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रायगढ़ में खाद की कालाबाजारी के उजागर हुए मामलों ने घोटाले की आशंका को बल प्रदान किया : भाजपा 23-Aug-2020

रायगढ़ में खाद की कालाबाजारी के उजागर हुए मामलों ने घोटाले की आशंका को बल प्रदान किया : भाजपा

0 साय ने गरजकर पूछा : रैक नहीं आने के कारण खाद का संकट था तो फिर यूरिया कालाबाजारियों के पास कैसे पहुँचा?

0 जिन लोगों ने खाद उठाई, उनके पास उतनी कृषिभूमि है ही नहीं और फिर भी समितियों ने उन्हें बेजा मात्रा में खाद बेच दी!

0 भाजपा किसानों के साथ हर कदम पर संघर्ष के लिए तत्पर, किसान इस सरकार को इतिहास के कूड़ेदान की शोभा बना देगा


रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि प्रदेश सरकार के तमाम दावों के बावज़ूद किसानों को यूरिया खाद की नियमित आपूर्ति नहीं होने से किसान अब भी परेशान हैं। भाजपा ने शुरू से ही इस मामले को लेकर कालाबाजारी, मुनाफाखोरी और किसी बड़े घोटाले की जो आशंका व्याक्त की थी, रायगढ़ ज़िले में हुई जाँच के बाद प्रमाणित हो चुकी है। श्री साय ने कहा कि इससे प्रदेश के मंत्रियों का किसानों को दिया गया वह दिलासा भी झूठा साबित हो गया है कि रैक के नहीं पहुँचने से किसानों को यूरिया खाद की आपूर्ति नहीं हो सकी है। प्रदेश सरकार बताए कि जब रैक नहीं आने के कारण यूरिया की आपूर्ति बाधित होने की बात वह कह रही है तो फिर लगभग 11सौ मीट्रिक टन यूरिया मुनाफोखोरों और कालाबाजारियों के पास कैसे पहुँच गया?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने आशंका जताई कि शासन-प्रशासन की शह पर रासायनिक खाद की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी बेखटके चल रही है और इसके चलते एक बड़े यूरिया घोटाले को अंजाम दिया जा रहा है। अंबिकापुर में किसानों के उग्र प्रदर्शन के बाद यूरिया खाद को लेकर प्रदेशभर में हड़कंप मचा था और फिर प्रदेश के अन्य स्थानों के किसान भी रासायनिक खाद की कथित किल्लत के खिलाफ आवाज उठाने लगे थे। अंबिकापुर में तो मंत्री अमरजीत भगत को किसानों ने रोक कर कलेक्टर से बात करने के बाद ही आगे जाने दिया। श्री साय ने कहा कि अब रायगढ़ में यूरिया खाद को लेकर भांडा फूटने के बाद प्रदेश सरकार का निकम्मापन और भ्रष्टाचार सामने आ गया है। यूरिया खाद की किल्लत के चलते प्रदेश के अमूमन सभी ज़िलों में यही स्थिति बनी हुई है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार के आते ही प्रदेश का अन्नदाता किसान परेशानी और प्रताड़ना का शिकार हो रहा है। प्रदेश सरकार अब भी किसानों की तक़लीफ़ महसूस नहीं कर रही है। किसान खाद के लिए दर-दर भटकने को विवश हो रहे हैं।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि जिस छत्तीसगढ़ में भाजपा शासन के 15 वर्षों में किसानों को अपनी ज़रूरतों के लिए सड़क पर नहीं उतरना पड़ा, उस छत्तीसगढ़ के किसान कोरोना काल में भी अपनी खेती-किसानी को बचाने के लिए अपनी ज़िंदग़ी दाँव पर लगाकर सड़क पर उतरने के लिए विवश हो रहे हैं और शासन-प्रशासन कालाबाजारियों-मुनाफाखोरों के साथ मिलकर काली कमाई में मस्त हैं। रायगढ़ जिले में खाद की कालाबाजारी के सामने आए मामलों के हवाले से श्री साय ने कहा कि इतना सब कुछ बिना ‘ऊपरी संरक्षण’ के नहीं हो सकता। पॉस मशीन व आधार की अनिवार्यता के बावज़ूद रायगढ़ जिले में 36 खरीददारों ने मिलकर 1070 मीट्रिक टन यूरिया खरीद कर जमा कर लिया था जो बाद में ऊँचे भाव पर किसानों को बेचा जा रहा था। इस पूरे मामले में सहकारी समितियों की संलिप्तता पर हैरत जताते हुए श्री साय ने कहा कि जिन लोगों ने यह खाद उठाई है, उनके पास उतनी कृषिभूमि है ही नहीं और फिर भी समितियों ने बिना जाँच-परख के बेजा मात्रा में खाद बेच दी! कई लोगों ने तो अपने नौकरों तक के नाम पर यूरिया खाद उठा ली है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि किसानों के नाम पर न्याय योजना का ढिंढोरा पीटने वाली प्रदेश सरकार ने सत्ता में आने के बाद से ही किसानों को खून के आँसू रुलाने का सिलसिला चला रखा है। आधी-अधूरी कर्ज़माफी, दो साल के बकाया बोनस भुगतान में आनाकानी, धान समर्थन मूल्य की अंतर राशि का किश्तों में भुगतान कर इस सरकार ने किसानों के आत्म-सम्मान को लहूलुहान करने का काम किया। श्री साय ने कहा कि अब यूरिया खाद की कालाबाजारी और मुनाफाखोरी को शह देकर एक बड़े घोटाले को अंजाम देने पर आमादा प्रदेश सरकार किसानों के साथ एक बार फिर दग़ाबाजी के राजनीतिक चरित्र का परिचय देने में लगी है, लेकिन कांग्रेस के सत्ताधीश एक बात यह अच्छी तरह समझ लें कि भाजपा किसानों के साथ हर कदम पर संघर्ष के लिए तत्पर खड़ी है और अब किसान प्रदेश सरकार के झाँसों में नहीं आने वाला है। प्रदेश सरकार के नाकारापन से संत्रस्त हो चला किसान अगला मौका पाते ही इस सरकार को इतिहास के कूड़ेदान की शोभा बनाने में पीछे नहीं रहेगा।



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