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बिलासपुर सेंट्रल जेल से पूर्व सहायक जेल अधीक्षक अजय बाजपेयी का मोह मोटी कमाई के कारण नही हट रहा स्थानांतरण के बाद कैंटीन की चाभी सुपुर्द करने के बजाय संचालन की ओर दे रहे ध्यान।। 13-Apr-2024
बिलासपुर से मन्नू मानिकपुरी की रिपोर्ट मोटी ऊपरी कमाई के लोभ में कैंटीन समिति का पंजीयन कराया अपने स्वयं के नाम से कैंटीन बंद होने के कारण बाहरी व्यापारीयो का बढ़ा जमावड़ा हो सकती है सुरक्षा में चूक बिलासपुर सेंट्रल जेल के ठीक सामने कैदियों और बंदियों के परिवारों के अलावा जेल प्रशासन आदि के लिए खुला कैंटीन काफी दिनों से बंद पड़ा है। जिसका कारण जानकर आप भी सोच में पड़ जाएंगे क्योंकि कारण है सैलरी के अलावा ऊपरी कमाई का है। आपको बता दे कि पूर्व सहायक जेल अधीक्षक द्वारा समिति बनाकर कैंटीन का संचालन प्रारम्भ किया गया था और कैंटीन लाभ को देखते हुए समिति का अध्यक्ष पद भी स्वयं अपने पास ही रख लिया गया ताकि मोटी ऊपरी कमाई की जा सके । इसी परिप्रेक्ष्य को देखते हुए सहायक पूर्व जेल अधीक्षक स्थानांतरण होने बावजूद लोभ को छोड़ नही पा रहे । वर्तमान में उनका स्थानान्तरण अम्बिकापुर जेल में हो गया है और जाते जाते बिलासपुर सेंट्रल जेल कैंटीन की चाभी भी अपने साथ ले कर चले गए है और अम्बिकापुर से ही बिलासपुर सेंट्रल जेल की कैंटीन का संचालन करना चाहते है जेल प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है क्योंकि शासकीय भवन में कैंटीन समिति का पंजीयन अपने स्वयं के नाम से करवाना ही मोटी कमाई की ओर इशारा करता है जबकि होना ये चाहिए था कि कैंटीन का पंजीयन की पद नाम से किया जाना चाहिए ताकि स्थानान्तरण या किसी आपातकाल स्थिति में जेल प्रशासन का व्यक्ति उसे संचालित कर सकता था। अभी वर्तमान में कैंटीन बन्द होने से बंदियों व उनके परिजनों को परेशानी तो हो ही रही है व इसके साथ साथ जेल की सुरक्षा पर ग्रहण लगने के आसार नजर आ रहे है। कैंटीन बंद होने से जेल के सामने विभिन्न प्रकार के व्यापारी ठेला लगाकर समान का वितरण कर रहे है जिससे रोड जाम होने के साथ साथ जेल की सुरक्षा में चूक होने की पूर्ण संभावना हैरोजाना सैकड़ों कैदियों और बंदियों से मिलने आने वालों को परेशानी हो रही है। सेंट्रल जेल के आसपास करीब 500 मीटर तक कोई दुकान भी नहीं है। यदि किसी प्रकार से बाहरी व्यापारी द्वारा जेल में आपत्तिजनक समान जेल के अंदर पहुंचाया गया तो अब इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा क्योंकि खाने पीने या रोजमर्रा की सभी चीजों की बारीकी से जांच कर पाना जेल पहरियों के लिए कठिन काम है। पूरे मामले को समझने व पूर्व सहायक जेल अधीक्षक का पक्ष जानने हमने उन्हें फ़ोन किया लेकिन उन्होंने फोन नही उठाया ।


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