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*विधवा महिला को अंतत न्यायालय से मिला न्याय - पुलिस ने किया था टालमटोल* 29-Oct-2023

*विधवा महिला को अंतत न्यायालय से मिला न्याय* *चक्कर लगाती विधवा महिला की शिकायत पर पुलिस करती रही टाल मटोल* गहनों से कमाई का झांसा देकर धमतरी निवासी विधवा महिला से करीब 40 लख रुपए के सोने चांदी की अमानत में खयानत मामले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट धमतरी के आदेश अनुसार धमतरी सिटी कोतवाली पुलिस ने सात आरोपियों के खिलाफ धारा 420 एवं 406 के तहत जुर्म दर्ज किया है | धमतरी निवासी महिला दीपाली सोनी के पति की मृत्यु के बाद उसके पास आय का कोई साधन नहीं था, महिला के पति की मृत्यु की जानकारी के बाद तसलीमा खान उर्फ पिंकी नामक महिला जो दीपावली की पूर्व परिचित थी ने समय की नजाकत का फायदा उठाते हुए सांत्वना देने के बहाने उसके घर बार-बार जाना आना शुरू किया, खुद को उसका ही तैसी बात कर मीठी मीठी बातों में उलझा कर दीपाली सोनी के मायके एवं पति द्वारा दिए गए गहनों से 50 हजार रुपए प्रतिमाह की कमाई का लालच देकर लगभग 40 लाख रुपए के सोने एवं चांदी के गहनों को षडयंत्र पूर्वक ठग लिया | पति की मृत्यु से गम में डूबी दीपाली सोनी तसलीमा खान उर्फ पिंकी के झांसे में आ गई , आरोपी महिला तसलीमा खान उर्फ पिंकी ने गहने लेने के बाद दीपाली सोनी को प्रति माह दी जाने वाली तय रकम अनुसार 50 हजार रुपए प्रतिमाह नहीं दिए, उसे हर माह कभी 3000 कभी 5000 कभी 7000 रुपए देकर टालती रही | तसलीमा खान उर्फ पिंकी नामक आरोपी महिला ने एक प्रकार से 40 लख रुपए की ठगी दीपाली सोनी से की और इस ठगी में तस्लीमा के साथ साहिल खान, राहिल खान, संगीता यादव, संकलेचा ज्वेलर्स के राजकुमार संकलेचा, घेवर संकलेचा और संजय संकलेचा भी शामिल थे | इन सभी ने मिलकर आपस में गहनों की बंदर बांट कर ली और पीड़ित विधवा महिला दीपाली सोनी अपने ही गहनों से हाथ धोकर तंगी में गुजारा करती रही | अपनी दो बेटियों एवं एक पुत्र के साथ घर चलाने में तंगी आने पर दीपाली सोनी ने तसलीमा से गहने वापस मांगे तो वह टाल मटोल करती रही उसने ना ही गहने दिए और ना ही तय अनुसार हर माह 50 हजार रुपए दिए | थक हारकर विधवा दीपाली सोनी पुलिस की शरण में गई परंतु पुलिस ने भी जुर्म दर्ज नहीं किया एवं बयान की कार्रवाई कर मामले को समाप्त करने कहा| अनुनय विनय करते पुलिस थाने के बार-बार चक्कर लगाने के बाद कोई कार्रवाई न होते देख परेशान होकर दीपाली सोनी ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जहां उसने अपने साथ आप बीती की पूरी जानकारी देकर अपने एवं अपने बच्चों के भविष्य के लिए 40 लाख रुपए के गहने दिलवा कर आरोपियों पर जुर्म दर्ज कर कार्रवाई की गुहार लगाई | आवेदिका