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BIG BREAKING : मेडिकल काॅलेज में ऑक्सीजन की कमी से 10 मरीजों की मौत, मचा हड़कंप 18-Apr-2021
शहडोलः एक तरफ देश में कोरोना का प्रकोप जारी है, दूसरी तरफ देश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं एकदम लचर हो चुकी हैं। कहीं अस्पतालों में बिस्तर नहीं मिल रहे तो कहीं ऑक्सीजन खत्म हो जा रही है जिसके कारण निर्दोष नागरिकों की जानें जा रही हैं। नया मामला शहडोल-मेडिकल कालेज का है जहां ऑक्सीजन की कमी हो गई है, देर रात लिक्विड ऑक्सीजन टैंक में ऑक्सीजन की कमी के चलते अब तक 10 मरीजों की मौत हो गई है। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. मिलिंद शिरालकर ने भी ऑक्सीजन की कमी से हुई इन 10 मौतों की पुष्टि कर दी है, डीन ने बताया है कि अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के चलते अब सिर्फ अति गंभीर मरीजों को ही ऑक्सीजन दी जा रही है। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि शहडोल के जिलाधिकारी ने इन मौतों के पीछे ऑक्सीजन की कमीं को कारण मानने से इंकार कर दिया है।इसे लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी दुःख जताते हुए शिवराज सरकार को घेरा है। कमलनाथ ने कहा है ”अब शहडोल में ऑक्सिजन की कमी से मौतों की बेहद दुखद ख़बर। भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर, जबलपुर, खंडवा, खरगोन में ऑक्सिजन की कमी से मौतें होने के बाद भी सरकार नहीं जागी? आख़िर कब तक प्रदेश में ऑक्सिजन की कमी से यूँ ही मौतें होती रहेगी?” कमलनाथ ने आगे कहा ”शिवराज जी आप कब तक ऑक्सिजन की आपूर्ति को लेकर झूठे आँकड़े परोसकर, झूठ बोलते रहेंगे, जनता रूपी भगवान रोज़ दम तोड़ रही है। प्रदेश भर की यही स्थिति, अधिकांश जगह ऑक्सिजन का भीषण संकट है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की भी यही स्थिति है। सिर्फ़ सरकार के बयानो में व आँकड़ो में ही ऑक्सिजन व रेमडेसिविर उपलब्ध है।” पटना में नालंदा मेडिकल कॉलेज में भी ऑक्सीजन की भारी किल्लत रही. मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉक्टर विनोद कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर इतना तक कहा कि उन्हें पदभार मुक्त कर दिया जाए। डॉक्टर विनोद ने अपने पत्र में लिखा है कि ऑक्सीजन के अस्पताल में ऑक्सीजन का भारी अभाव है। अगर किसी मरीज को कुछ होता है तो उसके लिए सुप्रिटेंडेंट को जिम्मेदार बना दिया जाता है। इसलिए पदभार मुक्त कर दिया जाए तो वे आजीवन आभारी रहेंगे।


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