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गोबर खरीदी के बाद छत्तीसगढ़ करेगा गोमूत्र की खरीदी,औषधि, उर्वरक और कीटनाशक के रूप में उपयोग की तैयारी 07-May-2022
Lavinderpal *गोबर खरीदी के बाद अब गोमूत्र भी बनेगा छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की समृद्धि का सूत्र। औषधि, उर्वरक और कीटनाशक के रूप में उपयोग की तैयारी* *भूपेश सरकार के नित-नए नवाचारी योजनाओं से बढ़ रही है आमजन की समृद्धि। झूठ, फरेब और गलत बयानी की दुकान सजाए भाजपा नेता गहरे सदमे में।* रायपुर/07 मई 2022। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि विगत सवा 3 वर्षों में भूपेश बघेल सरकार ने जनहितकारी फैसले और नवाचारी योजनाओं से आम जनता की समृद्धि और सुशासन के क्षेत्र में देश के समक्ष अनेकों प्रतिमान स्थापित किए हैं। गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी से जैविक खेती को बढ़ावा मिल रहा है, साथ ही ग्रामीण जनता को अतिरिक्त आय का अवसर मिला है। अब छत्तीसगढ़ सरकार एक कदम आगे बढ़कर गौमूत्र खरीदी की घोषणा कर युद्ध स्तर पर तैयारी में जुट गई है। गोमूत्र की संभावित उपलब्धता, संग्रहण, गुणवत्ता की टेस्टिंग और उत्पादों के संदर्भ में टेक्निकल कमेटी को अध्ययन करके 15 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा गया है। योजना के संदर्भ में कृषि वैज्ञानिक और एक्सपर्ट से भी विस्तृत अनुसंधान रिपोर्ट मांगी गई है। जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में गौ-वंशी और भैंस-वंशी पशुओं को मिलाकर कुल संख्या 1 करोड़ 11 लाख से अधिक है। प्रति पशु औसतन प्रतिदिन 7 लीटर के अनुमान से छत्तीसगढ़ में प्रतिदिन गोमूत्र की उपलब्धता 7.5 करोड़ लीटर से अधिक संभावित है। गोमूत्र का उपयोग आयुर्वेद में औषधि के रूप में आदिकाल से किया जाता रहा है। इसके साथ ही जैविक खेती में उर्वरक और कीटनाशक के रूप में भी गोमूत्र के उपयोग के प्रमाण मिले हैं। गौ मूत्र के वैज्ञानिक और व्यवस्थित उपयोग की विस्तृत कार्य योजना तैयार की जा रही है कि किस प्रकार से फर्टिलाइजर के रूप में गौ मूत्र का उपयोग किया जाए। गोमूत्र में नाइट्रोजन के साथ ही सूक्ष्म पोषक तत्व फास्फोरस और पोटाश की उपलब्धता पाई गई है। गोमूत्र से ऑर्गेनिक कीटनाशक बनाने के लिए भी वैज्ञानिक आधार और तकनीकी रिपोर्ट पर छत्तीसगढ़ में विस्तृत अनुसंधान चल रहा है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि 20 जुलाई 2020 से आरंभ की गई गोधन न्याय योजना के तहत विगत साडे 21 महीनों में गोपालकों को गोबर खरीदी का 138.56 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है, गठान समिति को 54.53 करोड़ और महिला स्व सहायता समूह को 35.66 करोड़ लाभांश के साथ ही 65.54 करोड़ गोकास्ट, गमले और अन्य उत्पादों के लाभ के लिए दी गई राशि को मिलाकर अब तक कुल भुगतान 294.29 करोड़ हो चुका है। प्रदेश में संचालित गौठानो के द्वारा अब तक 13 लाख 94 हजार वर्मी कंपोस्ट, 4 लाख 97 हजार क्विंटल सुपर कंपोस्ट और 18925 क्विंटल सुपर कंपोस्ट प्लस का विक्रय किया गया है। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि गाय, गोबर और गंगाजल भाजपा के लिए केवल चुनावी है। रमन राज में गौसेवा के नाम पर आरएसएस और भाजपा नेताओं के द्वारा संचालित गौशालयों को करोड़ों का अनुदान दिया गया। दुखद और निंदनीय है कि उन गौशालयों में हड्डी और चमड़ी के लालच में सैकड़ों गायें रमन सरकार के दौरान मार दी गई। चारा और पानी के अभाव में सैकड़ों गौ-हत्या के मामले रमन राज में आम थे। शगुन गौशाला, मयूरी गौशाला और फूलचंद गौशाला जैसे मामले सर्वविदित हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, वनोपज संग्रहण वैल्यू एडिशन और मार्केटिंग में ऐतिहासिक सफ़लता और लोकप्रियता से विपक्षी भाजपा नेता मुद्दाविहीन हो चुके हैं। भूपेश बघेल सरकार की बढ़ती लोकप्रियता और विश्वसनीयता से भयभीत भाजपाई झूठ, भ्रम और गलतबयानी की दुकान सजाने लगे हैं। CG 24 News


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