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cbse में 2 सेकण्ड टॉपर जगदलपुर से 03-May-2019
माँ ने पिता की कमी होने नही दिया, cbse में रही 2 सेकण्ड टॉपर 10 वी तक की सीजी बोर्ड से पढ़ाई, फिर 11 से आई सीबीएसई में जगदलपुर कहते है सफलता किसी की मोहताज नही होती है, अगर मन मे निश्चय कर लो तो सफलता जरूर कदम चूमती है, इसको साबित कर दिखाया है, जगदलपुर शिव मंदिर वार्ड 3 में रहने वाले निराजित पांडेय 17 वर्ष जिसने 12 वी cbse में 88.02 प्रतिशत व हाउसिंग बोर्ड कालोनी एमआईजी में फ्लैट नंबर 23 में रहने वाली सरोजनी पांडेय ने, जिसने सीबीएसई में 74.02 प्रतिशत लेकर दूसरा स्थान प्राप्त किया है। विज्ञान वर्ग में पढ़ाई कर रहे निराजित पांडेय के टॉपर बनने के बाद जहाँ परिजनो में खुशी की लहर देखी गई। टॉप आने पर निराजित ने बताया कि वह ट्यूशन के साथ ही शिक्षकों के द्वारा बताए गए ज्ञान को अपने नोटबुक में लिखने के बाद घर आकर करीब रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ाई करता था, वही छात्र के पिता केंद्रीय विद्यालय में संगीत शिक्षक के पद पर पदस्थ भी थे, छात्र का कहना था कि इस सफलता का सबसे पहले पूरा श्रेय माता पिता व गुरुओं को दिया। निराजित का कहना था की पढ़ाई के दौरान उसके दोस्तों की संख्या भी काफी कम है, जिसके कारण वह अपना पूरा ध्यान पढ़ाई के साथ ही उसकी रुचि गिटार में भी दिखाई देती है। निराजित का कहना है कि वह शिक्षा के साथ आईएएस के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहता है। वही दूसरी टॉपर सरोजनी ने इस सफलता का श्रेय अपने माँ को दिया। जिसने पिता के ना होने के बाद भी माँ ने तीनों बच्चो को शिक्षा को लेकर आलेख जगाया। जिसके बाद बड़ा भाई जहाँ पीएससी की पढाई करने के साथ ही बड़ी बहन एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। सरोजिनी में बताया कि उसके पिता का निधन काफी साल पहले ही हो गया था, जब वह छोटी थी। उसके बड़े भाई हेमराज पांडे जो अभी पीएससी की तैयारी कर रहे हैं, वहीं उसकी बड़ी बहन माधुरी पांडे एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है, इसके अलावा उसकी माता कलचा में एजुकेशन डिपार्टमेंट में पदस्थ है। सरोजिनी का कहना है कि उसने दसवीं तक की पढ़ाई सीजी बोर्ड से की है, उसके बाद 11वीं व 12वीं सीबीएसई से की, शुरूआती दिनों में उसे इस पढ़ाई को करने में थोड़ी कठिनाई हो रही थी, लेकिन बाद में उसने इसे अपनी रुचि बनाते हुए अपनी पढ़ाई को आगे रखा जिसका नतीजा रहा की उसने 74.02 प्रतिशत से दूसरा स्थान प्राप्त किया। सरोजनी ने बताया कि वह ट्यूशन कभी भी नहीं गई, उसने जो भी पढ़ाई की यूट्यूब या फिर खुद से पढ़कर सीखा। रोजाना वह 1 से 2 घंटा अपने विषयों पर फोकस रखकर पढ़ाई करती थी, जिसके बाद उसने इस सफलता को हासिल किया। सरोजिनी ने यह भी बताया कि अगर यह सीबीएसई ना होता तो शायद सीजी बोर्ड में इससे ज्यादा भी अंको से पास होती, लेकिन इस बात का उसे मलाल जरा भी नहीं है, सरोजिनी ने अपने माता का नाम रोशन करने की बात भी कही। इस अवसर पर केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य विकास गुप्ता ने विद्यालय परिवार की ओर से सभी छात्रों एवं अध्यापको को उनके कठिन परिश्रम हेतु बधाई प्रदान की है | CG 24 News


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