Rajdhani
अपने बच्चों को भरोसा दिलाएँ कि यदि कम अंक मिले है तो उन्हेे मायूष होने की आवष्यकता नहीं है। 30-Apr-2024

परीक्षा परिणाम के लगभग एक सप्ताह पूर्व एवं बाद का समय बच्चों एवं पालकों के लिए बहुत संवेदषील होता है। इसमे कई विद्यार्थी भय एवं तनाव से ग्रस्त हो जाते है जिसके कारण उनके द्वारा कोई अप्रिय निर्णय लिए जाने की आषंका बनी रहती है। इसी अनुक्रम में अपर सचिव एवं अध्यक्ष छ.ग. माध्यमिक षिक्षा मण्डल, रायपुर श्रीमती रेणू जी0 पिल्ले एवं श्रीमती पुष्पा साहू, सचिव छ0ग0 माध्यमिक षिक्षा मण्डल, रायपुर के पहल एवं मार्गदर्षन में राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रषिक्षण परिसर रायपुर के सहयोग से 29 अप्रेल 2024 को ऑनलाईन तनाव प्रबंधन दक्षता विकास प्रषिक्षण का आयोजन किया गया। श्रीमती रेणु जी0 पिल्ले ने दो बिन्दुओं पर प्रकाष डालते हुए षिक्षकों, माता-पिता, पालकों से आग्रह किया कि परीक्षा परिणाम घोषित होने के पहले व बाद में अपने बच्चों को भरोसा दिलाएँ कि यदि कम अंक मिले है तो उन्हेे मायूष होने की आवष्यकता नहीं है। ऐसे सैकड़ो उदाहरण है जो यह दिखाता है कि स्कूल स्तर पर कम अंक प्राप्त कर भी विद्यार्थी जिंदगी में सफल हुए है। षिक्षक व पालक ही बच्चों के तनाव को दूर करने मे अहम भूमिका अदा कर सकते है। पालको, षिक्षकों से अनुरोध किया गया कि ऐसे बच्चें जिन्हे ज्यादा तनाव होता है उनकी पहचान जल्दी करे ऐसे बच्चें अपने दैनिक दिनचर्या में अनियमित हो जाते है चाहे खाना खाना, सोना, कंघी करना। ऐसे बच्चों को ज्यादा समय देना चाहिए, प्रोफेसनल का भी सहयोग लेना चाहिए ताकि तनाव को कम करके दुष्परिणाम से बचा जा सकें। स्कूल षिक्षा विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेषी ने कहा कि बच्चों को परीक्षा परिणाम के दौरान तनाव रहता है अपेक्षा अनुसार परीक्षा परिणाम न आने पर उनका हौसला बढ़ाना जरूरी है। जरूरी नहीं है, कि स्कूल स्तर पर अच्छे अंक प्राप्त हो कम अंक आने का मतलब ये नही की हमारा नॉलेज कम है कई ऐसे राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याती प्राप्त व्यक्ति स्कूली स्तर पर अच्छा प्रदर्षन नहीं कर पाए जिन्होने जीवन में बाद में नाम कमाया। ऐसे उदाहरण बच्चों को दिया जाए। पालक अपने परिवार के अन्य बच्चों से तुलना ना करे। हर बालक की अलग क्वालिटी होती है जिसे पालक व षिक्षक को जानना चाहिए। इस बात का विषेष ध्यान देना है कि कोई भी बच्चा तनाव में ना रहे। विषेष मार्गदर्षन श्री सुनील कुमार जैन संयुक्त सचिव खनिज विभाग ने अपने महासमुन्द कलेक्टर कार्यकाल का अनुभव साझा करते हुए अहम सुझाव दिये। प्रषिक्षक के रूप में डॉ0 वर्षा वरबंडकर कैरियर कांउसलर एवं शैक्षिक मनोवैज्ञानिक, ने कहा कि अभी सिर्फ एजुकेषन का ही महत्व नहीं है बल्कि स्किल डेवलप करना जरूरी है। उन्होंने बताया कि सिर्फ पारम्परिक करियर नहीं है आज लगभग 5000 से भी ज्यादा कैरियर है जिनमें आप अपनी रूची एवं क्षमता के अनुसार जा सकते है। डॉ स्वाती शर्मा क्लिनिकल साईकोलॉजिस्ट, ने कहा कि तनाव को दूर करने के लिए अपने परिवार, समाज व मित्रों के साथ सतत् संपर्क बनाए रखना चाहिए। उन्होने कोपिंग स्किल बढ़ाने पर जोर दिया। डॉ0 प्रीति सिंह, क्लिनिकल साईकोलॉजिस्ट जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर ने कहा कि किसी भी बात पर निराष नहीं होनी चाहिए। उन्होने विद्यार्थियों में ग्रीफ स्टेजेस की विस्तार से जानकारी दी और रोल रिवर्सल की जानकारी भी दी। श्रीमती प्रीति शुक्ला सहायक प्राध्यापक छ0ग0 माध्यमिक षिक्षा मण्डल, ने विस्तार पूर्वक तनाव प्रबंधन एवं कैरियर कांउसलिंग के बारे में प्रषिक्षण दिया। कार्यक्रम का संचालन श्री प्रषांत पाण्डेय सहायक संचालक राज्य साक्षरता मिषन व नोडल अधिकारी स्टेट मीडिया सेंटर ने किया। आभार प्रदर्षन श्री जे0के0 अग्रवाल उपसचिव छ0ग0 माध्यमिक षिक्षा मण्डल, रायपुर ने किया। इस अवसर पर एस.सी.ई.आर.टी. अपर संचालक श्री जे.पी. रथ उपस्थित रहे। तनाव प्रबंधन क्षमता विकास ऑनलाईन प्रषिक्षण में राज्य के लगभग 5000 षिक्षक समुदाय, पालक, अभिभावक, छात्र-छात्राओं ने भागीदारी दी।   



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