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खाद्य विभाग की अनदेखी के चलते गरीबो का चना पहुंच रहा व्यापारियों के गोदामो तक 20-Nov-2019
– बारदाने की दुकान में पकड़ाया पीडीएस का 520 किलो चना। – कांग्रेसी नेता के दबाव के चलते विभागीय अधिकारियों ने अंत्योदय योजना के चने को बताया दुकान का चना। कोण्डागांव – एक तरफ जहॉ जिला कुपोषण की समस्या से ग्रसित हैं और केंद्र व राज्य सरकार इस समस्या से निपटने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाकर इससे निपटने में लगी हुई हैं। तो वही खाद्य विभाग की उदासीनता के चलते गरीब तबके के लोगों को वितरण के लिए पीडीएस के माध्यम से पहुंचने वाला चना बिचौलियों के माध्यम से बड़े व्यापारियों तक पहुंच रहा है जिसके चलते अंत्योदय योजना के चने पे लाखो रुपये की काला बाजारी प्रशासन के नाक के नीचे चल रही है। ऐसा ही एक मामले पर शिकायत पर खाद्य विभाग की टीम पहुंच तो गई पर आरोपी दुकानदार पर अंत्योदय योजना का चना साबित होने के बावजूद मामले पर लीपा-पोती करते उक्त संवेदनशील अंत्योदय योजना के मामले पर अपना पल्ला झाड़ते मामले को व्यापारी का माल बताते मंडी विभाग को सौपते आरोपी को बचाते नजर आई। –कांग्रेसी नेता खुद बचाव में लगा रहा अंत्योदय योजना के गुनहगार को– इतने बड़े संवेदनशील पीडिएस के मामले को कमजोर कर पीडीएस का मामला नही बनाने व मामले पर लीपा-पोती करने खुद एक कांग्रेसी नेता लगा रहा। यहा तक कि मामले को कवरेज करने पहुंचे मीडिया कर्मियों पर झूठा आरोप लगवाते उक्त कालाबाजारी को झूठा पुलिस प्रकरण दर्ज करवाने की सलाह भी देता रहा व खुद कोतवाली में बैठ कर जांच को बाधित करवाते उक्त दुकानदार को दुकान बंद कर थाने बुलवाने की कोशिश करता रहा ताकि वह झूठी रिपोर्ट लिखवा सके समाचार संकलन करने गए पत्रकारो पर। –दबाव के बीच विभागीय टीम पहुंची जरूर लेकिन केवल खाना पूर्ति के लिए– मामला 19 नवम्बर शाम 5 बजे का है निसमे शिकायत मिलने पर बारदाना व्यापारी किशोर मंडल पिता निखिल मंडल के दुकान-मकान पर पहुंच पीडिएस का चना जप्त किया गया। अन्त्योदय योजना के अंतर्गत गरीब तबके के लोगो का कुपोषण दूर करने आये चने की व्यापारी द्वारा कालाबाजारी की शिकायत पर वीरेंद्र श्याम नायब तहसीलदार नवीन श्रीवास्तव,हितेन मानिकपुरी खाद्य अधिकारी पहुंचे थे। जहाँ बारदाना संचालक पीडिएस के माल को एक नम्बर के चने में तब्दीलकर अन्य दुकानदारों को बकायदा मोटी रकम लेकर सप्लाई करता था। यह बात खुद किशोर मंडल बारदाना के संचालक ने स्वीकार तो की, लेकिन यहॉ जांच में पहुंचे खाद्य व मंडी विभाग के अधिकारियों ने इसे मंड़ी एक्ट के तहत मामला दर्ज करते हुए समनशुल्क लेकर इस बड़े मामले की लिपा-पोती कर डाली। आपको बता दे कि, शहर में यह कोई पहला मामला नहीं जब अधिकारियों के द्वारा इस तरह से लिपापोती मामले में लीला पोती की गई हो।जिसके चलते गरीब तबके के हक का खाद्यान काला बाजारी के भेंट चढ़ रहा है।अगर एक छोटे दुकानदार के पास से 250 से अधिक गरीब परिवार के हक का चना जप्त हो रहा है आकलन किया जा सकता है कि जिले भर की क्या स्थिती होगी, अगर विभागीय अमला ईमानदारी से काम करे तो कई बड़े व्यापारियों की संलिप्तता उजागर हो सकती है।


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