National News
Karnataka Election Result 2023 : चुनाव में इन मुद्दों ने किया कमाल, कांग्रेस को मिली बहुमत 13-May-2023

Karnataka Election issue 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए सभी 224 सीटों के लिए मतगणना जारी है और रुझानों में मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व वाली कांग्रेस पार्टी (Congress Party) ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. कांग्रेस की बढ़त के बाद इस बात की चर्चा होने लगी है कि किन मुद्दों ने कमाल किया और कौन से मुद्दे फेल हो गए. तो चलिए आपको बताते हैं कि कर्नाटक में क्या चला और क्या नहीं चला? बता दें कि कर्नाटक की 224 सीटों के लिए 10 मई को मतदान हुए थे और 73.19 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने वोट डाले थे.

कर्नाटक में क्या चला?

भ्रष्टाचार का मुद्दा- कांग्रेस ने कर्नाटक में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था और पार्टी ने शुरुआत से ही बीजेपी सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर लगातार घेरती रही. चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने कर्नाटक में बीजेपी सरकार के भ्रष्टाचार के मुद्दों को जमकर उछाला और लगातार निशाना साधा.

पीएम पर सीधा अटैक- कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) पर सीधा हमला बोला और इसका फायदा कांग्रेस पार्टी को मिला. कांग्रेस ने बहुमत के आंकड़े 113 सीट को पीछे छोड़ दिया है और 121 सीटों पर पार्टी उम्मीदवार आगे चल रहे हैं.

अमूल vs नंदिनी- कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान अमूल vs नंदिनी का मुद्दा छाया रहा. बता दें कि इस साल 5 अप्रैल को गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) ने कर्नाटक में अमूल के प्रोडक्ट उतारने की घोषणा की. इस घोषणा के बाद राज्य में यह मुद्दा शुरू हो गया और कर्नाटक के कई नेताओं और लोगों ने विरोध शुरू कर दिया.

40 प्रतिशत कमीशन का मुद्दा- कांग्रेस ने कर्नाटक में चुनाव प्रचार के दौान सबसे बड़ा नारा 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार का दिया. चुनाव प्रचार के दौरान पोस्टर और रैलियों में इस मुद्दे का खूब जिक्र भी हुआ. बता दें कि बेलगावी में एक ठेकेदार ने बीजेपी के मंत्री 40 फीसदी कमीशन मांगने का आरोप लगाया था और खुदकुशी कर ली थी. इसके बाद कई ठेकेदार सामने आए थे और कॉन्ट्रैक्टर एसोसिएशन ने राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा था.

कर्नाटक चुनाव में क्या नहीं चला?

बजरंगबली का मुद्दा- कर्नाटक विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने बजरंगबली का मुद्दा उठाया था और इसके जरिए चुनाव में जीत हासिल करना चाहती थी. दरअसल, कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में बजरंग दल पर बैन लगाने की बात की थी, जिसके बाद बीजेपी ने इसे बजरंगबली से जोड़ दिया था



RELATED NEWS
Leave a Comment.