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चिकित्सकों की ढाई घंटे की कड़ी मेहनत लाई रंग - बस्तर में पहली बार हुआ ऐसा ऑपरेशन - 02-May-2019
रीढ़ की हड्डी का सफल आपरेशन - चिकित्सकों की ढाई घंटे की कड़ी मेहनत लाई रंग - बस्तर में पहली बार हुआ ऐसा ऑपरेशन - जगदलपुर : डिमरापाल मेडिकल कॉलेज के हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों के द्वारा एक मरीज का सफल ऑपरेशन ढाई घंटे के अंदर करके दिखाया। जिसके बदौलत अब कुछ माह के अंदर मरीज फिर से चलने लगेगा, वही इस इलाज को अगर मरीज बाहर से करवाता तो लगभग डेढ़ लाख के लगभग रुपये खर्च हो जाते हैं, लेकिन मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने कड़ी मशक्कत के बाद मरीज का फ्री में इलाज कर उसे फिर से नई जिंदगी प्रदान की। मामले के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि भीमा पिता हिड़मा 30 वर्ष जो एक पुल में काम करने के दौरान ऊपर से गिर गया। युवक के गिरते हैं उसके साथी ने उसे बेहतर उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया। चिकित्सकों ने देखने पर पता चला कि ग्रामीण की रीढ़ की हड्डी टूट गई है, वहीं पैर का नस भी दब गया है जिसके चलते अब मरीज को चलने में काफी दिक्कत होगी। मरीज की स्थिति को देखते हुए हड्डी रोग विभागाध्यक्ष डॉ सुनीत पाल, डॉक्टर संदीप, डॉक्टर मुकेश व डॉ गौरव द्वारा मरीज का 26 अप्रैल को ऑपरेशन किया गया। जहां चिकित्सकों ने पहले सी आर्म्स मशीन के माध्यम से ग्रामीण का एक्स रे कराया गया। जहां रीढ़ की हड्डी में टूटना दिखाई दिया। चिकित्सकों ने रीड की हड्डी में रॉड लगाते हुए पैर के नस जो दब गई थी उसे भी वापिस खोल दिया। इस ऑपरेशन को करने में चिकित्सकों को ढाई घंटे का समय लग गया। चिकित्सकों ने परिजनों को बताया कि अब कुछ माह के अंदर जैसे जैसे भीमा के शरीर में सुधार होता जाएगा वह अपने पैरों पर खड़ा होता जाएगा और आने वाले 2 से 3 माह के अंदर ग्रामीण फिर से अपने पैरों पर चलने लगेगा। बस्तर में यह पहली बार है कि जब रीढ़ की हड्डी का चिकित्सकों ने सफल ऑपरेशन कम संसाधनों होने के बावजूद भी कर दिखाया। वहीं परिजनों को बताया गया कि यही इलाज अगर राजधानी में किया जाता तो करीब डेढ़ लाख रूपय के लगभग का खर्च आता। ऐसे में मजदूरी करने वाला मजदूर इतने पैसों का इंतजाम कहां से करता इस बात की जानकारी परिजनों ने चिकित्सको को बताई। परिजनों ने सफल ऑपरेशन के लिए चिकित्सकों का धन्यवाद भी दिया। CG 24 News


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