Rajdhani
छत्तीसगढ़ में सत्ता हाथ से छूटी तो रावण वध से बाहर हो गए भाजपाई : कांग्रेस 08-Oct-2019

रायपुर। छत्तीसगढ़ में दशहरा उत्सव पर राजनीति का साया साफ नजर आने लगा है। प्रदेश में सरकार जाने के बाद भाजपा नेताओं को दशहरा उत्सव समिति से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। राजधानी रायपुर के सबसे बड़े दशहरा उत्सव डब्ल्यूआरएस कालोनी में पहले भाजपा सरकार में मंत्री रहे राजेश मूणत का दबदबा था, लेकिन इस बार यहां कांग्रेस विधायक कुलदीप जूनेजा मुख्य कर्ताधर्ता हो गए हैं। राजधानी के कई छोटी-बड़ी कमेटियों में से भाजपा नेताओं को बाहर करके कांग्रेस नेताओं को तवज्जों दी गई है। इसी तरह बिलासपुर में भी विवाद की स्थिति है। बिलासपुर में रावण दहन के सबसे बड़े आयोजन को लेकर राजनीति गरम हो गई है। कौन राम बनकर रावण के पुतले का दहन करेगा, इस बात को लेकर नेता आपस में उलझ रहे हैं। नगर निगम इस आयोजन का मुख्य कर्ताधर्ता है। निगम में भाजपा की सरकार है, जबकि स्थानीय विधायक कांग्रेसी हैं। निगम के महापौर के कार्यकाल का यह अंतिम वर्ष और वे चाहते हैं कि इस साल रावण का अंत उनके हाथों हो, बस इसी बात पर आयोजन का बहिष्कार किया जा रहा है। पहले महापौर ने कार्यक्रम के बहिष्कार की घोषणा की थी और अब निगम के सभापति ने भी कहा है कि वे कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। अब तक इस आयोजन में मंत्री अमर अग्रवाल ही मुख्य अतिथि होते थे। सत्ता बदलने के बाद निगम में इस बार कांग्रेसी विधायक शैलेश पांडे को मुख्य अतिथि बनाया गया है। निगम सीमा में शामिल सभी पांचों विधानसभा के विधायकों को भी आयोजन में आमंत्रित करना था। केवल भाजपा के विधायकों को नहीं बुलाना गलत है।



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