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लाखो की संख्या में लोगों को मिला न्याय 10-Mar-2024
वर्ष की प्रथम नेशनल लोक अदालत का हुआ जिला रायपुर में सफल समापन लाखो की संख्या में लोगों को मिला न्याय । राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2024 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुकम में माननीय न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन एवं माननीय न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार दिनांक 39/3 / 2024 को छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाकर राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किये गये हैं। उक्त लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये गये। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष/जिला न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी, प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय हेमंत सराफ, अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीशगण, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष हितेन्द्र तिवारी, द्वारा जिला रायपुर में नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया। जिसमें समस्त न्यायाधीशगण, पक्षकारगण, अधिवक्तागण, बैंक के अधिकारीगण, राजस्व अधिकारी, नगर निगम के अधिकारी, न्यायालयीन कर्मचारीगण, पैरालिगल वालिंटियर, विधि छात्र छात्रायें उपस्थित रहे। इस बार की नेशनल लोक अदालत भी हाईब्रिड तरीके से आयोजित की गयी, जिसमें पक्षकार भौतिक उपस्थिति के साथ-साथ वर्चुअल या ऑनलाईन के माध्यम से भी राजीनामा किया गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अब्दुल जाहिद कुरैशी ने कहा कि, नालसा एवं सालसा के माध्यम से पुरे देश भर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें हम सभी के बहुत महत्वपूर्ण सहभागिता है और हम सभी संयुक्त प्रयासो से ही नेशनल लोक अदालत के माध्यम से जनता तक सरल overline 4 सहज तरीके से न्याय पहुंचेगा। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर एवं गुरुद्वारा धन धन बाबा साहिब जी तेलीबांधा रायपुर के संयुक्त तत्वाधान में सैकड़ो किलोमीटर से आये पक्षकारो को न्याय के साथ साथ निःशुल्क भोजन प्राप्त हुआ जिससे उनके चेहरों पर संतोष दिखा कि, न्याय पालिका के माध्यम से उन्हे हर प्रकार का सहयोग प्राप्त हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य जांच परीक्षण शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, कर्मचारीगण, पक्षकारगण तथा सैंकड़ों संख्या में आमजन का निःशुल्क जांच परीक्षण किया गया। नेशनल लोक अदालत के माध्यम से पेंशन लोक अदालत का हुआ सफल आयोजन पेंशन लोक अदालत में 10 प्रकरण रखे गये जिसमें से 07 प्रकरणो का तत्वरित निराकरण कर पेंशन धारियों को लाभ पहुँचाया गया। जिसमें पेंशनधारियों के वह प्रकरण निराकरण हुये जिनमें सेवानिवृत्त कर्मचारी लम्बे समय से अपने विभागों के चक्कर काट रहे थे। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा दिये गये नये संकल्प मोहल्ला लोक अदालत में पहुँचे न्यायाधीश / सभापति जनोपयोगी लोक अदालत डॉ० श्री मनोज कुमार प्रजापति पर पक्षकारो ने की फूलों की वर्षा । (उक्त छ०ग० राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा दिये गये नये संकल्प मोहल्ला लोक अदालत में पहुँचे न्यायाधीश / सभापति जनोपयोगी लोक अदालत डॉ० श्रीमान मनोज कुमार प्रजापति के द्वारा त्वरित निर्णय करते हुए राहत पहुँचायी गयी । उक्त लोक अदालत का आयोजन न्याय तुहर द्वार योजना के तहत किया गया। मोहल्ला लोक अदालत के पीठासीन अधिकारी डॉक्टर मनोज प्रजापति सभापति / अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्थायी लोक अदालत द्वारा घटना स्थल पर जाकर ही जनोपयोगी सेवाओं से संबंधित मामलों का निराकरण किया मोहल्ले वासियों द्वारा उनका स्वांगत किया गया। उनके द्वारा 313 से अधिक प्रकरण घटना स्थल पर जाकर न्यायाधीश द्वारा निराकृत किया गया, स्थलो रेल्वे स्टेशन, फाफाडीह, देवेन्द्र नगर, सेक्टर 04 एवं 05 पंडरी, मौदाहारपारा, भाटागॉव, संतोषी नगर, संजय नगर, महामाया मंदिर क्षेत्र, विवेकान्त नगर, मठपुरैना, जोन क्रमांक- 03 के अंतर्गत मोवा, शंकर नगर, तेलीबांधा, श्याम नगर, न्यू शांति नगर, लोधीपारा चौक एवं अन्य क्षेत्रों में, 04, 06 श्यामा प्रसाद मुखर्जी वार्ड, राजीव पाण्डे वार्ड, महामाया मंदिर वार्ड, ब्रिगेडियर उस्मान वार्ड, पर मोहल्ला लोक अदालत का आयोजन किया गया। श्रीमान डॉक्टर मनोज प्रजापति