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सरगुजा संभाग और कोरबा में हरे पेड़ काटकर 11 हजार हेक्टेयर जमीन पर बेजा कब्जा, देखभाल नहीं होने से पौने 2 करोड़ पौधे नष्ट 11-Mar-2021
बिलासपुर। सरगुजा संभाग और कोरबा में बेजुबान पशु-पक्षियों के अस्तित्व पर संकट का सबसे बड़ा कारण जंगल के अफसरों की ड्यूटी के प्रति बरती जा रही लापरवाही है। बता दें कि सरगुजा संभाग के 5 जिलों और कोरबा में 11 हजार हेक्टेयर वन भूमि से हरे पेड़ उजाड़कर बेजा कब्जा कर लिया गया है। वहीं 5 वर्ष में लगाए गए पौधों में से 50 फीसदी से ज्यादा देखरेख नहीं होने के कारण पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। बता दें कि सरगुजा संभाग के बलरामपुर, जशपुर, सूरजपुर, सरगुजा और कोरिया में करीब 10 हजार हेक्टेयर और कोरबा में 1000 हेक्टेयर में जंगल के हरे पेड़ काटकर लोगों ने जमीन पर बेजा कब्जा कर लिया है। वहीं सरगुजा संभाग और कोरबा में 5 वर्ष में करीब 3 करोड़ 65 लाख पौधे लगाए गए थे। जबकि देखभाल के अभाव में इनमें से लगभग हर जगह करीब 50 फीसदी पौधे मर गए। वहीं कुछ ऐसे स्थान भी हैं, जहां पर शत प्रतिशत पौधे मर गए हैं। हरे पेड़ काटकर जमीन पर बेजा कब्जा और पौधों के मरने का कारण जंगल के अफसरों की लापरवाही है। जिसका खामियाजा वन्यजीवों को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि एक तरफ हरे पेड़ कट रहे हैं तो दूसरी तरफ पौधे भी मर गए। ऐसे में वन्यजीवों के लिए अब जंगल में भोजन की व्यवस्था नहीं के बराबर बची है। कोरिया: बौध विहार और मंडल पारा में लगे सभी 30 हजार पौधे मर गए, जिलेभर में बेजा कब्जा कोरिया में 5 वर्ष के दौरान करीब 90 लाख पौधे लगाए गए हैं। इसमें से लगभग हर स्थान पर 50 फीसदी पौधे मर गए हैं। जबकि कुछ स्थान ऐसे हैं। जहां पर शत प्रतिशत पौधे मर गए हैं। बता दें कि वर्ष 2015-16 में चिरमिरी नगर निगम क्षेत्र के बौद्ध विहार के 13 एकड़ जमीन पर 19 हजार से अधिक पौधे रोपे गए थे। देखरेख के आभाव में सारे पौधे नष्ट हो गए। इसी तरह बैकुंठपुर के मंडलपारा में 2016-17 में लगाए गए 11 हजार पौधे सूख गए। वहीं हरियाली योजना में दो साल में 8 लाख पौधे लगे हैं, लेकिन देखरेख के आभाव में यहां भी 50 फीसदी पौधे सूख गए हैं। सरगुजा: मैनपाट, उदयपुर और वाड्रफनगर में भूमि पर कब्जा सरगुजा जिले के मैनपाट, उदयपुर, वाड्रफनगर रेंज में जंगल की जमीन पर अवैध कब्जा का हर साल लगातार बढ़ रहा है। बरसात के बाद इन इलाकों के लोग जंगलों में पेड़ों की कटाई कर खेती की जमीन बनाते हैं। सरगुजा, सूरजपुर व बलरामपुर जिले में करीब 8 हजार एकड़ जमीन पर लोगों ने दो तीन साल के भीतर जंगल साफ कर बेजा कब्जा कर लिया है।


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