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Sarguja में छात्रों को JEE मेंस और NIT की फ्री कोचिंग, जिला प्रशासन की पहल 02-Jun-2022
अंबिकापुर@सरगुजा. जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है. यहां के बच्चों के लिए बड़े कॉलेजों में दाखिला लेना एक सपने के समान होता है..लेकिन अब ऐसा नहीं है सरगुजा जिले में भी छात्र -छात्राओं के लिए इंजीनियरग और डॉक्टर की पढाई के लिए मुफ्त में कोचिंग सुविधा देने की पहल जिला प्रशासन द्वारा की गई है. क्लास में मन लगाकर पढ़ाई कर रहे बच्चे और उतनी ही शिद्दत से बच्चों को हर बारीकी सिखा रहे. शिक्षक यह नजारा किसी निजी कोचिंग संस्थान या बहुत बड़े शहरों में दिए जा रहे कोचिंग क्लासेस का नहीं है. बल्कि यह मुफ्त शिक्षा सरगुजा जिले में दी जा रही है..दरअसल सरगुजा जिला प्रशासन के सामने यह बात निकलकर आई कि जिले के ज्यादातर आदिवासी और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे प्रतिभावान तो है..लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं होते कि वह नीट और जेईई की कोचिंग कर सकें. ऐसे में जिला प्रशासन ने इस समस्या का निजात ढूंढ निकाला और जिले में ऐसे मेधावी बच्चों की सूची बनाई गई जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी पढ़ाई में काफी तेज हैं स्कूलों से उन बच्चों के नाम मंगाए गए और शुरू की गई मुफ्त में जेईई और नीट की कोचिंग देने की सुविधा.. इधर कोचिंग ले रहे ज्यादातर बच्चे ग्रामीण क्षेत्र के परिवेश से हैं ऐसे में कोई लखनपुर,उदयपुर,सीतापुर और लुंड्रा के दूरस्थ गांव का रहने वाले है.. वही किसी के पिता मजदूरी करते हैं तो किसी के पिता खेती किसानी कर अपने परिवार की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं..साथ ही किसी के पास छोटी सी दुकान चलाते है.. तो किसी के सर से पिता का साया भी उठ चूका है..ऐसे में इन बच्चों के लिए मुफ्त में शुरू की गई यह कोचिंग की सुविधा किसी वरदान से कम नहीं है..यहां पढ़ने वाले बच्चे अपनी उम्मीदों को पूरा करने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे है. वही ज्यादातर छात्र-छात्राओं की मंशा है कि वह आगे पढ़ लिखकर डाक्टर बनने तो कुछ इंजीनियर भी बनने की चाहत हैं. इधर छात्र -छात्राओं का साफ तौर पर कहना है कि अगर यह सुविधा जिला प्रशासन के द्वारा मुहैया नहीं कराई जाती तो शायद वह अपनी पढ़ाई आगे जारी नहीं रख पाते और नीट व जेईई की परीक्षा की तैयारी तो उनके लिए दूर का सपना ही साबित होता. मल्टीपरपज स्कूल में करीब 100 बच्चों को निशुल्क कोचिंग बहरहाल नीट और जेईई की तैयारी के लिए न सिर्फ ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं बल्कि बड़े शहरों में ही यह सुविधा उपलब्ध हो पाती है..ऐसे में अंबिकापुर के मल्टीपरपज स्कूल में करीब 100 बच्चों को निशुल्क तौर पर कोचिंग दी जा रही है..इसके पीछे जिला प्रशासन की मंशा यही है कि अगर बच्चे नीट और जेई में क्वालीफाई कर लेते हैं तो कहीं ना कहीं आदिवासी अंचल के बच्चों को एक बड़ी सौगात मिल सकेगी..वही जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए लगातार पहल किया जा रहा हैं और तमाम वो सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं जो बड़े संस्थानों और कोचिंग इंस्टिट्यूट में कराई जाती है।


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