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फार्म खरीदने के बाद नहीं मिला टिकट, अब 'पंजा' छोड़ थामा BJP का 'हाथ' 19-Apr-2024

छत्तीसगढ़ में गुरुवार को लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के लिए नामांकन के साथ ही शक्ति प्रदर्शन का सिलसिला चला। 

 

बिलासपुर नामांकन रैली में सम्मिलित होने, हमारा हौसला बढ़ाने पहुंचे आदरणीय श्री चंदन यादव जी (राष्ट्रीय सचिव AICC) जी और प्रखर वक्ता राष्ट्रीय नेत्री दीदी सुप्रिया श्रीनेत जी का हृदय से आभार

बिलासपुर लोकसभा चुनाव में देवेंद्र यादव के नाम आने के बाद से ही कांग्रेस के अंदर कलह खत्म होने का नाम नही ले रहा है अब कांग्रेस नेता विष्णु यादव ने नामांकन फ़ार्म खरीद कर देवेंद्र यादव के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है

बता दे कि पिछले दिनो वर्तमान में भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव को बिलासपुर लोकसभा से टिकिट दिए जाने के विरोध में कांग्रेस नेता जगदीश कौशिक ने कांग्रेस भवन में आमरण अनशन में बैठकर खुल कर विरोध किया था। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर सवाल भी खड़े करते हुए तीन दिनों अनशन किए थे बाद में आलाकमान से बातचीत करने के आश्वासन के बाद जगदीश कौशिक को जूस पिलाकर आमरण अनशन तुडवाया गया था। लेकिन अब विष्णु यादव ने नामांकन फ़ार्म खरीदने के बाद देवेंद्र यादव के लिए एक और चुनौती सामने आ खड़ी हुई है

नामों की आधिकारिक घोषणा होने से पहले बिलासपुर के राजनीतिक गलियारों में विष्णु यादव के नाम की जोर शोर से चर्चा थी पर फाइनल लिस्ट में देवेन्द्र यादव का नाम सामने आने के बाद लिस्ट ने सब को चौका दिया, नामांकन दाखिल करने आए कांग्रेस नेता और पार्षद विष्णु यादव ने कहा कि, मैं तो चुनाव लडूंगा। अभी कांग्रेस ने सिर्फ लिस्ट जारी किया है। लेकिन मुझे अभी भी उम्मीद है कि, कांग्रेस पार्टी जो बी-फार्म जारी करेगी। उसमें विष्णु यादव का नाम लिखा होगा, उन्होंने आगे कहा कि, यह यादव बनाम यादव का विरोध नहीं है। बल्कि बाहरी यादव का विरोध है। वर्तमान स्थिति में यादव समाज कांग्रेस के बी-फार्म में मेरा नाम नहीं आ जाता तब तक इसका विरोध करेगी। कांग्रेस पार्टी मुझे सिर्फ आश्वासन देते आ रही है। वर्ष 2014 से लेकर अब तक मुझे टिकिट देने के लिए पार्टी गलत करते आ रही है। मुझे मानसिक रूप से भी प्रताड़ित करते आ रही है। कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी से मांग करता हूं कि, मुझे प्रत्याशी बनाया जाए।

 

दावेदारी के बाद नहीं मिला टिकट 

विष्णु यादव तीन दिन पहले पूर्व पार्षद अखिलेश चंद्र और प्रदीप वाजपेयी ने भी कांग्रेस से नामांकन फॉर्म खरीदा था. विष्णु यादव की दावेदारी कितनी गंभीर थी. इसका इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है, कि विष्णु के नाम पर ही बिलासपुर से यादव समाज को प्रतिनिधित्व देने का निर्णय कांग्रेस आलाकमान ने लिया था. देखना होगा आने वाले समय में विष्णु यादव का कांग्रेस पार्टी छोड़ने और बीजेपी में शामिल होने से कांग्रेस पार्टी और प्रत्याशी देवेंद्र यादव की हार या जीत पर कितना असर पड़ता है. 



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