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ED Raid: आमिर खान के घर से 17 करोड़ बरामद! 5 ट्रंक में ठूंस-ठूंसकर भरे थे नोट, जानिए धोखाधड़ी की पूरी कहानी 12-Jan-2023

ED Raid: प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों ने कोलकाता (Kolkata) में एक व्यवसायी आमिर खान के घर पर छापेमारी में 17 करोड़ रुपये से अधिक कैश बरामद किया है. घर से 10 ट्रंक मिल, जिसमें से 5 ट्रंक में 200-500 और 2000 के नोट ठूंस-ठूंसकर भरे गए थे. छापेमारी व्यवसायी आमिर खान (Aamir Khan) के गार्डन रीच स्थित आवास से की गई. जांच एजेंसी की छापेमारी शनिवार की सुबह शुरू हुई और नकदी की गिनती देर रात तक चलती रही. ईडी की टीम के साथ बैंक अधिकारी और केंद्रीय बल भी थे. नोटों के ढेर में ज्यादातर नोट 500 रुपये के थे और उसके बाद 2,000 रुपये और 200 रुपये के नोट भी थे.

ED की यह छापेमारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत की गई थी. फेडरल बैंक (Federal Bank)के अधिकारियों द्वारा मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में दायर एक शिकायत के आधार पर आमिर खान और अन्य के खिलाफ पिछले साल 15 फरवरी को कोलकाता के पार्क स्ट्रीट पुलिस स्टेशन (Park Street Police Station)में पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) के आधार पर मामला दर्ज किया गया था.

गेमिंग एप्लिकेशन के जरिए की थी धोखाधड़ी

जांच एजेंसी ने बताया, “आमिर खान ने ई-नगेट्स नाम से एक मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन (Mobile Gaming Application) लॉन्च किया, जिसे धोखाधड़ी करने के लिए बनाया गया था. इस ऐप से पहले यूजर्स को कमीशन के साथ रिवार्ड दिया गया फिर उनके वॉलेट में कैश भेजा गया. जब यूजर्स को भरोसा हो गया तो वे इस गेमिंग ऐप्लिकेशन के जरिए अधिक पैसे जीतने के लिए पैसे लगाने लगे.”

इस तरह कमा लिए करोड़ों रुपये

जांच एजेंसी ने बताया कि यूजर्स के पैसे लगाने के बाद मोबाइल गेमिंग ऐप के जरिए अच्छी खासी रकम इकट्ठा करने के बाद, अचानक ऐप से निकासी को रोक दिया गया, जिसमें बहाने बनाए गए कि सिस्टम अपग्रेडेशन, कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा एक जांच की जा रही है. इसके बाद, प्रोफ़ाइल से सारी जानकारी सहित सभी डेटा को ऐप सर्वर से डिलीट कर दिया गया. फिर यूजर्ज को इसकी चाल समझ में आई कि धोखाधड़ी की गई है.”

इससे पहले शनिवार को केंद्रीय एजेंसी ने मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन से संबंधित जांच के संबंध में कोलकाता में छह स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था. ईडी ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान यह देखा गया कि मामले से जुड़ी संस्थाएं नकली खातों का इस्तेमाल कर रही थीं और यूजर्स को धोखा देकर करोड़ों रुपये कमा लिए थे.



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