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कृषि विज्ञान केन्द्र में विश्व मृदा दिवस पर कृषक संगोष्ठी आयोजित मृदा संरक्षण एवं फसलों के उत्पादन की गई जानकारी 07-Dec-2023

प्रत्येक वर्ष की भांति संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रदत्त प्रसंग ‘‘मृदा एवं जल-जीवन के स्त्रोत’’ विषय पर कृषि विज्ञान केन्द्र, सिंगारभाठ में विश्व मृदा दिवस पर कृषक संगोष्ठी सह जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र के अधिष्ठाता डॉ. एन. के. रस्तोगी ने मृदा उर्वरता में वृद्धि के लिए फसल जैव-विविधता, फसल चक्र एवं दलहनी फसलों को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया। विशिष्ट अतिथि डॉ.जे. एल. चौधरी प्रमुख वैज्ञानिक, कृषि मौसम विभाग रायपुर ने मृदा क्षरण के कारण एवं उसकी रोकथाम, सिंचाई व्यवस्था, जल निकासी के साथ-साथ मृदा में उपस्थित सूक्ष्म-जलवायु प्रबंधन के संबंध में कृषकों को मार्गदर्शन दिया। केन्द्र के प्रमुख एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बीरबल साहू ने मृदा में खाद-उर्वरकों की दक्षता में वृद्धि हेतु प्राकृतिक संसाधनों का फसल उत्पादन के लिए समुचित प्रबंधन की विस्तृत जानकारी दी। केन्द्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ. कोमल सिंह द्वारा जिले में पाई गई विभिन्न प्रकार की मिट्टा, मृदा परीक्षण के लिए नमूना एकत्रीकरण, परीक्षण परिणाम की विवेचना, मृदा स्वास्थ्य पत्रक की उपयोगिता एवं मृदा परीक्षण आधारित संतुलित खाद एवं उर्वरक की सिफारिश, सूक्ष्म पोषक तत्वों का महत्व एवं पर्णीय छिड़काव, केंचुआ खाद निर्माण, नाडेप खाद निर्माण, मृदा स्वास्थ्य में सूक्ष्म जीवों की भूमिका इत्यादि की जानकारी दी। प्रशिक्षण सह कार्यशाला के द्वितीय सत्र में भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंधक द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड, कृषि स्वर्ण ऋण, मुर्गीपालन, मछलीपालन, डेयरी पालन, पॉलीहाउस, नेट हाउस के लिए दी जाने वाली ऋण सुविधाओं की जानकारी दी। प्रायोगिक सत्र में वैज्ञानिक श्री नाग द्वारा जैविक खाद एवं कीटनाशक जैसे बीजामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र, ब्रम्हास्त्र, आग्नेयास्त्र इत्यादि बनाना सिखाया। इफको के क्षेत्रीय प्रतिनिधि श्री लालबहादुर द्वारा तरल उर्वरक जैसे नैनो यूरिया, नैनो डीएपी के द्वारा बीज उपचार एवं पर्णीय छिड़काव की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से आए कृषकों ने प्रशिक्षण सह कार्यशाला में सम्मिलित होकर इसका लाभ लिया।
 



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