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आज से कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का आगाज, तय होगा कन्याकुमारी से कश्मीर तक का सफर 07-Sep-2022

कांग्रेस केंद्र सरकार को घेरने और विभिन्न मुद्दों पर जनता से सीधे संवाद करने के लिए बुधवार से ‘भारत जोड़ो यात्रा‘ शुरू कर रही है. पार्टी की इस यात्रा का उद्देश्य विचारों की लड़ाई में खुद को मजबूत बनाना भी है. पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आज श्रीपेरुम्बुदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के स्मारक पर प्रार्थना सभा में हिस्सा लेने के बाद यात्रा की शुरुआत करेंगे. यहीं पर तीन दशक पहले एक आतंकवादी हमले में राजीव गांधी की मृत्यु हो गई थी. कांग्रेस की यह यात्रा कन्याकुमारी से कश्मीर तक होगी, जो 3,570 किलोमीटर लंबा सफर तय करेगी. यह यात्रा लगभग पांच महीनों में 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों को कवर करेगी.

एक वीडियो संदेश में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लोगों से जहां भी संभव हो, यात्रा से जुड़ने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि यह यात्रा इसलिए जरूरी है क्योंकि देश में नकारात्मक राजनीति की जा रही है और जनता से जुड़े असली मुद्दों पर चर्चा नहीं की जा रही है. उन्होंने कहा कि यात्रा का उद्देश्य महंगाई, बेरोजगारी जैसे जनता से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना है. कांग्रेस का कहना है कि उसकी यह यात्रा राजनीतिक है, लेकिन इसका मकसद राजनीतिक लाभ लेना नहीं है, बल्कि देश को जोड़ना है.

राहुल आज शाम कन्याकुमारी के समुद्री तट के निकट एक जनसभा को संबोधित करेंगे और इसके साथ ही इस यात्रा की औपचारिक शुरुआत होगी. इस दौरान तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद होंगे. राहुल को स्टालिन एक राष्ट्र ध्वज सौंपेंगे. कन्याकुमारी में गांधी मंडपम में कार्यक्रम के दौरान भी स्टालिन मौजूद रहेंगे. इसके बाद राहुल गांधी कांग्रेस के अन्य नेताओं के साथ उस सार्वजनिक रैली स्थल पर जाएंगे जहां से यात्रा की औपचारिक शुरुआत होगी.भारत जोड़ो यात्रा से पहले भी राहुल गांधी कई यात्राएं कर चुके हैं। पर उनकी यह यात्राएं एक प्रदेश तक सीमित थी। अकेले उत्तर प्रदेश में उन्होंने भट्टा पारसौल और किसान यात्रा की है। पर दूसरे राजनीतिक नेताओं की तरह उनकी यात्राएं चुनावी जीत नहीं दिला पाई। गुजरात में राहुल गांधी की सद्भावना यात्रा भी पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने में विफल रही। हालांकि, वर्ष 2017 के चुनाव में पार्टी की सीट और वोट प्रतिशत बढ़ा है। वहीं, पार्टी भाजपा को 99 सीट पर रोकने में सफल रही।



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