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पूजा स्थलों उपयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं - और क्या क्या है नियम आदर्श आचार संहिता के ? - जानने के लिए करें क्लिक 19-Mar-2019

रायपुर, 19 मार्च 2019/लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही पूरे राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। भारत निर्वाचन आयोग व्दारा इस संबंध में राजनीतिक पार्टियों, प्रत्याशियों और समर्थकों के लिए एक आदर्श आचरण संहिता की मार्गदर्शन पुस्तिका जारी की गई है। जिसके अनुसार किसी भी दल या प्रत्याशी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बढ़ाए, घृणा की भावना उत्पन्न करे या तनाव पैदा करे।
    राजनैतिक दलों की आलोचना उनकी नीतियों, कार्यक्रम, पुराने आचरण और कार्य तक ही सीमित होना चाहिए. व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिए जिसका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलापों से न हो। ऐसी कोई आलोचना नहीं की जानी चाहिए जिनकी सत्यता प्रमाणित नहीं हुई हो या तोड़-मरोड़ कर की बातों पर आधारित हो। वोट प्राप्त करने के लिए जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं दी जानी चाहिए. मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के लिए मंच के रुप में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए।
    सभी दलों और प्रत्याशियों को ऐसे सभी कार्यों में ईमानदारी से बचना चाहिए जो निर्वाचन नियमों के अधीन भ्रष्ट आचरण और अपराध की श्रेणी में आता है. इसके अंतर्गत मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को अभित्रस्त करना, मतदाताओं का प्रतिरुपण, मतदान केन्द्र के 100 मीटर की दायरे में चुनाव प्रचार करना, मतदान समाप्ति के 48 घण्टे भीतर सार्वजनिक सभाएं करने और मतदाताओं को सवारी से मतदान केन्द्र तक ले जाना और वापस छोड़ना।
    सभी राजनैतिक दलों या प्रत्याशियों को इस बात की कोशिश करनी चाहिए वे प्रत्येक व्यक्ति को शांतिपूर्ण और विध्नरहित घरेलू जिन्दगी के अधिकार का आदर करें. किसी भी परिस्थिति में राजनैतिक विचारों या कार्यों का विरोध करने के लिए किसी व्यक्ति के घर के सामने प्रदर्शन आयोजित करने या धरना देने के तरीकों का सहारा नहीं लेना चाहिए। किसी भी राजनैतिक दल या प्रत्याशी को झंड़ा खड़ा करने, बैनर टांगने, सूचनाएं चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिए संपत्ति स्वामी की सहमति के बिना उसकी भूमि, मकान, अहाते, दीवारों आदि पर बिना सहमति के उपयोग करने की अनुमति अपने अनुयायियों को नहीं देनी चाहिए।
    राजनैतिक दलों और प्रत्याशियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके समर्थक अन्य दलों व्दारा आयोजित सभाओं, जुलूसों आदि में बाधाएं उत्पन्न न करें या भंग न करें। दूसरे राजनैतिक दलों व्दारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं में मौखिक रुप से या लिखित रुप में प्रश्न पूछ कर या अपने दल के परचे वितरित करके गड़बड़ी पैदा न नहीं करना चाहिए. किसी दल के व्दारा जुलूस उन स्थानों से होकर नहीं ले जाने चाहिए जिन स्थानों पर दूसरे दल व्दारा सभाएं की जा रही हों, एक दल व्दारा लगाए गए पोस्टर दूसरे दल के कार्यकर्ता व्दारा हटाए नहीं जाने चाहिए. चुनाव के दौरान सभाएं, जूलुस और रैलियों के लिए राजनैतिक दलों को इसकी अपने क्षेत्र के जिला दंड़ाधिकारी से अनुमति प्राप्त करना चाहिए। ---- CG 24 News 



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