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आजादी के 75वें साल आदिवासियों के योगदान को मिला सम्मान, आज मनेगा जनजातीय गौरव दिवस 15-Nov-2021
नई दिल्ली। देश की आजादी की जंग में आदिवासियों का अच्छा-खासा योगदान रहा है। फिर भी 74 साल तक इस योगदान को उस तरह याद नहीं किया गया, जैसे करना चाहिए था। अब आजादी के 75वें साल में केंद्र की मोदी सरकार ने आजादी के इन आदिवासी योद्धाओं को उनका हक और सम्मान दिलाने के तहत आज से हर साल 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस मनाने का फैसला किया है। 15 नवंबर को ही बिरसा मुंडा की जयंती होती है। बिरसा मुंडा ने अपने साथियों के साथ अंग्रेजों और उनके मातहत जमींदारों के खिलाफ संघर्ष छेड़ा था और अपने प्राणों की आहुति दी थी। जनजातीय गौरव दिवस के तहत देश के उन सभी राज्यों में कार्यक्रम होने हैं, जहां आदिवासी बसते हैं। भारत के करीब हर राज्य में आदिवासी रहते हैं। खासकर झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, बंगाल, महाराष्ट्र यूपी और कुछ अन्य राज्यों में रहने वाले आदिवासी सैकड़ों साल से अपनी परंपरा को जिंदा रखे हुए हैं। इन आदिवासियों ने कभी किसी आक्रांता के सामने घुटने नहीं टेके। उन्होंने आक्रांताओं का मुकाबला किया और अपनी जान दी। जनजातीय गौरव दिवस को केंद्र सरकार ने बड़े पैमाने पर मनाने का फैसला किया है। इसके तहत आज एक वर्चुअल कार्यक्रम होने जा रहा है। इस कार्यक्रम में आदिवासी बहुल राज्यों के सीएम समेत सभी राज्य हिस्सा लेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी इस मौके पर रांची में एक म्यूजियम का भी उद्घाटन करेंगे। इस म्यूजियम को आजादी के आदिवासी नायक बिरसा मुंडा की याद में तैयार किया गया है। मुख्य कार्यक्रम के अलावा राज्यों में भी इस मौके पर अलग से कार्यक्रम होने आजादी के अमृत महोत्सव यानी 75वें साल को मोदी सरकार धूमधाम से मना रही है। अगले साल यानी 2022 की 15 अगस्त तक इस संबंध में तमाम कार्यक्रम होने हैं। इसके तहत आजादी के उन नायकों को भी सम्मान दिया जा रहा है, जिनकी बात आज तक कम ही होती रही। इसी कड़ी में जनजातीय गौरव दिवस को भी शामिल किया गया है।


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