की अर्जी एवं उनके द्वारा प्रस्तुत प्रमाणों उनके अधिवक्ता के तर्कों पर माननीय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट धमतरी द्वारा पुलिस को धारा 420 एवं 406 के तहत जुर्म दर्ज करने के निर्देश दिए तब कहीं जाकर पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ जुर्म दर्ज किया | अब सवाल यह उठता है कि जब पीड़ित विधवा महिला दीपाली सोनी लगातार सिटी कोतवाली के थाना प्रभारी सहित पुलिस के उच्च अधिकारियों को प्रमाण प्रस्तुत कर गहने दिलवाने और आरोपियों के खिलाफ जुर्म दर्ज कर उचित कार्यवाही की लिखित मांग करती रही तब पुलिस ने जुर्म दर्ज क्यों नहीं किया ? जबकि उन्हीं सब तथ्यों, बयानों और सबूत को पर्याप्त मानकर माननीय न्यायालय ने सभी सातों आरोपियों के खिलाफ जुर्म दर्ज करने के निर्देश दिए ऐसे में पुलिस अधिकारियों पर अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही के लिए उंगली उठना स्वाभाविक है |

 

 

मामले का विस्तृत विवरण


मैं थाना सिटी कोतवाली धमतरी में सउनि के पद पर पदस्थ हूं कि माननीय न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट धमतरी (छ.ग.) द्वारा आवेदिका दीपाली सोनी पति स्व० स्व. दुर्गेश सोनी, आयु लगभग 36 वर्ष निवासी महिमा सागर वार्ड, गवर्नमेंट स्कूल के पीछे, धमतरी द्वारा परिवाद पत्र अंतर्गत धारा 156 (3) दं०प्र०स० प्रस्तुत दाण्डिक प्रकरण, CNR CG DH020013552023, FN- 1245/23 विचारण पश्चात थाना सिटी कोतवाली धमतरी जिला धमतरी को आवेदिका की ओर से प्रस्तुत आवेदन पत्र पर अनावेदकगण/ अभियुक्तगण तस्लीमा खान अन्य के विरुध्द धोखाधडी एवं अमानत में खयानत के संबंध में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किया जाकर आवश्यक जांच अन्वेषण पश्चात अंतिम प्रतिवेदन प्रस्तुत करने निर्देशन संबंधी आर्डरसीट मय प्रतिवेदन प्राप्त होने पर अपराध धारा 420, 406 भादवि पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया नकल प्रतिवेदन जैल है समक्ष न्यायालय न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, धमतरी (छ.ग.) दीपाली सोनी, पति स्व. दुर्गेश सोनी, आयु लगभग 36 वर्ष वार्ड गवर्नमेंट स्कूल के पीछे, धमतरी जिला धमतरी (छ.ग.)...आवेदिका // विरुद्ध // (1) तस्लीमा खान उर्फ पिंकी (2) साहिल खान (3) राहिल खान तीनों निवासी रिसाई पा 3/7 धमतरी (छ.ग.), (4) संगीता यादव पति श्याम यादव, रिसाई पारा धमतरी जिला धमतरी (छ.ग.), (5) राजकुमार संकलेचा (6) घेवर संकलेचा (7) संजय संकलेचा, संचालक संकलेचा ज्वेलर्स, सदर बाजार, धमतरी जिला धमतरी (छ. ग.).... आरोपीगण, शिकायत अंतर्गत धारा 156 (3) द.प्र.सं. 1973, आवेदिका की ओर से सविनय निवेदन है कि- 1/- यह कि आवेदिका भारत के गणराज्य की निवासी है तथा उपरोक्त पते पर निवासरत है। 