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प्रधानमंत्री ने बिहार में पेट्रोलियम क्षेत्र से जुड़ी तीन प्रमुख परियोजनाएं राष्‍ट्र को समर्पित की 14-Sep-2020

प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी ने आज बिहार में पेट्रोलियम क्षेत्र से जुड़ी तीन प्रमुख परियोजनाओं को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश को समर्पित किया। परियोजनाओं में पारादीप-हल्दिया-दुर्गापुर पाइपलाइन विस्तार परियोजना का दुर्गापुर-बांका खंड और दो एलपीजी बॉटलिंग संयंत्र शामिल हैं। उन्हें पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्वावधान में इंडियनऑयल और एचपीसीएलपीएसयू द्वारा अधिकृत किया गया है।

इस अवसर पर प्रधान मंत्री ने कहा कि कुछ साल पहले बिहार के लिए घोषित विशेष पैकेज ने राज्य के बुनियादी ढांचे पर ध्यान केन्‍द्रित किया। उन्होंने कहा कि बिहार के लिए दिए गए विशेष पैकेज में पेट्रोलियम और गैस से संबंधित 21 हजार करोड़ रुपये की 10 बड़ी परियोजनाएँ थीं। इनमें से आज यह सातवीं परियोजना है जो बिहार के लोगों को समर्पित की जा रही है। उन्होंने अन्य छह परियोजनाओं की भी सूची दी जो बिहार में पहले पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि वह एक महत्वपूर्ण गैस पाइपलाइन परियोजना दुर्गापुर-बांका खंड (लगभग 200 किमी) का उद्घाटन कर रहे हैंजिसकी उन्होंने लगभग डेढ़ साल पहले आधारशिला रखी थी। उन्होंने चुनौतीपूर्ण इलाका होने के बावजूद इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए इंजीनियरों और मजदूरों की कड़ी मेहनत और राज्य सरकार की सक्रिय सहायता की सराहना की। उन्होंने बिहार को कार्य संस्कृति से बाहर लाने में एक बड़ी भूमिका निभाने के लिएबिहार के मुख्यमंत्री की बड़ी भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि पहले एक पीढ़ी काम शुरू करती थी और दूसरी पीढ़ी इसे पूरा करती थी। उन्होंने कहा कि इस नई कार्य संस्कृति को मजबूत करने की जरूरत है और यह बिहार और पूर्वी भारत को विकास के पथ पर ले जा सकती है।

प्रधानमंत्री ने शास्त्रों से उद्धृत किया"सामर्थ्य मूलं स्वातंत्र्यम्श्रम मूलं वैभवम्।" अर्थ शक्ति जिसका अर्थ है शक्ति स्वतंत्रता का स्रोत है और श्रम शक्ति किसी भी राष्ट्र के विकास का आधार है। उन्होंने कहा कि बिहार सहित पूर्वी भारत में न तो श्रम शक्ति की कमी हैऔर न ही इस स्थान पर प्राकृतिक संसाधनों की कमी है और इसके बावजूदबिहार और पूर्वी भारत दशकों तक विकास के मामले में पीछे रहे और राजनीतिकआर्थिक और अन्‍य प्राथमिकताओं के कारणों से उन्‍हें अंतहीन देरी का सामना करना पड़ा। और अन्य प्राथमिकताएं। उन्होंने कहा कि चूंकि सड़क संपर्करेल संपर्कहवाई संपर्कइंटरनेट कनेक्टिविटी पहले प्राथमिकता नहीं थीइसलिए बिहार में गैस आधारित उद्योग और पेट्रो-कनेक्टिविटी की कल्पना नहीं की जा सकती थी। उन्होंने कहा कि भूमिबद्ध राज्‍य होने और पेट्रोलियम और गैस से संबंधित संसाधनों का अभाव होने के कारण गैस आधारित उद्योगों का विकास बिहार में एक बड़ी चुनौती था जो अन्यथा समुद्र से सटे राज्यों में उपलब्ध हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि गैस आधारित उद्योग और पेट्रो-कनेक्टिविटी का लोगों के जीवन परउनके जीवन स्तर पर सीधा प्रभाव पड़ता है और लाखों नए रोजगार के अवसर भी पैदा होते हैं। उन्होंने आज कहाजब बिहार और पूर्वी भारत के कई शहरों में सीएनजी और पीएनजी पहुंच रही हैतो यहां के लोगों को ये सुविधाएं आसानी से मिल जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना के अंतर्गत पूर्वी समुद्र तट और पश्चिमी समुद्री तट पर कांडला पर पूर्वी सागर पर पूर्वी भारत को पारादीप से जोड़ने का भगीरथ का प्रयास शुरू हुआ और सात राज्यों को इस पाइपलाइन के माध्यम से जोड़ा जाएगाजो लगभग 3000 किलोमीटर लंबी हैजिसमें बिहार की भी प्रमुख भूमिका है। पारादीप - हल्दिया से जाने वाली लाइन को अब पटनामुज़फ़्फ़रपुर तक बढ़ाया जाएगा और कांडला से आने वाली पाइपलाइन जो गोरखपुर तक पहुँच चुकी हैउसे भी इससे जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि जब पूरी परियोजना तैयार हो जाएगीतो यह दुनिया की सबसे लंबी पाइपलाइन परियोजनाओं में से एक बन जाएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि इन गैस पाइपलाइनों के कारणबिहार में बड़े बॉटलिंग प्लांट लगाए जा रहे हैं। जिनमें से बांका और चंपारण में आज दो नए बॉटलिंग प्लांट शुरू किए गए हैं। इन दोनों संयंत्रों में हर साल 125 मिलियन से अधिक सिलेंडर भरने की क्षमता है। ये संयंत्र गोड्डादेवघरदुमकासाहिबगंजपाकुड़ जिलों और झारखंड में उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों की एलपीजी आवश्यकताओं को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि गैस पाइपलाइन के बिछाने से पाइपलाइन से ऊर्जा के आधार पर नए उद्योगों के लिए बिहार हजारों नए रोजगार पैदा कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि बरौनी का उर्वरक कारखानाजो पिछले दिनों बंद थाइस गैस पाइपलाइन के निर्माण के बाद जल्द ही काम करना शुरू कर देगा। उन्होंने कहा कि आज देश के आठ करोड़ गरीब परिवारों के पास उज्ज्वला योजना के कारण गैस कनेक्शन हैं। इसने कोरोना की अवधि के दौरान गरीबों के जीवन को बदल दिया क्योंकि उनके लिए घर पर रहना आवश्यक था और उन्हें लकड़ी या अन्य ईंधन इकट्ठा करने के लिए बाहर जाने की आवश्यकता नहीं थी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोरोना की इस अवधि मेंउज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को लाखों सिलेंडर मुफ्त प्रदान किए गए हैंजिससे लाखों गरीब परिवारों को लाभ हुआ है। उन्होंने संक्रमण के खतरों के बावजूदपेट्रोलियम और गैस विभागों और कंपनियों के प्रयासों की सराहना कीसाथ ही साथ उनके लाखों वितरण साझेदारों ने भीकोरोना के समय में भी लोगों को गैस से बाहर नहीं निकलने दिया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब बिहार में एलपीजी गैस कनेक्शन संपन्न लोगों की निशानी थी। लोगों को प्रत्येक गैस कनेक्शन के लिए सिफारिशें देनी पड़ती थी। लेकिन अब बिहार में यह स्थिति बदल चुकी है उज्जवला योजना के कारणबिहार के लगभग 1.25 करोड़ गरीब परिवारों को मुफ्त गैस कनेक्शन दिया गया है। घर में गैस कनेक्शन ने बिहार के करोड़ों गरीबों का जीवन बदल दिया है।

