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बिलासपुर के चर्चित विराट अपहरण मामले के दोषियों को आज कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई 23-Sep-2022
बालक विराट की बड़ी मां नीता सराफ ने अपहरण की साजिश परिचित अनिल सिंह के साथ मिलकर रची थी शुक्रवार को प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार जायसवाल ने य़ह फैसला सुनाया मन्नू मानिकपुरी संवाददाता/ बिलासपुर के चर्चित विराट अपहरण मामले के दोषियों को आज कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई. अपहरण मामले के तीन साल बाद फैसला आया है। जिसमें 5 आरोपियों को सजा सुनाई गई है। अप्रैल 2019 में बिलासपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र के रहने वाले व्यापारी विवेक सराफ के 5 वर्षीय बेटे विराट सराफ का अज्ञात अपहरणकर्ताओं ने अपहरण कर लिया था. और 6 करोड़ की फिरौती मांगी। 5 दिन के अथक प्रयास के बाद मध्यरात्रि में रायपुर से टीम के आईजी प्रदीप गुप्ता, एसपी अभिषेक मीणा, एसएचओ कलीम खान, नसर सिद्दकी सहित अन्य पुलिसकर्मी सिविल लाइन क्षेत्र के मिनी बस्ती स्थित अपहर्ताओं के घर में घुसे. बरामद किया गया था। जिसके बाद अपहरण में शामिल 5 अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया. जिसमें सबसे खास बात यह निकली कि विराट की बड़ी मां नीता सराफ ने अपहरणकर्ताओं के साथ मिलकर यह साजिश रची थी. उन्हें पता था कि विराट के पिता विवेक सराफ को जमीन की भारी भरकम रकम मिलने वाली है। अपहरण की गुत्थी सुलझाने के बाद अपहरणकर्ता पकड़े गए तो तत्कालीन डीजीपी डीएम अवस्थी खुद बिलासपुर पहुंचे और बिलासपुर पुलिस टीम के कप्तान और उनकी पूरी टीम को थपथपाया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी बिलासपुर पहुंचे और विराट से मुलाकात की और उनके हौसले की तारीफ करते हुए बिलासपुर पुलिस की तारीफ की थी मामले के सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ये सभी जेल में बंद थे. तीन साल तक चले मुकदमे में 54 गवाहों के बयान अदालत के समक्ष दर्ज किए गए। मामले में सरकार की ओर से सरकारी वकील विनोद यादव मामले की पैरवी कर रहे थे. आज मामले का फैसला प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार जायसवाल की अदालत में आना था. जिसके लिए चार आरोपियों को बिलासपुर सेंट्रल जेल से कोर्ट में पेश किया गया जबकि एक आरोपी राजकिशोर सिंह को जगदलपुर जेल में ट्रांसफर कर दिया गया. वहां से वह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट से जुड़े। सुनवाई में नीता सराफ, राजकिशोर सिंह, हरेकृष्णा, अनिल सिंह राजपूत और सतीश शर्मा समेत पांच आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई. मामले की पैरवी कर रहे सरकारी वकील विनोद यादव ने कहा कि माननीय न्यायालय ने आर्म्स एक्ट की धारा 120बी और आपराधिक साजिश363,364(ए),366,506,25,27 के तहत उम्रकैद व 25 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।


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