2/- यह कि, आवेदिका एक 37 वर्षीय विधवा महिला है। आवेदिका की दो पुत्रियों क्रमश: 17 वर्ष, एवं 12 वर्ष तथा एक पुत्र है जिसकी आयु 11 वर्ष है। आवेदिका के पति स्व. दुर्गेश सोनी सोने चांदी के व्यवसायी वे तथा मेसर्स दुर्गेश ज्वेलर्स के प्रोप्राईटर के तौर पर व्यवसाय करते थे। आवेदिका के पति की मृत्यु दिनांक 07.02.2019 को एक सड़क दुर्घटना में हो गयी। आवेदिका के पति घर का पालन-पोषण करने वाले एकमात्र व्यक्ति थे जिस पर आवेदिका एवं उसके तीनों बच्चे आश्रित थे। आवेदिका के पति के आय के अतिरिक्त आवेदिका का अन्य कोई आय का साधन नहीं था। 3/- यह कि मेरे पति के मृत्यु के पश्चात आवेदिका के पति की कुछ चल अचल संपत्तियों थी जिसमें चल संपत्ति में वर्तमान घर जिसमें आवेदिका अपने तीनों बच्चों के साथ आज तक निवासरत है। अचल संपत्ति में आवेदिका के पति के सोने चांदी के व्यवसाय में मृत्यु के समय बची हुई लगभग 35 तोला सोना एवं 10 किलो चांदी थी आवेदिका के मायके में भी सभी सोने चांदी के ही व्यवसायी है तथा ज्वेलर्स छेदीलाल संतोष कुमार सोनी के नाम से सोनी चांदी की एक दुकान सराफा लाईन में तथा दूसरा दुकान राजमहल चौक, कवर्धा, जिला कबीरधाम (छ.ग.) में स्थित है। विवाह के समय आवेदिका को उसके मायके से ही भरपूर सोने चांदी के आभूषण स्वीधन के रूप में प्राप्त हुआ था जिसका आवेदिका के द्वारा उपयोग उपभोग किया जा रहा था। 4/- यह कि वर्ष 2018 में आवेदिका को कुछ रकम की आवश्यकता थी तब वह आरोपी क्र. 1 के रिसाई पारा स्थिति घर गयी। आरोपी क्र. 1 एक अधेड़ आयु की महिला है जो अन्य महिलाओं के नाम से लोन उठाकर उन महिलाओं को कमीशन देने का काम करती है। आरोपी क्र. 1 के द्वारा भारत फायनेंस कंपनी जिसका कार्यालय वर्ष 2018 में रिसाई पारा धमतरी में स्थित था, वहां जाकर आवेदिका के नाम से 25,000 रुपयों का लोन उठाया गया तथा उक्त रकम की किश्तों को भारत फायनेंस कंपनी को आवेदिका द्वारा वापस चुकाया जाने लगा। इसी बीच आवेदिका के पति की मृत्यु हो गयी। 5/- यह कि आरोपी क्र. 1 को आवेदिका के पति की मृत्यु की जानकारी होने पर वह आवेदिका के घर आई और बड़े अच्छे तरीके से बातचीत कर व्यवहार कुशल जाना एवं किसी प्रकार की आर्थिक मदद हेतु सांत्वना दिया गया। उसके बाद से ही आरोपी क्र. 1. हर हफ्ते आवेदिका से मुलाकात करने लगी तथा उसके घर आकर बच्चों का ध्यान रखने लगी एवं बच्चों के लिए खाने-पीने की वस्तुएं एवं कपड़े लाने लगी। इस प्रकार आरोपी क्र. 1 ने आवेदिका एवं उसके बच्चों का विश्वास जीतने हेतु हर संभव प्रयास किया एवं एक मां के जैसे ख्याल रखने लगी। आरोपी क्र. 1 द्वारा आवेदिका को यह भी कहा जाता था कि आवेदिका उसे मां बोलकर ही संबोधित करे। 