प्रधानमंत्री ने बिहार के युवाओं की प्रशंसा की और कहा कि बिहार देश की प्रतिभा का पावरहाउस है। उन्होंने कहा कि बिहार की ताकत और बिहार के श्रम की छाप हर राज्य के विकास में दिखाई देगी। उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षों मेंबिहार ने एक सही सरकारसही निर्णय और एक स्पष्ट नीति के साथ दिखाया हैविकास होता है और हर एक तक पहुंचता है। एक सोच थीशिक्षा जरूरी नहीं है क्योंकि बिहार के युवाओं को खेतों में काम करना पड़ता है। इस सोच के कारणबिहार में बड़े शिक्षण संस्थानों को खोलने के लिए ज्यादा काम नहीं किया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि बिहार के युवाओं को पढ़ाई करनेकाम करने के लिए बाहर जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। खेत में काम करनाखेती करना बहुत मेहनत और गर्व का काम हैलेकिन युवाओं को अन्य अवसर न देंऔर न ही ऐसी व्यवस्था करेंयह सही नहीं था।


प्रधानमंत्री ने कहा कि आज बिहार में शिक्षा के बड़े केन्‍द्र खुल रहे हैं। अब कृषि कॉलेजमेडिकल कॉलेजइंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या बढ़ रही है। अब राज्य में आईआईटीआईआईएम और आईआईआईटी बिहार के युवाओं के सपनों को साकार करने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री के पॉलिटेक्निक संस्थानों की संख्या को तीन गुना करने और दो बड़े विश्वविद्यालयोंएक आईआईटीएक आईआईएमएक निफ्ट और बिहार में एक राष्ट्रीय विधि संस्थान खोलने के प्रयासों की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्टार्ट अप इंडियामुद्रा योजना और ऐसी कई योजनाओं ने बिहार के युवाओं को स्वरोजगार की आवश्यक मात्रा प्रदान की है। उन्होंने कहा कि आज बिहार के शहरों और गांवों में बिजली की उपलब्धता पहले से कहीं अधिक है। बिजलीपेट्रोलियम और गैस क्षेत्रों में आधुनिक बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जा रहा हैसुधार लाए जा रहे हैंउद्योगों और अर्थव्यवस्था को गति देने के साथ-साथ लोगों का जीवन आसान बन रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना की इस अवधि मेंएक बार फिर पेट्रोलियम से संबंधित बुनियादी ढांचा रिफाइनरी परियोजनाओंअन्वेषण या उत्पादन से संबंधित परियोजनाएंपाइपलाइनसिटी गैस वितरण परियोजनाओं जैसी कई परियोजनाओं ने गति प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि 8 हजार से अधिक परियोजनाएं हैंजिन पर आने वाले दिनों में 6 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रवासी मजदूर वापस आ गए हैं और रोजगार के नए अवसर भी पैदा हुए हैं। इतनी बड़ी वैश्विक महामारी के दौरान भी देश विशेष रूप से बिहार बंद नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन परियोजना भी आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में मदद करने वाली है। उन्होंने सभी से बिहारपूर्वी भारत को विकास का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनाने के लिए तेजी से काम करने का आग्रह किया।



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