घोर सनातन व हिन्दू विरोधी चरित्र का प्रदर्शन कर रहे हैं।

    भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री शर्मा ने कहा कि भगवान राम, माता कौशल्या के नाम पर ढोल पीटने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गौठान और गोबर खरीदी को लेकर जितनी डींगें हाँकी थीं, उसकी पोल इन दोनों ही योजनाओं में हुए घोटालों ने खोलकर रख दी थी, अब गाय पर गोली चलाकर उसे गंभीर रूप से घायल करके कांग्रेस नेता ने अपने उस राजनीतिक चरित्र को बेनकाब कर दिया है, जिसे कांग्रेस के तमाम नेता और इन दिनों पूर्व मुख्यमंत्री बघेल प्रदर्शित कर रहे हैं। इस घटना से कांग्रेस का वह असली मुखौटा भी बेपर्दा हो गया है, जिसकी आड़ लेकर कांग्रेस राजनीति का अपराधीकरण और अपराधियों का राजनीतिकरण करने में लगी हुई है। श्री शर्मा ने कहा कि जिस गाय की समूचा हिन्दू समाज माता के रूप में पूजा करता है और उसमें 33 कोटि देवी-देवताओं का दर्शन करता है, उस गौ माता के महज खेत में घुस जाने पर ऐसी बर्बरता का परिचय दिया जाना बेहद गंभीर अपराध है। भारतीय जनता पार्टी इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए प्रदेश सरकार से गिरफ्तार किए गए उक्त आरोपी कांग्रेस नेता पर सख्त कार्रवाई की मांग करती है। श्री शर्मा ने बताया कि परम मिंज आदतन अपराधी है और उसके खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं।

  • कांग्रेस के छत्तीसगढ़ बंद का समर्थन नहीं करेगा चैंबर

    छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन, कोषाध्यक्ष उत्तम गोलछा, कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी ,विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल ने बताया कि 21 सितम्बर को प्रस्तावित बंद को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का दिनांक 19 सितम्बर 2024 का पत्र आज दिनांक 20 सितम्बर 2024  को दोपहर 12 बजे चेंबर कार्यालय को प्राप्त हुआ जिसमे छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा कराए जा रहे बंद को समर्थन देने का आग्रह किया गया है । बंद का समर्थन करना केवल कार्यकारिणी का क्षेत्राधिकार है। इतने  अल्प समय में प्राप्त सुचना में कार्यकारिणी की बैठक बुलाना संभव नहीं है।
     इसके अतिरिक्त चूंकि चेम्बर से प्रदेश के छोटे-छोटे व्यापारी, रेहड़ी पटरी, एवं व्यापारिक संगठन जुड़े हुए हैं जो फल-सब्जी, दूध एवं अन्य कच्चे सामान का व्यवसाय करते हैं। बिना पूर्व सूचना के आकस्मिक बंद से उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इतने अल्प समय में बिना पूर्व सूचना अथवा व्यापारिक संघों की बैठक लिये बगैर  ”छत्तीसगढ़ बंद” का समर्थन करने में चेंबर असमर्थ हैं।
    बैठक में चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, कोषाध्यक्ष उत्तमचंद गोलछा, महामंत्री अजय भसीन,  कार्यकारी अध्यक्ष राजेन्द्र जग्गी, विक्रम सिंहदेव, राम मंधान, मनमोहन अग्रवाल, उपाध्यक्ष- महेश दरियानी, हीरा मखीजा, पृथ्वीपाल सिंह छाबड़ा, कन्हैया गुप्ता, टी. श्रीनिवास रेड्डी,  मंत्री- लोकेश साहू, राजेन्द्र खटवानी, राकेश (जनक) वाधवानी, दिनेश पटेल, युवा चम्बर महामंत्री कांति पटेल आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

  • 21 सितंबर को कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया

    प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था और कवर्धा की घटना को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने शनिवार 21 सितंबर को छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है।
    कांग्रेस के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ कवर्धा के लोहारीडीह गया था। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, पूर्व मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय सहित वरिष्ठ नेता शामिल थे।
    कांग्रेस के नेतागण पुलिस अभिरक्षा में मृत प्रशांत साहू की अंत्येष्टि में शामिल हुये तथा परिजनों से भी मिले। परिजनों ने पुलिस के मारपीट के कारण प्रशांत की मौत होने का आरोप लगाया।
    लोहारीडीह घटना स्थल से लौटने के बाद प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रेस कांफ्रेंस में सरकार पर लगाए कई गंभीर आरोप
    गृह मंत्री के जिले में घटना होने के चलते गृह मंत्री को बर्खास्त करने मुख्यमंत्री से की मांग
    पूरे प्रदेश में कानून व्यवस्था चरमराई है,
    आम आदमी और सरकार में बैठे हुये लोगों के लिये अलग कानून है।
    लगातार हो रही अपराधिक घटनाओं को पुलिस रोक नहीं पा रही है।
    घटना की जांच हाईकोर्ट की सीटिंग जज ने करने की मांग
    कचरू साहू का दोबारा पोस्टमार्टम करने की मांग प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने की
    रेंगाखार थाने की सीसीटीवी फुटेज निकलवाने की मांग
    सरकार और पुलिस चाहती तो घर जलाने की घटना को रोक सकती थी, पूरे प्रदेश में भय का माहौल है।
    कवर्धा के पूरे घटनाक्रम की हाईकोर्ट के सिटिंग जज से जांच कराया जाय।