6/- यह कि आवेदिका के पति के मृत्यु उपरान्त से ही आरोपी क्र. 1 आवेदिका के आर्थिक संकट से रूबरू होने लगी थी एवं उसे इस बात की जानकारी हो चुकी थी कि आवेदिका के पास कोई आय का जरिया नहीं है। फरवरी 2019 में पति की मृत्यु के बाद से आवेदिका एवं उसके परिवार को आवेदिका के जेठ के द्वारा राशन उपलब्ध कराया जाता रहा है परन्तु बच्चों एवं स्वयं के खर्ची हेतु आवेदिका पूर्णतः स्वयं पर आश्रित थी। आवे भी केवल 10वीं कक्षा तक ही थी जिस कारण से आवेदिका पास कोई नौकरी नहीं थी। ऐसी स्थिति में आरोपी क्र. 1 को यह बोला गया कि चूंकि अब उसके पति की मृत्यु हो चुकी है एवं आवेदिका के पास कोई आय का जरिया नहीं हैं ऐसी स्थित म शादी में मिले सोने चांदी, शादी बाद 14 वर्ष के विवाह के दौरान अनेक आयोजनों में खरीदे गये सोने चांदी, अनेक रश्मों में प्राप्त सोना चांदी एवं आवेदिका के पति के मृत्यु पश्चात सोने चांदी के व्यवसाय में बच्चे सोने बादी यदि आवेदिका आरोपी क. 1. को देती है तो आरोपी क्र. 1 उस सोने चांदी को गिरवी रखकर उससे प्राप्त रुकुम को अन्य व्यापारिया के बीच उस पैसे को चलायेगी एवं उससे प्राप्त रकम को आवेदिका को प्रदान करेगी. ऐसा कहते हुए आसू . 1 ने आवेदिका को प्रतिमाह लगभग 50,000 रुपये देने का झांसा दिया कि अपने आर्थिक संकट के चलते आरोपी क्र. 1 के मंत्र में आ गयी एवं आरोपी क्र. 1 को अपने समस्त सोने चांदी जरिया नहीं है। फरवरी 2019 में पति की मृत्यु के बाद से आवेदिका एवं उसके परिवार को आवेदिका के जेठ के द्वारा अनाज एवं राशन उपलब्ध कराया जाता रहा है परन्तु बच्चों एवं स्वयं के खर्ची हेतु आवेदिका पूर्णतः स्वयं पर आश्रित थी। आवेदिका की शिक्षा भी केवल 10वीं कक्षा तक ही थी जिस कारण से आवेदिका पास कोई नौकरी नहीं थी। ऐसी स्थिति में आरोपी क्र. 1 द्वारा आवेदिका को यह बोला गया कि चूंकि अब उसके पति की मृत्यु हो चुकी है एवं आवेदिका के पास कोई आय का जरिया नहीं हैं ऐसी स्थिति में शादी में मिले सोने चांदी, शादी के बाद 14 वर्ष के विवाह के दौरान अनेक आयोजनों में खरीदे गये सोने चांदी, अनेक रश्मों में प्राप्त सोना चांदी एवं आवेदिका के पति के मृत्यु पश्चात सोने चांदी के व्यवसाय में बचे सोने चांदी यदि आवेदिका, आरोपी क्र. 1 को देती है तो आरोपी क्र. 1 उस सोने चांदी को गिरवी रखकर उससे प्राप्त रकम को अन्य व्यापारियों के बीच उस पैसे को चलायेगी एवं उससे प्राप्त रकम को आवेदिका को प्रदान करेगी. ऐसा कहते हुए आरोपी क्र. 1 ने आवेदिका को प्रतिमाह लगभग 50,000 रुपये देने का झांसा दिया आवेदिका अपने आर्थिक संकट के चलते आरोपी क्र. 1 के षड्यंत्र में आ गयी एवं आरोपी क्र. 1 को अपने समस्त सोने चांदी के आभूषण प्रदान कर दी। 