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विशेषज्ञों ने किया दावा, कहा-फेफड़ों पर असर डाल रहा है ओमिक्रॉन वेरिएंट…
नई दिल्लीं. देशभर में कोरोना के नए मामलों के सामने आने के अलावा इसके नए वेरिएंट के संक्रमितों की संख्याश बढ़ने से चिंता पैदा हो गई है. विश्वन के कई देशों में संक्रमण की रफ्तार को तीव्र करने वाले इस ओमिक्रॉन वेरिएंट के भारत में भी मरीज लगातार बढ़ रहे हैं. इसके विदेशों से आने की संभावना के बीच अब भारत में बिना किसी ट्रैवल हिस्ट्रीह के भी ओमिक्रॉन संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. हालांकि तेज गति से लोगों को प्रभावित करने वाले इस वेरिएंट के अभी गंभीर मरीज नहीं मिल रहे हैं. वहीं फेफड़ों पर भी इसका खास प्रभाव नहीं देखने को मिला है लेकिन क्या. यह वेरिएंट वास्ततव में फेफड़ों को नुकसान नहीं पहुंचा रहा है? क्या इस वेरिएंट से प्रभावित मरीजों के फेफड़ों पर इसका कोई भी असर नहीं पड़ रहा है? इस पर विशेषज्ञ क्यां राय दे रहे हैं, इस खबर में पढ़ सकते हैं. दिल्लीन स्थित वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्प ताल के पल्मोीनरी क्रिटिकल केयर मेडिसिन के हेड ऑफ द डिपार्टमेंट डॉ. नीरज कुमार गुप्ताक बताते हैं कि ओमिक्रॉन वायरस के स्पा इक प्रोटीन में म्यू टेशन है. जिसकी वजह से या फिर कुछ और वेरिएशन की वजह से इसकी प्रभावित करने की क्षमता काफी ज्या दा है लेकिन किसी कारण इसकी वायरलेंस यानि कि नुकसान पहुंचाने की क्षमता कम हो गई है. इसकी वजह से मरीजों में जो लक्षण नजर आ रहे हैं वे माइल्डक हैं. अगर आंकड़े देखें तो जितने भी मामले ओमिक्रॉन के अभी तक आए हैं, उनमें मृत्यु. दर चौथाई प्रतिशत से भी काफी कम है. जिस हिसाब से संक्रमण का आंकड़ा बढ़ रहा है उस हिसाब से मौतें बहुत ही कम है. इससे यह तो अभी तो कम से कम ये पता चलता है कि यह और वेरिएंट की तरह हानिकारक नहीं है.
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