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मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में19 विधेयक पारित हुए
नई दिल्ली
संसद का 19 जुलाई से शुरू हुआ मॉनसून सत्र अपने पूर्व निर्धारित समय से दो दिन पहले ही बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। पेगासस जासूसी मामले और तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दलों के हंगामे के कारण लोकसभा में जहां मात्र 22 प्रतिशत वहीं राज्यसभा में महज 28 प्रतिशत ही कामकाज हो पाया। बीते सात सालों में संसद में सबसे ज्यादा हंगामा इसी सत्र में देखा गया, लेकिन इसके बावजूद राज्यसभा में साल 2014 के बाद से अब दूसरी बार ऐसा हुआ है जब सबसे ज्यादा बिल पारित हुए हों।
इस सत्र में राज्यसभा में 74 घंटे 26 मिनट बर्बाद हुए। सिर्फ 17 दिन ही राज्यसभा की कार्यवाही चली और इसके बावजूद औसतन हर दिन 1.1 बिल को पारित किया गया। साल 2020 में जब देश कोरोना महामारी से लड़ रहा था, उस समय मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा में हर दिन औसतन 2.5 बिल पास किए गए थे, जो कि साल 2014 के बाद से सबसे ज्यादा था।
राज्यसभा में बुधवार को सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने से पहले करीब छह घंटे तक चर्चा कर ओबीसी से संबंधित संविधान (127 वां संशोधन) विधेयक को पारित किया गया। हालांकि इसके बाद विपक्षी सदस्यों ने विभिन्न मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के बीच तीन और विधेयकों को पारित किया गया। इसके बाद उपसभापति हरिवंश ने सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की।
राज्यसभा सचिवालय द्वारा उपलब्ध कराये गए आंकड़ों के अनुसार वर्तमान सत्र में मात्र 28 प्रतिशत कामकाज हुआ। इस दौरान सदन में 28 घंटे 21 मिनट कामकाज हुआ और हंगामे के कारण 74 घंटे 26 मिनट का कामकाज बाधित हुआ। सत्र के दौरान 19 विधेयक पारित किए गये और पांच विधेयकों को पेश किया गया।
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