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छग के नाबालिग मजदूर की बैंगलुरु में संदिग्ध मौत, ठेकेदार ने 70 हजार रूपए के साथ घर भेजा शव 03-Jan-2019
** . छत्तीसगढ़ के एक नाबालिग बच्चे की बैंगलुरु में संदिग्ध मौत हो गई है. मौत के बाद ठेकेदार ने दूसरे दिन एम्बुलेंस से 70 हजार रूपए के साथ उसका शव उसके गांव पहुंचा दिया. ठेकेदार ने बच्चे के शव का जब पीएम कराया गया तो उसकी मौत गले में दबाव होने की वजह से बताई गई. वहीं ठेकेदार ने बैंगलुरु में ही बच्चे की मौत होने की रिपोर्ट दर्ज करवाई है. अब घटना के बाद परिजन भी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन हो सकता है कि बच्चे की मौत काम के दौरान मशीन से गला दबने की वजह से हुई हो, हालांकि यह जांच के बाद भी पता चल सकेगा कि उसकी मौत हुई है या फिर हत्या की गई है. बैंगलुरु से नाबालिग बच्चे का शव जब छत्तीसगढ़ के भैरमगढ़ पहुंचा तो परिजन बच्चे अचानक बच्चे का शव देखकर हतप्रभ रह गए. परिजनों के मुताबिक राहुल कश्यप (16 वर्ष) कांकेर जिले के धनोरा हाई स्कूल में दसवीं का छात्र था. दो महीने से मजदूरों के साथ कर्नाटक के बेंगलुरु में मजदूरी करने गया हुआ था. परिजनों ने बताया कि जिस ठेकेदार के यहां राहुल मजदूरी कर रहा था उसी ठेकेदार ने शव को बेंगलुरु से हैदराबाद बाद तक अपनी निजी साधन से भेजा. हैदराबाद से एम्बुलेंस से भैरमगढ़ तक शव को पहुंचाया गया है. वहीं बैंगलुरु के ठेकेदार ने नाबालिग बच्चे की मौत होने की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाया है, जिसके बाद पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर्नाटक राज्य के हिरियोर चित्रदुर्ग हॉस्पिटल में कराया है. जहां पोस्टमार्टम के बाद पीएम रिपोर्ट में गले में दबाव डाले जाने को मौत का कारण बताया जा रहा है. मृतक राहुल के साथ काम कर रहे मजदूर आशाराम सलाम उसके शव के साथ 70 हजार रुपए लेकर घर पहुंचा है. उसने बताया कि बच्चे की मौत मशीन में दबने से हुई है. जिसके बाद ठेकेदार ने 70 हजार रुपए देकर मुझे शव के साथ उसके गांव भैरमगढ़ भेजा है. जानकारी ये भी मिल रही है कि दलाल बच्चों को पैसे की लालच देकर बाल मजदूरी कराने के लिए दूसरे राज्यों में कंपनी भेजते हैं. ऐसे कई और मजदूर वहां दलाल के माध्यम से ले जाए गए हैं. दलाल भी चंद पैसों के लिए बच्चों की जिंदगी खतरे में डाल देते हैं. जिनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है. छत्तीसगढ़ से बड़ी संख्या में लोगों का पलायन करना भी एक सवाल खड़ा करता है. बेरोजगारी के मार झेल रहे लोग रोजगार के चक्कर में दूसरे राज्य की ओर पलायन कर रहे हैं. बेराजगारी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है. ऐसे अब देखना यह होगा कि कब तक प्रशासन या फिर सरकार लोगों को रोजगार देती है. या फिर ऐसे ही लोगों को दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़े। बीजापुर से नरेंद्र पदम की रिपोर्ट


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