आचार्य चाणक्य को ना सिर्फ राजनीति की अच्छी समझ थी बल्कि समाज, लव रिलेशन और शिक्षा आदि से जुड़े मुद्दों के भी वे बहुत अच्छे जानकार थे. चाणक्य ने अपनी नीतियों में असफलता से जुड़ी कुछ ऐसी बातों का जिक्र किया है जिसे पढ़कर आप भी प्रेरित हो जाएंगे. उनका मानना था की असफलता के बावजूद लोग उससे बहुत कुछ सीख सकते हैं. आइए जाने चाणक्य कि उन नीतियों को.
अधिकतर व्यक्ति जो सफल हो जाता है उसे समाज में आलोचनाएं झेलनी पड़ती है, जो उनके मन को व्यथित कर देती है. चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को इन आलोचनाओं को एक कान से सुनना चाहिए और दूसरे से निकाल देना चाहिए. इससे आप जीवन में सदा तरक्की करते रहे
माना जाता है कि सफलता के लिए ऐसा कोई भी रास्ता नहीं है जो अड़चनों से होकर ना गुजरता हो. यदि आप किसी प्रयास में विफल हो जाते हैं और दोबारा कोशिश नहीं करते हैं तो आप कभी कामयाब नहीं हो सकते. दरअसल, असफलता ही सफलता की पहली सीढ़ी मानी जाती है
चाणक्य के अनुसार यदि आपको सफलता नहीं मिलती है तो आप निराश होकर अपने लक्ष्य को ना छोड़े बल्कि उसका अवलोकन करके दोबारा प्रयास करें. चाणक्य का मानना था कि जिस व्यक्ति को लक्ष्य आसानी से प्राप्त हो जाते हैं वे विफल भी बहुत जल्दी हो जाते हैं. संभव है कि अन्य लोगों के मुकाबले आपको अधिक मेहनत करनी पड़ें लेकिन जो हार नहीं मानते उन्हें सफलता जरूर मिलती है.
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