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छत्तीसगढ़ की झांकी: गोधन न्याय योजना की कामयाबी का साक्षी बना राजपथ, दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनी झांकी 27-Jan-2022
राजपथ पर दिखी छत्तीसगढ़ के गांव और गौठान की झांकी तालियों की गड़गड़ाहट से हजारों दर्शकों ने छत्तीसगढ़ की झांकी को सराहा गणतंत्र दिवस पर इस बार नई दिल्ली के राजपथ पर निकली छत्तीसगढ़ की झांकी (tableau of chhattisgarh) ने लोगों का मन मोह लिया। राजपथ भी छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की कामयाबी का साक्षी बना। इस बार प्रदेश के गांव और गौठान को झांकी के रूप में प्रदर्शित किया गया। झांकी के समक्ष छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने ककसाड़ नृत्य (Kakasad Dance) का प्रदर्शन किया। राजपथ पर उपस्थित गणमान्य अतिथियों सहित लाखों दर्शकों ने  छत्तीसगढ़ के झांकी (tableau of chhattisgarh) की तालियों की गड़गड़ाहट के साथ सराहना की। छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay yojana of Chhattisgarh) के कामयाबी की मिसाल इस बार गणतंत्र दिवस के परेड के दौरान देखने को मिली। इस कामयाबी के साक्षी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ram Nath Kovind) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) सहित अन्य गणमान्य अतिथियों बने। कई समाधानों का विकल्प ये झांकी छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना (Godhan Nyay Scheme) पर आधारित आकर्षक झांकी ने राजपथ पर अपनी छंटा बिखेरी। ग्रामीण संसाधनों के उपयोग के पारंपरिक ज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के समन्वय से एक साथ अनेक वैश्विक चिंताओं के समाधानों के लिए यह झांकी विकल्प प्रस्तुत करती है। झांकी ने मोहा मन झांकी के अगले भाग में गाय के गोबर को इकट्ठा करके उन्हें विक्रय के लिए गौठानों के संग्रहण केंद्रों की ओर ले जाती ग्रामीण महिलाओं को दर्शाया गया है। ये महिलाएं पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा में हैं। उनके चारों ओर सजे फूलों के गमले गोठानों में साग-सब्जियों और फूलों की खेती के प्रतीक हैं। नीचे की ओर गोबर से बने दीयों की सजावट है। झांकी के पिछले भाग में गौठानों को रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क (Rural Industrial Park) के रूप में विकसित होते दिखाया गया है। वहीं बीच में दिखाया गया है कि गाय को ग्रामीण अर्थव्यवस्था के केंद्र में रखकर किस तरह पर्यावरण संरक्षण, जैविक खेती, पोषण, रोजगार और आय में बढ़ोतरी के लक्ष्यों को हासिल किया जा सकता है।


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