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छत्तीसगढ़: नक्सलियों ने अब शुरू किया वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को भी निशाना बनाना, वन भैंसा सेंटर में लगाई आग, बैनर लगाया- जल, जंगल, जमीन पर जनता का अधिकार 09-Aug-2021
गारियाबंद। जिले में एक बार फिर नक्सली गतिविधियां बढ़ गई हैं। अब नक्सलियों ने वाइल्ड लाइफ सेंचुरी को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है। रविवार देर रात नक्सलियों ने उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व में बने वन भैंसा सेंटर में आग लगा दी। इसकी चपेट में आकर वन भैंसा सेंटर में बनी झोपड़ी और कुछ अन्य सामान जल गए। सूचना मिलने के बाद फोर्स को मौके पर रवाना कर दिया है। अभी नुकसान का पता नहीं चल सका है। जानकारी के मुताबिक, रविवार देर रात सेंचुरी के बाहर लगी लोहे की जालियों को काटकर नक्सली अंदर घुस गए। उन्होंने वहां स्थित वन भैंसा सेंटर में बनी झोपड़ी में आग लगा दी। इसके बाद वहां से भाग निकले। नक्सलियों ने सेंचुरी के बाहर लगी जाली पर एक बैनर भी लगाया है। इसमें सीतानदी टाइगर रिजर्व और वन भैंसा अभ्यारण्य को हटाने की बात कही गई है। साथ ही लिखा है कि जल, जंगल, जमीन पर जनता का अधिकार है।घटना का पता कर्मचारियों को अगले दिन सोमवार सुबह चला। बताया जा रहा है कि नक्सली क्षेत्र होने के कारण कर्मचारी रात को वहां नहीं रुकते हैं। सुबह पहुंचे तो उन्हें लगा कि यह अवैध कब्जा करने वालों की करतूत है। डराने के लिए इस तरह की वारदात की होगी। बारिश के दौरान ऐसे मामले बढ़ जाते हैं। हालांकि पुलिस जांच में इसके नक्सली वारदात होने की पुष्टि हुई है। एडिशनल SP सुखनंदन राठौर ने बताया कि वारदात की जिम्मेदारी नक्सलियों की उदंती एरिया कमेटी ने ली है। सेंचुरी के बाहर लगी लोहे की जालियों को काटकर नक्सली अंदर घुसे। उन्होंने वन भैंसा सेंटर में बनी झोपड़ी, टावर रूम और पेट्रोलिंग कैंप में आग लगा दी। सेंचुरी के बाहर लगी लोहे की जालियों को काटकर नक्सली अंदर घुसे। उन्होंने वन भैंसा सेंटर में बनी झोपड़ी, टावर रूम और पेट्रोलिंग कैंप में आग लगा दी। 1842 वर्ग किमी से बड़े वन क्षेत्र में है सेंचुरी, साल 2008-09 में बनी उदंती-सीतानदी टाइगर रिजर्व क्षेत्र की स्थापना साल 2008-09 में हुई थी। छत्तीसगढ़ सरकार ने टाइगर रिजर्व का नाम उदंती अभ्यारण और सीतानदी अभ्यारण में प्रवाहित होने वाली नदी उदंती व सीतानदी के नाम पर रखा है। यह सेंचुरी 1842.54 वर्ग किमी क्षेत्र में है। सेंचुरी में 1 मादा वनभैसा, मादा बच्चा और 9 नर वनभैसा हैं। इनकी संख्या बढ़ाने के लिए करीब 25 हेक्टेयर में रेस्क्यू सेंटर बनाया गया है। जहां मादा वनभैसा के प्रजनन के जरिए संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जाता है। सीतानदी उदंती टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में स्थित 17-18 गांवों के हजारों आदिवासी भी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि गांव का विकास रुक गया है। सीतानदी उदंती टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में स्थित 17-18 गांवों के हजारों आदिवासी भी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि गांव का विकास रुक गया है। टाइगर रिजर्व के पास रहने वाले आदिवासी कर रहे विरोध सीतानदी उदंती टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में स्थित 17-18 गांवों में रहने वाले हजारों आदिवासी इसका विरोध भी कर रहे हैं। उनका कहना है कि इसके चलते उनके गांव का विकास रुक गया है। इसी साल फरवरी में भी आदिवासियों ने इसके विरोध में प्रदर्शन किया था। वह लगातार इस सेंचुरी को हटाने की मांग करते रहे हैं। अब नक्सलियों के इस मुहिम और आगजनी को भी उसी से जोड़कर देखा जा रहा है।


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