    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि प्रदेश में महिलाएं, बच्चे, युवा सुरक्षित नहीं है, कानून व्यवस्था बदहाल है। मुख्यमंत्री, गृह मंत्री को तत्काल बर्खास्त किया जाए, कांग्रेस आगामी शनिवार 21 सितंबर को प्रदेश बंद का आह्वान किया, लोहारीडीह की घटना को दबाने का प्रयास किया था, कांग्रेस की सजगता से मामले को नहीं दबा पाए।

    पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लगाए गंभीर आरोप। उन्होंने मांग किया कि डॉक्टर की टीम बनाकर फिर से शिवकुमार की पीएम किया जाए। थाने का सीसीटीवी जब्त किया जाए, बंद कैदियों की पिटाई की गई है इसलिए मिलने नहीं दिया जा रहा है। एसपी को बर्खास्त किया जाए।
  • स्कूल शिक्षा विभाग ने 64 दिनों की छुट्टी का किया ऐलान, जानें दशहरा और दीपावली में कितने दिनों का रहेगा अवकाश…

    रायपुर। अगर आप या आपके बच्चे भी स्कूल स्टूडेंट्स है तो यह खबर आप ही के काम की है। दरअसल इस साल स्कूल शिक्षा विभाग ने छात्रों के लिए 64 दिनों की छुट्टियों की घोषणा की है। दशहरा और दीपावली में 6-6 दिन की छुट्टियां रहेंगी, जबकि शीतकालीन अवकाश 6 दिनों का होगा। गर्मी की छुट्टियां 46 दिनों की रहेंगी, जिससे कुल मिलाकर 64 दिनों के अवकाश का आदेश जारी किया गया है।

    स्कूल शिक्षा विभाग, मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर ने शिक्षा सत्र 2024-25 (26 जून 2024 से 30 अप्रैल 2025) के लिए अवकाश की जानकारी दी है।

    • दशहरा की छुट्टियां: 7 से 12 अक्टूबर
    • दीपावली का अवकाश: 28 अक्टूबर से 2 नवंबर
    • शीतकालीन अवकाश: 23 से 28 दिसंबर
    • गर्मी की छुट्टियां: 1 मई से 15 जून 2025 तक
  • युवराज गुरु खुशवंत साहेब  के उपाध्यक्ष नियुक्त होने पर सतनामी समाज में हर्ष का माहौल है।

    आरंग विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री गुरु खुशवंत साहेब जी को छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह निर्णय अनुसूचित जाति समुदाय के समग्र विकास और उत्थान के लिए उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।

    श्री गुरु खुशवंत साहेब जी सतनामी समाज के गुरु भी है सामाजिक और राजनीतिक सेवाओं को ध्यान में रखते हुए यह नियुक्ति की गई है। वे लंबे समय से अनुसूचित जाति समुदाय के हक और अधिकारों के लिए संघर्षरत हैं और उनके नेतृत्व में समाज के वंचित वर्गों के विकास के लिए कई योजनाओं का सफलतापूर्वक संचालन किया गया है।

    इस नियुक्ति के साथ, श्री साहेब जी को अनुसूचित जाति वर्ग के सामाजिक, आर्थिक, और शैक्षणिक विकास के लिए प्रभावी योजनाओं और नीतियों के निर्माण तथा उनके सफल क्रियान्वयन का दायित्व सौंपा गया है। उनके अनुभव और नेतृत्व क्षमता से निश्चित ही छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण को नई दिशा मिलेगी।

    भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने  गुरु खुशवंत साहेब जी को इस सम्माननीय पद पर नियुक्त होने के लिए बधाई दी है और आशा व्यक्त की है कि उनके नेतृत्व में अनुसूचित जाति समुदाय को बेहतर अवसर और सुविधाएं मिलेंगी। युवराज गुरु खुशवंत साहेब जी के उपाध्यक्ष नियुक्त होने पर सतनामी समाज में हर्ष का माहौल है। साहेब जी के उपाध्यक्ष बनने पर पूरा सतनामी समाज गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

    वही गुरु खुशवंत साहेब  ने भी इस बड़ी जिम्मेदारी को लेकर भाजपा के शीर्ष नेताओं का धन्यवाद ज्ञापित कर आभार व्यक्त किया है।

  •  गोमती साय बनी सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष : लता उसेंडी को बस्तर विकास प्राधिकरण

    राज्य सरकार ने आरंग विधायक गुरु खुशवंत साहेब (MLA Guru Khushwant Saheb ) को अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष बनाया गया है. उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा मिला है. वहीं पत्थलगांव की विधायक गोमती साय को सरगुजा विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया है. वहीं बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी विधायक लता उसेंडी को दी गई है.

     
    वहीं, मध्य क्षेत्र विकास प्राधिकरण में उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मरवाही के विधायक प्रणव कुमार मरपच्ची को दी गई है. इनके अलावा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग के उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दुर्ग ग्रामीण के विधायक ललित चंद्राकर को दी गई है।