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डॉ. दीप्ति की मौत का मामला: सीबीआई ढूढ़ेगी इन सवालों के जवाब, हर ‘राज’ का होगा पर्दाफाश ? 19-Dec-2020
आगरा की डॉक्टर दीप्ति अग्रवाल की मौत के मामले में सीबीआई जांच के आदेश होते ही आरोपी पक्ष में खलबली मच गई है। उधर, इस मामले में सीबीआई जांच में अब कई सवालों के जवाब ढूंढेगी। फ्लैट में घटना वाले दिन कौन-कौन मौजूद था? बाद में कौन-कौन आया? पुलिस कब पहुंची? दहेज की मांग की गई तो क्या सुबूत हैं या नहीं? चार्जशीट में क्या साक्ष्य लगाए गए हैं? क्राइम सीन भी रिक्रिएट कर सकती है। विभव वैली व्यू अपार्टमेंट निवासी डॉ. दीप्ति अग्रवाल को तीन अगस्त को पति डॉ. सुमित अग्रवाल ने अपने प्रतापपुरा स्थित सफायर अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया था। सूचना पर पहुंची पुलिस को बताया था कि डॉ. दीप्ति फंदे से लटकी मिलीं। वह उन्हें उतारकर यहां लेकर आए। हालत में सुधार नहीं होने पर फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल में रेफर किया गया था। छह अगस्त को इलाज के दौरान डॉ. दीप्ति की मृत्यु हो गई थी। मामले में डॉ. दीप्ति के पिता डॉ. नरेश मंगला ने सात अगस्त को दीप्ति के पति सुमित, ससुर डॉ. एससी अग्रवाल, सास अनीता अग्रवाल, जेठ डॉ. अमित अग्रवाल और जेठानी डॉक्टर तूलिका अग्रवाल के खिलाफ दहेज मृत्यु, दहेज उत्पीड़न, मारपीट, जान से मारने की धमकी, दहेज मांगने, गर्भपात कराने की धारा में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने आरोपी पति को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन अन्य आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था। आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। डॉ. दीप्ति के पिता डॉ. नरेश मंगला ने आरोपियों की अग्रिम जमानत के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर मामले में सीबीआई जांच के आदेश किए। साथ ही अदालत ने पुलिस की विवेचना में कई कमियां भी बताईं। – सुसाइड नोट संदेहपूर्ण है। इसके आधार पर खुदकुशी नहीं बताई जा सकती है। तीन अगस्त को घटना हुई, जबकि तीसरे दिन सुसाइड नोट मिलता है। – रिपोर्ट कर्ता, उसकी बेटी दीप्ति और ससुरालियों के खातों में आपस में रुपयों का आदान-प्रदान हुआ है। मगर, पुलिस ने खातों की गहनता से जांच नहीं की। पुलिस ने यह कह दिया कि ससुराली संपन्न हैं। दीप्ति पति के साथ अलग फ्लैट में रहती हैं। – डॉ. दीप्ति, उनके पिता और ससुरालियों के बीच फोन पर कई बार बात हुई। डॉ. दीप्ति ने जान का खतरा बताया था। पुलिस ने अपनी विवेचना में कॉल की डिटेल को शामिल नहीं किया। सीबीआई इन तथ्यों पर अपनी विवेचना आगे बढ़ाएगी – सुसाइड नोट की जांच करेगी। नोट की लिखावट को चेक किया जाएगा। इसे दीप्ति की राइटिंग से मिलान कराया जाएगा। यह भी देखा जाएगा कि सुसाइड नोट पुलिस को कहां मिला। तीन दिन बाद पुलिस को क्यों मिल सका? – वादी डॉ. नरेश मंगला ने अपने खातों से रुपये ससुरालियों को देने की बात कही है। इस पर सीबीआई दोनों के खातों को भी देखेगी। यह रकम कब-कब निकली और कब-कब जमा हुई? डॉ. दीप्ति अलग रह रही थीं तो क्यों दहेज की मांग नहीं की जा रही थी? इस बारे में बयान लिए जाएंगे। – डॉ. नरेश मंगला ने कहा था कि फोन पर बेटी ने जान का खतरा बताया था। सीबीआई कॉल की जानकारी लेगी। डॉ. नरेश मंगला और डॉ. एससी अग्रवाल की बातचीत को देखा जाएगा। – गैर जमानती वारंट लेने के बाद कहां-कहां दबिश दी गई? घटनास्थल पर पहले कौन आया? सभी आरोपियों की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो पाई? – पुलिस ने घटना के बाद क्या किया। क्राइम सीन भी क्रिएट किया जा सकता है।


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