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‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ आजीविका के अवसर देकर ग्रामीणों को बना रहा है सशक्त - लाभार्थियों की सफलता की गाथाएं 02-Sep-2020

गरीब कल्याण रोजगार अभियान (जीकेआरए) का शुभारंभ कोविड -19 के प्रकोप के मद्देनजर किया गया है, ताकि इसके कारण विवश होकर अपने-अपने गांव लौट चुके प्रवासी श्रमिकों के साथ-साथ इसी तरह से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों के लिए भी रोजगार और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा दिया जा सके। इस अभियान को एक मिशन के रूप में चलाया जा रहा है। यह अभियान दरअसल उन प्रवासी श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने के लिए चलाया जा रहा है जो 6 राज्यों यथा बिहारझारखंडमध्य प्रदेशओडिशाराजस्थान और उत्तर प्रदेश के अपने-अपने मूल गांवों में वापस लौट आए हैं। यह अभियान अब इन राज्यों के 116 जिलों में ग्रामीणों को आजीविका के अवसर देकर उन्‍हें सशक्त बना रहा है।

अब तक इस अभियान की सफलता को 12 मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकारों के सामंजस्‍यपूर्ण प्रयासों के रूप में देखा जा सकता हैजो प्रवासी श्रमिकों और ग्रामीण समुदायों को व्‍यापक लाभ प्रदान कर रहे हैं। लाभार्थियों की सफलता की दो गाथाएं यहां दी गई हैंजिनके घरों का निर्माण गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत किया गया है।

कोविड-19 के दौरानजब पूरे देश में पूर्ण लॉकडाउन लागू थाशशि बारिक ने अपना घर बनाने का फैसला कियाजिसे ‘पीएमएवाई-जी’ के तहत मंजूरी दी गई थी। अधिकारियों ने अप्रत्याशित लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए निर्माण सामग्री और श्रमिकों या कामगारों को इकट्ठा करने के लिए हरसंभव प्रयास किए। इसके परिणामस्वरूपशशि ने पहली किस्त प्राप्त करने के एक माह के भीतर ही हर दृष्टि से अपने घर का निर्माण पूरा कर लिया।

80 वर्षीया विधवा शशि बारिक ने कहा, ‘अब हम खुशीपूर्वक सीमेंट कंक्रीट से बने घर में रह रहे हैं। पक्के मकान बनाने के लिए हम जैसे गरीब परिवारों को आवश्‍यक सहयोग देने के लिए सरकार को धन्यवाद। अब मैं इस घर की स्वामिनी हूं जिसका मुझे गर्व है।’ शशि बारिक इससे पहले बलांगीर जिले के लोईसिंघा ब्लॉक के तहत हीरापुर ग्राम पंचायत के तेभादुंगुरी गांव में एक जीर्ण-शीर्ण घर में रह रही थी।

उसका बेटा दिहाड़ी मजदूर है। अपनी छोटी कमाई की बदौलत वे अपने 5 सदस्यीय परिवार के लिए प्रतिदिन दो वक्‍त के भोजन का इंतजाम करने में सक्षम हैं। एक पक्का घर हमेशा उनके लिए महज सपना ही था। हालांकिसरकार ने पक्का घर बनाने के लिए ग्रामीण आवास योजना के तहत 130,000 रुपये की वित्तीय सहायता देकर उन्‍हें आवश्‍यक सहयोग दिया है। घर का निर्माण जल्दी पूरा करने के लिए शशि को सरकार से 20,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त होगी।

 



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