7/- यह कि आरोपी क्र. 1 ने अपनी एक सहेली आरोपी क्र 4 के साथ मिलकर आवेदिका से प्राप्त आभूषणों को गिरवी रख उससे प्राप्त पैसों का उपयोग स्वयं के लिए करने लगे। आभूषण प्राप्त करने के पश्चात आरोपी क्र. 1 द्वारा आवेदिका को प्रतिमाह बहुत छोटी रकम जैसे 3,000-7,000 रुपये दिया जाने लगा जिसका सिलसिला 8 माह तक चला तथा अंतिम बार आरोपी क्र. 1 द्वारा फरवरी 2020 में आवेदिका को 2,000 रुपये प्रदान किया गया जिसके पश्चात कोरोना महामारी आरंभ हो गयी तथा मार्च 2020 से आरोपी क्र. 1 द्वारा आवेदिका को कोई रकम भुगतान नहीं किया गया है। 8/- यह कि कोरोना महामारी के दोनों चरण समाप्त होने के पश्चात आवेदिका के द्वारा आरोपी क्र. 1 से रकम की मांग की गयी जिस पर आरोपी क्र. 1 के द्वारा आवेदिका को यह आश्वासन दिया जाता रहा कि व्यापारियों का व्यवसाय अभी नहीं चल रहा है, एक बार सुचारू रूप से व्यवसाय चालू हो जाए तो आरोपी क्र. 1 आवेदिका को मासिक 20,000 रुपये देने लगेगी। परन्तु काफी समय बीत जाने के बाद भी आरोपी क्र. 1 के द्वारा आवेदिका को कोई भी रकम प्रदान नहीं किया गया। 9/- यह कि कुछ महीनों तक टाल मटोल करने के पश्चात आरोपी क्र. 1 द्वारा आवेदिका को यह बताया कि आरोपी क्र. 1 ने आरोपी क्र. 4 के साथ मिलकर आरोपी क्र. 2 एवं आरोपी क्र. 3 की सहमति से आवेदिका को झूठ बोलकर उगते हुए आवेदिका का समस्त गहना संकलेचा ज्वेलर्स में गिरवी रखकर उससे मिले रकम का उपयोग अपने निजी कार्य में खर्च कर दिया है ऐसा कहते हुए आवेदिका को गहना वापस करने के संबंध में आरोपी क्र. 1 एवं आरोपी क्र. 4 टाल मटोल करने लगे। 10/- यह कि आरोपी क्र. 1 द्वारा आवेदिका को रकम न दिये जाने पर आवेदिका अपनी पुत्री सेजल सोनी के साथ आरोपी क्र. 1 से रकम एवं गहने वापस मांगने हेतु आरोपी क्र. 1 के तत्कालीन निवास आमा तालाब, गली नं. 3, धमतरी गये तब वहां आरोपी क्र. 1 एवं उसके दो पुत्र आरोपी क्र. 2 एवं आरोपी क्र. 3 के साथ आरोपी क्र. 4 भी वहां उपस्थित थी जिनके द्वारा आवेदिका एवं उसकी पुत्री के साथ गाली-गलौच कर मारपीट किया गया एवं जान से मारने की धमकी भी दी गयी। 11/- यह कि आरोपी क्र. 1 एवं आरोपी क्र. 4 के द्वारा स्वीकार किया गया है कि आवेदिका का सारा गहना उन लोगों ने मिलकर गिरवी रखा है और आवेदिका को यह बोला गया कि वे उसका गहना अभी नहीं दे पाएंगे, आवेदिका को जो करना है वो कर ले, एस.पी., डी. एस. पी. सब को हम लोग खरीद सकते हैं. इस प्रकार का वक्तव्य कहकर आवेदिका को डराने का प्रयास किया गया जिसका विडियो प्रूफ सबूत के तौर पर थाना में दिया गया है। 12/- यह कि दिनांक 28.07.2022 को पुनः अपना समस्त गहना वापसी की बाल करने घर जाने पर आरोपी क्र. 1 के द्वारा समस्त गहना संकलेचा ज्वेलर्स में रखने एवं गहना की आरोपी क्र. 4 के द्वारा छुड़ाकर देने का आश्वासन दिया गया जिसका प्रमाण दिनांक 01.08.2022 को थाने में किये गये शिकायत के साथ संलग्न विडियो प्रूफ में है। 