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राज्यसभा के 8 सांसदों को सभापति ने एक सप्ताह के लिए किया सस्पेंड...उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी खारिज 21-Sep-2020
नई दिल्ली। राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने सोमवार को 8 विपक्षी सांसदों को एक हफ्ते के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया। रविवार को कृषि से जुड़े दो विधेयक सदन में पास हुए थे। चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों ने वेल में आकर नारेबाजी की, उपसभापति हरिवंश का माइक निकालने की कोशिश की थी। तृणमूल सांसद डेरेक ओह्णब्रायन ने सदन की रूल बुक फाड़ दी थी। लोकसभा में रिकॉर्ड बना लोकसभा में जनहित से जुड़े जरूरी मामलों पर बहस (मैटर्स आॅफ अर्जेंट पब्लिक इंपोर्टेंस) या जीरो आवर पहली बार आधी रात तक चला। कई सांसदों और लोकसभा सचिवालय से अधिकारियों ने बताया कि 17 अप्रैल 1952 में लोकसभा के गठन के बाद पहली बार ऐसा हुआ है। उधर, राज्यसभा में हंगामा करने वाले सांसदों पर कार्रवाई की जा सकती है। लोकसभा की कार्यवाही रविवार को दोपहर बाद 3 बजे शुरू हुई थी। प्रश्नकाल (क्वेश्चन आवर) के बाद रात 10.30 बजे जीरो आवर शुरू हुआ, जो रात 12.34 बजे तक चला। जीरो आवर में बहस के लिए सांसदों को पहले से प्रश्न बताने की जरूरत नहीं होती। बिल पास…मगर संसद फेल किसान बिलों के विरोध में रविवार को राज्यसभा में विपक्ष ने सभी हदें पार कर दीं। पहले सभापति के सदन का समय बढ़ाने पर हंगामा शुरू हुआ। विपक्षी सदस्य वेल में हंगामा करने लगे। इसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का जवाब पूरा होने के बाद जब बिल पास करने की प्रक्रिया शुरू हुई तो विपक्षी मत विभाजन (वोटिंग) की मांग करने लगे। हंगामे की वजह से मार्शल बुलाने पड़े उपसभापति हरिवंश मत विभाजन के लिए तैयार नहीं हुए तो तृणमूल सांसद डेरेक ओह्णब्रायन ने सदन की रूलबुक फाड़ दी और उपसभापति का माइक तोड़ने की कोशिश की। कांग्रेस सांसद रिपुन बोरा, आप सांसद संजय सिंह और डीएमके सांसद तिरुचि शिवा भी माइक तोड़ने की कोशिश करते नजर आए। इस वजह से मार्शल बुलाने पड़े और सदन की कार्यवाही 15 मिनट रुकी रही। दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा दोबारा कार्यवाही शुरू होने पर भी हंगामा हुआ तो स्पीकर ने ध्वनिमत से विधेयक पास कर दिया। राज्यसभा में हंगामे को लेकर उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू के आवास पर बैठक भी हुई। उधर, उपसभापति के खिलाफ 12 विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव दिया है, जिस पर 100 लोगों के साइन हैं। शाम को रक्षा मंत्री राजनाथ समेत छह बड़े मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि राज्यसभा में जो हुआ, वह शर्मनाक था।


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