Rajdhani
आमतौर पर मुक्तिधाम में जाने से लोग कतराते हैं लेकिन गुडियारी कोटा का मुक्तिधाम एकदम अलग है.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर शहर के गुडियारी कोटा मार्ग पर स्थित मुक्ति धाम (मरघट) वैसे इसे मुक्ति धाम कहना उचित होगा क्योंकि पहले ये मरघट था या यु कहो कि मसानघाट था!## कुछ वर्षों पहले यहाँ शराबियों, नशेड़ी और गंजेड़ीयो का अड्डा था और भुमाफियाओ की काली नजर कि कैसे यहाँ की जमीन पर कब्जा कर लिया जाए !! किन्तु विधाता को कुछ और ही मंजूर था और उन्होंने इसके कायाकल्प के लिए एक ऐसे व्यक्ति को चुना जिसने इसे एक आकर्षक गार्डन बना दिया और जहाँ जाकर आपको मरने की इच्छा हो जाय या युं कहे कि जब भी मौत आये मेरा यही अग्नि संस्कार किया जाय ऐसी इच्छा हो यह कायाकल्प किया तिलक नगर गुडियारी निवासी विजय भाई जाडेजा ने और इनकी टीम ने इन्होंने इसके लिए अपना बहुत समय दिया है और आज भी सुबह 5-30 बजे से 9 बजे तक वही देख रेख करते हैं पेड़ों को पानी देना, साफ सफाई आदि में पुरा ध्यान देते हैं यह बैकुंठ धाम किसी आक्सीजोन या गार्डन से कम नहीं साफ सफाई ईतनी कि कहीं भी बैठ जाओ आपके कपड़े भी मैले नहीं होगे और आज भी ये इसे बचाने के लिए भुमाफियाओ से चट्टान की मानिंद डटे है ### इसके लिए इनकी जितनी तारीफ की जाय कम है क्योंकि आज के समय में ऐसा व्यक्ति मिलना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है विजय भाई का बहुत बहुत आभार और धन्यवाद जिन्होंने इस मरघट को बैंकुठधाम बना दिया *
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