13/- यह कि ऐसी स्थिति में जब आवेदिका को अपने गहने वापस प्राप्त नहीं हुए और वापस मांगने पर मार-पीट, गाली-गलीच होने लगा तब सर्वप्रथम आवेदिका के द्वारा दिनांक 01.08.2022 को माननीय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदया के समक्ष उपस्थित होकर धोखाधड़ी एवं मारपीट के संबंध में आरोपी क्र. 1 के विरुद्ध शिकायत प्रस्तुत किया गया जिस पर कार्यवाही करते हुए थाना सिटी कोतवाली को जांच करने हेतु महोदय द्वारा मौखिक निर्देश दिया गया तब आवेदिका के द्वारा सिटी कोतवाली के थाना प्रभारी शेर सिंह के समक्ष उपस्थित होकर शिकायत की प्रति प्रदान किया गया जिस पर कार्यवाही करते हुए ए.एस.आई. जी. एस. राजपूत द्वारा प्रकरण में जांच हेतु दो दिन बाद आवेदिका का लिखित बयान लिया गया। आवेदिका के बयान के लगभग 10 दिन पश्चात आरोपी क्र. 1 को बयान हेतु बुलाया गया। बयान में आरोपी क्र. 1 द्वारा यह स्वीकार किया गया कि उसके द्वारा आवेदिका के पूरे गहने संकलेचा ज्वेलर्स, सदर बाजार, धमतरी में 40,00,000/- रूपये में गिरवी रखा गया है जिसे वह छुड़ाकर आवेदिका को वापस दे देगी। यह बात आवेदिका को थाने से फोन कर बुलाकर थाने में ही बताया गया था। लगभग 1 सप्ताह बाद आवेदिका को ए.एस.आई. जी. एस. राजपूत द्वारा बुलाकर यह अवगत कराया गया कि चूंकि प्रकरण में आरोपी क्र. 1 द्वारा स्वीकार कर लिया गया है कि उसने आवेदिका से गहने लिये है तो ऐसी स्थिति में प्रकरण आगे नहीं चलाना ही उचित होगा एवं अगर प्रकरण आगे चलता है तो यह विवाद हिन्दू-मुस्लिम विवाद का रूप ले लेगा। उनके द्वारा आवेदिका को यह भी आश्वासन दिया गया कि आरोपी क्र. 1 जल्दी ही आवेदिका को उसके समस्त गहने वापस कर देगी। 14/- यह कि इसी बीच जी. एस. राजपूत जी का थाना से स्थानान्तरण हो गया। तब आवेदिका द्वारा पुनः थाना प्रभारी शेर सिंह बांधे से निवेदन किया गया तब उनके द्वारा जांच हेतु कमलीचंद सोरी को नियुक्त किया गया जिनके द्वारा आरोपी क्र. 1 को अनेक बार फोन करने के बाद एक बार आरोपी क्र. 1 द्वारा फोन उठाकर यह अवगत कराया गया कि वह किसी आवश्यक कार्य से कहीं बाहर गयी है तथा वापस लौटने पर थाने आयेगी परन्तु वह कभी थाने नहीं पहुंची तब थाना प्रभारी शेर सिंह बांधे द्वारा जांच अधिकारी कमलीचंद सोरी को यह निर्देशित किया गया कि वह आवेदिका के साथ आरोपी क्र. 1 के आमा तालाब वाले निवास में जाकर जांच आगे बढ़ाए तब जांच अधिकारी कमलीचंद सोरी आवेदिका की उपस्थिति में आरोपी क्र. 1 के घर सितंबर 2022 में गये जहां उनके दोनों बेटे आरोपी क्र. 2 एवं आरोपी क्र. 3

उपस्थित थे परन्तु आरोपी क्र. 1 उपस्थित नहीं थी। जब उनके बेटों आरोपी क्र. 2 एवं आरोपी क्र. 3 के माध्यम से आरोपी क्र. 1
को फोन करवाया गया



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