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CBSE बोर्ड एग्जाम होंगे या नहीं? शिक्षा मंत्री और अधिकारियों के साथ पीएम मोदी की बैठक खत्म 14-Apr-2021

CBSE Board Exam 2021 Postponement: देश में कोविड-19 की दूसरी लहर में तेजी से मामले बढ़ रहे हैं. मौजूदा हालात को देखते हुए सीबीएसई बोर्ड के एग्जाम पर विवाद छिड़ा हुआ है.

CBSE बोर्ड एग्जाम को लेकर पीएम मोदी ने आज शिक्षा मंत्रालय के साथ एक अहम बैठक की. इस बैठक में शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक और अन्य आला अधिकारी मौजूद थे. अब थोड़ी देर में शिक्षा मंत्री निशंक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. जानकारी मिल रही है कि सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाओं को आगे बढ़ाया जा सकता है.

 

दरअसल, कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सीबीएसई की मई में आयोजित होने जा रही 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग उठ रही है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत कई विपक्षी पार्टियों ने केंद्र सरकार से सीबीएसई की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की अपील की है.

 

केजरीवाल ने सीबीएसई परीक्षा रद्द करने का अनुरोध किया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्र से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की परीक्षाओं को रद्द करने का आग्रह किया था. उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "लगभग छह लाख छात्र और लगभग एक लाख शिक्षक होंगे, जो परीक्षा केंद्रों पर आएंगे और इसके साथ ही ये केंद्र नए कोविड-19 हॉटस्पॉट में बदल सकते हैं. दिल्ली में महामारी की यह चौथी लहर बहुत गंभीर है और इसका असर युवाओं और बच्चों पर भी पड़ रहा है. मैं सीबीएसई परीक्षा रद्द करने के लिए केंद्र से अनुरोध करूंगा."

 

केजरीवाल ने यह भी कहा कि राजधानी में फिलहाल कोविड-19 की स्थिति गंभीर है, क्योंकि पिछले कुछ दिनों से एक ही दिन में 10 हजार से अधिक मामले दर्ज किए जा रहे हैं, इसलिए आने वाले दिनों में और अधिक समर्पित बेड की आवश्यकता होगी.

 

महाराष्ट्र बोर्ड ने परीक्षाएं रद्द की
महाराष्ट्र बोर्ड ने हाल ही में अपनी बोर्ड परीक्षाओं को स्थगित कर दिया है. साथ ही सीबीएसई, आईसीएसई, आईबी, कैम्ब्रिज बोर्ड को भी परीक्षा की तारीखों पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है. वहीं शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र लिखकर राज्यों और बोर्डों में कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षा के लिए एक समान नीति बनाने की मांग की है. सावंत ने कहा कि कोविड ​​-19 के बढ़ते मामलों के बीच, केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए एक सामान्य निर्णय लेने की आवश्यकता है कि कोई छात्र नुकसान में न हो.



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