सभापति / अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्थायी लोक अदालत के द्वारा मेकाहारा अस्पताल के पीछे कुष्ठ रोग पीड़ितो के लिए शासन द्वारा किये जा रहे आवास निर्माण, पंडरी स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में गेट एवं बाउण्ड्रीवाल निर्माण हेतु लोक अदालत में आये आवेदन पर त्वरित कार्यवाही करते हुए विद्यालय स्थल का भी औचक निरीक्षण किया गया। उक्त मोहल्ला लोक अदालत का न्याय तुहर द्वार योजना के तहत किया गया। राजस्व न्यायालय- 1,05,699 प्रकरण कुटुम्ब न्यायालय - 117 छ०ग० राज्य वाणिज्यिक न्यायालय -07 प्रकरण । न्यायालय में लम्बित लगभग-11,202 प्रकरण । प्री-लिटिगेशन एवं नगर निगम से मामले 1,76,328 प्रकरण का निराकरण जनोउपयोगी सेवाओं से संबंधित प्रकरण 662 प्रकरण नेशनल लोक अदालत के माध्यम से पक्षकारों को मिली कुल राशि 30,60,84,942 मोहल्ला लोक अदालत 313 खबर लिखे जाने से सभी प्रकार के राजीनामा योग्य 1,87,5,30 लगभग प्रकरण का निराकरण हुआ। 10 वर्ष पुराने निराकृत प्रकरण 05 05 वर्ष पुराने निराकृत प्रकरण 103 वरिष्ठ नागरिक के निराकृत प्रकरण -16 महिलाओं के निराकृत प्रकरण 60 सफल कहानी 09-03-2024 बच्चों के भविष्य को देखते हुए पति पत्नि ने किया वैचारिक मदभेदों को दूर:- मानवेन्द्र सिंह, प्रथम अतिरिक्त प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय रायपुर ) पत्नि द्वारा पति के विरूद्ध भरण पोषण का प्रकरण वैचारिक मदभेद के कारण प्रस्तुत किया गया था, जिसमें न्यायालय द्वारा कौन्सिलिंग के माध्यम से पति पत्नि के विचार सुनने के बाद उन्हे उनके अधिकारों एवं बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने के उदेशय से किया गया एक। आपसी राजीनामा के अनुसार पति पत्नि अपने बच्चों के साथ सुखद दाम्पत्य जीवन व्यतीत करेंगें। 05 वर्ष के बाद पति पत्नि साथ रहेगें। न्यायालय के समझाईश के बाद बिखरा परिवार हुआ एक :- (न्यायालय- श्रीमती काम्या अय्यर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर) आवेश में आकर अपने ही रिश्तेदारों से लड़ाई झगड़ा कर न्यायालय में प्रकरण पेश किया । उक्त प्रकरण में परिवार के सभी सदस्यों की न्यायालय द्वारा प्री-सिटिंग आयोजित की गई दोनों पक्षकारों को परिवारजनों के साथ राजीनामा कर सुखद परिवार का उदाहरण प्रस्तुत करने हेतु प्रेरित किया उसके बाद दोनों पक्षकार लम्बित प्रकरण को राजीनामा करते हुए खुशी-खुशी एक होकर घर वापस गये । पाँच वर्षों से लम्बित सिविल मामलो में आपसी समझौता करते हुए पक्षकारों ने किया राजीनामा ( न्यायालय- मधुसूदन चन्द्राकर, अष्टम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर) लम्बे वर्षों से वरिष्ठजन के परिवार जो सम्पत्ति विवाद को लेकर लड़ रहे थे, माननीय न्यायाधीश मधुसूदन चन्द्राकर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रायपुर ने केवल इन शब्दों को कहकर प्रकरण में राजीनामा कराया कि, इस संसार से परिजनों का प्रेम ही देवलोक में जाता है, संपत्ति नही । अतः स्नेह, प्रेम को अमर करें द्वेष को नही। विवाह विच्छेद के प्रकरण में न्यायालय के समझाईश पर पति पत्नि हुए एक (न्यायालय- हेमन्त सराफ प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय रायपुर) आवेदिका के पति द्वारा आवेदिका के विरूद्ध तलाक का प्रकरण पेश किया गया था, जिसमें राजीनामा के आधार पर आवेदिका अपने पति के साथ वापस जाना चाह रही थी, किन्तु आवेदिका की माँ उसे जाने से रोक रही थी, न्यायालय द्वारा आवेदिका की माँ को बेटी का जीवन बरबाद न करने समझाइश दी गयी तथा काफी प्रयास पश्चात पति पत्नि हुए एक, राजीनामा के आधार पर प्रकरण हुआ समाप्त। पाँच वर्षों से लम्बित पेंशन भुगतान प्रकरण में वरिष्ठजन को मिला न्याय :- पेंशन भुगतान न होने के कारण आर्थिक समस्या से जुझ रहे वरिष्ठजन को पेंशन लोक अदालत के माध्यम से लम्बित भुगतान जिसकी राशि लगभग 2,40,288/- रूपये मिलने का हुआ आदेश दो वर्षों से लम्बित झगड़े में पक्षकारों ने आपसी बैर को भुलते हुए किया राजीनामा (न्यायालय- सुश्री. उन्नति महिश्वार, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर) होटल व्यवसायी के द्वारा अपने ग्राहक को चिल्हर ना देने की स्थिति में उत्पन्न हुए विवाद जो मारपीट में परिवर्तित होते हुए एक दूसरे को जान से मारने की धमकी देने बाद न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत होने दो वर्ष बाद न्यायालय की समझाईश में दोनों पक्ष संबंधों के महत्व को समझाते हुए किया राजीनामा ।


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